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भारतीय अर्थव्यवस्था

नीति आयोग और भारतीय उद्योग परिसंघ के बीच साझेदारी

  • 09 Aug 2018
  • 3 min read

संदर्भ

हाल ही में सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये नीति आयोग और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने साझेदारी प्रारंभ की है।

प्रमुख बिंदु

  • CII और नीति आयोग ने आपस में तीन वर्षों के लिये साझेदारी की है और इस संबंध में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। 
  • इस साझेदारी के तहत विशिष्ट गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है जिनका उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करना है:
  1. सतत् विकास लक्ष्य (SDG) में योगदान हेतु कारोबारियों और उद्योगों के लिये विज़न एवं कार्यकलाप एजेंडा।
  2. वार्षिक स्थिति रिपोर्ट।
  3. क्षेत्र विशिष्ट सर्वोत्तम प्रथाओं से जुड़े दस्तावेज।
  • CII ने 'SDG की प्राप्ति हेतु पूरी दुनिया के लिये भारतीय समाधान' नामक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में प्रत्येक SDG और कारोबारी निहितार्थों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
  • CII 2018-19 की वर्तमान थीम 'भारत का अभ्युदयः उत्तरदायी, समावेशी, सतत्' सतत् विकास का एजेंडे के अनुरूप है।

नीति आयोग 

  • 1 जनवरी, 2015 को थिंक टैंक के रूप में अस्तित्व में आए नीति आयोग का मुख्य कार्य न्यू इंडिया के निर्माण का विज़न एवं रणनीतिक मसौदा बनाना तथा कार्ययोजनाएँ तैयार करना है।
  • केंद्र सरकार की नीति निर्धारण संस्था के रूप में नीति आयोग देश भर से सुझाव आमंत्रित करके जन-भागीदारी एवं राज्य सरकारों की भागीदारी से नीतियाँ बनाने का काम करता है।
  • 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को भंग करने की घोषणा की थी। 

भारतीय उद्योग परिसंघ

  • भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) सलाहकार और परामर्श संबंधी प्रक्रियाओं के माध्यम से भारत के विकास, उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के बीच साझेदारी के लिये अनुकूल वातावरण बनाने का काम करता है।
  • CII एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग के नेतृत्व वाला और उद्योग-प्रबंधित संगठन है जो भारत की विकास प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
  • 1895 में स्थापित भारत के प्रमुख व्यापार संघ के निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से SME और MNC सहित लगभग 9000 सदस्य हैं तथा लगभग 265 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय उद्योग निकायों के 300,000 से अधिक उद्यमों की अप्रत्यक्ष सदस्यता है।
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