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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिये खतरा

  • 29 Oct 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

धन शोधन, चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR), PMLA 2002, के.वाई.सी. दिशा-निर्देश, वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF), सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021, रियल मनी गेमिंग (RMG) ऑपरेटर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN), जियो-ब्लॉकर्स 

मेन्स के लिये:

ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से धन शोधन, गेमिंग क्षेत्र के लिये चुनौतियाँ, धन शोधन की रोकथाम हेतु  सरकार की पहल

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (DIF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, धन शोधन भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की अखंडता और दीर्घकालिक सफलता के लिये एक बड़ा खतरा है।

नोट: डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (DIF) एक गैर-लाभकारी थिंक टैंक है जिसका लक्ष्य डिजिटल समावेशन और अंगीकरण को बढ़ावा देना तथा विकासात्मक प्रक्रिया में इंटरनेट और संबंधित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना है।

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन द्युत के खतरे: "कॉम्बैटिंग मनी लॉन्ड्रिंग इन ऑनलाइन गेमिंग इकोसिस्टम" शीर्षक वाली रिपोर्ट में साइबर अपराध में धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिये अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन बेटिंग साइटों के उपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया है।
  • क्षेत्रीय वृद्धि: भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 23 में 28% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि हुई है।
    • पाँच वर्षों में इस क्षेत्र का राजस्व 7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है।
  • रोज़गार सृजन: भारत में 568 मिलियन गेमर्स के साथ, क्लाउड सेवाओं, साइबर सुरक्षा और फिनटेक सहित विभिन्न उद्योगों में रोज़गार के अनेक अवसर हैं।
    • 400 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 मिलियन दैनिक ऑनलाइन गेमर्स के साथ यह क्षेत्र वर्ष 2025 तक 250,000 नौकरियाँ सृजित कर सकता है।

सुभेद्यता और जोखिम:

  • इस रिपोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में धन शोधन के लिये प्रयुक्त विभिन्न प्रक्रियाओं की पहचान की गई है:
    • अवैध ऑपरेटर: कई प्लेटफॉर्म प्रतिबंधों से बचने के लिये मिरर साइट्स और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करते हैं।
    • इन गेम करेंसी और परिसंपत्तियाँ: इनका प्रयोग प्रायः विधिविरुद्ध क्रियाकलापों के लिये किया जाता है।
    • क्रिप्टोकरेंसी: इससे अनामिता बनी रहती है और सीमा पार धन शोधन सुविधाजनक होता है।
    • म्यूल अकाउंट: इन खातों का उपयोग अवैध धन के स्रोत को छिपाते हुए लेनदेन को सुविधाजनक बनाने हेतु किया जाता है।
    • स्मर्फिंग और मनी डंपिंग: इनमें वे प्रक्रियाएँ शामिल हैं जिनमें संसूचन से बचने के लिये छोटे लेनदेन किये जाते हैं।

ऑनलाइन गेमिंग क्या है?

