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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत के रबड़ उद्योग को बढ़ावा देना

  • 20 Jan 2025
  • 16 min read

प्रिलिम्स के लिये:

रबर बोर्ड , रबड़, राष्ट्रीय रबड़ नीति (NRP), 2019,  यूरोपीय संघ वनोन्मूलन विनियमन (EUDR), ईयू, यूरोपीय आयोग, वनों की कटाई एवं वन उन्मूलन,  पाम ऑयल , गैर-टैरिफ बाधा ,  भारत-ईयू FTA वार्ता, उष्णकटिबंधीय वृक्ष , अमेज़ॅन वर्षावन, दोमट या लैटेराइट मृदा, कृषि प्रबंधन, मिश्रित कृषि, उच्च उपज 

मेन्स के लिये:

वैश्विक रबड़ मानकों को पूरा करने के लिये रबड़ उद्योग को बढ़ावा देने की पहल।

स्रोत: बी.एल.

चर्चा में क्यों?

रबर बोर्ड ने भारतीय रबर की वैश्विक प्रमुखता को बढ़ावा देने के साथ-साथ घरेलू उत्पादन में वृद्धि करने के लिये भारतीय सतत् प्राकृतिक रबड़ (iSNR) और INR कनेक्ट प्लेटफॉर्म जैसी नई पहल शुरू की है।

  • यह राष्ट्रीय रबड़ नीति (NRP), 2019 के अनुरूप है जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय रूप से सतत्, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी रबड़ उद्योग का निर्माण करना है।

भारत के रबर उद्योग में हाल ही में की गई पहल क्या हैं? 

  • iSNR पहल: यूरोपीय संघ वनोन्मूलन विनियमन (EUDR) मानकों को पूरा करने के लिये भारतीय सतत प्राकृतिक रबड़ (iSNR) पहल शुरू की गई ।
    • यह रबड़ उत्पादों की उत्पत्ति और अनुपालन की पुष्टि करने वाले प्रमाणपत्रों के साथ पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है और यूरोपीय संघ के बाजारों को लक्षित करने वाले हितधारकों के लिये अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाता है ।
    • यह सतत् रबड़ उत्पादन को बढ़ावा देता है, तथा भारतीय प्राकृतिक रबड़ को वैश्विक बाज़ार में एक प्रतिस्पर्द्धी एवं उत्तरदायी विकल्प के रूप में स्थापित करता है।
  • INR कनेक्ट प्लेटफॉर्म: यह एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य अप्रयुक्त रबड़ उत्पादकों को इच्छुकअपनाने वालों के साथ जोड़कर उत्पादकता बढ़ाना है।
    • यह भारत में अनुपस्थित जमींदारों द्वारा अप्रयुक्त एवं उपेक्षित बागानों के 20-25% को लक्षित करता है , ताकि कीमतों में गिरावट एवं उच्च लागत की समस्या का समाधान किया जा सके।
  • mRube: mRube को प्राकृतिक रबड़ क्षेत्र में विपणन एवं व्यापार दक्षता बढ़ाने के लिये रबड़ बोर्ड के डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के रूप में लॉन्च किया गया था।
  • सब्सिडी में वृद्धि: सरकार रबड़ की खेती के लिये चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी बढ़ाने की योजना बना रही है ।

ध्यान दीजिये: अनुपस्थित मकान मालिकों के पास संपत्ति होती है, लेकिन वे उसमें रहते या उसका प्रबंधन नहीं करते हैं, तथा रखरखाव, किराया वसूली और अन्य कार्यों के लिये वे संपत्ति प्रबंधकों, किरायेदारों या स्थानीय एजेंटों पर निर्भर रहते हैं।

EUDR क्या है?

  • EUDR के बारे में: EUDR यूरोपीय आयोग द्वारा प्रस्तावित एक विधायी ढाँचा है, जिसका उद्देश्य वस्तु आपूर्ति शृंखलाओं से जुड़े वनों की कटाई एवं वन उन्मूलन के वैश्विक मुद्दे का समाधान करना है । 
    • विनियमन का उद्देश्य वनों की कटाई में यूरोपीय संघ की भूमिका को कम करना है और यह सुनिश्चित करना है कि वनों की कटाई से जुड़े उत्पाद यूरोपीय बाज़ार में प्रवेश न करें ।  
  • तंत्र: जब उनका माल निर्यात किया जाता है या यूरोपीय संघ के बाज़ार में लाया जाता है, तब व्यापारियों या संचालकों को यह सिद्ध करना आवश्यक होता है कि वे नई साफ की गई भूमि से नहीं आ रहे हैं या वनों को हानि नहीं पहुँचा रहे हैं।
  • उद्देश्य: प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल हैं:
    • यह सुनिश्चित करके कि सूचीबद्ध उत्पाद इसमें योगदान न करें,तथा वनों की कटाई को रोकना।
    • कार्बन उत्सर्जन को प्रतिवर्ष कम से कम 32 मिलियन मीट्रिक टन तक कम करना।
    • इन वस्तुओं के कृषि विस्तार से जुड़े वन उन्मूलन से निपटना।
  • कवर की गई वस्तुएँ: यह मवेशी, लकड़ी, कोको, सोया, ताड़ का तेल, कॉफी, रबर और संबंधित उत्पादों (जैसे, चमड़ा, चॉकलेट, टायर, फर्नीचर) जैसी वस्तुओं पर केंद्रित है।

