भूगोल
क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली (RRTS)
- 08 Jun 2024
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली (RRTS), स्मार्ट सिटीज़, अमृत मिशन, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, हृदय, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी, आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम। मेन्स:क्षेत्रीय तीव्र परिवहन प्रणाली (RRTS) की मुख्य विशेषताएँ, प्रासंगिक भौगोलिक सिद्धांतों के साथ RRTS के लाभ। |
स्रोत:टाइम्स ऑफ इंडिया
चर्चा में क्यों?
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली (RRTS) कॉरिडोर पर 900 वर्षा जल संचयन (RWH) गड्ढे विकसित कर रहा है।
वर्षा जल संचयन क्या है?
- वर्षा जल संचयन और संरक्षण वर्षा जल के प्रत्यक्ष संग्रह की गतिविधि है। एकत्रित वर्षा जल को सीधे उपयोग के लिये संग्रहीत किया जा सकता है या भूजल संभरण किया जा सकता है।
- वर्षा जल संचयन की दो मुख्य तकनीकें हैं:
- भविष्य में उपयोग के लिये सतह पर वर्षा जल का भंडारण।
- भूजल संभरण।
RRTS, गड्ढों में वर्षा जल को कैसे संग्रहीत करते हैं?
- अधिकतम जल संग्रह के लिये गड्ढों को रणनीतिक रूप से रखा गया है, इनमें से 75% से अधिक प्रणालियाँ पूर्व से ही क्रियान्वयन में हैं।
- गड्ढों से लाखों क्यूबिक मीटर भूजल संभरण होने का अनुमान है, जो जलस्तर में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।
- इस डिज़ाइन में दो छोटे जल कक्ष होते हैं जो आमने-सामने भूमिगत रूप से बनाए गए होते हैं, जो केंद्रीय वर्षा जल संचयन के लिये बनाए गए गड्ढे से संबंधित हैं।
- वर्षा के दौरान, जल वायडक्ट (पुल जैसी संरचना) से इन कक्षों में प्रवाहित होता है। एकत्रित जल को केंद्रीय गड्ढे के माध्यम से ज़मीन में अवशोषित होने से पूर्व बज़री और रेत की तीन परतों के माध्यम से फिल्टर किया जाता है।
- स्थानीय भूजल स्तर के आधार पर गड्ढों की गहराई सामान्यतः 16 से 22 मीटर के बीच होती है।
- प्रत्येक RRTS स्टेशन पर वर्षा जल संचयन को भी शामिल किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक प्रवेश और निकास द्वार के पास दो गड्ढे बने होते हैं।
RRTS से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पृष्ठभूमि:
- वर्ष 2005 में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लिये एक व्यापक परिवहन योजना तैयार करने के लिये एक सरकारी टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
- NCR वर्ष 2032 के लिये एकीकृत परिवहन योजना नामक इस योजना में क्षेत्र के प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिये एक विशेष तीव्र परिवहन प्रणाली की आवश्यकता की पहचान की गई।
- टास्क फोर्स ने 8 कॉरिडोर की पहचान की और इस "क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली" (RRTS) के लिये तीन कॉरिडोर को प्राथमिकता दी: दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत दिल्ली-अलवर।
- RRTS के बारे में:
- RRTS सार्वजनिक परिवहन का एक नया तरीका है जिसे विशेष रूप से NCR के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर RRTS एक रेल-आधारित, अर्द्ध-उच्च गति, उच्च आवृत्ति वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है।
- दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है, जिसमें 22 स्टेशन हैं।
- RRTS के लाभ:
- उच्च गति एवं क्षमता: पारंपरिक रेलवे या मेट्रो के विपरीत, RRTS ट्रेनें अत्यधिक तीव्र गति (160 किमी/घंटा से अधिक) से चलेंगी और अधिक संख्या में यात्रियों को ले जाएंगी, जिससे भीड़भाड़ कम होगी, प्रति 15 मिनट में ट्रेनों के साथ उच्च आवृत्ति संचालन होगा।
- समर्पित कॉरिडोर: RRTS ट्रेनें एक अलग ऊँचे ट्रैक पर चलती हैं, जो सड़कों पर यातायात की भीड़ से मुक्त होती है, जिससे विश्वसनीय यात्रा समय सुनिश्चित होता है।
- पर्यावरण पर प्रभाव: अनुमान है कि RRTS से क्षेत्र में वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी, क्योंकि इससे अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित होंगे
