शासन व्यवस्था
तकनीकी वस्त्र के लिये एक समर्पित निर्यात संवर्धन परिषद
- 04 Dec 2020
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चर्चा में क्यों?
वस्त्र मंत्रालय ने एक समर्पित निर्यात संवर्धन परिषद (Export Promotion Council- EPC) के गठन हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- तकनीकी वस्त्रों के लिये निर्यात संवर्धन परिषद का गठन राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन का एक भाग है।
- परिषद अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने और उसके विकास के संबंध में केंद्र सरकार के सभी निर्देशों का पालन करेगी।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन:
- इसे फरवरी 2020 में 1480 करोड़ रु के कुल परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया था। ।
- इसका उद्देश्य देश को तकनीकी वस्त्रों में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थान देना है और घरेलू बाज़ार में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग को बढ़ाना है।
- इसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक घरेलू बाज़ार के व्यापार को 40 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाना है।
- यह वर्ष 2020-2021 से चार वर्षों के लिये लागू किया जाएगा तथा इसके चार घटक हैं:
- प्रथम घटक: यह 1,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ अनुसंधान, विकास और नवाचार पर केंद्रित है।
- जियो-टेक्सटाइल, कृषि- टेक्सटाइल, चिकित्सा-टेक्सटाइल, मोबाइल-टेक्सटाइल और खेल- टेक्सटाइल एवं जैवनिम्नीकरण तकनीकी टेक्सटाइल के विकास पर आधारित अनुसंधान अनुप्रयोग दोनों पर आधारित होगा।
- अनुसंधान गतिविधियों में स्वदेशी मशीनरी और प्रक्रिया उपकरणों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- द्वितीय घटक: इसका उद्देश्य तकनीकी वस्त्रों के लिये बाज़ार में प्रचार और विकास करना है।
- तृतीय घटक: इसका उद्देश्य तकनीकी वस्त्रों के निर्यात को बढ़ाकर वर्ष 2021-22 तक 20,000 करोड़ रुपए करना है जो वर्तमान में लगभग 14,000 करोड़ रुपए है साथ ही प्रतिवर्ष निर्यात में 10 प्रतिशत औसत वृद्धि सुनिश्चित करना है।
- चतुर्थ घटक: यह शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास पर केंद्रित है।
- प्रथम घटक: यह 1,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ अनुसंधान, विकास और नवाचार पर केंद्रित है।
- मिशन के कार्यान्वयन के लिये वस्त्र मंत्रालय में ‘मिशन निदेशालय’ (Mission Directorate) क्रियाशील है।
भारतीय तकनीकी वस्त्र संबंधी डेटा:
- भारतीय तकनीकी वस्त्र खंड का अनुमानित आकार 16 बिलियन अमरीकी डॉलर का है जो 250 बिलियन अमरीकी डॉलर के वैश्विक तकनीकी वस्त्र बाज़ार का लगभग 6% है।
- विकसित देशों में 30% से 70% के स्तर के मुकाबले भारत में तकनीकी वस्त्रों का प्रवेश स्तर 5% से 10% तक कम होता है।
तकनीकी वस्त्र
- तकनीकी वस्त्र ऐसे वस्त्र सामग्री और उत्पाद हैं जो मुख्य रूप से सौंदर्य संबंधी विशेषताओं के बजाय तकनीकी प्रदर्शन तथा कार्यात्मक गुणों के लिये बनाए जाते हैं।
- तकनीकी वस्त्र वे कार्यमूलक वस्त्र हैं जिन्हें वस्त्रों के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- ऑटोमोबाइल, सिविल इंजीनियरिंग और निर्माण, कृषि, स्वास्थ्य, औद्योगिक सुरक्षा (फायर प्रूफ जैकेट), व्यक्तिगत सुरक्षा (बुलेट प्रूफ जैकेट, हाई एल्टीट्यूड कॉम्बैट गियर) और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता है।
- प्रयोग के आधार पर, 12 तकनीकी वस्त्र खंड हैं:
- एग्रोटेक, मेडिटेक, बिल्डटेक, मोबिल्टेक, क्लोथेक, ओईटेक, जियोटेक, पैकटेक, हॉमटेक, प्रोटेक, इंडुटेक और स्पोर्टेक।
उदाहरण
- मोबिलटेक (Mobiltech) वाहनों में सीट बेल्ट और एयरबैग, हवाई जहाज की सीटों जैसे उत्पादों को संदर्भित करता है।
- जियोटेक (Geotech), जो संयोगवश सबसे तेजी से उभरता हुआ खंड है, जिसका उपयोग मृदा आदि को जोड़े रखने में किया जाता करता है।