प्रिलिम्स फैक्ट्स (28 Nov, 2023)



वॉकिंग निमोनिया

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में वॉकिंग निमोनिया नामक एक रहस्यमय इन्फ्लूएंज़ा जैसी बीमारी ने चीन में स्कूली बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है।

  • इस प्रकोप का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह माइकोप्लाज़्मा निमोनिया से जुड़ा हो सकता है, जो एक सामान्य जीवाणु संक्रमण है जिसे 'वॉकिंग निमोनिया' के रूप में जाना जाता है।
  • चीनी अधिकारियों का दावा है कि इसमें माइकोप्लाज़्मा निमोनिया, एडेनोवायरस और इन्फ्लूएंज़ा वायरस जैसे रोगजनक शामिल हैं, जो गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome- SARS) कोरोनोवायरस जैसे नए रोगजनकों को खारिज़ करते हैं।

वॉकिंग निमोनिया क्या है?

  • परिचय:
    • वॉकिंग निमोनिया, जिसे एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है, माइकोप्लाज़्मा निमोनिया जैसे बैक्टीरिया के कारण होने वाले निमोनिया का एक हल्का रूप है।
    • इसे "वॉकिंग" निमोनिया कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर इतने हल्के होते हैं कि व्यक्ति बिस्तर पर आराम या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के बिना अपनी दैनिक गतिविधियों को जारी रख सकते हैं।
    • यह स्थिति बच्चों में अधिक प्रचलित है, विशेष रूप से 5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों में, जो स्कूल में एक-दूसरे के निकट संपर्क में रहते हैं, जिनसे आसानी से इस रोग का संक्रमण उनके परिवार के सदस्यों में हो सकता है।
  • संक्रमण:
    • इसका संचरण खाँसने, छींकने या बात करने के दौरान उत्सर्जित वायुजनित बूँदों के माध्यम से होता है, जो निकट संपर्क के चलते संक्रमण फैलने का एक महत्त्वपूर्ण कारक बन जाता है।
  • लक्षण:
    • इसके मुख्य लक्षणों में लगातार खाँसी, बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, नाक बहना, कान में दर्द और कभी-कभी खाँसी के कारण सीने में तकलीफ शामिल है।
  • उपचार:
    • उपचार में आमतौर पर संक्रमण उत्पन्न करने वाले विशिष्ट बैक्टीरिया को लक्षित करने के लिये एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है।

निमोनिया से संबंधित पहलें क्या हैं?

  • भारत:
    • निमोनिया से सफलतापूर्वक रोकने के लिये सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई (SAANS): इसका उद्देश्य निमोनिया (जो सालाना 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में लगभग 15% का योगदान देता है) से होने वाले बाल मृत्यु दर को कम करना है।
      • सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों को प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर तीन से कम करने का लक्ष्य हासिल करना है।
    • वर्ष 2014 में भारत ने डायरिया तथा निमोनिया से संबंधित पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मौत की रोकथाम की दिशा में सहयोगात्मक प्रयास करने हेतु 'निमोनिया तथा डायरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिये एकीकृत कार्य योजना (Integrated Action Plan for Prevention and Control of Pneumonia and Diarrhoea- IAPPD)' शुरू की।
  • वैश्विक पहल:

भारत 2024 में अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन की अध्यक्षता करेगा

स्रोत: पी.आई.बी. 

अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (ISO) की 63वीं परिषद की बैठक में हाल ही में की गई घोषणा भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। इस संगठन का मुख्यालय लंदन में स्थित है।

  • भारत वर्ष 2024 में संगठन की अध्यक्षता करने के लिये तैयार है, जो चीनी उद्योग के क्षेत्र में देश की वैश्विक प्रमुखता में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ होगा।

अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (International Sugar Organization) वैश्विक चीनी बाज़ार को बढ़ाने के लिये समर्पित एक महत्त्वपूर्ण अंतर-सरकारी निकाय के रूप में कार्य करता है। इसमें शामिल सदस्य देशों का योगदान:
    • विश्व चीनी उत्पादन का 87%
    • विश्व की 64% चीनी खपत
  • लगभग 88 देशों की सदस्यता के साथ भारत भी उनमें से एक है, इस संगठन में विभिन्न देश शामिल हैं।
  • ISA अंतर्राष्ट्रीय चीनी समझौता (ISA), 1992 का प्रबंधन करता है जिसका लक्ष्य है:
    • चीनी से संबंधित मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
    • वैश्विक चीनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये अंतर-सरकारी चर्चा को सुविधाजनक बनाना।
    • बाज़ार की जानकारी एकत्र करना और प्रसारित करना।
    • चीनी के विस्तारित उपयोग, विशेष रूप से गैर-पारंपरिक अनुप्रयोगों में, को प्रोत्साहित करना।

भारत में चीनी उद्योग की स्थिति क्या है?

  • परिचय: 
    • भारत विश्व स्तर पर चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता तथा दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। वैश्विक चीनी खपत में 15% की पर्याप्त हिस्सेदारी एवं 20% की सशक्त उत्पादन दर के साथ भारत की रणनीतियाँ अंतर्राष्ट्रीय चीनी बाज़ार पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं।
    • चीनी के मामले में भारत पूर्वी गोलार्द्ध के बाज़ार में अग्रणी है, जो पश्चिमी गोलार्द्ध में ब्राज़ील के गढ़ का पूरक है।
  • चीनी उद्योग की वृद्धि के लिये भौगोलिक परिस्थितियाँ:
    • तापमान: ऊष्ण और आर्द्र जलवायु के साथ 21-27°C के बीच
    • वर्षा: लगभग 75-100 सेमी.
    • मृदा का प्रकार: गहरी समृद्ध दोमट मृदा 
  • वितरण: चीनी उद्योग मुख्य रूप से दो प्राथमिक उत्पादन क्षेत्रों में स्थित है: उत्तरी बेल्ट में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और बिहार शामिल हैं तथा दक्षिणी बेल्ट में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
    • दक्षिणी क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय जलवायु से लाभ होता है, जो फसलों में उच्च सुक्रोज़ सामग्री के लिये अनुकूल है, जिसके परिणामस्वरूप उत्तरी भारत की तुलना में प्रति इकाई क्षेत्र में उपज में वृद्धि होती है।
  • भारत सरकार की पहल:
    • उचित और लाभकारी मूल्य (FRP): सरकार ने वर्ष 2023-2024 चीनी सीज़न के लिये FRP 315 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
      • FRP वह न्यूनतम मूल्य है जो चीनी मिलों को गन्ना किसानों को भुगतान करना होता है। इसकी घोषणा केंद्र द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है।
        • सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर FRP तय करती है।
      • FRP प्रणाली के तहत किसानों को गन्ने के लिये दी जाने वाली कीमत चीनी मिलों द्वारा उत्पन्न मुनाफे से जुड़ी नहीं है।
    • इथेनॉल सम्मिश्रण पेट्रोल कार्यक्रम:
      • इथेनॉल एक कृषि उप-उत्पाद है जो मुख्य रूप से चीनी के लिये गन्ने के प्रसंस्करण से प्राप्त होता है और इसे चावल की भूसी या मक्का जैसे वैकल्पिक स्रोतों से भी प्राप्त किया जा सकता है।
        • जब वाहन संचालन में जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिये इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है, तो इसे इथेनॉल मिश्रण कहा जाता है।
      • भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का लक्ष्य हासिल करना है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत की जैव ईंधन की राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जैव ईंधन के उत्पादन के लिये निम्नलिखित में से किनका उपयोग कच्चे माल के रूप में हो सकता है? (2020)

  1. कसावा 
  2. क्षतिग्रस्त गेहूँ के दाने
  3. मूँगफली के बीज 
  4. कुलथी (Horse Gram) 
  5. सड़ा आलू
  6. चुकंदर 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 5 और 6
(b) केवल 1, 3, 4 और 6
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6

उत्तर: (a)


