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राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

  • 25 Jan 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस, इको-टूरिज़्म, भारत में पर्यटन मंत्रालय, सकल घरेलू उत्पाद, सतत् पर्यटन, स्वदेश दर्शन योजना, देखो अपना देश पहल, राष्ट्रीय हरित पर्यटन मिशन, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस, विश्व पर्यटन दिवस।

मेन्स के लिये:

भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति, पर्यटन क्षेत्र से संबंधित चुनौतियाँ, भारत में पर्यटन से संबंधित पहल। 

चर्चा में क्यों?  

भारत की प्राकृतिक सुंदरता को पहचानने और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये पर्यटन के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

  • भारत दुनिया भर के आगंतुकों के लिये शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इसलिये सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भारत में पर्यटन का काफी महत्त्व है।

भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति:  

  • परिचय:  
    • भारत पर्यटन का एक विविध पोर्टफोलियो प्रदान करता है, जिसमें इको-टूरिज़्म, परिभ्रमण, व्यवसाय, खेल, शैक्षिक, ग्रामीण और चिकित्सा यात्राएँ शामिल हैं।
    • भारत में पर्यटन मंत्रालय पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिये देश की राष्ट्रीय नीतियों को तैयार करने हेतु ज़िम्मेदार है। 
      • यह स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ भी सहयोग करता है। 
  • अर्थव्यवस्था में योगदान:  
    • विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, वर्ष 2021 में सकल घरेलू उत्पाद में यात्रा और पर्यटन के कुल योगदान के मामले में भारत 6वें स्थान पर है।
      • यात्रा और पर्यटन ने सकल घरेलू उत्पाद में 5.8% का योगदान दिया और इस क्षेत्र ने 32.1 मिलियन नौकरियाँ सृजित कीं, जो वर्ष 2021 की कुल नौकरियों के 6.9% के बराबर है।
    • साथ ही भारत वर्तमान में विश्व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (2021) में 54वें स्थान पर है।
    • ग्लोबल डेटा के अनुसार, देश में अंतर्राष्ट्रीय आगमन वर्ष 2022 में 7.2 मिलियन और वर्ष 2023 में 8.6 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।
  • पर्यटन क्षेत्र से संबंधित चुनौतियाँ:  
    • प्रशिक्षण और कौशल विकास का अभाव: यह देखते हुए कि पर्यटन उद्योग एक श्रम प्रधान क्षेत्र है, यह निर्विवाद है कि व्यावहारिक प्रशिक्षण एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
      • लेकिन वर्षों से प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ तालमेल नहीं बिठा पाई है।
    • संसाधनों का अतिदोहन: अस्थिर पर्यटन अक्सर प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक उपभोग के माध्यम से दबाव डालता है, विशेष रूप से भारत के हिमालयी क्षेत्रों में जहाँ संसाधन पहले से ही दुर्लभ हैं।
      • अस्थिर पर्यटन स्थानीय भूमि उपयोग को भी प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप मृदा क्षरण, प्रदूषण में वृद्धि और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों का नुकसान होता है।
    • बुनियादी सुविधा और सुरक्षा की कमी: यह भारतीय पर्यटन क्षेत्र के लिये एक बड़ी चुनौती है। इसमें बहु व्यंजन रेस्तराँ, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं, सार्वजनिक परिवहन और स्वच्छता एवं पर्यटकों की सुरक्षा की कमी शामिल है।
    • भारत में पर्यटन से संबंधित पहलें:

भारत में सतत् पर्यटन को बढ़ावा: 

  • ज़िम्मेदार, समावेशी, हरित पर्यटन (अधिकार): बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये पर्यटन प्रबंधन में शामिल सभी हितधारकों को विनियमों के सामान्य नियमन द्वारा शासित करने की आवश्यकता है। 
    • प्राकृतिक पारितंत्र में न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ हरित पर्यटन (Green Tourism) को बढ़ावा देना और संवहनीय अवसंरचना को बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है ताकि आत्मीय आतिथ्य को संपोषण मिल सके।
  • एकीकृत पर्यटन प्रणाली: देश भर में वांछित पर्यटन स्थलों और प्रमुख बाज़ारों एवं क्षेत्रों की पहचान करने के लिये एक व्यापक बाज़ार अनुसंधान एवं मूल्यांकन अभ्यास किया जा सकता है।
    • इसके बाद फिर इन स्थानों का मानचित्रण करने और सोशल मीडिया के माध्यम से उनका प्रचार करने के लिये एक डिजिटल एकीकृत प्रणाली का विकास किया जा सकता है जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मूल तत्त्व का संवर्द्धन करेगा।
  • एक राज्य एक पर्यटन शुभंकर (One State One Tourism Mascot): राज्य के पशुओं को, विशेष रूप से बच्चों के बीच पर्यटन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये एक अभिनव उपकरण के रूप में विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों हेतु एक विज्ञापन शुभंकर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • G20 की अध्यक्षता का लाभ उठाना: भारत के पास G20 की अध्यक्षता (दिसंबर 2022- नवंबर 2023) के दौरान स्वयं को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने का अवसर है।
    • भारत के पास विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए ‘अतिथि देवो भव’ के अपने सदियों पुराने आदर्श को प्रदर्शित कर सकने का अवसर मौजूद होगा। 

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न1. विकास के विभिन्न पहलों और पर्यटन के नकारात्मक प्रभाव से पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है? (2019) 

प्रश्न 2. पर्यटन के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्य अपनी पारिस्थितिक वहन की अधिकतम सीमा तक पहुँच रहे हैं। समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिये। (2015) 

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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