संबंधित चिंताएँ:

  • गैर-टैरिफ बाधा: EUDR को इस बात का प्रमाणीकरण आवश्यक है कि मवेशी, सोया और पाम ऑयल जैसी वस्तुएँ वनों की कटाई वाली भूमि से नहीं हैं, जिसे भारत गैर-टैरिफ बाधा के रूप में देखता है।
  • अनुपालन का बोझ: यह सिद्ध करना कि सामान वनों की कटाई से मुक्त है, अतिरिक्त प्रशासनिक एवं परिचालन बोझ डालता है, विशेष रूप से SMEs पर।
  • वैश्विक नीति प्रतिकृति: इससे वैश्विक प्रमाणन योजनाएँ आदर्श बन सकती हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों पर और अधिक दबाव पड़ेगा।
  • धीमी FTA वार्ता: चल रही भारत-ईयू FTA वार्ता में EUDR विवादास्पद मुद्दा बन गया है।

रबड़ बोर्ड

  • रबड़ बोर्ड देश में रबड़ उद्योग के समग्र विकास के लिये रबड़ अधिनियम, 1947 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
  • यह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
  • बोर्ड का मुख्यालय कोट्टायम, केरल में स्थित है।
  • रबड़ अनुसंधान संस्थान रबड़ बोर्ड के अधीन काम करता है।

रबड़ के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • रबड़ के बारे में: रबड़ एक लोचदार पदार्थ है जो कुछ पौधों की प्रजातियों, मुख्य रूप से रबड़ के वृक्ष(Hevea brasiliensis) के लेटेक्स या दूधिया रस से प्राप्त होता है।
  • उत्पादन: भारत विश्व में प्राकृतिक रबड़ का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक, चौथा सबसे बड़ा उपभोक्ता तथा प्राकृतिक रबड़ एवं सिंथेटिक रबड़ दोनों का पांचवाँ सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
    • केरल भारत में सबसे बड़ा रबड़ उत्पादक है (90% से अधिक), इसके बाद त्रिपुरा (लगभग 9%) का स्थान है। 
    • अन्य प्रमुख राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कर्नाटक, असम, तमिलनाडु, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, गोवा तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। 
  • आवश्यक जलवायु परिस्थितियाँ: इसके लिये 20°-35°C के बीच तापमान तथा वार्षिक 200 सेमी. से अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
    • यह दोमट या लैटेराइट मृदा, ढलान वाली या उच्च भूमि में उगता है, जिसकी खेती के लिये सस्ते एवं कुशल श्रम की आवश्यकता होती है।
  • व्यापार परिदृश्य: 2022-23 में भारत ने 3,700 टन प्राकृतिक रबड़ (NR) का निर्यात किया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, UAE, यू.के. और बांग्लादेश सबसे बड़े बाज़ार थे।
    • वर्ष 2022-23 में भारत ने 5,28,677 टन प्राकृतिक गैस का आयात किया, मुख्य रूप से इंडोनेशिया, थाईलैंड, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान से।

राष्ट्रीय रबड़ नीति (NRP) 2019 क्या है?

