प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission- NMC) ने 10 वर्षों के उल्लेखनीय कार्यकाल के लिये प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) से मान्यता प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
- यह मान्यता चिकित्सा शिक्षा और मान्यता के उच्चतम मानकों के प्रति राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- WFME का मान्यता कार्यक्रम किसी चिकित्सा संस्थान द्वारा शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने तथा बनाए रखना सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME):
- इसकी स्थापना वर्ष 1972 में विश्व मेडिकल एसोसिएशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, मेडिकल कालेजों और अकादमिक शिक्षकों के क्षेत्रीय संगठनों तथा इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा की गई थी।
- WFME एक वैश्विक संगठन है जो विश्व भर में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये समर्पित है।
- WFME ने बुनियादी, स्नातकोत्तर और सतत् चिकित्सा शिक्षा के लिये वैश्विक मानकों के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा के विस्तार व दूरस्थ शिक्षा हेतु दिशा-निर्देश तैयार और प्रकाशित किये हैं।
WFME मान्यता का महत्त्व:
- इस मान्यता के भाग के रूप में भारत में सभी 706 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों को WFME से मान्यता प्राप्त होगी।
- आगामी 10 वर्षों में स्थापित होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों को स्वतः WFME से मान्यता प्राप्त हो जाएगी।
- यह मान्यता भारतीय चिकित्सा स्नातकों को अन्य देशों में स्नातकोत्तर करने और अभ्यास करने में सक्षम बनाएगी जहाँ पर WFME मान्यता की आवश्यकता होती है जैसे- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड आदि।
- यह भारतीय मेडिकल कॉलेजों और पेशेवरों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता देगा और उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा।
- यह अकादमिक सहयोग और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा, चिकित्सा शिक्षा में निरंतर सुधार एवं नवाचार को बढ़ावा देगा, साथ ही चिकित्सा शिक्षकों व संस्थानों के बीच गुणवत्ता की संस्कृति को बढ़ावा देगा।
- वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक होने के कारण यह भारत को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये एक आकर्षक गंतव्य भी बनाता है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग:
- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया है जिसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के रूप में जाना जाता है।
- यह भारत में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के शीर्ष नियामक के रूप में कार्य करता है।
- यह स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध है, साथ ही पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का वितरण सुनिश्चित करता है।
प्रारंभिक परीक्षा
नए विज्ञान पुरस्कारों की घोषणा
स्रोत: द हिंदू
केंद्र सरकार ने वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिये राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की श्रेणी के तहत 56 पुरस्कारों (3 विज्ञान रत्न, 25 विज्ञान श्री, 25 युवा विज्ञान शांति स्वरूप भटनागर, 3 विज्ञान टीम पुरस्कार) को शुरू करने का निर्णय लिया है।
- इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर की जाएगी और वर्ष 2024 में 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर प्रदान किये जाएंगे।
नोट:
- प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के समान, इन पुरस्कारों में कोई नकद घटक शामिल नहीं होगा।
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 13 विज्ञान-संबंधित क्षेत्रों में दिया जाएगा।
विज्ञान पुरस्कारों के विषय में मुख्य तथ्य:
- शामिल पुरस्कार:
- विज्ञान रत्न पुरस्कार:
- ये पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गई पूरे जीवन की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देंगे।
- विज्ञान श्री पुरस्कार:
- ये पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देंगे।
- विज्ञान टीम पुरस्कार:
- ये पुरस्कार तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/नवप्रवर्तकों की टीम को दिये जाएंगे, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया है।
- विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (VY-SSB):
- ये पुरस्कार युवा वैज्ञानिकों (अधिकतम 45 वर्ष) के लिये भारत में सर्वोच्च बहुविषयक विज्ञान पुरस्कार हैं।
- इनका नाम वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के संस्थापक और निदेशक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध रसायनज्ञ तथा दूरदर्शी थे।
- विज्ञान रत्न पुरस्कार:
- PIO के लिये पुरस्कार:
- भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) अब नए पुरस्कारों के लिये पात्र होंगे, लेकिन विज्ञान रत्न केवल एक ही PIO को दिया जाएगा।
- विज्ञान श्री और VY-SSB के लिये तीन-तीन PIO का चयन किया जा सकता है।
