प्रारंभिक परीक्षा
EFTA के साथ व्यापार वार्ता में डेटा विशिष्टता
स्रोत: द हिंदू
भारत ने हाल ही में मुक्त व्यापार समझौते के लिये यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (European Free Trade Association- EFTA) के साथ चल रही चर्चा में 'डेटा विशिष्टता' खंड को शामिल करने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
व्यापार समझौते के तहत डेटा विशिष्टता क्या है?
- परिचय: डेटा विशिष्टता इस मसौदा समझौते के एक खंड से संबंधित है जो किसी दवा के परीक्षण और विकास के दौरान उत्पन्न नैदानिक परीक्षण डेटा पर न्यूनतम 6 वर्ष का प्रतिबंध (वाणिज्य पर कानूनी प्रतिबंध) लगाता है।
- इस प्रकार दवाओं के जेनेरिक संस्करण का उत्पादन करने के इच्छुक निर्माताओं को या तो स्वयं ऐसा डेटा तैयार करने की आवश्यकता होगी, जो एक महँगा प्रस्ताव है या भारत में अपने संस्करण बेचने से पहले उपरोक्त निर्दिष्ट अवधि तक प्रतीक्षा करना होगा।
- भारत के जेनेरिक दवा उद्योग पर प्रभाव: भारत का जेनेरिक दवा उद्योग विश्व स्तर पर महँगी दवाओं के किफायती विकल्प प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण रहा है।
- हालाँकि डेटा विशिष्टता लागू करने से इस उद्योग के विकास और सस्ती दवाओं की पहुँच गंभीर रूप से बाधित हो सकती है।
- ऐतिहासिक संदर्भ और अस्वीकृति: भारत के साथ व्यापार वार्ता के दौरान यूरोपीय यूनियन (EU) और EFTA दोनों की ओर से वर्ष 2008 से डेटा विशिष्टता की मांग लगातार उठ रही है।
- इसके बावजूद भारत ने लगातार इन अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन क्या है?
- परिचय: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड (ये चारों यूरोपीय यूनियन का हिस्सा नहीं हैं) का अंतर-सरकारी संगठन है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1960 में स्टॉकहोम कन्वेंशन द्वारा की गई थी।
- इसका उद्देश्य अपने चार सदस्य देशों और विश्व भर में उनके व्यापारिक भागीदारों के लाभ के लिये मुक्त व्यापार तथा आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।
- भारत और EFTA: EFTA सदस्यों और भारत के बीच वाणिज्यिक व्यापार का कुल मूल्य वर्ष 2022 में 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।
- फार्मास्युटिकल उत्पाद (11.4%) तथा मशीनरी (17.5%) भारत के शीर्ष निर्यात थे, जबकि कार्बनिक रसायन (27.5%) EFTA आयात के बहुमत के लिये ज़िम्मेदार थे।
मुक्त व्यापार समझौता क्या है ?
- परिचय: मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच उनके बीच आयात और निर्यात की बाधाओं को कम करने के लिये एक समझौता है।
- इस समझौते के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार बहुत कम या बिना किसी सरकारी टैरिफ, कोटा या उनके विनिमय को बाधित करने वाले प्रतिबंधों के साथ क्रय-विक्रय किया जा सकता है।
- यह व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद के विपरीत है।
- ऐतिहासिक संदर्भ: इसे पहली बार वर्ष 1817 में अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो ने अपनी पुस्तक "ऑन द प्रिंसिपल्स ऑफ पॉलिटिकल इकोनॉमी एंड टैक्सेशन" में लोकप्रिय बनाया था।
- उन्होंने तर्क दिया कि मुक्त व्यापार विविधता का विस्तार करता है और साथ ही किसी देश में उपलब्ध वस्तुओं की कीमतें कम करता है जबकि अपने घरेलू संसाधनों, ज्ञान तथा विशेष कौशल का बेहतर दोहन करता है।
- भारत का FTA: अब तक भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) पर समझौता भी शामिल है।
- भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA),
- भारत-जापान CEPA एवं भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में से हैं? (A) 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (C) प्रश्न. "बंद अर्थव्यवस्था" वह अर्थव्यवस्था है जिसमें– (2011) (A) मुद्रा आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रित होती है उत्तर: (D) |
प्रारंभिक परीक्षा
विशेष प्रजातियों के संरक्षण हेतु तमिलनाडु की योजना
स्रोत:द हिंदू
चर्चा में क्यों?
तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 2024-2025 राज्य बजट में तटीय संसाधनों को पुनर्जीवित करने एवं लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिये, TN-SHORE नामक एक नई योजना की घोषणा की है।
- TN-SHORE का उद्देश्य तटीय जैवविविधता एवं तटीय संरक्षण को बढ़ाने के साथ तटीय समुदायों की आजीविका में सुधार करना तथा तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
- इसके अतिरिक्त तमिलनाडु सरकार ने लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ 8 समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग प्रामाणीकरण की खोज के उद्देश्य से तमिलनाडु लुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण कोष पर भी प्रकाश डाला।
TN-SHORE की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय:
- TN-SHORE (नीथल मीटची इयक्कम) को 1,675 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर 1,076 किलोमीटर तक विस्तृत 14 ज़िलों में तटीय संसाधनों को बहाल करने की घोषणा की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य तटीय जैवविविधता और तटीय संरक्षण को बढ़ाना, तटीय समुदायों की आजीविका में सुधार करना तथा तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
- TN-SHORE और ब्लू इकोनॉमी:
- नीली अर्थव्यवस्था या ‘ब्लू इकोनॉमी’ अन्वेषण, आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और परिवहन के लिये समुद्री संसाधनों के सतत् उपयोग के साथ ही समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य के संरक्षण को संदर्भित करती है।
- यह योजना मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियों और लवणीय दलदल की बहाली पर ध्यान केंद्रित करके नीली अर्थव्यवस्था की क्षमता का लाभ उठाएगी, जो समुद्री पर्यावरण तथा तटीय अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- यह योजना सतत् विकास लक्ष्यों (SDG), विशेषकर SDG 14 (जल के नीचे जीवन) को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।
- तटीय समुदायों को लाभ:
- इस योजना में तटीय संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में स्थानीय समुदायों, विशेषकर युवाओं की भागीदारी शामिल होगी।
- यह योजना- तटीय समुदायों के लिये पारिस्थितिक पर्यटन, अपशिष्ट प्रबंधन और चक्रीय अर्थव्यवस्था समाधान जैसे वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करेगी।
- यह योजना तटीय क्षेत्रों की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान देगी।
तमिलनाडु (TN) सरकार की संरक्षण और प्रमाणन पहल
- संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण:
- तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु संकटग्रस्त प्रजाति संरक्षण कोष की स्थापना के माध्यम से संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा करने की पहल पर ज़ोर दिया।
- सरकारी संस्थाओं, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फंड सहित विभिन्न हितधारक संकटग्रस्त व गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा के लिये इस फंड में योगदान देंगे।
- समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग प्रमाणन:
- सरकार चेन्नई के प्रतिष्ठित मरीना बीच सहित तमिलनाडु के आठ समुद्र तटों के लिये सक्रिय रूप से ब्लू फ्लैग प्रमाणन (BFC) पर काम कर रही है।
- BFC एक ईको-लेबल है जो समुद्र तटों, मरीना और टिकाऊ पर्यटन नौकाओं को दिया जाता है जो कुछ मानदंडों को पूरा करते हैं। मानदंड में पर्यावरण, शैक्षिक, सुरक्षा और पहुँच संबंधी चिंताएँ शामिल हैं।
- यह प्रतिष्ठित सदस्यों- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO), डेनमार्क स्थित एनजीओ फाउंडेशन फॉर एन्वायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) से गठित एक अंतर्राष्ट्रीय जूरी द्वारा प्रदान किया जाता है।
- सरकार चेन्नई के प्रतिष्ठित मरीना बीच सहित तमिलनाडु के आठ समुद्र तटों के लिये सक्रिय रूप से ब्लू फ्लैग प्रमाणन (BFC) पर काम कर रही है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ब्लू कार्बन क्या है? (2021) (a) महासागरों और तटीय पारिस्थितिक तंत्रों द्वारा द्वारा प्रगृहीत कार्बन उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. ‘नीली क्रांति’ को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्य पालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। (2018) |
रैपिड फायर
जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर राष्ट्रीय सम्मेलन
स्रोत: पी.आई.बी
पेयजल और स्वच्छता विभाग ने हाल ही में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण SBM-(G) पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
- इसका उद्देश्य 'ग्रामीण WASH क्षेत्र में स्थाई समाधान की दिशा में एक एकीकृत दृष्टिकोण' सुनिश्चित करना था।
- प्रतिकृति और स्थिरता पर वार्ता को बढ़ावा देते हुए सम्मेलन में राज्यों ने अपनी प्रस्तुतियों में विभिन्न क्षेत्रों की पहलों और प्रगति पर अंतर्दृष्टि प्रदान की।
- संबद्ध क्षेत्र में राज्य के उल्लेखनीय प्रयासों में केरल की प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) पहल, तमिलनाडु की सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग और बिहार का शौचालय क्लिनिक शामिल हैं।
- जल, स्वच्छता और हाइजीन (WASH) हस्तक्षेपों का उद्देश्य सुरक्षित जल तथा स्वच्छता तक मूलभूत, दीर्घकालिक एवं स्थाई पहुँच प्रदान करना है जो सकारात्मक स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देता है जिससे जल से संबंधित रोग संचरण का जोखिम कम होता है।
और पढ़ें…वैश्विक स्तर पर असुरक्षित पेयजल, साफ-सफाई और स्वच्छता का बढ़ता प्रभाव, स्वास्थ्य विज्ञान और स्वच्छता
रैपिड फायर
वित्तीय जागरूकता के लिये DBS के साथ IEPFA की साझेदारी
स्रोत: पी.आई.बी.
