प्रारंभिक परीक्षा
लीवर से जुड़ी रहस्यमयी बीमारी
हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन के साथ-साथ स्पेन, डेनमार्क और नीदरलैंड में लीवर से संबंधित एक रहस्यमयी बीमारी के कुछ मामले सामने आए हैं।
क्या है यह रहस्यमयी बीमारी?
- परिचय:
- 1 से 6 साल की उम्र के बच्चे इस बीमारी के शिकार हुए हैं।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बीमारी आमतौर पर सर्दी-जुकाम से जुड़े विषाणु के कारण हो सकती है।
- अभी तक यह बीमारी बहुत गंभीर बताई जा रही है। हालाँकि इससे अब तक किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है, लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन में छह बच्चों का लीवर ट्रांसप्लांट करना पड़ा है।
- लक्षण:
- इसके लक्षण सामान्य यकृत रोग जैसे हेपेटाइटिस या यकृत की सूजन के समान ही हैं लेकिन इसका कारण अभी भी अज्ञात है।
- पीलिया, डायरिया (दस्त) और पेट दर्द जैसे लक्षण भी देखे गए हैं ।
- संभावित कारण:
- प्रयोगशाला परीक्षण में बीमारी के लिये हेपेटाइटिस प्रकार A, B, C और E वायरस के संक्रमण की संभावना से इंकार किया गया है जो आमतौर पर ऐसी बीमारियों का कारण बनते हैं। यदि इस बिमारी के प्रसार में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की कोई भूमिका है तो वह अभी तक ज्ञात नहीं है।
- संभवतः इसके लिये एडेनोवायरस (adenoviruses) नामक वायरस का एक समूह उत्तरदायी है जो श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनता है।
- कुछ यूरोपीय बच्चे एडेनोवायरस पॉजिटिव पाए गए है जबकि कुछ कोविड -19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
- टीकों के लिये सामान्यतः एडेनोवायरस को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि उनका डीएनए (DNA) दोहरी कुंडली युक्त (Double Stranded)होता है जो उन्हें आनुवंशिक रूप से अधिक स्थिर बनाता है और इंजेक्शन के बाद उनके बदलने की संभावना कम होती है।
- अतः विश्लेषण के अनुसार, हेपेटाइटिस संभावित रूप से एडेनोवायरस 41 के साथ जुड़ा हो सकता है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण
हाल ही में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Central Administrative Tribunal-CAT) ने वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनभोगियों जैसे आवेदकों के मामलों के समाधान के लिये अधिकरण की सभी 19 पीठों में एक विशेष अभियान चलाया।
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण:
- स्थापना: इसकी स्थापना संविधान के अनुच्छेद 323A के तहत की गई थी।
- यह संघ के नियंत्रणाधीन अन्य प्राधिकरणों के मामलों के संबंध में सार्वजनिक सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की भर्ती एवं सेवा की शर्तों से संबंधित विवादों व शिकायतों के न्यायनिर्णयन का प्रावधान करता है।
- कानूनी ढाँचा: संविधान के अनुच्छेद 323A के तहत संसद ने वर्ष 1985 में प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम पारित किया।
- अधिनियम केंद्र सरकार को एक केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) और राज्य प्रशासनिक अधिकरणों की स्थापना करने हेतु अधिकृत करता है।
- इस अधिनियम द्वारा पीड़ित लोक सेवकों को शीघ्र एवं किफायती न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से एक नया मार्ग प्रशस्त किया गया।
- CAT की स्थापना राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में हुई थी।
- पीठ/बेंच: पूरे भारत में CAT की 19 पीठें हैं।
- उद्देश्य और संरचना: CAT एक विशेषज्ञ निकाय है जिसमें प्रशासनिक और न्यायिक सदस्य शामिल होते हैं जो अपने विशेष ज्ञान के आधार पर त्वरित एवं प्रभावी न्याय प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
- किसी उच्च न्यायालय का वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसका अध्यक्ष होता है।
- संचालन सिद्धांत: न्यायाधिकरण मामलों को तय करने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाता है और नागरिक प्रक्रिया संहिता द्वारा निर्धारित प्रक्रिया से बाध्य नहीं होता है।
- प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 की धारा 17 के तहत, अधिकरण को उच्च न्यायालय के समान ही स्वयं अवमानना के संबंध में उसी अधिकार क्षेत्र और अधिकार का प्रयोग करने की शक्ति प्रदान की गयी है।
