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उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का शुभारंभ किया

  • 23 Oct 2023
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

20 अक्तूबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया तथा भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का शुभारंभ करते हुए साहिबाबाद से दुहाई डिपो को जोड़ने वाली ‘नमो भारत’ रैपिडएक्स ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगलूरू मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे की दो लाइनों को भी राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’ में यात्रा भी की।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नव उद्घाटित नमो भारत ट्रेन ‘मेड इन इंडिया’ है। नमो भारत ट्रेन में सहायक स्टाफ और लोकोमोटिव पायलट सभी महिलाएँ हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कनेक्टिविटी में सुधार लाने और रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने के लिये आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की प्रणाली तैयार की जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि ‘अमृत भारत’, ‘वंदे भारत’ और ‘नमो भारत’ की ये त्रिवेणी इस दशक के अंत तक भारतीय रेल के आधुनिकीकरण का प्रतीक बनेगी।
  • मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सराय काले खाँ, आनंद विहार, गाज़ियाबाद और मेरठ बस स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों को नमो भारत प्रणाली से जोड़ा जा रहा है।
  • दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारा
  • दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड गाज़ियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को ‘दुहाई डिपो’ से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2019 को दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ गलियारा की आधारशिला रखी थी।
  • नए विश्वस्तरीय परिवहन बुनियादी ढाँचे के निर्माण के माध्यम से देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने की प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है।
  • आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कंप्यूटर ट्रांजिट प्रणाली है। 180 किमी. प्रति घंटे की गति के साथ, आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिये हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किये जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण-I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल हैं।
  • दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है और यह गाज़ियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुज़रते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।
  • देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिये सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, आरआरटीएस नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं आदि के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल-एकीकरण होगा।
  • इस तरह के परिवर्तनकारी क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देंगे, रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के अवसरों तक बेहतर पहुँच प्रदान करेंगे और वाहनों की भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद मिलेगी।

       

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