निवेशक जागरूकता और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम में, नई दिल्ली में निवेशक शिक्षा तथा संरक्षण निधि प्राधिकरण (Investor Education and Protection Fund Authority- IEPFA) एवं डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर लिमिटेड (DBS) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) की स्थापना 7 सितंबर 2016 को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्त्वावधान में अन्य बातों के अलावा निवेशकों को शेयरों, बिना दावे वाले लाभांश तथा परिपक्व जमा/डिबेंचर के रिफंड के संदर्भ में निवेशक शिक्षा सुरक्षा कोष के प्रबंधन के लिये की गई थी।
- IEPF जागरूकता को बढ़ावा देता है और निवेशकों के हितों की रक्षा करता है।
- IEPFA ने वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और निवेशकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिये सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये हैं।
- DBS 19 बाज़ारों में उपस्थिति के साथ एशिया का एक अग्रणी वित्तीय सेवा समूह है। DBS बैंक इंडिया लिमिटेड भारत में पूर्ण स्वामित्व वाली, स्थानीय रूप से निगमित सहायक कंपनी के रूप में परिचालन करने वाला पहला प्रमुख विदेशी बैंक है।
- यह सभी स्तरों के उद्यमों और व्यक्तिगत उपभोक्ताओं के लिये बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है।
और पढ़ें: निवेशक शिक्षा सुरक्षा कोष
रैपिड फायर
ओडीसियस अंतरिक्ष यान
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
इंट्यूएटिव मिशन का ओडीसियस अंतरिक्ष यान, एक निजी नोवा-सी चंद्र लैंडर, फ्लोरिडा में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद चंद्रमा की ओर जा रहा है।
- पेरेग्रीन लैंडर की विफलता के बाद ओडीसियस दूसरा निजी प्रयास है।
- फाल्कन 9 एक दो चरणों वाला रॉकेट है जिसे स्पेसएक्स द्वारा लोगों के साथ-साथ पेलोड को पृथ्वी की कक्षा में ले जाने के लिये डिज़ाइन और निर्मित किया गया है।
- अंतरिक्ष यान CLPS पहल के तहत नासा के लिये छह पेलोड ले जाता है, जो नई तकनीकों एवं वैज्ञानिक उपकरणों का परीक्षण करता है।
- परीक्षण की जा रही प्रमुख प्रौद्योगिकियों में एक LIDAR-आधारित सेंसर एवं स्पेससूट के लिये एक इलेक्ट्रोस्टैटिक धूल हटाने वाली प्रणाली भी शामिल है।
- अंतरिक्ष यान 22 फरवरी 2024 को चंद्रमा पर उतरने वाला है।
- मिशन का लक्ष्य 50 से अधिक वर्षों में चंद्रमा पर उतरने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान बनना है। आखिरी बार कोई अमेरिकी अंतरिक्ष यान वर्ष 1972 में अपोलो 17 के साथ चंद्रमा पर उतरा था।
- यह मिशन नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज़ (CLPS) पहल और आर्टेमिस अभियान का हिस्सा है।
और पढ़ें… 2024 में चंद्र लैंडिंग मिशन, अंतरिक्ष मिशन में चुनौतियाँ
रैपिड फायर
डॉक्टर ऑन व्हील्स
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र के दूर-दराज के क्षेत्रों में अब तक लगभग 13,000 मरीज़ों को "आरोग्य-डॉक्टर ऑन व्हील्स" द्वारा उपचार प्रदान किया गया है।
- डॉक्टर ऑन व्हील्स पहल कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों से दूरस्थ परामर्श का उपयोग करती है, जो 45 मिनट के भीतर त्वरित एवं व्यापक चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है।
- समावेशिता और लागत-प्रभावशीलता पर ध्यान देने के साथ, यह शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम करते हुए स्वास्थ्य देखभाल संबंधी असमानताओं को संबोधित करता है।
और पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने हेतु लघु चिकित्सा पाठ्यक्रम, भारतीय राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा: ई-संजीवनी