जल-थल और साइबरस्पेस अभियानों हेतु संयुक्त सिद्धांत
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) की बैठक के दौरान जल-थल अभियानों के लिये संयुक्त सिद्धांत जारी किया।
- इससे पहले CDS ने साइबरस्पेस अभियानों के लिये संयुक्त सिद्धांत जारी किया था।
जल-थल और साइबरस्पेस अभियानों के लिये संयुक्त सिद्धांत क्या हैं?
- जल-थल अभियान: यह सिद्धांत एक प्रमुख प्रकाशन है जो कमांडरों को जटिल सैन्य वातावरण में जल-थल अभियानों के संचालन के लिये मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
- जल-थल क्षमता सशस्त्र बलों को युद्ध और शांति दोनों के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में कई तरह के सैन्य अभियान चलाने की शक्ति प्रदान करती है।
- ये सैन्य अभियान बहु-क्षेत्रीय सैन्य परिचालनों का एक महत्त्वपूर्ण घटक हैं और सशस्त्र बलों के बीच सामंजस्य तथा एकीकरण का सबसे अच्छा उदाहरण हैं।
- साइबरस्पेस अभियान: साइबरस्पेस सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) प्रणालियों सहित संस्थाओं का वैश्विक नेटवर्क है, जो डिजिटल सूचना तथा कोड को संसाधित, संग्रहीत एवं संचारित करता है, चाहे वे जुड़े हों या स्वतंत्र हों।
- युद्ध के पारंपरिक क्षेत्र- भूमि, समुद्र और वायु सहित युद्ध के पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा, साइबरस्पेस आधुनिक युद्ध में एक महत्त्वपूर्ण तथा चुनौतीपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। जिसके लिये समर्पित ध्यान एवं रणनीति की आवश्यकता है।
- यह सिद्धांत साइबरस्पेस संचालन के सैन्य पहलुओं को समझने पर ज़ोर देता है और साइबरस्पेस में संचालन की योजना बनाने तथा संचालन में कमांडरों, स्टॉफ और कर्मियों को वैचारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसके अलावा यह सभी स्तरों पर हमारे सैनिकों में जागरूकता बढ़ाने के लिये भी कारगर है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)
- पृष्ठभूमि:
- इसके निर्माण की सिफारिश वर्ष 2001 में मंत्रियों के एक समूह (GoM) द्वारा की गई थी जिसे कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था।
- GoM की सिफारिशों के बाद CDS के पद की स्थापना हेतु सरकार ने वर्ष 2002 में एकीकृत रक्षा स्टाफ बनाया, जिसे अंततः CDS के सचिवालय के रूप में काम करना था।
- वर्ष 2012 में नरेश चंद्र समिति ने CDS पर आशंकाओं को खत्म करने के लिये चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति की सिफारिश की थी।
- अंत में CDS का पद वर्ष 2019 में लेफ्टिनेंट जनरल डी.बी. शेकटकर की अध्यक्षता में रक्षा विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों पर बनाया गया था।
- जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे और उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को नियुक्त किया गया था।
- नियम और जिम्मेदारियाँ:
- वह रक्षा मंत्रालय में नवनिर्मित सैन्य मामलों के विभाग (DMA) का प्रमुख है।
- वह सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा, लेकिन इसके साथ ही तीनों सेनाओं के अध्यक्ष रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सलाह देना जारी रखेंगे।
- DMA के प्रमुख के तौर पर CDS को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में अंतर-सेवा खरीद निर्णयों को प्राथमिकता देने का अधिकार प्राप्त है।
- CDS को तीनों प्रमुखों को निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है।
- हालाँकि उसे सेना के किसी भी कमांड का अधिकार प्राप्त नहीं है।
- CDS का पद समकक्षों में प्रथम है, उसे DoD (रक्षा विभाग) के भीतर सचिव का पद प्राप्त है और उसकी शक्तियांँ केवल राजस्व बजट तक ही सीमित रहेंगी।
- वह परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) में सलाहकार की भूमिका भी निभाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारतीय रक्षा के संदर्भ में 'ध्रुव' क्या है? (2008) (a) विमान ले जाने वाला युद्धपोत उत्तर: (c) प्रश्न: भारतीय रक्षा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
इंजीनियर्स दिवस, 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इंजीनियर्स दिवस (अभियंता दिवस) के अवसर पर प्रधानमंत्री ने सर एम. विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित की। विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार एवं प्रगति में इंजीनियरों के योगदान के लिये उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
सर एम. विश्वेश्वरैया के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बारे में: 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक में जन्मे, वे एक प्रख्यात इंजीनियर, विद्वान और राजनेता थे।
- पुणे के इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने भारत के सबसे सम्मानित इंजीनियर की ख्याति प्राप्त की।
- इंजीनियरिंग योगदान:
- बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई: उन्हें बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं में उनके अग्रणी कार्य के लिये जाना जाता है। मैसूर में कृष्ण राजा सागर (KRS) बाँध के उनके डिज़ाइन ने जल भंडारण और सिंचाई में क्रांति ला दी।