- हालाँकि PIO विज्ञान टीम पुरस्कारों के लिये पात्र नहीं होंगे।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस:
- परिचय:
- यह दिवस पहली बार वर्ष 1999 में मनाया गया था, इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों को याद करना है।
- इस दिवस का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।
- प्रत्येक वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत भारत का प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कर इस दिवस को मनाता है।
- यह दिवस पहली बार वर्ष 1999 में मनाया गया था, इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों को याद करना है।
- महत्त्व:
- यह वह दिन है जब भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
- भारत ने पोखरण-II नामक ऑपरेशन में अपनी शक्ति-1 परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे ऑपरेशन शक्ति भी कहा जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया जाता है? (2009) (a) साहित्य उत्तर: C |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 सितंबर, 2023
ओमेगा ब्लॉकिंग
हाल ही लीबिया में आई विनाशकारी बाढ़ को ओमेगा वायुमंडलीय अवरोधन की घटना के लिये ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
- ओमेगा ब्लॉकिंग एक मौसम संबंधी घटना है जो तब होती है जब एक उच्च दाब प्रणाली दो कम दाब वाली प्रणालियों के बीच जकड़ ली जाती है या दब जाती है, तो इससे एक पैटर्न बनता है जो ग्रीक अक्षर ओमेगा (Ω) जैसा दिखता है।
- यह स्थान और मौसम के आधार पर चरम मौसमी घटनाओं, जैसे- ग्रीष्म लहर, सूखा और बाढ़ का कारण बन सकता है।
- इन घटनाओं का अनुमान लगाना कठिन है और इससे व्यापक क्षति तथा जीवन की हानि हो सकती है।
- इन्हें पिछले चरम मौसम की घटनाओं से जोड़ा गया है, जिसमें वर्ष 2011 में पाकिस्तान में बाढ़, वर्ष 2008 में उत्तर-पश्चिमी ईरान में अत्यधिक वर्षा और वर्ष 2019 में फ्राँस तथा जर्मनी में ग्रीष्म लहर शामिल हैं।
और पढ़ें… जलवायु परिवर्तन: आर्थिक विकास में एक बाधा
कनाडा में भारतीय वीज़ा सेवा निलंबित
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ने के कारण भारत सरकार ने कनाडा में वीज़ा सेवाओं को निलंबित कर दिया है, जिससे कई यात्री प्रभावित हुए हैं और राजनयिक संबंधों के भविष्य के बारे में प्रश्न उठने लगे हैं।
- वीज़ा सेवा निलंबन से वैध प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI) कार्डधारक या वैध दीर्घकालिक भारतीय वीज़ा वाले भारतीय मूल के कनाडाई प्रभावित नहीं होंगे।
- OCI कार्डधारकों को भारत में आजीवन प्रवेश का विशेषाधिकार प्राप्त है, जिससे उन्हें अनिश्चित काल तक देश में रहने और कार्य करने की अनुमति मिलती है।
- जिन कनाडाई लोगों के पास वैध भारतीय वीज़ा है, वे निलंबन से प्रभावित नहीं होंगे। उनका वीज़ा अगली सूचना तक वैध रहेगा।
- कनाडा ने अभी तक भारतीय वीज़ा आवेदकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन मौजूदा स्थिति के जवाब में पारस्परिक उपायों पर विचार कर सकता है।
और पढ़ें… भारत और कनाडा संबंधों में गिरावट, भारत-कनाडा संबंधों पर खालिस्तान का साया, प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI)
SIMBEX 2023
भारतीय नौसेना के जहाज़ रणविजय और कावारत्ती तथा पनडुब्बी INS सिंधुकेसरी सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (SIMBEX), 2023 में भाग लेने के लिये सिंगापुर पहुँचे।
- यह अभ्यास वर्ष 1994 से आयोजित किया जा रहा है और इसे भारतीय नौसेना द्वारा किसी अन्य देश के साथ आयोजित किया जाने वाला सबसे लंबा नौसैनिक अभ्यास होने का गौरव प्राप्त है।
- नौसैनिक जहाज़ों के अलावा इस अभ्यास में लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान P8I ने भी भागीदारी की।
- दोनों देशों के बीच आयोजित अन्य अभ्यासों में बोल्ड कुरूक्षेत्र अभ्यास, त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास SIMTEX (थाईलैंड के साथ) और अग्नि योद्धा अभ्यास (सेना) शामिल हैं।
और पढ़ें… सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास, भारत-सिंगापुर संबंध
सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (GCES) हेतु मोबाइल एप्लीकेशन और वेब पोर्टल
हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (GCES) के लिये मोबाइल एप्लीकेशन और वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
- इसका उद्देश्य पूरे देश में कृषि पद्धतियों में बदलाव लाना है।
- पोर्टल एवं एप गाँव-गाँव के आधार पर GCES योजना तथा भूखंड विवरण सहित उपज अनुमान का एक विस्तृत संग्रह उपलब्ध कराते हैं, विशेषकर जहाँ पर फसल कटाई के लिये प्रायोगिक परीक्षण किये जाते हैं।
- भूमि-संदर्भ: भूमि-संदर्भ इस मोबाइल एप्लीकेशन की प्रमुख विशेषताओं में से एक है, जो प्राथमिक उपयोगकर्ताओं को प्रायोगिक भूखंड की सीमा निर्धारित करने और इसके माध्यम से भूखंड के साथ-साथ फसलों की तस्वीरें अपलोड करने में सक्षम बनाता है। यह सुविधा डेटा की पारदर्शिता एवं सटीकता भी सुनिश्चित करेगी।
और पढ़ें… कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, डिजिटल इंडिया