- स्वतंत्रता: अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा की शर्तें प्रशासनिक अधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2006 के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होती हैं।
- आदेशों के खिलाफ अपील: CAT के आदेशों से संबंधित मामलों को उच्च न्यायालय के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 226/227 के तहत एक रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी जाती है, जिसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में न्यायाधिकरण की पीठ स्थित है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |
स्रोत: पी.आई.बी
प्रारंभिक परीक्षा
मगर :क्रोकोडाइल
हाल ही में भारतीय रेलवे ने पश्चिमी राजस्थान के पाली ज़िले में मगर क्रोकोडाइल या मार्श मगरमच्छ के अस्तित्व को सुनिश्चित करने हेतु पानी पहुंँचाया है क्योंकि इस क्षेत्र के जल निकाय मार्च महीने मे अधिक तापमान होने के कारण, सूख गए हैं।
मगर क्रोकोडाइल या मार्श मगरमच्छ
- वैज्ञानिक नाम: क्रोकोडिलस पोरोसस (Crocodylus palustris)
- विवरण:
- यह अंडा देने वाली और होल-नेस्टिंग स्पेसीज़ (Hole-Nesting Species) है जिसे खतरनाक भी माना जाता है।
- आवास:
- यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित है जहाँ यह मीठे जल के स्रोतों और तटीय खारे जल के लैगून एवं मुहानों में भी पाई जाता है।
- यह भूटान और म्याँमार में यह पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं।
- खतरे:
- आवासों का विनाश और विखंडन एवं परिवर्तन, मछली पकड़ने की गतिविधियाँ तथा औषधीय प्रयोजनों हेतु मगरमच्छ के अंगों का उपयोग।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट: सुभेद्य
- CITES: परिशिष्ट- I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
मगरमच्छ की अन्य प्रजातियाँ
- खारे पानी का मगरमच्छ:
- यह पृथ्वी पर सबसे बड़ी जीवित मगरमच्छ प्रजाति है, जिसे विश्व स्तर पर एक ज्ञात आदमखोर (Maneater) के रूप में जाना जाता है।
- यह मगरमच्छ ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल में सुंदरवन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाया जाता है।
- यह दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची: कम चिंतनीय (Least Concern)
- CITES: परिशिष्ट- I (ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी की आबादी को छोड़कर, जो परिशिष्ट- II में शामिल हैं)।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
- घड़ियाल:
- इन्हें गेवियल भी कहते हैं, यह एक प्रकार का एशियाई मगरमच्छ है और अपने लंबे, पतले थूथन के कारण अन्य से अलग होते हैं जो कि एक बर्तन (घड़ा) जैसा दिखता है।
- घड़ियाल की उपस्थिति स्वच्छ नदी जल का एक अच्छा संकेतक है।
- यह प्रजाति ज़्यादातर हिमालयी नदियों के ताज़े पानी में पाई जाती है।
- विंध्य पर्वत (मध्य प्रदेश) के उत्तरी ढलानों में चंबल नदी को घड़ियाल के प्राथमिक आवास के रूप में जाना जाता है।
- अन्य हिमालयी नदियाँ जैसे- घाघरा, गंडक, गिरवा, रामगंगा और सोन नदियाँ इसके द्वितीयक आवास हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- CITES: परिशिष्ट- I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
- ओडिशा ने महानदी नदी बेसिन में घड़ियालों के संरक्षण के लिये 1,000 रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. यदि आप घडि़याल को उनके प्राकृतिक आवास में देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना सबसे सही है?(2017) (a) भितरकनिका मैन्ग्रोव उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित भारतीय प्राणिजात पर विचार कीजिये:(2013) 1- घडि़याल उपर्युक्त में से कौन-सा/से संकटापन्न है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 अप्रैल, 2022
“क्रिप्टो-समर्थित” भुगतान कार्ड
