शासन व्यवस्था
ट्रांसफाॅर्मिंग इंडिया: भारत का डिजिटल परिवर्तन
- 12 Oct 2023
- 16 min read
प्रिलिम्स के लिये:डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDSA), आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, तत्काल भुगतान सेवा, प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI), आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC), डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 मेन्स के लिये:भारत में विभिन्न क्षेत्रों पर डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव, भारत के डिजिटल भुगतान का वर्तमान परिदृश्य, डिजिटल परिवर्तन के लिये भारत का वैश्विक दृष्टिकोण |
प्रसंग:
830 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं के साथ भारत वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल रूप से जुड़ा लोकतंत्र है। हाल के वर्षों में डिजिटल लेन-देन कई गुना बढ़ गया है, जिससे भारत वास्तविक समय डिजिटल भुगतान में निर्विवाद अग्रणी बन गया है।
स्मार्टफोन और किफायती मोबाइल डेटा योजनाओं को व्यापक रूप से अपनाना आदि ने भी भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया है। ई-कॉमर्स, मोबाइल भुगतान, डिजिटल बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन तथा व्यवसाय कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हाल के वर्षों में महत्त्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।
भारत में डिजिटल परिवर्तन की गति:
- भारत का डिजिटल परिवर्तन उल्लेखनीय रहा है, बेहतर कनेक्टिविटी और तकनीकी क्षमताओं के चलते इसके नागरिकों की डिजिटल तक पहुँच और समावेशिता में वृद्धि हुई है।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDSA) और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) आदि जैसी पहलों ने भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- दूरसंचार विकास योजना, आकांक्षी ज़िला योजना और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में कार्रवाई जैसी कुछ पहलों ने पूरे भारत में पहुँच, कनेक्टिविटी, सामर्थ्य और समावेशिता में सुधार किया है।
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जैसी पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित समुदायों को ई-गवर्नेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बैंकिंग जैसी सेवाएँ प्रदान की हैं।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम:
- भारत सरकार ने वर्ष 2015 में भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था।
- इसके प्रमुख उद्देश्यों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना, डिजिटल सेवाएँ प्रदान करना और डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना शामिल है।
- देश भर में समर्पित डिजिटल ड्राइव के परिणामस्वरूप ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इंटरनेट उपभोक्ता में 150% की वृद्धि हुई है।
- आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-2021 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 95.76 मिलियन इंटरनेट ग्राहक जुड़े, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 92.81 मिलियन रही।
- इस कार्यक्रम के तहत लॉन्च किये गए डिजिलॉकर में 16 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इससे उपयोगकर्त्ता किसी भी दस्तावेज़ और प्रमाणपत्र को डिजिटल रूप से साझा तथा एक्सेस कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान:
- PMGDSB को वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था और यह ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दे रहा है।
- PMGDSB के परिणामस्वरूप पूरे भारत में पहुँच, कनेक्टिविटी, सामर्थ्य और समावेशिता में सुधार हुआ है।
- इसने 5.96 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है और 4.44 करोड़ छात्रों को डिजिटल साक्षरता में प्रमाण पत्र प्रदान किया। यह विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम है जिसके तहत अब तक 6.92 करोड़ उम्मीदवार पंजीकृत हो चुके हैं।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव:
- स्वास्थ्य देखभाल:
- डिजिटल तकनीक ने देश में विश्व के सबसे बड़े और सबसे कुशल कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को चलाने में मदद की।
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य ब्लूप्रिंट स्वास्थ्य सेवा वितरण को मज़बूत करने में सहायक रहे हैं।
- चाहे वह टेलीमेडिसिन हो, AI-सक्षम चिकित्सा उपकरण या इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड हो, डिजिटल तकनीक तेज़ी से भारतीय स्वास्थ्य प्रणालियों में अपनी पैठ बना रही है।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी पहल ने भारत में स्वास्थ्य प्रणालियों के डिजिटलीकरण की गति को और तेज़ कर दिया है।
- प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली समग्र रूप से सक्रियता के साथ और अधिक नागरिक-केंद्रित होती जा रही है।
- पर्यटन:
- एक अन्य क्षेत्र जिसमें डिजिटल क्रांति के परिणामस्वरूप महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया, वह है पर्यटन और देशाटन।
- इंटरनेट ने लोगों के अन्वेषण, योजना बनाने और यात्रा का अनुभव करने के तरीके में क्रांति लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- ऑनलाइन बुकिंग से लेकर वर्चुअल टूर और यात्रा सामग्री निर्माण तक इंटरनेट यात्रियों के लिये एक अनिवार्य उपकरण बन गया है।
- व्यवसाय:
- डिजिटल भुगतान ने भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाकर परिचालन कार्यों में कमी करके और उत्पादकता में वृद्धि कर व्यवसायों को रूपांतरित कर दिया है।
