भारत की बुनियादी ढाँचे के विकास की यात्रा | 02 Jan 2025

प्रिलिम्स के लिये:

बुनियादी ढाँचा, GPS, गैलेथिया खाड़ी, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा, सागरमाला, नमो भारत ट्रेन, RRTS कॉरिडोरपर्वतमाला कार्यक्रम, यूक्रेन, गाज़ा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, कवच, वैकल्पिक ईंधन, ग्रीन बिल्डिंग, PLI

मेन्स के लिये:

भारत के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और आगे की राह।

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड 

चर्चा में क्यों? 

पिछले 25 वर्षों में बढ़ती प्रगति और निजी भागीदारी के साथ भारत का बुनियादी ढाँचा बदल गया है। हालाँकि चुनौतियाँ बनी हुई हैं क्योंकि वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुँचने के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचे का 90% निर्माण अभी भी किया जाना है।

वर्ष 2024 तक बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में भारत की उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • सड़कें और राजमार्ग: वर्ष 2000 के बाद से सड़क नेटवर्क लगभग तीन गुना बढ़कर 146,000 किमी. हो गया है, जिसमें आधुनिक प्रवेश-नियंत्रित एक्सप्रेसवे और GPS-आधारित टोल प्रणाली शामिल हैं।
    • वर्ष 2014 के बाद से, सरकार ने 3.74 लाख किमी. ग्रामीण सड़कें बनाई हैं, जिससे 99% से अधिक ग्रामीण बस्तियों को जोड़ा गया है और पहुँच में सुधार हुआ है।
    • 25 वर्षों में टोल संग्रह 2.1 ट्रिलियन रुपए तक पहुँच गया, जो निजी क्षेत्र की मज़बूत भागीदारी को दर्शाता है।

  • रेलवे: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसमें 280 किमी./घंटा की गति से चलने की क्षमता होगी, वर्ष 2026 तक पूरी हो जाएगी।
    • दिसंबर 2023 तक, 93.83% ब्रॉड -गेज ट्रैक (जिसे बड़ी लाइन कहा जाता है और दो पटरियों के बीच की दूरी 5 फीट 6 इंच है) का विद्युतीकरण हो चुका है, जो वर्ष 2014 में 21,801 किमी. से अधिक था।
    • कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना जैसी कई हाई-प्रोफाइल घटनाओं के बावजूद पिछले दशक में दुर्घटनाओं में कमी आई है।
  • समुद्री क्षेत्र: भारत वर्ष 2047 तक शीर्ष पाँच जहा निर्माण राष्ट्र बनने के लिये 54 ट्रिलियन रुपए का निवेश करने की योजना बना रहा है।
  • विमानन: साप्ताहिक घरेलू उड़ानें वर्ष 2000 में 3,568 से बढ़कर वर्ष 2024 में 22,484 हो गई।
    • इंडिगो जैसी कम लागत वाली विमान सेवा कंपनियाँ बाज़ार पर हावी हैं, जिससे लाखों लोगों के लिये हवाई यात्रा सुलभ हो गई है।
    • एयर इंडिया और इंडिगो से 1,000 से अधिक विमानों के ऑर्डर दीर्घकालिक वृद्धि का संकेत देते हैं।
    • वर्ष 2014 और वर्ष 2024 के बीच 84 हवाई अड्डों के निर्माण के साथ परिचालन हवाई अड्डों की कुल संख्या 158 है।

  • शहरी मेट्रो: मेट्रो नेटवर्क वर्ष 2014 में 248 किमी. से बढ़कर वर्ष 2024 तक 945 किमी. हो गया है, जो 21 शहरों और 1 करोड़ दैनिक यात्रियों को सेवा प्रदान करता है। 
  • रोपवे विकास: पर्वतमाला कार्यक्रम के तहत 32 रोपवे परियोजनाएँ शुरू की गई हैं, जिससे दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ी है और शहरी भीड़भाड़ कम हुई है।

नोट: विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) 2023 में भारत 38 वें स्थान पर है

भारत के बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?

