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पेरेग्रीन मिशन- 1

  • 09 Jan 2024
  • 6 min read

स्रोत: द हिंदू 

संयुक्त राज्य अमेरिका ने पेरेग्रीन मिशन वन (Peregrine Mission- 1) शुरू किया है, जो 50 से अधिक वर्षों में चंद्रमा पर उतरने का पहला प्रयास है। हालाँकि, लॉन्च के कुछ ही घंटों बाद अंतरिक्ष यान में "तकनीकी रूप से" ईंधन रिसाव होने के बाद लैंडिंग का प्रयास विफल हो गया। 

  • इस मिशन का नेतृत्व निजी अंतरिक्ष उद्यमों, एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी (Astrobotic Technology) और यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (United Launch Alliance) द्वारा किया जा रहा है जो सहयोगी मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के लिये निजी क्षेत्र की क्षमताओं का लाभ उठाने की दिशा में बदलाव का संकेत है।

पेरेग्रीन मिशन- 1 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • Apollo कार्यक्रम के बाद पेरेग्रीन लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाले पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यान में से एक होगा।
    • पेरेग्रीन लूनर लैंडर, जिसे पेरेग्रीन मिशन- 1 के नाम से भी जाना जाता है, एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी द्वारा निर्मित एक चंद्र लैंडर है।
  • यह नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज़ (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य व्यापक लूनर इकॉनमी को प्रोत्साहित करना है।
    • NASA विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेलोड को चंद्रमा की सतह तक पहुँचाने के लिये CLPS पहल के तहत विभिन्न अमेरिकी कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहा है।
    • CLPS अनुबंध का उद्देश्य आगामी मानवयुक्त मिशनों की तैयारी में चंद्र अन्वेषण, प्रयोग तथा प्रौद्योगिकी प्रदर्शन की सुविधा प्रदान करना है।
  • इसके चंद्रमा के मध्य अक्षांश क्षेत्र तक पहुँचने की उम्मीद है जिसे साइनस विस्कोसिटैटिस (Sinus Viscositatis) अथवा बे ऑफ स्टिकीनेस (Bay of Stickiness) कहा जाता है।
  • यह मिशन मंगल ग्रह पर मिशन की तैयारी के लिये इस दशक के अंत में चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को पुनः भेजने के लिये NASA के नेतृत्व वाले कार्यक्रम आर्टेमिस (Artemis) की तैयारी में भी मदद करेगा।
    • आर्टेमिस NASA की महत्त्वाकांक्षी पहल है जिसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं में चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। वर्ष 2024 तक चंद्रमा पर मनुष्यों को पुनः भेजने के मिशन के साथ इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर पहली महिला तथा अश्वेत व्यक्ति को भेजना है।
    • उक्त मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर एक आर्टेमिस बेस कैंप तथा चंद्रमा कक्षा में एक रणनीतिक गेटवे स्थापित करना है।

नोट:

  • चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग अब तक केवल कुछ राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा ही पूरी की गई है जिसमें  वर्ष 1966 में सबसे पहले सोवियत संघ था तथा उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका था जो अभी भी चंद्रमा पर लोगों को भेजने वाला एकमात्र देश है। चीन ने विगत एक दशक में तीन बार सफलतापूर्वक लैंडिंग की है जबकि भारत का चंद्रयान-3 मिशन वर्ष 2023 में अपने दूसरे प्रयास में सफल होने वाला सबसे हालिया मिशन था।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. हाल ही में चर्चा में रहे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के थेमिस मिशन का क्या उद्देश्य है? (2008)

(a) मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना का अध्ययन करना
(b) शनि के उपग्रहों का अध्ययन करना
(c) उच्च अक्षांश आकाश के रंगीन प्रदर्शन का अध्ययन करना
(d) तारकीय विस्फोट का अध्ययन करने के लिये एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनाना

Ans: (c)

प्रश्न2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान

  1. को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
  2.  के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना।
  3.  ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

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