प्रश्न. चार ऊर्जा फसलों के नाम नीचे दिये गए हैं। उनमें से किसकी खेती इथेनॉल के लिये की जा सकती है? (2010)

 (A) जेट्रोफा
 (B) मक्का
 (C) पोंगामिया
 (D) सूरजमुखी

 उत्तर: (B)


अयोग्य कोशिकाओं को खत्म करने में HERVH की भूमिका

स्रोत: द हिंदू

शोधकर्त्ताओं ने प्रारंभिक भ्रूण के आंतरिक कोशिका द्रव्यमान के भीतर पहले से ध्यान न दिये गए सेलुलर तंत्र को उजागर किया है, जो एक ऐसे तंत्र पर प्रकाश डालता है जो जन्म से पहले अयोग्य कोशिकाओं को समाप्त कर देता है।

  • इस खोज के मूल में जीन ह्यूमन एंडोजेनस रेट्रोवायरस सबफैमिली एच (HERVH) है, जो भ्रूण के विकास में कोशिकाओं के भाग्य का निर्धारण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आंतरिक कोशिका द्रव्यमान में क्या होता है?

  • आंतरिक कोशिका द्रव्यमान:
    • भ्रूण के विकास के शुरुआती चरणों में कोशिकाएँ स्वयं को एक महत्त्वपूर्ण संरचना में व्यवस्थित करती हैं जिसे आंतरिक कोशिका द्रव्यमान कहा जाता है।
      • इस द्रव्यमान में प्लुरिपोटेंट कोशिकाएँ होती हैं, जो मानव शरीर में किसी भी प्रकार की कोशिका बनाने में सक्षम होती हैं।
  •  HERVH: 
    • वर्ष 2016 में, शोधकर्त्ताओं ने प्रारंभिक मानव भ्रूण से जीन अभिव्यक्ति डेटा का विश्लेषण करते समय एक आश्चर्यजनक खोज की।
    • अनुसंधान ने आंतरिक कोशिका द्रव्यमान के भीतर गैर-प्रतिबद्ध कोशिकाओं (वे भ्रूण के बाद के चरणों का हिस्सा नहीं बने) के एक समूह की पहचान की, जो शीघ्र उन्मूलन की स्थिति से गुज़रते हैं।
      • अधिकांश आंतरिक कोशिका द्रव्यमान कोशिकाएँ HERVH को व्यक्त करती हैं, जो प्लुरिपोटेंसी बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण जीन है।
      • हालाँकि उन्मूलन के लिये नियत गैर-प्रतिबद्ध कोशिकाएँ HERVH को व्यक्त नहीं करती हैं।
  • कोशिका में HERVH की भूमिका:
    • गैर-प्रतिबद्ध कोशिकाओं में HERVH की अनुपस्थिति से "जंपिंग जीन" या ट्रांसपॉज़ान [डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) के खतरनाक छोटे टुकड़े] के साथ एक चौंकाने वाला संबंध सामने आया जो खुद को जीनोम के विभिन्न हिस्सों में स्थापित कर सकता है, इसे नुकसान पहुँचा सकता है तथा कोशिका मृत्यु का कारण बन सकता है।
      • HERVH कोशिकाओं को ट्रांसपॉज़ान से बचाता है, DNA क्षति को रोकता है तथा विकासशील भ्रूण बनाने के लिये प्रतिबद्ध कोशिकाओं के अस्तित्व को सुनिश्चित करता है।
  • जीवन और मृत्यु:
    • HERVH-अभिव्यक्त करने वाली कोशिकाएँ जीवित रहती हैं, जिससे भ्रूण बनता है, जबकि गैर-प्रतिबद्ध कोशिकाएँ कोशिका मृत्यु के माध्यम से नष्ट हो जाती हैं।
  • बीजांडासन  
    • बीजांडासन की शेष कोशिकाएँ भी ट्रांसपॉज़ान गतिविधि प्रदर्शित करती हैं, हालाँकि वे HERVH की अभिव्यक्ति नहीं करती हैं।
      • इसके बावजूद ये कोशिकाएँ ट्रांसपॉज़ान के प्रति बढ़ी हुई प्रतिरोधक क्षमता प्रदर्शित करती हैं, जिससे कोशिकाओं को नष्ट होने से रोका जा सकता है।
    • जन्म के बाद अन्य भ्रूण कोशिकाओं के विपरीत बीजांडासन समाप्त हो जाता है।
  • चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों के लिये महत्त्व:
    • प्लुरिपोटेंसी में HERVH की भूमिका पुनर्योजी चिकित्सा के लिये निहितार्थ है, जो स्टेम सेल अनुसंधान के लिये संभावित रास्ते पेश करती है।
    • शोधकर्त्ता का अनुमान है कि प्रारंभिक भ्रूण में ट्रांसपॉज़ान गतिविधि को कम करने से फिटनेस प्रभावित हो सकती है, जिससे बाँझपन उपचार तथा इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन तकनीक प्रभावित हो सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. विज्ञान में हुए अभिनव विकासों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही नहीं है? (2019)  