  • परिचय: यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा रबड़ के उत्पादन, प्रसंस्करण, खपत तथा निर्यात को समर्थन देने हेतु एक नीतिगत पहल है। 
  • उद्देश्य: 
    • मूल्य शृंखला विकास: खेती से लेकर विनिर्माण तक संपूर्ण रबड़ उद्योग मूल्य शृंखला का विकास करना।
    • रबड़ क्षेत्र का विस्तार : पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुँचाए बिना गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में प्राकृतिक रबड़ बागानों में वृद्धि करना।
    • उत्पादकता वृद्धि: बेहतर कृषि प्रबंधन प्रथाओं के माध्यम से रबड़ उत्पादकता में सुधार।
    • घरेलू कच्चे माल की आपूर्ति: यह सुनिश्चित करना कि घरेलू उत्पादन कच्चे माल की मांग को पूरा करे।
    • गुणवत्ता मानक: यह सुनिश्चित करना कि संसाधित NR अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है।
    • रबड़ उत्पाद विनिर्माण: रबड़ विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाना तथा निर्यात को बढ़ावा देना।
  • नीतिगत हस्तक्षेप: 
    • राष्ट्रीय रबड़ का दर्जा: आय वृद्धि के लिये मौजूदा नीतियों का लाभ उठाने हेतु NR को कृषि उत्पाद के रूप में मान्यता देना।
    • उत्पादन लक्ष्य: वर्ष 2030 तक 2 मिलियन टन प्राकृतिक गैस उत्पादन प्राप्त करना तथा रोपण क्षेत्रों का विस्तार करना।
    • मूल्य शृंखला समन्वयन: घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक संसाधन उत्पादन, प्रसंस्करण तथा उत्पाद विनिर्माण में गतिविधियों को संरेखित करना।

भारत में रबड़ उत्पादन में वृद्धि हेतु कौन-से उपाय किये जा सकते हैं?

  • फसल विविधीकरण: विशेष रूप से अनुकूल जलवायु परिस्थितियों वाले पूर्वोत्तर राज्यों में मिश्रित कृषि प्रणालियों में रबड़ को अन्य फसलों के साथ एकीकृत करके किसानों को अपनी भूमि के उपयोग में विविधता लाने हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • वैज्ञानिक खेती: उच्च उपज देने वाली किस्मों तथा उन्नत रोपण तकनीकों (जैसे उच्च घनत्व रोपण) को बढ़ावा देने से प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
  • अनुसंधान: अधिक रोग प्रतिरोधी, जलवायु अनुकूल तथा उच्च उपज देने वाली रबड़ किस्मों को विकसित करने के लिये अनुसंधान एवं विकास में किये जाने वाले निवेश में वृद्धि उत्पादन सुधार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • कुशल टैपिंग: रबड़ टैपिंग करने वालों को कुशल तरीकों, जैसे पार्श्व टैपिंग और उचित कोण, का प्रशिक्षण देकर लेटेक्स की मात्रा एवं गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
  • बाजार पहुँच: भारतीय रबड़ तथा रबड़ आधारित उत्पादों (जैसे- रबड़ आधारित टायर और औद्योगिक वस्तुओं) के लिये वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच का विस्तार कर किसानों को अधिक रबड़ उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है।

निष्कर्ष

भारत राष्ट्रीय रबड़ नीति 2019 के अनुरूप iSNR, INR Konnect और mRube प्लेटफॉर्म जैसी अभिनव पहलों के माध्यम से अपने रबड़ उद्योग को आगे बढ़ा रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य घरेलू उत्पादन में वृद्धि करना, धारणीयता में वृद्धि करना तथा EUDR के अनुपालन एवं बाज़ार पहुँच के विस्तार जैसी चुनौतियों से निपटते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करना है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: भारत के रबड़ उद्योग को सशक्त बनाने में राष्ट्रीय रबड़ नीति 2019 की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा एक पादप-समूह ‘नवीन विश्व (न्यू वर्ल्ड)’ में कृषि-योग्य बनाया गया तथा इसका ‘प्राचीन विश्व (ओल्ड वर्ल्ड)’ में प्रचलन शुरू किया गया? (2019)

(a) तंबाकू, कोको और रबड़
(b) तंबाकू, कपास और रबड़
(c) कपास, कॉफी और गन्ना
(d) रबड़, कॉफी और गेहूँ

उत्तर: (a) 


प्रश्न. सूची-I को सूची-II से सुमेलित करें और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए: (2008)

सूची-I         -  सूची-II

(बोर्ड)         -  (मुख्यालय)

  1. कॉफी बोर्ड  -    1. बंगलूरू 
  2. रबड़ बोर्ड   -     2. गुंटूर
  3. चाय बोर्ड    -    3. कोट्टायम
  4. तंबाकू बोर्ड  -    4. कोलकाता

कूट:

    A B C D

(a) 2 4 3 1
(b) 1 3 4 2
(c) 2 3 4 1
(d) 1 4 3 2

उत्तर: (b)


मेन्स

प्रश्न: अंग्रेज किस कारण भारत से करारबद्ध श्रमिक अन्य उपनिवेशों में ले गए थे? क्या वे वहाँ पर अपनी सांस्कृतिक पहचान को परिरक्षित करने में सफल रहे हैं? (2018)

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