क्रिप्टो ऋणदाता नेक्सो (Nexo) ने विश्व का पहला “क्रिप्टो-समर्थित” भुगतान कार्ड लॉन्च करने के लिये मास्टरकार्ड के साथ सहयोग किया है। इस लॉन्च ने वित्तीय और क्रिप्टो नेटवर्क द्वारा सहयोग करने के कदम को संकेत दिया है क्योंकि डिजिटल संपत्ति अधिक प्रचलन में आ रही है। क्रिप्टो-समर्थित क्रेडिट कार्ड का उपयोग विश्व भर के 92 मिलियन व्यापारियों में किया जा सकता है जहाँ मास्टरकार्ड स्वीकार किया जाता है। इस कार्ड के माध्यम से निवेशक क्रिप्टो उनके पास की संपत्ति के कानूनी मूल्य के 90% हिस्से को खर्च करने में सक्षम होंगे। प्रारंभ में यह कार्ड चयनित यूरोपीय देशों में उपलब्ध होगा। यह उपयोगकर्त्ताओं को बिटकॉइन जैसी अपनी डिजिटल संपत्ति को बेचे बिना खर्च करने की अनुमति देगा, क्योंकि डिजिटल संपत्ति का उपयोग दिये गए क्रेडिट/ऋण को वापस करने के लिये संपार्श्विक (collateral) के रूप में किया जाता है।
इनविक्टस गेम्स
हाल ही में इनविक्टस गेम्स 2022 की शुरुआत नीदरलैंड में हुई है। इन खेलों का आयोजन 16 से 22 अप्रैल तक किया जा रहा है। इनविक्टस गेम्स का पहला संस्करण वर्ष 2014 में लंदन में आयोजित किया गया था। यह खेल 2016 में अमेरिका के ऑरलैंडो, 2017 में टोरंटो, कनाडा और 2018 में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किये जा चुके हैं। यह एक अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता है जो पैरालिंपिक के समान है लेकिन यह घायल और बीमार सैन्य युद्ध के पूर्व सैनिकों और सेवा कर्मियों के लिये ही होती है। इन खेलों ने कवि विलियम अर्नेस्ट हेनले की कविता ‘इनविक्टस’ से प्रेरणा ली गई है। हेग में वर्तमान में चल रहे खेलों का आयोजन वर्ष 2020 में होना था लेकिन COVID-19 महामारी के कारण उन्हें स्थगित कर दिया गया था। 20 देशों से 500 से अधिक प्रतियोगी तीरंदाजी, एथलेटिक्स, इनडोर रोइंग, साइकिलिंग, वॉलीबॉल, पावरलिफ्टिंग, व्हीलचेयर बास्केटबॉल, तैराकी और व्हीलचेयर रग्बी में भाग ले रहे हैं। डसेलडोर्फ, जर्मनी इन खेलों के वर्ष 2023 संस्करण की मेजबानी करेगा।
विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस
प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस (World Creativity and Innovation Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु नवाचार और रचनात्मकता के महत्त्व के बारे में लोगों के मध्य जागरूकता पैदा करता है। ‘पर्यावरण तथा विकास पर विश्व आयोग’ (1983) के अंतर्गत बर्टलैंड कमीशन द्वारा जारी रिपोर्ट (1987) के अनुसार–‘आने वाली पीढ़ी की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता किये बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विकास ही सतत् विकास है।’ संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) और UNOSSC (दक्षिण-दक्षिण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय) द्वारा प्रकाशित ‘Creative Economy Report’ के अनुसार 21वीं शताब्दी में रचनात्मकता और नवाचार किसी देश की दो मुख्य संपत्तियाँ हैं। इस समय जब वैश्विक स्तर पर COVID-19 के कारण अंतर्राष्ट्रीय लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है तब वैश्विक अर्थव्यवस्था को चालू रखने हेतु प्रमुख आर्थिक भागीदारियों का रचनात्मक रूप से सक्रिय होना महत्त्वपूर्ण है।
'सिविल सेवा दिवस'
प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को 'सिविल सेवा दिवस' (Civil Services Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन लोक सेवकों को समर्पित है जो कि देश की प्रगति के लिये कार्य करते हैं, साथ ही नीति निर्माण में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इस दिन लोक प्रशासन में विशिष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार भी दिये जाते हैं। इस प्रकार का पहला समारोह 21.04.2006 को विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था।प्रधानमंत्री ने इस समारोह का शुभारंभ किया। सभी सिविल सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण इस समारोह में भाग लेते हैं। सिविल सेवा दिवस के रूप में 21 अप्रैल की तारीख इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि 21 अप्रैल, 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाॅफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम ' कहा था। भारत में सिविल सेवा की नींव वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा रखी गई थी किंतु बाद में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस द्वारा इसमें अधिक सुधार किये गए इसलिये उन्हें ‘भारत में नागरिक सेवाओं के पिता’ के रूप में जाना जाता है।