(a) विभिन्न जातियों की कोशिकाओं से लिये गए DNA के खंडों को जोड़कर प्रकार्यात्मक गुणसूत्र रचे जा सकते हैं।
(b)  प्रयोगशालाओं में कृत्रिम प्रकार्यात्मक DNA के हिस्से रचे जा सकते हैं।
(c) किसी जंतु कोशिका से निकाले गए DNA के किसी हिस्से को जीवित कोशिका से बाहर प्रयोगशाला में प्रतिकृत कराया जा सकता है।
(d) पादपों और जंतुओं से निकाली गई कोशिकाओं में प्रयोगशाला की पेट्री डिश में कोशिका विभाजन कराया जा सकता है।

उत्तर: (a) 

  • वर्ष 2017 में अमेरिकी शोधकर्त्ता ई. कोली बैक्टीरिया के नए अर्द्ध -सिंथेटिक स्ट्रेन को विकसित करने में सफल रहे, जो एक जीवित जीव है, यह प्राकृतिक और कृत्रिम DNA दोनों को शामिल करता है तथा पूरी तरह से नए सिंथेटिक प्रोटीन बनाने में सक्षम है।
  • शुद्ध प्रोटीन युक्त इन-विट्रो DNA प्रतिकृति प्रणाली में विभिन्न प्रकार के डबल स्ट्रैंडेड DNA टेम्पलेट्स को बड़े पैमाने पर दोहराया जाता है।
  • सूक्ष्म प्रसार के माध्यम से पौधों को प्रयोगशाला में विकसित किया जा सकता है, उदाहरण के लिये क्लैमाइडोम्नास कोशिकाओं को प्रकाश विविधता के माध्यम से दोहराया जा सकता है। अतः विकल्प (A) सही उत्तर है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 नवंबर, 2023

दाब से शक्ति: पीज़ोइलेक्ट्रिसिटी की समझ

पीज़ोइलेक्ट्रिसिटी एक अनूठी प्रक्रिया है जिसमें कुछ पदार्थ, जैसे- क्वार्ट्ज़ और लेड जिरकोनेट टाइटेनेट (PZT), तनाव या दाब की प्रतिक्रिया में विद्युत आवेश उत्पन्न करते हैं। यह प्रभाव तब उत्पन्न होता है जब सामग्री एक बल के अधीन होती है जिसके कारण इसके अणु ध्रुवीकृत हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि सामग्री के भीतर धनात्मक और ऋणात्मक आवेश एक-दूसरे से पृथक हो जाते हैं।

  • ऐसा इसलिये होता है क्योंकि दबाव डालने पर इन सामग्रियों के परमाणु असमान रूप से आवेशित हो जाते हैं, जिससे मंद विद्युत प्रवाह उत्पन्न होता है।
    • कुछ सामग्रियाँ विद्युत धाराओं को भौतिक गति में भी बदल सकती हैं। इन सामग्रियों का व्यापक रूप से सेंसर और एक्सेलेरोमीटर जैसे उपकरणों में उपयोग किया जाता है क्योंकि वे यांत्रिक संकेतों को विद्युत संकेतों में बदलने में विशिष्ट होते हैं।
    • इस प्रभाव ने क्वार्ट्ज़ घड़ियों को इतना लोकप्रिय और किफायती बना दिया है कि वे काम करने के लिये इस तकनीक का उपयोग करते हैं।
  • "पीज़ोइलेक्ट्रिक" नाम ग्रीक शब्दों से आया है जिसका अर्थ है 'निचोड़ना' और एम्बर (तृणमणि- एक प्रकार की क्रिस्टल) का स्थैतिक बिजली से संबंध। 

