कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में संघर्ष
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी क्षेत्र में हुई संघर्ष की घटनाएँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गई हैं जिससे संबद्ध क्षेत्र में पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति और प्रभावित हुई है।
- उत्तरी किवु प्रांत में गोमा के समीप कांगो की सेना और रवांडा द्वारा समर्थित M23 समूह के बीच हुए संघर्ष के कारण कई मौतें हुईं तथा हज़ारों लोग विस्थापित हुए।
परिचय:
- DRC अफ्रीका का दूसरा और विश्व का 11वाँ सबसे बड़ा देश है।
- इसकी एक छोटी-सी तटरेखा अटलांटिक महासागर के साथ लगती है। DRC के उत्तर में मध्य अफ्रीकी गणराज्य और दक्षिण में सूडान स्थित है तथा साथ ही इसके पूर्व में युगांडा, रवांडा, बुरुंडी एवं तंज़ानिया व दक्षिण-पूर्व में ज़ाम्बिया और दक्षिण पश्चिम में अंगोला स्थित है।
- DRC की राजधानी किंशासा है जो कांगो नदी के तट पर स्थित है। यह अफ्रीका की एकमात्र नदी है जो दो बार भूमध्य रेखा से होकर गुज़रती है।
- इसकी आधिकारिक भाषा फ्रेंच है किंतु यहाँ अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें कितुबा, लिंगाला, स्वाहिली और शिलुबा (Tshiluba) शामिल हैं।
- कटंगा पठार एक समृद्ध खनन क्षेत्र है जिससे कोबाल्ट, ताँबा, टिन, रेडियम, यूरेनियम और हीरे की आपूर्ति की जाती है।
पांडवुला गुट्टा और रामगढ़ क्रेटर भू-विरासत स्थलों के रूप में नामित
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
पांडवुला गुट्टा, हिमालय पर्वत से पहले का एक प्राचीन भू-वैज्ञानिक आकृति है, जिसे आधिकारिक तौर पर तेलंगाना में एकमात्र भू-विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है।
- इसके अलावा, राजस्थान सरकार बाराँ ज़िले में रामगढ़ क्रेटर को भू-विरासत स्थल के रूप में नामित करती है।
- यह मान्यता क्षेत्र की भू-वैज्ञानिक विरासत को संरक्षित करने में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पांडवुला गुट्टा के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पांडवुला कोंडा (पांडवुला गुट्टा) एक भू-वैज्ञानिक आकृति है, जो तेलंगाना के जयशंकर भूपलपल्ली ज़िले में स्थित है।
- पांडवुला गुट्टा मेसोलिथिक काल (लगभग 10,000 ईसा पूर्व से 8,000 ईसा पूर्व) से लेकर मध्यकालीन काल तक चट्टानी आश्रयों एवं निवास स्थान के मामले में समृद्ध है।
- पांडवुला गुट्टा में पुरापाषाण (500,000 ईसा पूर्व-10,000 ईसा पूर्व) गुफा चित्र हैं जो प्रागैतिहासिक जीवन की झलक प्रस्तुत करते हैं।
- गुफा चित्रों में बाइसन, मृग, बाघ एवं तेंदुए जैसे वन्यजीवों के साथ-साथ स्वास्तिक चिह्न, वृत्त, वर्ग तथा हथियार जैसी आकृतियाँ भी दर्शायी गई हैं।
- चित्रों में हरे, लाल, पीले एवं सफेद रंगों में ज्यामितीय डिज़ाइन तथा छापें भी शामिल हैं।
- पांडवुला गुट्टा की स्थलाकृति इसे रॉक क्लाइंबरों के लिये एक लोकप्रिय गंतव्य बनाती है।
रामगढ़ क्रेटर के बारे में प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- राजस्थान के रामगढ़ क्रेटर की उत्पत्ति लगभग 165 मिलियन वर्ष पूर्व एक उल्का प्रभाव के कारण हुई थी। 3 किलोमीटर व्यास के साथ यह क्रेटर आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र सुविधा प्रदान करता है जो संबद्ध क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन और जैवविविधता में योगदान देता है।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत रामगढ़ संरक्षण रिज़र्व के रूप में मान्यता प्राप्त, रामगढ़ क्रेटर को इसकी अद्वितीय पारिस्थितिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये संरक्षित किया गया है।
- इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत रामगढ़ संरक्षण रिज़र्व के रूप में घोषित किया गया है और क्रेटर के भीतर स्थित पुष्कर तालाब परिसर को आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
भू-विरासत स्थल/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक
- भू-विरासत का तात्पर्य उन साइटों अथवा क्षेत्रों से है जो अपनी भूवैज्ञानिक विशेषताओं के फलस्वरूप वैज्ञानिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक अथवा सौंदर्य के संबंध में महत्त्वपूर्ण हैं।
- इन साइटों में अद्वितीय पाषाण संरचनाएँ, जीवाश्म या परिदृश्य हो सकते हैं जो शिक्षा, अनुसंधान, सांस्कृतिक महत्त्व या दृश्य अपील के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। ये पर्यटन स्थलों के रूप में स्थानीय और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में भी योगदान दे सकते हैं।
- GSI या संबंधित राज्य सरकारें इन साइटों की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय करती हैं।
- भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण सुरक्षा और रखरखाव के लिये भू-विरासत स्थलों/राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक स्मारकों की घोषणा करता है।
