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ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन रिपोर्ट, 2018-19

  • 27 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन रिपोर्ट (All India Survey on Higher Education-AISHE), 2018-19 जारी कर दी गई है।

पृष्ठभूमि

  • इस सर्वे में AISHE वेब पोर्टल पर सूचीबद्ध देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया गया है।
  • इनमें कुल 993 विश्वविद्यालय, 39931 कॉलेज और 10725 स्टैंड अलोन संस्थाएँ हैं। इनमें से 962 विश्वविद्यालयों, 38179 कॉलेजों और 9190 स्टैंड अलोन संस्थाओं ने इस सर्वे में भाग लिया।
  • AISHE की रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के साथ ही कई राज्य सरकारों ने भी सर्वे के लिये डेटा संग्रहण में भाग लिया।

प्रमुख निष्कर्ष

  • सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio-GER) 2017-18 में 25.8% से बढ़कर 2018-19 में 26.3% हो गया है।
  • छात्रों के लिये GER 26.3% है, जबकि छात्राओं के लिये GER 26.4% है।
  • अनुसूचित जातियों के लिये GER 21.8% से बढ़कर 23%, जबकि अनुसूचित जनजातियों के लिये यह 15.9% से बढ़कर 17.2% हो गया है।
  • इसी समयावधि में निरपेक्ष रूप से नामांकन 3.66 करोड़ से बढ़कर 3.74 करोड़ छात्रों तक पहुँच गया है।
  • 2017-18 में कुल नामांकन में महिला नामांकन का हिस्सा 47.6% से बढ़कर, यह 2018-19 में 48.6% हो गया है।
  • विश्वविद्यालयों की संख्या 2017-18 के 903 से बढ़कर 2018-19 में 993 और इसी अवधि में कुल उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या 49,964 से बढ़कर 51,649 हो गई है।
  • स्नातक (Undergraduate-UG) स्तर पर कुल नामांकन में से 35.9% ने कला/मानविकी/ सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को प्राथमिकता दी।
  • 16.5% विद्यार्थियों ने विज्ञान संकाय और 14.1% विद्यार्थियों ने वाणिज्य संकाय में नामांकन कराया हैं। अभियांत्रिकी अर्थात् इंजीनियरिंग चौथे स्थान पर है।
  • स्नातकोत्तर (Postgraduate-PG) स्तर पर जहाँ एक-तिहाई स्नातक छात्रों ने मानविकी विषयों में प्रवेश लिया वहीं प्रबंधन भी स्नातकोत्तर स्तर पर एक पसंदीदा संकाय है।
  • विज्ञान और इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी स्नातकों ने M.Phil और Ph.D कार्यक्रमों में अपेक्षाकृत अधिक नामांकन दर्ज कराया हैं।
  • कॉलेजों की सर्वाधिक संख्या के मामले में शीर्ष 8 राज्य निम्नलिखित हैं:

1. उत्तर प्रदेश

2. महाराष्ट्र

3. कर्नाटक

4. राजस्थान

5. हरियाणा

6. तमिलनाडु

7. गुजरात

8. मध्य प्रदेश

    • उत्तर प्रदेश और कर्नाटक दो राज्यों में 18-23 वर्ष आयु वर्ग में उच्च शिक्षा के लिये नामांकन के मामले में छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या अधिक है।
    • 18-23 वर्ष आयु वर्ग की प्रति लाख आबादी पर कॉलेजों की संख्या अर्थात् कॉलेज घनत्व भी भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न है। 28 के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले बिहार जैसे राज्य में जहाँ यह मात्र 7 है, तो वहीं कर्नाटक में 53 है।
    • केवल 2.5% कॉलेज Ph.D कार्यक्रम चलाते हैं जबकि स्नातकोत्तर (PG) स्तर के कार्यक्रम चलाने वाले कॉलेजों की संख्या 34.9% है।
    • 60.53% कॉलेज ग्रामीण इलाकों में स्थापित हैं।
    • 11.04% कॉलेज अनन्य (Exclusive) रूप से महिलाओं के लिये समर्पित हैं। ऐसे कुल 16 विश्वविद्यालय हैं जिनमें से राजस्थान में सर्वाधिक 3 और तमिलनाडु में 2 विश्वविद्यालय हैं।
    • विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र-शिक्षक अनुपात 29 है।
    • राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों में छात्राओं की सबसे कम भागीदारी है। इसके बाद राज्य स्तरीय निजी मुक्त विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों (सरकारी) में छात्राओं की सबसे कम भागीदारी है।

    स्रोत : टाइम्स ऑफ इंडिया, द हिंदू

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