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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 29 Jun, 2023
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

सरकारी ई-मार्केटप्लेस

नई दिल्ली में आयोजित 'क्रेता-विक्रेता गौरव सम्मान समारोह 2023' कार्यक्रम के दौरान पिछले तीन वर्षों में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) से खरीद में हुई उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला गया। 

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM):

  • परिचय: 
    • GeM विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा सामान्य उपयोग की आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है। 
      • यह पहल भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा अगस्त 2016 में शुरू की गई थी।
      • 26 जनवरी, 2018 को GeM का वर्तमान संस्करण GeM 3.0 लॉन्च किया गया था।
    • यह सरकारी उपयोगकर्त्ताओं को सुविधा प्रदान करने तथा पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करने के लिये ई-बोली, रिवर्स ई-नीलामी और मांग समुच्चय जैसे उपकरण प्रदान करता है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता एवं गतिशीलता को बढ़ाना है।

नोट: सार्वजनिक खरीद से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा सरकारें तथा राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम निजी क्षेत्र से वस्तुओं एवं सेवाओं को खरीदते या प्राप्त करते हैं।

सार्वजनिक खरीद भारत की GDP का 15-20% है तथा इसलिये कुशलतापूर्वक चलने वाली सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

  • GeM सांख्यिकी: 
    • 31 मार्च, 2023 तक GeM ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सकल व्यापारिक मूल्य (ग्राहक-से-ग्राहक या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेची गई वस्तुओं का मूल्य) 2 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया, जो अपनी स्थापना के बाद से 4.29 लाख करोड़ रुपए से अधिक के संचयी सकल व्यापारिक मूल्य में योगदान देता है। 
    • GeM पर लेन-देन की कुल संख्या भी 1.54 करोड़ से अधिक हो गई है।
    • अध्ययन से संकेत मिलता है कि इस प्लेटफाॅर्म ने लगभग 10% की न्यूनतम बचत की है, जो लगभग 40,000 करोड़ रुपए की सार्वजनिक धनराशि के बराबर है।
  • महत्त्व: 
    • GeM विक्रेता पंजीकरण, ऑर्डर प्लेसमेंट और भुगतान प्रसंस्करण में मानव इंटरफ़ेस को समाप्त करता है, जिससे काम में देरी और भ्रष्टाचार की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है।
    • यह अपने प्लेटफ़ॉर्म पर सभी लेनदेन की पूर्ण दृश्यता प्रदान करता है और साथ ही सभी विक्रेताओं के लिये उचित तथा समान अवसर सुनिश्चित करता है।
    • यह कीमत की तुलना और प्रतिस्पर्द्धी तथा गुणवत्ता वाले उत्पादों के चयन को सक्षम बनाता है।
    • यह अपने सभी सूचीबद्ध उत्पादों और सेवाओं के लिये मानकों और विशिष्टताओं का अनुपालन सुनिश्चित करता है और एक उपयोगकर्त्ता अनुकूल ऑनलाइन फीडबैक प्रणाली भी प्रदान करता है।
    • यह स्टार्टअप, MSME, महिला उद्यमियों और कारीगरों को अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के अवसर प्रदान करके नवाचार को बढ़ावा देता है।
  • GeM से संबंधित प्रमुख विकास: 
    • GeM आउटलेट स्टोर: GeM ने विभिन्न श्रेणियों जैसे- SARAS, आजीविका, ट्राइब्स इंडिया, स्टार्टअप रनवे, खादी इंडिया, इंडिया हैंडलूम, इंडिया हैंडीक्राफ्ट, दिव्यांगजन आदि के लिये आउटलेट स्टोर प्रारंभ किये हैं।
    • GeM-CII समझौता ज्ञापन: GeM ने GeM-CII उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करने के लिये भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं, जो GeM को प्रशिक्षण, अनुसंधान में भी सहायता प्रदान करेगा।
    • GeM, CSC और भारतीय डाक (India Post): भारत की डाक प्रणाली इंडिया पोस्ट और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का GeM के साथ एकीकरण का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। 
      • इसकी सहायता से भारतीय डाक देश के सबसे दूरदराज़ के क्षेत्रों में GeM के माध्यम से विक्रेताओं और खरीदारों को लॉजिस्टिक्स सेवाएँ प्रदान कर सकता है।
    • बंबू मार्केट विंडो: राष्ट्रीय बाँस मिशन और GeM ने बाँस से बने सामान के विपणन के लिये GeM पोर्टल पर एक समर्पित विंडो बनाई है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

