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उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट : AISHE 2019-20
- 12 Jun 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट मेन्स के लिये:शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण विकास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट (All India Survey on Higher Education- AISHE) 2019-20 को जारी करने की घोषणा की है।
- यह रिपोर्ट देश में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतक प्रदान करती है।
- उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वार्षिक रूप से जारी की जाने वाली अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) की शृंखला में यह 10वीं रिपोर्ट है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
कुल छात्र नामांकन:
- वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक पिछले पाँच वर्षों की अवधि में छात्र नामांकन में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2019-20 के दौरान उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 3.85 करोड़ रहा जबकि वर्ष 2018-19 में यह 3.74 करोड़ था। इसमें 11.36 लाख (3.04 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की गई।
- भारत में सबसे अधिक नामांकन उत्तर प्रदेश में हुए इसमें 49.1% छात्र और 50.9% छात्राएँ हैं, इसके बाद तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान आता है।
सकल नामांकन अनुपात (GER):
- वर्ष 2019-20 के दौरान सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio- GER) में 0.8% की मामूली वृद्धि हुई।
- GER शिक्षा के किसी दिये गए स्तर में नामांकित छात्रों की संख्या है, यह उम्र की परवाह किये बिना, शिक्षा के समान स्तर के अनुरूप आधिकारिक स्कूली-आयु की आबादी के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है।
- वर्ष 2019-20 में उच्च शिक्षा में नामांकित पात्र आयु वर्गों के छात्रों का प्रतिशत 27.1 था। जबकि वर्ष 2018-19 में यह 26.3% और वर्ष 2014-15 में 24.3% था।
महिला नामांकन:
- वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 तक उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में कुल मिलाकर 18% से अधिक की वृद्धि हुई है।
- शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की अपेक्षा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी कम होने के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों में छात्राओं की हिस्सेदारी सबसे कम है।
लैंगिक समानता सूचकांक:
- उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता सूचकांक (Gender Parity Index- GPI) वर्ष 2018-19 के 1.00 के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 1.01 रहा जो कि पात्र आयु समूह में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिये उच्च शिक्षा में सापेक्ष पहुँच में सुधार का संकेत है।
- 1 का GPI लैंगिक समानता को दर्शाता है; एक GPI जो 0 और 1 के बीच भिन्न होता है, आमतौर पर इसका मतलब पुरुषों के पक्ष में असमानता है; जबकि 1 से अधिक का GPI महिलाओं के पक्ष में असमानता को दर्शाता है।
शिक्षकों की संख्या तथा छात्र शिक्षक अनुपात:
- शिक्षकों की कुल संख्या 15,03,156 है, जिसमें 57.5 प्रतिशत पुरुष और 42.5 प्रतिशत महिलाएँ हैं।
- शिक्षकों की कुल संख्या 15,03,156 है जिसमें 57.5% पुरुष और 42.5% महिलाएँ शामिल हैं।
- वर्ष 2019-20 में उच्च शिक्षा में छात्र शिक्षक अनुपात 26 है।
मुख्य आकर्षण:
- लगभग 85% छात्र (2.85 करोड़) मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा विज्ञान तथा आईटी एवं कंप्यूटर जैसे छह प्रमुख विषयों में नामांकित थे।
हाल की पहलें:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy-NEP), 2020:
- इसका उद्देश्य वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में GER को 50% तक बढ़ाना है।
- अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्द्धन योजना (SPARC):
- SPARC का उद्देश्य भारतीय संस्थानों और विश्व के सर्वोत्तम संस्थानों के बीच अकादमिक एवं अनुसंधान सहयोग को सुगम बनाकर भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान परिदृश्य को बेहतर बनाना है।
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA):
- इसका उद्देश्य पूरे देश में उच्च शिक्षण संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना है।
- प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता (PMRF) योजना:
- यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी डोमेन में अनुसंधान हेतु देश की प्रतिभाओं को डॉक्टरेट (Ph.D) कार्यक्रमों के लिये आकर्षित करेगा।