स्पेस एक्स का प्रथम रिसाइकल्ड रॉकेट बूस्टर

सन्दर्भ

अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स ने 30 मार्च को, इस्तेमाल हो चुके फॉल्कन 9 रॉकेट (SpaceX Falcon 9 rocket) को दोबारा लॉन्च किया। फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से इसे प्रक्षेपित किया गया। इस उड़ान को स्पेस एक्स के रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल लायक बनाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • फाल्कन 9 बूस्टर लक्समबर्ग आधारित उपग्रह ऑपरेटर एस.ई.एस. (Luxembourg-based SES SA) के लिए एक संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए ले गया है। 
  • इस उड़ान को स्पेस एक्स के रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल लायक बनाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है|
  • आमतौर पर रॉकेट एक अभियान के बाद अंतरिक्ष में ही नष्ट हो जाता है लेकिन स्पेस एक्स ने अपने फ़ाल्कन रॉकेट को धरती पर लौटाकर पुनः अंतरिक्ष में भेजा है|
  • कंपनी ऐसा कर अपने अभियान पर आने वाली लागत को कम करना चाहती है|
  • प्रक्षेपण में इस्तेमाल किए गए बूस्टर को भी अटलांटिक महासागर में एक जहाज़ पर सुरक्षित उतार लिया गया| अर्थात अब ऑर्बिट क्लास बूस्टर को एक बार उड़ान के बाद दोबारा भी उड़ा सकते हैं, जो कि रॉकेट का सबसे महंगा पार्ट होता है| यह अंतरिक्ष की उड़ान में बहुत बड़ी उपलब्धि है|
  • इससे पहले एसईएस 10 मिशन के लिए यह रॉकेट अप्रैल 2016 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए माल आपूर्ति कर चुका है|
  • स्पेसएक्स ने दिसंबर 2015 में पहली बार लॉन्च करने के बाद एक कक्षीय रॉकेट उतारा था| कंपनी के 33 वें मिशन के लिए फाल्कन 9 बूस्टर लॉन्च किया गया|
  • रॉकेट का इस्तेमाल करके, स्पेसएक्स ने अंततः इसकी लागत में 30 फीसदी की कटौती करने का लक्ष्य रखा है। इसमें फाल्कन 9 की सवारी की कीमत 62 मिलियन डॉलर है, लेकिन अभी तक एक पुनर्नवीनीकरण रॉकेट पर उड़ान के लिए कीमत की घोषणा नहीं की गई है।
  • कंपनी का दीर्घावधि लक्ष्य मंगल ग्रह पर एक कॉलोनी स्थापित करना और ग्रहों के बीच लोगों और माल का आवागमन करना है।

नवीनतम उड़ान से कक्षा में एस.ई.एस. उपग्रहों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। दोबारा उपयोग होने वाले रॉकेट न केवल प्रक्षेपण में होने वाले खर्च में कमी लाएँगे, बल्कि यह उच्च प्रक्षेपण आवृत्ति की भी अनुमति देंगे, जो निश्चित रूप से उपग्रह उद्योग में नई तेजी और प्रतिस्पर्धा लाएगा।