- स्वचालित जल द्वार: वर्ष 1903 में उन्होंने स्वचालित जल द्वार की एक अभिनव प्रणाली विकसित की, जिसे पुणे के खडकवासला बाँध पर स्थापित किया गया।
- शहरी नियोजन: विश्वेश्वरैया ने हैदराबाद शहर की योजना बनाने और उसकी जल निकासी तथा जल आपूर्ति प्रणालियों में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सार्वजनिक सेवा में भूमिका:
- उन्होंने मैसूर के दीवान (1912-1918) के रूप में कार्य किया और प्रमुख औद्योगिक तथा आर्थिक सुधारों को लागू किया।
- शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और औद्योगीकरण पर उनके योगदान ने क्षेत्र में आर्थिक विकास की नींव रखी।
- उन्हें भारत में आर्थिक नियोजन, जिसे विश्वेश्वरैया योजना कहा जाता है, के एक अग्रणी कार्यान्वयनकर्त्ता के रूप में जाना जाता है, जिसका वर्णन उन्होंने अपनी पुस्तक "प्लांड इकोनॉमी इन इंडिया" में किया है।
- पुरस्कार और सम्मान:
- राष्ट्र के प्रति उनकी असाधारण सेवा के लिये वर्ष 1955 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- सर एम. विश्वेश्वरैया को वर्ष 1911 में किंग एडवर्ड सप्तम द्वारा “कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एम्पायर (C.I.E.)” के रूप में नियुक्त किया गया था।
- वर्ष 1915 में, सार्वजनिक कल्याण में उनके योगदान हेतु उन्हें “नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एम्पायर (KCIE) ” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- उन्हें इंस्टीट्यूशन ऑफ सिविल इंजीनियर्स, लंदन से माननीय सदस्यता, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू से फेलोशिप और भारत के आठ विश्वविद्यालयों से D.Sc., LL.D., और D.Litt. सहित कई माननीय उपाधियाँ प्राप्त हुईं।
- उन्होंने वर्ष 1923 में भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस की अध्यक्षता की।
- इंजीनियर्स दिवस: उनकी जयंती (15 सितंबर), भारत में प्रतिवर्ष इंजीनियर्स दिवस के रूप में मनाई जाती है ताकि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी विरासत और योगदान का सम्मान किया जा सके।
और पढ़ें…इंजीनियर दिवस, एम. विश्वेश्वरैया जयंती , 108वीं भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस , भारत रत्न पुरस्कार, 2024
स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4S)
स्रोत: पी.आई.बी
स्वच्छ भारत मिशन (SBM) की थीम 'स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4S)' 2024 के साथ नई दिल्ली में एक अभियान की शुरूआत की गई।
- इसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा अत्यंत दुर्गम और गंदे स्थानों के समयबद्ध एवं लक्षित बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- अभियान का मुख्य आकर्षण ‘स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (CTU)’ की शुरूआत है, जिसके तहत एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से इन इकाइयों की पहचान और मानचित्रण किया जाएगा।
‘4S’ 2024 अभियान के तीन स्तंभ:
- स्वच्छता की भागीदारी: स्वच्छ भारत के लिये सार्वजनिक भागीदारी, जागरूकता और समर्थन।
- संपूर्ण स्वच्छता: अत्यंत दुर्गम और गंदे स्थानों (स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों) को लक्ष्य बनाकर मेगा स्वच्छता अभियान।
- सफाईमित्र सुरक्षा शिविर: सफाई कर्मचारियों के कल्याण और स्वास्थ्य के लिये एकल खिड़की सेवा, सुरक्षा एवं मान्यता शिविर।
- स्वच्छ भारत मिशन (SBM): इस पहल का उद्देश्य स्थायी व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने, दैनिक आदतों में स्वच्छता को एकीकृत करने और स्वच्छ तथा स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में बदलाव को प्रेरित करना है।
और पढ़ें… स्वच्छ भारत मिशन
नाविका सागर परिक्रमा II
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में भारतीय नौसेना ने दूसरे महिला जलयात्रा अभियान की घोषणा की तथा अभियान से संबंधित लोगो के बारे में जानकारी दी।
- भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के, आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर नाविका सागर परिक्रमा II नामक विश्व-परिक्रमा अभियान पर निकलेंगी।
- महिला नौसेना अधिकारियों का मार्गदर्शन कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) द्वारा किया जा रहा है, जो एक प्रसिद्ध जलयात्री और गोल्डन ग्लोब रेस के नायक हैं।
- गोल्डन ग्लोब रेस, एक प्रतिष्ठित एकल नौकायन प्रतियोगिता है जिसमें बिना रुके और केवल पारंपरिक नेविगेशन विधियों का उपयोग करके विश्व भ्रमण किया जाता है।
- नाविका सागर परिक्रमा के ‘लोगो’ में मध्य का अष्टकोणीय आकार भारतीय नौसेना को दर्शाता है जबकि सूर्य एक खगोलीय पिंड का प्रतीक है तथा कंपास चुनौतीपूर्ण समुंद्री मार्गों में नाविकों के मार्गदर्शन का प्रतीक है।
भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती अभियान:
- गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरो तक और वापस एक अंतर-महासागरीय यात्रा।
- गोवा से विजयपुरम (पूर्व में पोर्ट ब्लेयर) तक और वापस नौकायन अभियान।
- गोवा से पोर्ट लुईस, मॉरीशस तक का अभियान।
ओणम और मिलाद-उन-नबी