  • रुकी हुई और विलंबित परियोजनाएँ: 10 ट्रिलियन रुपए की भारतमाला परियोजना को लालफीताशाही के कारण स्थगित कर दिया गया, जबकि 20 ट्रिलियन रुपए की विज़न 2047 योजना को नीतिगत बदलाव के बाद स्थगित कर दिया गया है। 
    • वित्तीय बाधाएँ और संसाधनों का कम उपयोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तथा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे जैसी बड़े पैमाने की परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
    • भारत को वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये महत्त्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है, जबकि 90% बुनियादी ढाँचे का निर्माण अभी भी किया जाना है।
  • धीमी प्रगति: रेलवे मार्ग का विस्तार धीमा रहा है, वर्ष 2000 से अब तक औसतन प्रतिवर्ष केवल 231 किमी. नई पटरियाँ जोड़ी गई हैं, जो प्रतिदिन एक किलोमीटर से भी कम है। 
    • राजमार्ग परियोजना अनुबंधों में तीव्र गिरावट आई है, जो अगस्त 2024 तक 1,152 किमी. के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर पहुँच गई है।
  • निजी क्षेत्र पर निर्भरता: यद्यपि निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि हुई है, फिर भी परियोजनाओं के लिये पूंजी का पुनर्चक्रण एक चुनौती बनी हुई है। 
    • टोल संग्रह ने समानता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं, क्योंकि वर्ष 2000 से अब तक एकत्रित 2.1 ट्रिलियन रुपए में से निजी निगमों को 1.4 ट्रिलियन रुपए ही प्राप्त हुआ हैं।
    • पूंजी का पुनर्चक्रण गैर-प्रमुख या कम प्रदर्शन करने वाली परिसंपत्तियों को बेचने और अधिक लाभदायक अवसरों में पुनर्निवेश करने की रणनीति है।
  • समुद्री व्यवधान: समुद्री क्षेत्र वर्ष 2047 तक शीर्ष 5 जहाज़ निर्माण राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिये संघर्ष कर रहा है, यूक्रेन और गाज़ा युद्धों तथा वैश्विक आपूर्ति शृंखला के पतन से इसमें बाधा आ रही है।
  • विमानन क्षेत्र से संबंधित बाधाएँ: तीव्र प्रतिस्पर्द्धा के कारण जेट एयरवेज, किंगफिशर एयरलाइंस और गो फर्स्ट सहित कई एयरलाइनें दिवालिया हो गई हैं।
    • इंडिगो और निजीकृत एयर इंडिया के बीच बाज़ार एकीकरण से प्रतिस्पर्द्धा सीमित हो जाती है और एकाधिकारवादी प्रवृत्तियों का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये सरकार की पहल क्या हैं?

आगे की राह:

  • एकीकृत अवसंरचना: यह सुनिश्चित करके कि अवसंरचना विकास एक-दूसरे के पूरक हैं, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान देरी और दोहराव को कम करता है, जबकि उच्च गति संचार को बढ़ाता है।
  • एक्सप्रेसवे, हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, समर्पित वस्तु ढुलाई कॉरिडोर,  उन्नत हवाई अड्डे और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क जैसे उच्च गति परिवहन नेटवर्क व्यापार एवं आपूर्ति शृंखला के प्रदर्शन को बढ़ावा देते हैं।
  • सुरक्षित एवं लचीला बुनियादी ढाँचा: रेलवे के लिये कवच और उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली जैसी सरकार की पहलों का उद्देश्य दुर्घटनाओं को कम करना एवं सुरक्षा में सुधार करना है। 
  • वाहनों में उन्नत चालक सहायता प्रणाली (ADAS) जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने तथा सुरक्षित बुनियादी ढाँचे के निर्माण से नागरिकों की सुरक्षा बढ़ेगी एवं मृत्यु दर में कमी आएगी।
  • हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल करना: सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ईंधनों की ओर बदलाव से परिवहन क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तथा FAME-II एवं  PLI जैसी योजनाएँ इस बदलाव को गति देंगी।
  • हरित भवन, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने से भविष्य की बुनियादी संरचना सतत् एवं जलवायु-अनुकूल बनेगी।
  • तकनीकी एकीकरण: सुगम टोल भुगतान के लिये फास्टैग और हवाईअड्डे पर आसान चेक-इन के लिये डिजीयात्रा ऐप जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग सुविधा में वृद्धि कर यात्रा का समय बचाता है।
  • नीति और विनियामक सुधार: भारत को बुनियादी ढाँचे के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये विशेष रूप से बंदरगाहों, रेलवे और विमानन में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिये विनियामक सुधार एवं एक स्पष्ट नीति ढाँचे को आगे बढ़ाना चाहिये।
  • सरकार, निजी क्षेत्र और स्थानीय समुदायों को आवश्यक नीतियों तथा निवेशों सहित बहु-वर्षीय राष्ट्रीय परिवहन रणनीति विकसित करने के लिये सहयोग करना चाहिये।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: भारत के बुनियादी ढाँचा क्षेत्र की उपलब्धियों और चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये तथा इसके भविष्य के विकास के लिये उपाय सुझाइये।

   UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न    

प्रश्न.  भारत में ‘पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर’ पदबंध किसके प्रसंग में प्रयुक्त किया जाता है? (2020)

(a) डिजिटल सुरक्षा अवसंरचना
(b) खाद्य सुरक्षा अवसंरचना
(c) स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा अवसंरचना
(d) दूरसंचार और परिवहन अवसंरचना

व्याख्या: (a)

प्रश्न: 'राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. यह नीति आयोग का अंग है। 
  2.  वर्तमान में इसके पास 4,00,000 करोड़ रुपए का कोष है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

मेन्स:

प्रश्न1. “अधिक तीव्र और समावेशी आर्थिक विकास के लिये बुनियादी ढाँचे में निवेश आवश्यक है।” भारत के अनुभव के आलोक में चर्चा कीजिये। (2021)