  • परिचय:
    • ऑनलाइन गेमिंग में इंटरनेट पर दूसरों के साथ वीडियो गेम खेलना शामिल है। खिलाड़ी कंप्यूटर, गेमिंग कंसोल या स्मार्टफोन के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
    • यह खिलाड़ियों के बीच वास्तविक समय की बातचीत और प्रतिस्पर्धा को सक्षम बनाता है, चाहे वे किसी भी स्थान पर हों।
  • वर्गीकरण:
    • कौशल-आधारित खेल: ये खेल भारत में तब तक वैध हैं जब तक वे मौके के बजाय कौशल पर ज़ोर देते हैं। उदाहरण के लिये गेम 24X7, ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL)
    • भाग्य-आधारित खेल: ये खेल अवैध माने जाते हैं यदि परिणाम मुख्य रूप से कौशल के बजाय मौके से निर्धारित होता है। उदाहरण के लिये, रूलेट जहाँ खिलाड़ी मुख्य रूप से मौद्रिक पुरस्कार की संभावना के कारण आकर्षित होते हैं।
  • वर्तमान परिदृश्य:
    • युवा जनसांख्यिकी: भारत में 600 मिलियन से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, जो जनसंख्या का 45% है और गेमिंग उद्योग के विकास को बढ़ावा दे रहा है।
    • स्मार्टफोन का उपयोग: स्मार्टफोन का उपयोग 75% तक पहुँच गया है, जिससे गेमिंग तक पहुँच बढ़ी है और बढ़ती भागीदारी में योगदान मिला है।
      • कुल गेमिंग राजस्व में मोबाइल गेमिंग का योगदान 90% है, जो मुख्य रूप से फ्री-टू-प्ले गेम्स और इन-ऐप खरीदारी के माध्यम से प्राप्त होता है।
    • ई-स्पोर्ट्स में वृद्धि: सरकारी समर्थन और पेशेवर गेमर्स की बढ़ती संख्या के कारण भारत में ई-स्पोर्ट्स दर्शकों की संख्या 80 मिलियन से अधिक हो गई है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग और द्यूत की वैधता क्या है?

  • कानूनी क्षेत्राधिकार: राज्य विधायकों को भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची II (राज्य सूची) की प्रविष्टि संख्या 34 के अनुसार, गेमिंग, सट्टेबाजी और द्यूत से संबंधित कानून बनाने की विशेष शक्ति दी गई है।  
    • अधिकांश भारतीय राज्य 'कौशल-आधारित खेल' और 'भाग्य-आधारित खेल' के बीच कानून में अंतर के आधार पर गेमिंग को विनियमित करते हैं।
  • सार्वजनिक द्युत अधिनियम, 1867: वर्तमान में भारत में केवल एक केंद्रीय कानून है जो द्युत के सभी रूपों को नियंत्रित करता है। इसे सार्वजनिक द्युत अधिनियम, 1867 के रूप में जाना जाता है, जो एक पुराना कानून है और डिजिटल कैसीनो, ऑनलाइन गैंबलिंग/द्युत एवं गेमिंग की चुनौतियों से निपटने के लिये अपर्याप्त है।  
  • हाल ही में भारत के वित्त मंत्रालय ने ऑनलाइन मनी गेमिंग, कैसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28% वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने की घोषणा की।
  • लॉटरी विनियमन अधिनियम 1998: भारत में लॉटरी को वैध माना जाता है। लॉटरी का आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिये और ‘ड्रा’ का स्थान उस विशेष राज्य में अवस्थित होना चाहिये।

धन शोधन

  • परिचय:
    • यह अवैध रूप से अर्जित धन के स्रोत को छिपाने के लिये व्यक्तियों और संगठनों द्वारा अपनाई गई एक जटिल विधि है, जिसमें कई लेन-देन के माध्यम से अवैध धन को वैध धन में परिवर्तित किया जाता है।
  • धन शोधन के तरीके:
    • स्ट्रक्चरिंग (स्मर्फिंग): नकदी की बड़ी रकम को बैंक जमा के लिये छोटी, कम ध्यान देने योग्य मात्रा में विभाजित करना।
    • व्यापार-आधारित शोधन: अवैध धन के स्रोत को छिपाते हुए, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मूल्य हस्तांतरण हेतु व्यापार लेन-देन का उपयोग करना।
    • शेल कंपनियाँ: बिना किसी वास्तविक गतिविधि के व्यवसाय स्थापित करना तथा वैध लेन-देन के माध्यम से अवैध धन का लेन-देन करना।
    • रियल एस्टेट: अवैध धन से संपत्ति अर्जित करना और उसे बेचकर उसके मूल्य को वैध संपत्ति में परिवर्तित करना।
  • भारत में धन शोधन को रोकने के लिये पहल: 

गेमिंग क्षेत्र के समक्ष कौन सी चुनौतियाँ हैं?