बाल्ड ईगल

अमेरिकी बाल्ड ईगल (वर्ष 1782 से अमेरिका का राष्ट्रीय पक्षी) को वर्ष 2007 में लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची से हटा दिया गया था। तब से इनकी आबादी लगातार बढ़ रही है जिसे संरक्षण के इतिहास में सबसे बड़ी सफलता की कहानियों में से एक माना जाता है।

  • यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस की वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि वर्ष 2009 के बाद से वनों में बाल्ड ईगल की संख्या चार गुना हो गई है।

बाल्ड ईगल के संबंध में मुख्य बिंदु:

  • परिचय:  
    • बाल्ड ईगल का वैज्ञानिक नाम हैलियाएटस ल्यूकोसेफालस (Haliaeetus leucocephalus) है।
  • प्राकृतिक आवास: 
    • बाल्ड ईगल की प्राकृतिक सीमा उत्तरी अमेरिका के अधिकांश भाग को कवर करती है, जिसमें अधिकांश कनाडा, संपूर्ण महाद्वीपीय अमेरिका तथा उत्तरी मैक्सिको शामिल हैं।
    • यह उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाला एकमात्र समुद्री ईगल है।
  • विशेषताएँ: 
    • बाल्ड ईगल का औसत जीवन काल 20 से 30 वर्ष होता है।
    • बाल्ड ईगल ऊँचे पेड़ों के शीर्ष पर अपना घोंसला बनाते हैं ताकि अंडे सुरक्षित रहें।
    • मादा बाल्ड ईगल नर की तुलना में थोड़ी बड़ी होती है।
  • भोजन पद्धति: 
    • जीवित मछलियों के अतिरिक्त बाल्ड ईगल अन्य पक्षियों, छोटे स्तनधारियों, साँपों, कछुओं के साथ केकड़ों का भी शिकार करते हैं, साथ ही वे आसानी से सड़ा हुआ मांस (मृत जानवरों का सड़ा मांस) खाते हैं।
  • सुरक्षा की स्थिति:  

नोट: वर्ष1972 में अमेरिका द्वारा डाइक्लोरो-डिफेनिल-ट्राइक्लोरोइथेन (DDT) पर प्रतिबंध बाल्ड ईगल और अन्य वन्यजीव प्रजातियों को इस कीटनाशक के हानिकारक प्रभावों से बचाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम था।

  • DDT कृषि में उपयोग किया जाने वाला एक कीटनाशक है। अमेरिका से बाहर के कुछ देश अभी भी मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को नियंत्रित करने के लिये DDT का उपयोग करते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 जून, 2023

RBI का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में और गिरावट का अनुमान 

जून 2023 के लिये अपनी हालिया वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिये देश की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (GNPA) में और कमी का अनुमान लगाया है। मार्च 2023 में GNPA 10 वर्ष के निचले स्तर 3.9% पर पहुँच गया है लेकिन अनुमान है कि मार्च 2024 तक यह घटकर 3.6% हो जाएगा। बैंक ऋण में लगातार वृद्धि और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के निम्न स्तर के साथ इस रिपोर्ट में बैंकिंग एवं व्यावसायिक क्षेत्रों की बैलेंस शीट को मज़बूत करने पर भी ज़ोर दिया गया है। FSR देश के वित्तीय क्षेत्र की समग्र स्थिरता और स्थिति का आकलन करता है। NPA से तात्पर्य उन ऋणों और अग्रिमों से है जिसमें आमतौर पर उधार लेने वाले के डिफॉल्ट होने अथवा गैर-भुगतान के कारण ऋणदाता के लिये आय उत्पन्न होना बंद हो जाता है। GNPA वित्तीय संस्थान से प्रदान किये गए उन कुल ऋणों का योग है जो ऋण लेने वाले व्यक्तियों द्वारा डिफॉल्ट किये जा चुके हैं।

