IEA की नवीकरणीय ऊर्जा 2023 रिपोर्ट | 06 Feb 2024
प्रिलिम्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन, पंचामृत लक्ष्य, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, प्रधानमंत्री- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान, उच्च दक्षता वाले सौर PV मॉड्यूल के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI), अपतटीय पवन ऊर्जा नीति, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
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स्रोत: आई. इ. ए
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA) की हालिया नवीकरणीय ऊर्जा 2023 रिपोर्ट नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक जटिल छवि प्रस्तुत करती है, जो प्रगति और चुनौतियों दोनों को उजागर करती है।
नवीकरणीय ऊर्जा 2023 रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- रिकॉर्ड वृद्धि और चीन का प्रभुत्व: वर्ष 2023 में वैश्विक वार्षिक नवीकरणीय क्षमता वृद्धि लगभग 50% बढ़कर लगभग 510 गीगावाट (GW) हो गई, जो दो दशकों में सबसे तेज़ विकास दर है।
- चीन ने वर्ष 2023 में उतने ही सोलर फोटोवोल्टिक (Solar Photovoltaic- SPV) को चालू करके एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जितनी पूरी दुनिया ने वर्ष 2022 में की थी, जबकि पवन संयोजन में वर्ष-दर-वर्ष 66% की वृद्धि हुई।
- वैश्विक पावर मिक्स परिवर्तन: वर्ष 2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा के बिजली उत्पादन के सबसे बड़े स्रोत के रूप में कोयले को पीछे छोड़ने का अनुमान है, वर्ष 2028 तक पवन और सौर पीवी प्रमुख स्रोत बन जाएंगे।
- वैश्विक पावर मिक्स परिवर्तन: अनुमान है कि वर्ष 2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत उत्पादन के सबसे बड़े स्रोत के रूप में कोयले से आगे निकल जाएगी और वर्ष 2028 तक पवन और सौर PV प्रमुख स्रोत बन जाएंगे।
- प्रमुख क्षेत्रों में त्वरित विकास:
- अमेरिका, यूरोपीय संघ, भारत, ब्राज़ील: सहायक नीतियों और आर्थिक आकर्षण में सुधार से इन क्षेत्रों में सौर PV तथा तटवर्ती पवन प्रतिष्ठानों में त्वरित वृद्धि हो रही है।
- मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका: नीतिगत प्रोत्साहन नवीकरणीय क्षमता वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं।
- जबकि उप-सहारा अफ्रीका अपनी संसाधन क्षमता के बावजूद पिछड़ रहा है।
- भारत के लिये विकास पूर्वानुमान: भारत का वर्ष 2023-2028 में 205 गीगावॉट जोड़ने का अनुमान है, जो वर्ष 2022 की संचयी स्थापित क्षमता को दोगुना कर देगा, जिससे यह नवीकरणीय ऊर्जा के लिये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार बन जाएगा।
- सौर PV बाज़ार की गतिशीलता: विनिर्माण क्षमता में वृद्धि के कारण वर्ष 2023 में सौर PV मॉड्यूल की कीमतों में लगभग 50% की गिरावट आई।
- सौर PV और तटवर्ती पवन नए तथा मौजूदा दोनों जीवाश्म ईंधन संयंत्रों की तुलना में सस्ते हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर इन्हें तेज़ी से अपनाया जा रहा है।
- जैव ईंधन विस्तार और EV अपनाना: ब्राज़ील के नेतृत्व में उभरती अर्थव्यवस्थाएँ जैव ईंधन विस्तार को बढ़ावा दे रही हैं।
- EV में जैव ईंधन और नवीकरणीय बिजली की पूरक भूमिका पर ज़ोर देते हुए वर्ष 2028 तक महत्त्वपूर्ण तेल मांग को पूरा करने का अनुमान है।
- रिपोर्ट में प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया:
- वित्तीय बाधाएँ: उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को नवीकरणीय परियोजनाओं के लिये अपर्याप्त वित्तपोषण का सामना करना पड़ता है।
- बढ़ती ब्याज दरों के कारण वित्तपोषण लागत बढ़ रही है जिससे नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स के लिये चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं।
- ग्रिड बाधाएँ: परिवर्तनीय नवीकरणीय का तीव्र विकास एकीकरण चुनौतियों का सामना करता है, जिससे अपर्याप्त ग्रिड विस्तार के कारण कई देशों में कटौती बढ़ जाती है।
- पवन उद्योग की चुनौती: पवन उद्योग को विशेष रूप से अपतटीय पवन में आपूर्ति शृंखला व्यवधानों से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- वित्तीय बाधाएँ: उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को नवीकरणीय परियोजनाओं के लिये अपर्याप्त वित्तपोषण का सामना करना पड़ता है।
- प्रमुख अनुशंसाएँ: IEA ने सरकारों से 2050 परिदृश्य तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (NZE) के अनुरूप, वर्ष 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
- नीतिगत अनिश्चितताओं को दूर करते हुए वर्ष 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये, ग्रिड अवसंरचना में निवेश करना, प्रशासनिक बाधाओं को कम करना और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वित्तपोषण बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है।
भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य और संबंधित सरकारी हस्तक्षेप क्या हैं?
- भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य:
- पंचामृत लक्ष्य
- वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (GW) गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करना।
- वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का कम-से-कम आधा हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से पूरा करना
- वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करना।
- वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना।
- अगस्त 2022 में, भारत ने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contribution - NDC) को अद्यतन किया जिसके अनुसार अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को कम करने का लक्ष्य वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक 45% तक बढ़ाया गया है।
- पंचामृत लक्ष्य
- संबंधित सरकारी पहल:
- किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
- उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive-PLI) योजना
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG)
- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन
- राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति
- वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन
- हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेल वाहन
- सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम: इसका उद्देश्य बढ़ती सौर ऊर्जा ऊर्जा परियोजना की स्थापनाओं में रोज़गार के अवसरों को ध्यान में रखते हुए युवाओं के बीच कौशल विकास करना है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) क्या है?
- स्थापना और विकास: IEA की स्थापना 1973-1974 के तेल संकट का सामना करने हेतु में तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1974 में की गई थी।
- प्रारंभ में तेल आपूर्ति सुरक्षा और नीति सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समय के साथ ऊर्जा मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करने के लिये इसका विस्तार हुआ।
- वर्तमान में IEA के फोकस के चार मुख्य क्षेत्र हैं: विश्व में ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास, पर्यावरण जागरूकता और सहभागिता।
- 2022 में, IEA सदस्य सरकारें देशों को शुद्ध-शून्य उत्सर्जन ऊर्जा प्रणालियों के निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन करने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों और धातुओं को शामिल करने के लिये एजेंसी के विस्तार करने पर सहमत हुईं।
- सदस्यता: IEA में 31 सदस्य देश शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त IEA में तेरह सहयोगी देश (भारत सहित) भी शामिल हैं।
- चिली, कोलंबिया, इज़रायल, लातविया तथा कोस्टा रिका जैसे पाँच देश पूर्ण सदस्यता की मांग कर रहे हैं।
- IEA की सदस्यता प्राप्त करने को इच्छुक उम्मीदवार देश को OECD का सदस्य देश होना अनिवार्य है।
- प्रमुख रिपोर्टः
- वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट
- इंडिया एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट
- वर्ल्ड एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट
- वार्षिक एनर्जी एफिशिएंसी मार्केट रिपोर्ट
और पढ़ें…IEA की इलेक्ट्रिसिटी 2024 रिपोर्ट
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं? (a) 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (b) प्रश्न. 'अभीष्ट राष्ट्रीय निर्धारित अंशदान (Intended Nationally Determined Contributions)’ पद को कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में देखा जाता है? (2016) (a) युद्ध प्रभावित मध्य-पूर्व के शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये यूरोपीय देशों द्वारा दिये गए वचन। उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन के विपरीत सूर्य के प्रकाश से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लाभों का वर्णन कीजिये। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु सरकार द्वारा क्या पहल की गई है? (2020) प्रश्न. "वहनीय, विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है।" भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018) |