अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों का सुदृढ़ीकरण
- 07 Oct 2024
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प्रारंभिक परीक्षा के लिये:भारत-श्रीलंका संबंध, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), बौद्ध धर्म, नवीकरणीय ऊर्जा, हिंद महासागर, 13वाँ संशोधन, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम/ लिट्टे (LTTE) मुख्य परीक्षा के लिये:भारत-श्रीलंका संबंध, भारत से संबंधित और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह तथा समझौते। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से कोलंबो में मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के आर्थिक सुधार एवं विकास हेतु भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
भारत और श्रीलंका के बीच बैठक की मुख्य बातें क्या हैं?
- आर्थिक सहायता:
- इस बैठक के दौरान भारत ने पर्यटन, ऊर्जा और डेयरी जैसे क्षेत्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया तथा श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये भारतीय पर्यटकों के प्रवाह को बढ़ाने पर चर्चा की।
- इस दौरान वित्तीय संकट के समय की भारत की सहायता की सराहना की गई।
- मछुआरे और सुरक्षा चिंताएँ:
- भारत और श्रीलंका ने हिरासत में लिये गए भारतीय मछुआरों के मुद्दे को स्वीकार किया तथा उनकी रिहाई, जुर्माने की समीक्षा तथा नौकाओं जैसी परिसंपत्तियों की जब्ती के मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
- तमिल अधिकारों के लिये समर्थन:
- भारत ने श्रीलंका के सभी समुदायों की आकांक्षाओं के प्रति अपना समर्थन दोहराया तथा तमिलों के लिये राजनीतिक समाधान के साथ 13वें संशोधन के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।
- 13 वें संशोधन द्वारा प्रांतीय परिषदों की स्थापना के साथ सत्ता-साझाकरण की रूपरेखा सुनिश्चित हुई जिससे सिंहली बाहुल्य प्रांतों सहित सभी नौ प्रांतों को स्वशासन की अनुमति मिली।
- भारत ने श्रीलंका के सभी समुदायों की आकांक्षाओं के प्रति अपना समर्थन दोहराया तथा तमिलों के लिये राजनीतिक समाधान के साथ 13वें संशोधन के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत-श्रीलंका संबंधों का ऐतिहासिक संदर्भ क्या है?
- तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म की शुरुआत की, जिससे दोनों देशों के बीच मज़बूत सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंध स्थापित हुए।
- 10वीं शताब्दी ई. के दौरान दक्षिण भारत के चोल राजवंश ने श्रीलंका पर कई बार आक्रमण किया जिससे श्रीलंकाई कला, वास्तुकला और भाषा पर स्थायी प्रभाव पड़ा।
- भारत और श्रीलंका दोनों को क्रमशः वर्ष 1947 और 1948 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसमें भारत ने श्रीलंका की लोकतांत्रिक संस्थाओं को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) (एक आतंकवादी संगठन) का गठन वर्ष 1976 में हुआ था और यह वर्ष 1983 से 2009 तक श्रीलंकाई सरकार के साथ सशस्त्र संघर्ष में शामिल रहा।
- संघर्ष की प्रतिक्रया में भारत और श्रीलंका ने वर्ष 1987 में भारत-श्रीलंका समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसके परिणामस्वरूप 13वें संशोधन को लागू किया गया और श्रीलंका में इंडिया पीस कीपिंग फोर्स (IPKF) की तैनाती की गई।
- सैन्य हस्तक्षेप के बाद वर्ष 2009 में श्रीलंकाई गृह युद्ध समाप्त हो गया।
भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
- विकास सहयोग: भारत श्रीलंका को विकास सहायता प्रदान करने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रदाता है, जिसने लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का वचन दिया है, जिसमें लगभग 560 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल है।
- उल्लेखनीय पहलों में भारतीय आवास परियोजना शामिल है, जिसका लक्ष्य युद्ध प्रभावित समुदायों के लिये 50,000 घरों का निर्माण करना है। अतिरिक्त सहायता में विद्युत परियोजनाएँ, रेलवे विकास और विभिन्न सामुदायिक विकास पहल शामिल हैं।
- वर्ष 2022 में भारत ने उत्तरी श्रीलंका में हाइब्रिड विद्युत परियोजनाएँ स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की साथ ही कांकेसंथुराई और त्रिंकोमाली बंदरगाहों पर विकास परियोजनाएँ आरंभ कीं।
- आर्थिक सहयोग: भारत और श्रीलंका ने भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (ISFTA) के माध्यम से आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ किया है, भारत श्रीलंका का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, 60% से अधिक निर्यात इस समझौते से लाभान्वित होता है।
- ये अपनी अर्थव्यवस्थाओं को और मज़बूत करने के लिये आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते (ETCA) पर भी विचार कर रहे हैं।
- श्रीलंका द्वारा भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) को अपनाने से फिनटेक कनेक्शन में सुधार हुआ है, व्यापार के लिये रुपए का उपयोग करने से उसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है।
- सांस्कृतिक संबंध: वर्ष 1977 के सांस्कृतिक सहयोग समझौते ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सक्षम बनाया है, जबकि कोलंबो स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र भारतीय कलाओं को बढ़ावा देता है और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन करता है।
- इसके अतिरिक्त वर्ष 1998 में स्थापित भारत-श्रीलंका फाउंडेशन वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग को मज़बूत करता है
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: वर्ष 2012 से भारत भारत-श्रीलंका रक्षा वार्ता में शामिल रहा है, जिसका ध्यान सुरक्षा साझेदारी पर है। दोनों देश अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिये संयुक्त सैन्य (मित्र शक्ति) और नौसेना (SLINEX) अभ्यास साझा करते हैं।
- भारत एक फ्री-फ्लोटिंग डॉक सुविधा, एक डोर्नियर टोही विमान और एक प्रशिक्षण टीम के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहा है, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
- बहुपक्षीय सहयोग: दोनों देश बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) और सार्क जैसे क्षेत्रीय संगठनों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
भारत-श्रीलंका संबंधों में चुनौतियाँ क्या हैं?