- तेज़ी से बढ़ते डिजिटल भुगतान परिदृश्य ने भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाकर व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों में बदलाव ला दिया है।
- वर्तमान में व्यवसाय समय और धन दोनों की बचत करने में सक्षम हैं, साथ ही अपनी मुख्य दक्षताओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह डिजिटल भुगतान विकल्पों की पेशकश से संभव हुआ है, जो उन्हें बड़े बाज़ार में प्रवेश करने तथा नए ग्राहकों को आकर्षित करने में सक्षम बनाता है।
भारत में डिजिटल भुगतान का वर्तमान परिदृश्य:
- भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति:
- डिजिटल बुनियादी ढाँचे के तेज़ी से विस्तार के परिणामस्वरूप भारत के भुगतान परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।
- वित्तीय लेन-देन मॉडल में डिजिटल भुगतान की ओर एक प्रभावशाली बदलाव देखा गया है, जिससे डिजिटल भुगतान को अत्यधिक महत्त्व देकर बढ़ावा देने से आधुनिक डिजिटल और कैशलेस अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
- पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान लेन-देन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। उपयोगकर्त्ता के अनुकूल तथा सुविधाजनक डिजिटल भुगतान विधियाँ जैसे:
- भारत इंटरफेस फॉर मनी- एकीकृत भुगतान इंटरफेस (BHIM-UPI), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI), आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) ने व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति से व्यापारी दोनों को भुगतान की सुविधा प्रदान करके डिजिटल भुगतान परिदृश्य में क्रांति लाते हुए पर्याप्त वृद्धि का अनुभव किया है।
- डिजिटल बुनियादी ढाँचे के तेज़ी से विस्तार के परिणामस्वरूप भारत के भुगतान परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।
- वैश्विक डिजिटल भुगतान में UPI अग्रणी:
- भारत वर्ष 2022 में 89.5 मिलियन लेन-देन के साथ डिजिटल भुगतान में दुनिया में अग्रणी है और UPI एक क्रांतिकारी उत्पाद के रूप में उभर रहा है। आँकड़ों के अनुसार, वैश्विक वास्तविक समय पर भुगतान में भारत का हिस्सा वार्षिक रूप से 46% था।
- इस सूची में ब्राज़ील दूसरे स्थान पर था, उसके बाद चीन, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया थे।
- तेज़ी से वृद्धि यह प्रदर्शित करती है कि भारत में डिजिटल भुगतान लेन-देन अन्य चार प्रमुख देशों की तुलना में अधिक है।
- UPI लेन-देन वर्ष 2025 तक प्रतिदिन 1 बिलियन तक पहुँचने की ओर अग्रसर है, जो देश में खुदरा डिजिटल भुगतान का 90% हिस्सा है।
- भारत वर्ष 2022 में 89.5 मिलियन लेन-देन के साथ डिजिटल भुगतान में दुनिया में अग्रणी है और UPI एक क्रांतिकारी उत्पाद के रूप में उभर रहा है। आँकड़ों के अनुसार, वैश्विक वास्तविक समय पर भुगतान में भारत का हिस्सा वार्षिक रूप से 46% था।
- पारंपरिक भुगतान विधियाँ:
- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) जैसी पारंपरिक भुगतान विधियों का तेज़ी से विस्तार हुआ है।
नोट:
- फरवरी 2023 में भारत के UPI और सिंगापुर के PayNow को दोनों देशों के बीच तेज़ी से प्रेषण सुनिश्चित करने के लिये एकीकृत किया गया था।
भारत द्वारा डिजिटल युग में डेटा संरक्षण के प्रयास:
- भारत ने डिजिटल दुनिया की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिये लैंडमार्क डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 पारित किया है।
- विधेयक का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा को दुरुपयोग से बचाना और वैश्विक तकनीक-आधारित निवेश के प्रवाह को सक्षम करना है, जिससे इस क्षेत्र को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक प्रमुख चालक बनाया जा सके।
- यह विधेयक भारत की डिजिटल विकास यात्रा में एक नए युग की शुरुआत करता है, जो वर्तमान की विश्व स्तर पर परस्पर जुड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था में व्यक्तिगत डेटा की उपयोगिता और केंद्रीयता को पहचानता है और ऐसे व्यक्तिगत डेटा को दुरुपयोग से बचाने की आवश्यकता का भी संज्ञान लेता है।
डिजिटल परिवर्तन हेतु भारत का वैश्विक दृष्टिकोण:
- भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा ने समाज के हर पहलू को प्रभावित किया है, जिससे टिकाऊ, सस्ती और परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी के आधार पर सभी के लिये डिजिटल पहुँच, सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी और डिजिटल समावेशन सुनिश्चित हुआ है।
- इस परिवर्तन को शेष विश्व में आगे बढ़ाते हुए भारत ने G20 में एक शासन ढाँचे और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का आह्वान किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सभी देशों के लिये समान रूप से सुलभ हो।
- विकास के लिये डेटा भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" यानी वसुधैव कुटुंबकम के समग्र विषय का एक अभिन्न अंग है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से कौन-से ओपन-सोर्स डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर बनाए गए हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न: कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'डिजीलॉकर' के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की"। चर्चा कीजिये। (2020) प्रश्न. 'डिजिटल भारत' कार्यक्रम कृषि उत्पादकता और आय को बढ़ाने में किसानों की किस प्रकार सहायता कर सकता है? सरकार ने इस संबंध में क्या कदम उठाए हैं? (2015) |