शासन व्यवस्था
आईटी नियम, 2021 में संशोधन
- 31 Oct 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 मे संशोधन, अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 19, अनुच्छेद 21। मेन्स के लिये:सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में संशोधन, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में संशोधनों को अधिसूचित किया।
- इनका उद्देश्य देश के नागरिकों के लिये इंटरनेट को सुलभ, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह बनाना है।
आईटी नियम, 2021 में प्रमुख संशोधन:
- सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिये नए दिशा-निर्देश:
- वर्तमान में मध्यस्थों को केवल उपयोगकर्त्ताओं के लिये हानिकारक/गैरकानूनी सामग्री की कुछ श्रेणियों को अपलोड नहीं करने के बारे में सूचित करने की आवश्यकता है। ये संशोधन उपयोगकर्त्ताओं को ऐसी सामग्री अपलोड करने से रोकने के लिये उचित प्रयास करने हेतु मध्यस्थों पर एक कानूनी दायित्व आरोपित करते हैं। नया प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि मध्यस्थ का दायित्त्व केवल एक औपचारिकता नहीं है।
- इस संशोधन में मध्यस्थों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत उपयोगकर्त्ताओं को मिले अधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता है, इसलिये इसमें उचित तत्परता, गोपनीयता और पारदर्शिता की अपेक्षा की गई है।
- मध्यस्थ के नियमों और विनियमों के प्रभावी संचार हेतु यह महत्त्वपूर्ण है कि संचार क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में भी किया जाए।
- वर्तमान में मध्यस्थों को केवल उपयोगकर्त्ताओं के लिये हानिकारक/गैरकानूनी सामग्री की कुछ श्रेणियों को अपलोड नहीं करने के बारे में सूचित करने की आवश्यकता है। ये संशोधन उपयोगकर्त्ताओं को ऐसी सामग्री अपलोड करने से रोकने के लिये उचित प्रयास करने हेतु मध्यस्थों पर एक कानूनी दायित्व आरोपित करते हैं। नया प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि मध्यस्थ का दायित्त्व केवल एक औपचारिकता नहीं है।
- नियम 3 में संशोधन:
- नियम 3 (नियम 3(1)(बी)(ii)) के उपखंड 1 के आधारों को 'मानहानि कारक' और 'अपमानजनक' शब्दों को हटाकर युक्तिसंगत बनाया गया है।
- क्या कोई सामग्री मानहानि कारक या अपमानजनक है, यह न्यायिक समीक्षा के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।
- नियम 3 (नियम 3(1)(बी)) के उपखंड 1 में कुछ सामग्री श्रेणियों को, विशेष रूप से गलत सूचना और ऐसी अन्य सामग्री से निपटने के लिये फिर से तैयार किया गया है जो विभिन्न धार्मिक/जाति समूहों के बीच हिंसा को उकसा सकती है।
- नियम 3 (नियम 3(1)(बी)(ii)) के उपखंड 1 के आधारों को 'मानहानि कारक' और 'अपमानजनक' शब्दों को हटाकर युक्तिसंगत बनाया गया है।
- शिकायत अपील समिति का गठन:
- उपयोगकर्त्ता शिकायतों पर मध्यस्थों द्वारा लिये गए निर्णयों या निष्क्रियता के खिलाफ उपयोगकर्त्ताओं को अपील करने की अनुमति देने हेतु ‘शिकायत अपील समितियों' का गठन किया जाएगा।
- हालाँकि उपयोगकर्त्ताओं को हमेशा किसी भी समाधान के लिये न्यायालयों का दरवाज़ा खटखटाने का अधिकार होगा।
- उपयोगकर्त्ता शिकायतों पर मध्यस्थों द्वारा लिये गए निर्णयों या निष्क्रियता के खिलाफ उपयोगकर्त्ताओं को अपील करने की अनुमति देने हेतु ‘शिकायत अपील समितियों' का गठन किया जाएगा।
प्रमुख आईटी नियम, 2021:
- यह सोशल मीडिया का सक्रिय होना अनिवार्य करता है:
- प्रमुख तौर पर IT नियम (2021) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री के संबंध में अधिक सक्रिय रहने के लिये बाध्य करता है।
- शिकायत अधिकारी की व्यवस्था:
- उन्हें एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर गैर-कानूनी एवं अनुपयुक्त सामग्री को हटाने की आवश्यकता होती है।
- प्लेटफ़ॉर्म के निवारण तंत्र का शिकायत अधिकारी उपयोगकर्त्ताओं की शिकायतों को प्राप्त करने और हल करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- उन्हें एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर गैर-कानूनी एवं अनुपयुक्त सामग्री को हटाने की आवश्यकता होती है।
- उपयोगकर्त्ताओं की ऑनलाइन सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना:
- बिचौलिये ऐसी सामग्री की शिकायतों की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इसे हटाएंगे या अक्षम करेंगे जो व्यक्तियों की निजता को उजागर करती हैं, ऐसे व्यक्तियों को पूर्ण या आंशिक नग्नता या यौन क्रिया में दिखाती हैं या प्रतिरूपण की प्रकृति में हैं, जिसमें मॉर्फ्ड इमेज़ आदि शामिल हैं।
- गोपनीयता नीतियों के बारे में उपयोगकर्त्ताओं को शिक्षित करना:
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की गोपनीयता नीतियों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उपयोगकर्त्ताओं को कॉपीराइट की गई सामग्री और ऐसी किसी भी चीज़ को प्रसारित न करने के बारे में शिक्षित किया जाए, जिसे मानहानि कारक, नस्लीय या जातीय रूप से आपत्तिजनक, पीडोफिलिक, भारत की एकता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा, या संप्रभुता को खतरे में डालने वाला या किसी भी चीज़ का उल्लंघन माना जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
अत: विकल्प (d) सही है। |