विजन—विकसित भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अवसर और अपेक्षाएँ | 19 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:FDI, FPI, सरकारी पहल, मेक इन इंडिया, डिजिटाइज़ेशन। मेन्स के लिये:विजन-विकसित भारत: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अवसर और अपेक्षाएँ, सरकार की पहल। |
चर्चा में क्यों?
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की रिपोर्ट 'विजन—विकसित भारत: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अवसर और अपेक्षाएँ शीर्षक के अनुसार, भारत 5 वर्षों में 475 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करेगा।
रिपोर्ट के निष्कर्ष:
- संक्षिप्त अवलोकन:
- भारत में कार्यरत 71 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (बहुराष्ट्रीय निगम) देश को अपने वैश्विक विस्तार के लिये एक महत्त्वपूर्ण गंतव्य मानती हैं।
- भारत ने पिछले एक दशक में FDI में लगातार वृद्धि दर्ज की है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2022 में महामारी और भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव के बावजूद 84.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं ।
- भारत को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में एक उभरते हुए विनिर्माण केंद्र, विकसित होते उपभोक्ता बाजार और वर्तमान डिजिटल परिवर्तन के केंद्र के रूप में देखा जाता है।
- 60% से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने माना है कि विगत तीन वर्षों मेंं व्यापारिक वातावरण में सुधार हुआ है।
- विकास की चुनौतियों की पृष्ठभूमि में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य मानती हैं एवं व्यापार के विस्तार की योजना बना रही हैं।
- आशावादिता की वजह:
- बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में किये गए निवेश से पता चलता है कि भारत विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे की आपूर्ति और निवेश के नए अवसर प्रदान करने के लिये बिलकुल तैयार है।
- घरेलू खपत में मज़बूत गति, एक विस्तारित सेवा क्षेत्र, डिजिटलीकरण, और विनिर्माण तथा बुनियादी ढाँचे पर सरकार का ज़ोर भारत के विकास के बारे में आशावादिता के मुख्य कारक हैं।
- अमेरिका और चीन के बाद भारत में अनुमानित वास्तविक खपत वृद्धि सबसे अधिक है और वर्ष 2025 तक, तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
- सुझाव:
- भारत के लिये आर्थिक विकास के अगले चरण में आगे बढ़ने का समय आ गया है, जिसमें मुक्त व्यापार समझौतों के निष्कर्ष को तेज़ करना, व्यापार करना आसान बनाने के लिये निरंतर सुधार, बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाना और वस्तु तथा सेवा कर में सुधार आदि शामिल हैं।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :
- परिचय:
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किसी देश के एक फर्म या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक गतिविधियों में किया गया निवेश है।
- FDI किसी निवेशक को एक बाहरी देश में प्रत्यक्ष व्यावसायिक खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
- निवेशक कई तरह से FDI का लाभ उठा सकते हैं।
- दूसरे देश में एक सहायक कंपनी की स्थापना करना, किसी मौजूदा विदेशी कंपनी का अधिग्रहण या विलय अथवा किसी विदेशी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम साझेदारी इसके कुछ सामान्य तरीके हैं।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में आर्थिक विकास का एक महत्त्वपूर्ण चालक होने के साथ ही देश के आर्थिक विकास के लिये एक प्रमुख गैर-ऋण वित्तीय संसाधन भी रहा है।
- यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) से अलग है जहाँ विदेशी संस्था केवल किसी कंपनी के स्टॉक और बॉण्ड खरीदती है।
- FPI निवेशक को व्यवसाय पर नियंत्रण प्रदान नहीं करता है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किसी देश के एक फर्म या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक गतिविधियों में किया गया निवेश है।
- FDI संबंधी मार्ग:
- स्वचालित मार्ग:
- इसमें विदेशी संस्था को सरकार या RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
- भारत में गृह मंत्रालय (MHA) से सुरक्षा मंज़ूरी की आवश्यकता नहीं होने पर स्वचालित मार्ग के माध्यम से गैर-महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में 100% तक FDI की अनुमति है।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश से किसी भी निवेश के अलावा रक्षा, मीडिया, दूरसंचार, उपग्रहों, निजी सुरक्षा एजेंसियों, नागरिक उड्डयन तथा खनन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निवेश के लिये गृह मंत्रालय से पूर्व मंज़ूरी या सुरक्षा मंज़ूरी आवश्यक है।
- सरकारी मार्ग:
- इसमें विदेशी संस्था को सरकार से मंज़ूरी लेनी होती है।
- विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (FIFP) अनुमोदन मार्ग के माध्यम से आवेदनों की एकल खिड़की निकासी की सुविधा प्रदान करता है। यह उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रशासित है।
- इसमें विदेशी संस्था को सरकार से मंज़ूरी लेनी होती है।
- स्वचालित मार्ग:
भारत में FDI प्रवाह की स्थिति:
- वर्ष 2021 में FDI प्रवाह वित्त वर्ष 2019-2020 के 74,391 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 81,973 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- शीर्ष 5 FDI राष्ट्र (अंतर्वाह):
- सिंगापुर: 27.01%
- अमेरिका: 17.94%
- मॉरीशस: 15.98%
- नीदरलैंड: 7.86%
- स्विट्रज़लैंड: 7.31%
- शीर्ष क्षेत्र:
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर: 24.60%
- सेवा क्षेत्र (वित्त, बैंकिंग, बीमा, गैर-वित्तीय/व्यवसाय, आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास, कूरियर, टेक. परीक्षण और विश्लेषण, अन्य): 12.13%
- ऑटोमोबाइल उद्योग: 11.89%
- ट्रेडिंग: 7.72%
- निर्माण (अवसंरचना) गतिविधियाँ: 5.52%
- शीर्ष लक्ष्य:
- कर्नाटक: 37.55%
- महाराष्ट्र: 26.26%
- दिल्ली: 13.93%
- तमिलनाडु: 5.10%
- हरियाणा: 4.76%
- पिछले वित्त वर्ष 2020-21 (12.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 (21.34 बिलियन अमेरिकी डॉलर) में विनिर्माण क्षेत्र में FDI इक्विटी प्रवाह में 76% की वृद्धि हुई है।
FDI को बढ़ावा देने हेतु सरकार की पहल:
- नए FDI मानदंड
- मेक इन इंडिया
- आत्मनिर्भर भारत
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत का स्थान
- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन
- उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना
- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त में से किसको प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में शामिल किया जा सकता है? (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (a) प्रश्न. वर्ष 1991 में आर्थिक नीतियों के उदारीकरण के बाद भारत में निम्नलिखित में से क्या हुआ है? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 4 उत्तर: (b) प्रश्न. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी इसकी प्रमुख विशेषता मानी जाती है? (2020) (a) यह अनिवार्य रूप से एक सूचीबद्ध कंपनी में पूंजीगत साधनों के माध्यम से निवेश है उत्तर: (b) प्रश्न: यद्यपि व्यापार प्रकाशन और सामान्य मनोरंजन चैनल जैसे गैर-समाचार मीडिया में पहले से ही 100 प्रतिशत FDI की अनुमति है, सरकार काफी समय से समाचार मीडिया में FDI बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। FDI बढ़ने से क्या प्रभाव पड़ेगा? पक्ष-विपक्ष का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2014) प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध कीजिये। हस्ताक्षरित MOU और वास्तविक FDI के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिये उठाए जाने वाले सुधारात्मक कदमों का सुझाव दीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2016) |