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने ओणम तथा मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद) के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं ।
- इस वर्ष ओणम और मिलाद-उन-नबी दोनों पूरे भारत में एक ही दिन मनाए गए।
ओणम:
- ओणम केरल का एक प्रमुख फसल उत्सव है, जो असुर राजा महाबली की घर वापसी की याद में मनाया जाता है , जिनके बारे में मान्यता है कि उन्होंने इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि लायी थी।
- यह मलयालम कैलेंडर के पहले महीने, कोल्लावर्षम, चिंगम के दौरान होता है ।
- दस दिवसीय यह त्योहार अथम (ओणम का पहला दिन) से शुरू तथा थिरुवोणम (अंतिम दिन) पर समाप्त होता है।
- प्रमुख समारोहों में पूक्कलम (फूलों की रंगोली) के निर्माण के साथ-साथ विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठान जैसे- वल्लम काली (नाव दौड़) , पुलिकली (बाघ नृत्य) , कुम्माट्टिकाली (मुखौटा नृत्य) और ओनाथल्लू (मार्शल आर्ट) शामिल हैं।
- मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद): यह पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म की याद में मनाया जाता है । परंपरा के अनुसार, पैगंबर का जन्म 570 ई. में मक्का में रबी-उल-अव्वल (इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना) की 12 तारीख को हुआ था ।
- उल्लेखनीय बात यह है कि पैगंबर का निधन भी इसी दिन हुआ था।
और पढ़ें…ओणम उत्सव
पाँचवीं एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत की जीत
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर चीन में आयोजित 5वीं एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में जीत हासिल की।
- भारत ने सबसे अधिक, 5 एशियाई पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीते हैं जबकि पाकिस्तान ने 3 जीते हैं।
- भारत के हरमनप्रीत सिंह 7 गोल के साथ एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे हैं जो कोरिया के जिहुन यांग से पीछे हैं, जिन्होंने 8 गोल किये हैं।
एशियाई पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी:
- एशियाई पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी एशियाई हॉकी महासंघ द्वारा वर्ष 2011 से प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली एक प्रतियोगिता है जिसमें भारत, पाकिस्तान, मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन उद्घाटन टूर्नामेंट में भाग लेते हैं।
- एशियाई हॉकी महासंघ, एशिया में हॉकी का शासी निकाय है।
- इसके 33 सदस्य संघ हैं और यह अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) से संबद्ध है।
- भारत ने वर्ष 2011 में पहला संस्करण जीता था जब उसने फाइनल में पेनल्टी शूटआउट के साथ पाकिस्तान को हराया था।
- पाकिस्तान ने वर्ष 2012 में इसका अगला संस्करण जीता और टूर्नामेंट में भारत तथा पाकिस्तान के बीच मुकाबला चलता रहा लेकिन वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया ने खिताब जीतकर इस प्रवृत्ति को बदल दिया।
अधिक पढ़ें: हॉकी विश्व कप
भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (BHASKAR)
स्रोत: पी.आई.बी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT), भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मज़बूत करने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू करेगा।
- भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर): यह स्टार्टअप, निवेशकों, सलाहकारों, सेवा प्रदाताओं और सरकारी निकायों सहित उद्यम संबंधी इकोसिस्टम के भीतर प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग को केंद्रीकृत, सुव्यवस्थित एवं बढ़ाने के लिये तैयार किया गया है। इसका प्राथमिक लक्ष्य स्टार्टअप इकोसिस्टम के भीतर हितधारकों के लिये दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री बनाना है।
- यह मंच 1,46,000 से ज़्यादा DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को सेवा प्रदान करेगा, जिससे प्रत्येक हितधारक को एक अद्वितीय भास्कर आईडी सौंपी जाएगी, जिससे प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत समन्वय और उसके अनुरूप अनुभव सुनिश्चित होंगे।
- इस मंच से नवाचार, रोज़गार सृजन और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम तंत्र के समग्र विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो उद्यमिता में वैश्विक अग्रणी बनने के देश के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा।
- भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का वर्तमान परिदृश्य: स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत वैश्विक स्तर में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2014 और 2023 के बीच, देश में स्टार्टअप की संख्या लगभग 7,000 से बढ़कर 80,000 से अधिक हो गई है।
- देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का उदय हुआ है, जो भारतीय स्टार्टअप की परिपक्वता एवं सफलता को दर्शाता है।
और पढ़ें: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम , भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम , डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के छह वर्ष