शासन व्यवस्था
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की समीक्षा
- 03 Mar 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan- RUSA) पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
प्रमुख बिंदु
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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के विषय में:
- लक्ष्य: इसका लक्ष्य पूरे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना है।
- इस अभियान के तहत राज्यों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में समानता, सभी की पहुँच और उत्कृष्टता बढ़ाने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- वित्तपोषण: RUSA को अक्तूबर 2013 में शुरू किया गया था, यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- केंद्र सरकार वर्ष 2016-17 से RUSA पर हर साल औसतन 1,500 करोड़ रुपए खर्च करती है।
- उद्देश्य:
- राज्य संस्थानों की समग्र गुणवत्ता में निर्धारित मानदंडों और मानकों के अनुरूप सुधार करना।
- एक अनिवार्य गुणवत्ता आश्वासन ढाँचे के रूप में मान्यता (योग्यता का प्रमाणन) को अपनाना।
- राज्य विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता को बढ़ावा देना और संस्थानों के शासन में सुधार करना।
- संबद्धता, शैक्षणिक और परीक्षा प्रणाली में सुधार सुनिश्चित करना।
- सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त संकायों की उपलब्धता और रोज़गार के सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण सुनिश्चित करना।
- उच्च शिक्षा प्रणाली में अनुसंधान के लिये एक सक्षम वातावरण बनाना।
- अनछुए और अछूते क्षेत्रों में संस्थानों की स्थापना कर उच्च शिक्षा की पहुँच में क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करना।
- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वंचितों को पर्याप्त अवसर प्रदान करके इस क्षेत्र में होने वाले पक्षपात को समाप्त किया जा सकेगा।
- निगरानी: केंद्रीय मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के माध्यम से धन प्रदान किया जाता है, जो इस योजना की शैक्षणिक, प्रशासनिक तथा वित्तीय प्रगति की निगरानी में केंद्रीय परियोजना मूल्यांकन बोर्ड (Central Project Appraisal Board) की सहायता करते हैं।
- लक्ष्य: इसका लक्ष्य पूरे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना है।
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बैठक की मुख्य विशेषताएँ:
- सकल नामांकन अनुपात: GER को वर्ष 2035 तक 50% तक बढ़ाने के लिये अतिरिक्त 3.5 करोड़ छात्रों को शिक्षित करने की योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
- सकल नामांकन अनुपात:
- भारत में उच्च शिक्षा हेतु कुल पात्र आबादी (18-23 वर्ष आयु वर्ग) और उच्च शिक्षा में कराए गए कुल सकल नामांकन के अनुपात को सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) कहा जाता है।
- उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (All India Survey on Higher Education) के अनुसार, उच्च शिक्षा में GER वर्ष 2017-18 में 25.8% से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 26.3% हो गया है, जबकि निरपेक्ष रूप से नामांकन 3.66 करोड़ से बढ़कर 3.74 करोड़ हो गया है।
- सकल नामांकन अनुपात:
- स्थानीय कौशल पर ध्यान: स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रोज़गारपरक कौशल वाले कुल 7 करोड़ छात्रों को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से पास होना चाहिये। शिक्षा से स्थानीय रोज़गार पैदा होने चाहिये।
- डिग्री कॉलेज में शिक्षा को "एक ज़िला, एक उत्पाद" (One District One Product) योजना के साथ जोड़ा जाना चाहिये।
- निगरानी: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission), RUSA योजना के अंतर्गत धन प्राप्त करने वाले संस्थानों द्वारा किये गए कार्यों की प्रगति की निगरानी करेगा।
- सकल नामांकन अनुपात: GER को वर्ष 2035 तक 50% तक बढ़ाने के लिये अतिरिक्त 3.5 करोड़ छात्रों को शिक्षित करने की योजना तैयार करने की आवश्यकता है।