  • वित्तीय पारदर्शिता संबंधी मुद्दे: भारत के अवैध सट्टेबाजी बाज़ार में प्रतिवर्ष 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जमा आकर्षित होती है, जिससे आसान परिसंपत्ति अंतरण के कारण वित्तीय पारदर्शिता के बारे में चिंताएँ पैदा होने से धन शोधन को बढ़ावा मिलता है।
  • साइबर सुरक्षा संबंधी खतरे: साइबर हमले के जोखिम से गेमिंग में उपयोगकर्त्ता की सुरक्षा और डेटा संरक्षण को खतरा उत्पन्न होता है। उपयोगकर्त्ता अवैध जुआ साइटों तक पहुँचने के लिये VPNs और जियो-ब्लॉकर्स का उपयोग करके प्रतिबंधों से बच जाते हैं।
  • इन-गेम परिसंपत्तियों का दुरुपयोग: इन-गेम परिसंपत्तियों और क्रिप्टोकरेंसी के संभावित दुरुपयोग से संबंधित जोखिम से इनका विनियमन जटिल हो सकता है।
  • अवैध ऑफशोर प्लेटफाॅर्मों का संचालन: अवैध ऑफशोर ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों का प्रचलन नियामक प्रयासों के समक्ष चुनौती बना हुआ है।
  • विनियमों का उल्लंघन: कई प्लेटफॉर्म पर मिरर साइट्स, अवैध ब्रांडिंग और भ्रामक वादों से मौजूदा नियमों को दरकिनार किये जाने के कारण मज़बूत निगरानी एवं प्रवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है।

जोखिम-शमन के कदम क्या हो सकते हैं?

  • टास्कफोर्स की स्थापना: गेमिंग क्षेत्र के बेहतर विनियमन के लिये नीतिगत उपायों की सिफारिश करने हेतु विशेषज्ञों की एक समर्पित टास्कफोर्स गठित किया जाएगा।
  • अनिवार्य पंजीकरण: सभी ऑनलाइन और ऑफशोर रियल मनी गेमिंग (RMG) ऑपरेटरों को उत्तरदायी बनने के 30 दिनों के भीतर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक है।
  • वाइटलिस्ट का निर्माण: वैध ऑनलाइन RMG ऑपरेटरों की वाइटलिस्ट प्रकाशित और नियमित रूप से अद्यतन करना, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भुगतान गेटवे, होस्टिंग प्रदाता और आईएसपी केवल इन ऑपरेटरों को ही सेवा प्रदान करें।
  • विज्ञापन संबंधी परामर्श: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को परामर्श जारी करना चाहिये, जिसमें केवल वाइटलिस्ट में शामिल ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशनों को ही विज्ञापन देने की अनुमति दी प्रदान की जाए।
  • वित्तीय संस्थाओं के साथ सहयोग: बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर ज्ञात गैर-कानूनी गेमिंग ऑपरेटरों के साथ लेनदेन को रोकने के लिये प्रक्रियाएँ स्थापित करना।
  • सीमा पार सहयोग: अवैध ऑनलाइन जुए से निपटने में सहयोग बढ़ाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और अन्य देशों के साथ बहुपक्षीय समझौते विकसित करने के प्रयासों का नेतृत्व करना।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: भारतीय ऑनलाइन गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र में उन कमज़ोरियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये जो धन शोधन को सक्षम बनाती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार का/के "डिजिटल इंडिया" योजना का/के उद्देश्य है/हैं?  (2018) 

  1. भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन हुआ जैसा कि चीन ने किया।  
  2. एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें।   
  3. हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटन केंद्रों में वाई-फाई (Wi-Fi) लाना। 

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 


मुख्य:

प्रश्न: चर्चा कीजिये कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्ऱिग में योगदान करते हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मनी लॉन्ड्ऱिग की समस्या से निपटने के लिये किये जाने वाले उपायों को विस्तार से समझाइये। (2021)

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