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स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा GSAT-20 (GSAT-N2) लॉन्च

  • 09 Jan 2024
  • 6 min read

स्रोत: द हिंदू 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation - ISRO) की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Limited - NSIL) वर्ष 2024 में स्पेसएक्स के फाल्कन-9 द्वारा GSAT-20 (GSAT-N2) लॉन्च करने के लिये तैयार है।

  • फाल्कन 9 दुनिया का पहला कक्षीय श्रेणी का पुन: प्रयोज्य, दो चरण वाला रॉकेट है जिसे पृथ्वी की कक्षा या उससे आगे मानव और पेलोड के सुरक्षित परिवहन के लिये स्पेसएक्स (SpaceX) द्वारा विकसित किया गया है।

जीसैट-20 क्या है?

  • GSAT-20 एक उच्च थ्रूपुट Ka-बैंड उपग्रह (Ka-band satellite) है जो हाईस्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल वीडियो ट्रांसमिशन और ऑडियो ट्रांसमिशन प्रदान करता है।
    • इसे भारत की बढ़ती ब्रॉडबैंड संचार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये लॉन्च किया जा रहा है। इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह जैसे दूरदराज़ के क्षेत्रों सहित पूरे भारत में व्यापक कवरेज प्रदान करने के लिये निर्मित किया गया है।
  • यह उपग्रह लगभग 48Gbps की प्रभावशाली हाई थ्रूपुट सैटेलाइट क्षमता (High Throughput Satellite -HTS)  प्रदान करता है। उल्लेखनीय रूप से इसमें 32 बीम शामिल हैं जो विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों की मांग वाली सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये निर्मित किये गए हैं, जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी अंतर को कम करना है।

नोट: Ka-बैंड 27 से 40 गीगाहर्ट्ज तक की रेडियो फ्रीक्वेंसी को संदर्भित करता है। यह फोकस्ड स्पॉट बीम के माध्यम से व्यापक कवरेज के साथ उच्च गति उपग्रह डेटा स्थानांतरण की अनुमति देता है।

न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) क्या है? 

  • यह, 6 मार्च 2019 को कंपनी अधिनियम, 2013 (under the Companies Act, 2013) के तहत निगमित, अंतरिक्ष विभाग (Department of Space-DOS) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
    • इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी भारतीय उद्योगों को उच्च प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों को करने में सक्षम बनाना है और यह भारतीय अंतरिक्ष से संबंधित अनुसंधान कार्यक्रमों तथा सेवाओं के प्रचार एवं वाणिज्यिक दोहन के लिये भी ज़िम्मेदार है।
  •   NSIL के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में शामिल हैं:
    • उद्योग के माध्यम से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle- PSLV) और लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (Small Satellite Launch Vehicle- SSLV) का उत्पादन
    • अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं का उत्पादन और विपणन, जिसमें लॉन्च सेवाएँ तथा ट्रांसपोंडर लीजिंग, रिमोट सेंसिंग एवं मिशन समर्थन सेवाएँ, जैसे– अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग शामिल हैं;
    • उपग्रहों का निर्माण {उपयोगकर्त्ता की आवश्यकताओं के अनुसार संचार और पृथ्वी अवलोकन (Earth Observation) दोनों}
    • ISRO केंद्रों/इकाइयों और अंतरिक्ष विभाग के घटक संस्थानों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण;
    • ISRO की गतिविधियों से निकलने वाली प्रौद्योगिकियों और उत्पादों/सेवाओं का विपणन 
    •  परामर्श सेवाएँ
  • जून 2022 में, NSIL ने अपना पहला मांग-संचालित उपग्रह मिशन, GSAT-24 को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो एक उपग्रह टेलीविज़न सेवा Tata Play द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित था।
    • वर्तमान में, NSIL कक्षा में 11 संचार उपग्रहों का प्रबंधन और संचालन करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q1. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. PSLV से वे उपग्रह प्रमोचित किये जाते हैं जो पृथ्वी संसाधनों के मानिटरन उपयोगी हैं जबकि GSLV को मुख्यतः संचार उपग्रहों को प्रमोचित करने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
  2. PSLV द्वारा प्रमोचित उपग्रह आकाश में एक ही स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर रहते प्रतीत होते हैं जैसा कि पृथ्वी के एक विशिष्ट स्थान से देखा जाता है।
  3. GSLV Mk III, एक चार स्टेज वाला प्रमोचन वाहन है, जिसमें प्रथम और तृतीय चरणों में ठोस रॉकेट मोटरों का तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरणों में द्रव रॉकेट इंजनों का प्रयोग होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 2 
(d) केवल 3

उत्तर: (a)

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