- आर्थिक वृद्धि: बेहतर कनेक्टिविटी से NCR में अधिक संतुलित आर्थिक विकास होगा, विभिन्न शहरों में अवसर सृजित होंगे और एकल केंद्रीय केंद्र पर निर्भरता भी कम होगी।
- सतत् भविष्य: RRTS अन्य भारतीय शहरों में कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित करने के लिये एक मॉडल के रूप में कार्य करता है। यह NCR के भीतर समग्र यातायात भीड़ के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा।
RRTS से जुड़े भौगोलिक सिद्धांत:
- केंद्रीय स्थान सिद्धांत:
- यह सिद्धांत व्यक्त करता है कि बस्तियाँ (शहर) केंद्रीय स्थानों के आसपास विकसित होती हैं जो आसपास के क्षेत्रों को सेवाएँ प्रदान करती हैं।
- RRTS छोटे शहरों और उपनगरों को प्रमुख शहरों से जोड़ता है, जिससे केंद्रीय शहरों में प्रदान किये जाने वाले रोज़गार, शिक्षा एवं अन्य सेवाओं तक आसान पहुँच प्राप्त होती है।
- उदाहरण के लिये, दिल्ली-मेरठ RRTS दिल्ली, जो एक प्रमुख आर्थिक केंद्र है, को विकासशील शहर मेरठ से जोड़ता है। इससे मेरठ के निवासियों के लिये दिल्ली के केंद्रीय शहर में प्रदत्त रोज़गार, शिक्षा और अन्य सेवाओं जैसे अवसरों तक पहुँच में सुधार होता है।
- गुरुत्वाकर्षण मॉडल:
- यह मॉडल व्यक्त करता है कि दो स्थानों के बीच की आवागमन उनकी जनसंख्या और उनके बीच की दूरी से प्रभावित होती है।
- RRTS तेज़ और अधिक लगातार यात्रा की सुविधा प्रदान कर इसे मज़बूत करता है, जिससे जुड़े शहरों के बीच आर्थिक और सामाजिक संपर्क की संभावना बढ़ जाती है। इससे व्यापार, सहयोग एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि हो सकती है।
- यह मॉडल व्यक्त करता है कि दो स्थानों के बीच की आवागमन उनकी जनसंख्या और उनके बीच की दूरी से प्रभावित होती है।
- प्रसरण सिद्धांत (Diffusion Theory):
- यह सिद्धांत व्यक्त करता है कि कैसे विचार, नवाचार और प्रथागत बस्तियों में प्रसरित होते हैं। RRTS ट्रेन कॉरिडोर के साथ शहरी विकास पैटर्न (शॉपिंग मॉल, व्यावसायिक ज़िले) के प्रसार को बढ़ावा दे सकता है।
- उदाहरण के लिये, दिल्ली-गाज़ियाबाद RRTS गाज़ियाबाद में नवीन वाणिज्यिक केंद्रों के विकास को बढ़ावा दे सकता है, जो पूर्व में मुख्य आवासीय क्षेत्र था।
- यह सिद्धांत व्यक्त करता है कि कैसे विचार, नवाचार और प्रथागत बस्तियों में प्रसरित होते हैं। RRTS ट्रेन कॉरिडोर के साथ शहरी विकास पैटर्न (शॉपिंग मॉल, व्यावसायिक ज़िले) के प्रसार को बढ़ावा दे सकता है।
शहरी परिवहन के लिये भारत की पहल क्या हैं?
- प्रधानमंत्री-इलेक्ट्रिक बस सेवा
- गति शक्ति टर्मिनल (GCT) नीति
- राष्ट्रीय रसद नीति (NLP)
- भारतमाला परियोजना
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
- स्मार्ट सिटीज़
निष्कर्ष:
दिल्ली-मेरठ RRTS परियोजना, समग्र रूप से, शहरी विकास के लिये भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण का प्रतीक है। वर्षा जल संचयन जैसी संधारणीय प्रथाओं को प्राथमिकता देकर, NCRTC पूरे भारत में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिये एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करता है। पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के प्रति यह प्रतिबद्धता, परियोजना के उद्देश्य के साथ-साथ एक उच्च गति, विश्वसनीय तथा कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से है, जो अंततः एक स्वच्छ एवं अधिक रहने योग्य NCR में योगदान देती है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रासंगिक भौगोलिक सिद्धांतों के साथ RRTS के लाभों पर चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. कई वर्षों में उच्च तीव्रता की वर्षा के कारण शहरों में बाढ़ की बारंबारता बढ़ रही है। शहरी क्षेत्रों बाढ़ के कारणों पर चर्चा करते हुए इस प्रकार की घटनाओं के दौरान जोखिम को कम करने की तैयारियों की क्रियाविधि पर प्रकाश डालिये। (2016) |