- राजनीतिक अस्थिरता: श्रीलंका को हाल के वर्षों में राजनीतिक अशांति का सामना करना पड़ा है, जिसमें बार-बार सरकारों का परिवर्तन शामिल है, जिससे भारत के साथ जुड़ने और सहकारी आर्थिक पहल करने की उसकी क्षमता में बाधा उत्पन्न हुई है।
- भौगोलिक चिंताएँ: भारत वर्ष 1974 के समझौते के तहत कच्चातीवु पर श्रीलंका की संप्रभुता को मान्यता देता है, लेकिन द्वीप पर राजनीतिक टिप्पणियाँ और समझौते की प्रामाणिकता दोनों देशों के बीच कूटनीतिक चिंताएँ उत्पन्न करती हैं।
- सामरिक चिंताएँ: चीन द्वारा अपनी समुद्री रेशम मार्ग पहल के तहत कोलंबो और हंबनटोटा बंदरगाहों की स्थापना भारत के लिये सामरिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। इसके अतिरिक्त चीन ने उपग्रह प्रक्षेपण संबंधी कार्यों के लिये श्रीलंका के सुप्रीम सैट (Supreme SAT) के साथ साझेदारी की है।
- मछुआरों का मुद्दा: श्रीलंका ने अपने जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मत्स्याग्रह पर निरंतर चिंता व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) का उल्लंघन करने के लिये नियमित रूप से गिरफ्तारियाँ होती रही हैं।
- तमिल हित: भारत समानता, न्याय और शांति के लिये तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करना चाहता है, 13वें संशोधन में उल्लिखित शक्तियों के हस्तांतरण को बढ़ावा देना चाहता है। हालाँकि कोलंबो ने अभी तक इस संबंध में दृढ़ प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है।
- सीमा सुरक्षा चिंता: भारत और श्रीलंका के बीच अनियमित समुद्री सीमा के कारण सीमा सुरक्षा से संबंधित चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं, जिनमें माल, मादक पदार्थों और अवैध आप्रवासियों की तस्करी भी शामिल है।
आगे की राह
- उन्नत समुद्री सुरक्षा: भारत और श्रीलंका हिंद महासागर में संयुक्त गश्ती के माध्यम से तथा श्रीलंकाई तट रक्षक कर्मियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश करके समुद्री सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ कर सकते हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिये सांस्कृतिक आदान-प्रदान संबंधी पहल के माध्यम से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- श्रीलंकाई छात्रों के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करने तथा कौशल विकास कार्यक्रमों पर सहयोग करने के लिये छात्र विनिमय कार्यक्रम और कौशल विकास जैसी पहल की स्थापना की जा सकती है।
- विकासात्मक परियोजनाएँ: भारत श्रीलंका में बुनियादी ढाँचे के विकास में निवेश कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजनाएँ नियोजन से लेकर कार्यान्वयन तक सुचारू रूप से आगे बढ़ें।
- व्यापार सुविधा: दोनों देश व्यापार बाधाओं को कम करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिये आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते (ETCA) के शीघ्र और कुशल कार्यान्वयन का लक्ष्य रख सकते हैं।
- सत्य एवं सुलह आयोग: भारत, दक्षिण अफ्रीका के समान श्रीलंका में भी सत्य एवं सुलह आयोग की स्थापना में सहायता कर सकता है, ताकि गृहयुद्ध की विरासत से निपटा जा सके तथा तमिल समुदाय में सुधार को बढ़ावा दिया जा सके।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: भारत-श्रीलंका संबंधों की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं, उनके समक्ष क्या चुनौतियाँ हैं और दोनों देश इन मुद्दों के समाधान के लिये किस प्रकार योगदान दे सकते हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रारंभिक परीक्षाप्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009) (a) बाँग्लादेश उत्तर: (d) मुख्य परीक्षाQ. 'भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है।' पूर्ववर्ती कथन के आलोक में श्रीलंका के वर्तमान संकट में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिये। (2022) Q. भारत-श्रीलंका के संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013) |