LRS के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड खर्च में टीसीएस की कमी

भारत सरकार ने उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) के अंतर्गत भारत के बाहर अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड खर्च को शामिल करने के अपने पूर्व निर्णय को वापस लेते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अब ऐसे लेन-देन पर स्रोत पर एकत्रित कर/TCS नहीं लगेगा। सरकार ने उच्च प्रस्तावित स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) दरों को लागू करने की समय-सीमा भी बढ़ा दी है, इसे 1 जुलाई से बढ़ाकर 1 अक्तूबर, 2023 कर दिया है। सभी उदारीकृत प्रेषण योजना भुगतानों पर TCS के लिये प्रति व्यक्ति प्रति वित्तीय वर्ष 7 लाख रुपए की सीमा अब भी लागू होगी, जिसका अर्थ है कि 7 लाख रुपए तक के प्रेषण पर कोई TCS नहीं लगेगा। इस सीमा से परे प्रेषण के उद्देश्य के आधार पर TCS की अलग-अलग दरें निर्धारित जाएंगी। TCS एक विक्रेता द्वारा देय कर है, जिसे वह कुछ वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री के समय खरीदार से एकत्रित करता है। TCS आयकर अधिनियम की धारा 206सी द्वारा शासित है, जो उन वस्तुओं या सेवाओं को निर्दिष्ट करता है जिन पर TCS लागू है और इसकी दर भी निर्दिष्ट हैं।

और पढ़ें… LRS के तहत भारत के बाहर अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड व्यय

एच-1बी वीज़ा धारकों के लिये कनाडा की ओपन वर्क परमिट स्ट्रीम 

कनाडा एक योजना के अंतर्गत “खुली वर्क-परमिट स्ट्रीम बना रहा है, जिसके फलस्वरूप 10,000 अमेरिकी एच-1बी वीज़ा धारकों को कनाडा में कार्य करने की अनुमति मिलेगी। एच-1बी वीज़ा एक गैर-अप्रवासी वीज़ा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष विशेषज्ञता वाले विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने में सक्षम बनाता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत आवेदकों को तीन वर्ष तक के खुले वर्क-परमिट प्राप्त होंगे, जिससे उन्हें कनाडा में किसी भी नियोक्ता के लिये कार्य करने की सुविधा मिलेगी। इस कदम से बड़ी संख्या में भारतीय तकनीकी पेशेवरों को लाभ होने की उम्मीद है जो हाल ही में प्रमुख अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में हुई छँटनी से प्रभावित हुए हैं। 

और पढ़ें…एच-1बी वीज़ा , प्रौद्योगिकीय क्षेत्र में छँटनी

भारत का ‘5G एंड बियॉन्ड हैकथॉन 2023’ 

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने '5G एंड बियॉन्ड हैकथॉन 2023' की घोषणा की है। इस हैकथॉन का प्राथमिक उद्देश्य भारत-केंद्रित अत्याधुनिक विचारों की संक्षिप्त सूची बनाना है, जिन्हें कार्य योग्य ‘5जी एंड बियॉन्ड‘ उत्पादों और समाधानों में परिवर्तित किया जा सकता है। यह पूरे भारत में नागरिकों, छात्रों, स्टार्ट-अप एवं शैक्षणिक संस्थानों के लिये खुला है। 5G जिसका संक्षिप्त रूप "पाँचवीं पीढ़ी" है, एक वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी की नवीनतम पीढ़ी को संदर्भित करती है। 5G मुख्य रूप से 3 बैंड में काम करता है अर्थात् निम्न, मध्य और उच्च आवृत्ति स्पेक्ट्रम। इसे 4G (LTE) जैसे अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में तीव्र डेटा गति, कम विलंबता, अत्यधिक नेटवर्क क्षमता और बेहतर विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

और पढ़ें… 5G


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