और पढ़ें: पीज़ोइलेक्ट्रिक प्रभाव 

26/11 की घटना के 15 वर्ष 

  • भारत ने 15 वर्ष पहले 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में जान गँवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के थे।
  • भारतीय सेना के प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (National Security Guard- NSG) के सदस्य मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने ताज पैलेस होटल में वीरतापूर्वक प्रयासों का नेतृत्व किया और भीषण गोलीबारी के बीच 50 से अधिक बंधकों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।   
    • उन्होंने आतंकवादियों के हमले से असंख्य लोगों की रक्षा करते हुए अपनी जान गँवाकर सर्वोच्च बलिदान दिया।
  • ASI तुकाराम ओंबले ने कर्त्तव्य का असाधारण प्रदर्शन कर 40 से अधिक गोलियों के घावों के बावजूद लश्कर आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ लिया, जिससे पाकिस्तान की आतंकी योजना के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी सामने आई।
  • भारत के मुंबई में 26/11 के हमले के बाद भारत में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (National Investigation Agency- NIA) की स्थापना की गई थी।

और पढ़ें: सीमा पार आतंकवाद

बुकर पुरस्कार- 2023

आयरिश लेखक पॉल लिंच ने अपने उपन्यास 'प्रोफेट सॉन्ग' के लिये बुकर पुरस्कार- 2023 जीता।

  • बुकर पुरस्कार अंग्रेज़ी भाषी विश्व का अग्रणी साहित्यिक पुरस्कार है।   
  • प्रत्येक वर्ष न्यायाधीशों की राय में अंग्रेज़ी में लिखी गई और यूनाइटेड किंगडम व आयरलैंड में प्रकाशित उपन्यास की सर्वश्रेष्ठ कृति को यह पुरस्कार दिया जाता है।
  • विजेता को 50,000 ग्रेट ब्रिटिश पाउंड (GBP) के साथ-साथ छह शॉर्टलिस्ट किये गए लेखकों में से प्रत्येक को 2,500 ग्रेट ब्रिटिश पाउंड दिये जाते हैं।

और पढ़ें…'टॉम्ब ऑफ सैंड' ने जीता अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

म्यूचुअल फंड के लिये इनसाइडर ट्रेडिंग मानदंड लागू करने में देरी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा म्यूचुअल फंड को इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत लाए जाने के एक वर्ष बाद परिचालन चुनौतियों के साथ ही प्रवर्तन में देरी जारी है, जो प्रमुख मानदंडों के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहा है।

  • इनसाइडर ट्रेडिंग संवेदनशील जानकारी के आधार पर किसी कंपनी के स्टॉक या अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने का कार्य है जो उनके मूल्य को प्रभावित कर सकता है
    • यह जानकारी सार्वजनिक नहीं होती है जिसके परिणामस्वरूप इसका उपयोग करने वाले लोगों को अनुचित लाभ मिलता है।
    • इनसाइडर ट्रेडिंग विधि-विरुद्ध है लेकिन अगर कोई इनसाइडर अपनी हिस्सेदारी का ट्रेड करता है तथा इसकी ठीक से रिपोर्ट करता है, तो यह इनसाइडर ट्रांज़ेक्शन कहलाता है, जो विधिमान्य है।
  • कानून के अनुसार, इनसाइडर लोगों को अपने व्यापार की जानकारी अधिकारियों को देनी होगी तथा इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिये कुछ नियमों का पालन करना होगा।

और पढ़ें…इनसाइडर ट्रेडिंग पर नियंत्रण