- GSI एक वैज्ञानिक एजेंसी है जिसकी स्थापना वर्ष 1851 में रेलवे के लिये कोयला भंडार की खोज हेतु की गई थी। GSI का मुख्यालय कोलकाता में है और यह खान मंत्रालय से जुड़ा कार्यालय है। इसके मुख्य कार्यों में राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक सुचना तैयार करना, इन्हें अद्यतन करना और खनिज संसाधनों का आकलन करना शामिल है।
भू-वैज्ञानिक विरासत स्थल/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक |
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और पढ़ें : मसौदा भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक, 2022
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न 1. निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थानों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त स्थलों में से कौन-सा/से भित्ति चित्रकला के लिये जाना जाता है/जाने जाते हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर कहाँ स्थित है? (2009) (a) भद्राचलम उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न.1 भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018) प्रश्न.2 भारतीय दर्शन और परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना तथा आकार देने एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चर्चा कीजिये। (2020) |
मल्टीमॉडल ट्रांंसपोर्ट हब
स्रोत: द हिंदू
भारतीय रेलवे देश भर में 10 लाख से अधिक आबादी वाले आकांक्षी शहरों में मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) विकसित करने की योजना बना रही है।
- यह कार्यक्रम भारत की 'विकसित भारत' पहल के लिये विकसित किये जा रहे बुनियादी ढाँचे का हिस्सा है।
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब क्या है?
- परिचय:
- MMTH एक परिवहन सुविधा है जिसे एक ही स्थान पर रेल, सड़क और जन पारगमन प्रणालियों जैसे परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- MMTH का प्राथमिक उद्देश्य परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच यात्रियों और वस्तुओं की निर्बाध कनेक्टिविटी तथा कुशल स्थानांतरण प्रदान करना है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- रेलवे स्टेशन: रेलवे स्टेशन विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने वाली ट्रेन सेवाओं के लिये एक टर्मिनस के रूप में कार्य करता है।
- यह यात्रियों के लिये प्रतीक्षा क्षेत्र, टिकट काउंटर, प्लेटफॉर्म और सुविधाओं सहित आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
- अंतर्राज्यीय बस टर्मिनस (ISBT): ISBT विभिन्न गंतव्यों के लिये कनेक्टिविटी प्रदान करते हुए अंतर्राज्यीय बस सेवाओं की सुविधा प्रदान करता है।
- मास रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (MRTS) स्टेशन: MRTS स्टेशन मेट्रो, लाइट रेल या शहरी जन पारगमन के अन्य रूपों जैसी तीव्र पारगमन सेवाओं को समायोजित करता है।
- यह हब को व्यापक शहरी पारगमन नेटवर्क से जोड़ता है और यात्रियों के लिये सुविधाजनक परिवहन विकल्प प्रदान करता है।
- परिवहन कैचमेंट ज़ोन: MMTH के आस-पास का स्थान जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है, जो निकट क्षेत्रों के यात्रियों के लिये आकर्षण का केंद्र है और आस-पास के क्षेत्रों के लिये बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करता है।
- इससे पहुँच बढ़ती है और क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान मिलता है।
- रेलवे स्टेशन: रेलवे स्टेशन विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने वाली ट्रेन सेवाओं के लिये एक टर्मिनस के रूप में कार्य करता है।
विकसित भारत के पहलू क्या हैं?
- संरचनात्मक परिवर्तन: यह कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों (जैसे- कृषि) से उच्च उत्पादकता वाले क्षेत्रों (जैसे- विनिर्माण और सेवाओं) में संसाधनों के स्थानांतरण को संदर्भित करता है।
- श्रम बाज़ारों को व्यवस्थित करना: इसमें श्रम आपूर्ति की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करना, श्रमिकों के कौशल एवं रोज़गार क्षमता को बढ़ाना तथा निष्पक्ष एवं कुशल श्रम नियमों को सुनिश्चित करना शामिल है।
- प्रतिस्पर्द्धात्मकता में वृद्धि: इसमें कंपनियों की दक्षता और नवाचार को बढ़ाना, उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता एवं विविधता में सुधार करना,घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों का विस्तार करना शामिल है।
- वित्तीय और सामाजिक समावेशन में सुधार: इसका तात्पर्य गरीबों तथा हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिये वित्तीय सेवाओं एवं सामाजिक कल्याण योजनाओं की पहुँच और सामर्थ्य का विस्तार करना है।
- शासन व्यवस्था में सुधार: इसमें शासन की संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं को मज़बूत करना शामिल है, जैसे– कानून का शासन, जवाबदेही, पारदर्शिता तथा भागीदारी।
- हरित क्रांति में अवसरों का लाभ उठाना: इसका तात्पर्य नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता एवं जलवायु लचीलेपन जैसी हरित प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को अपनाना तथा बढ़ावा देना है।
रेलवे और परिवहन से संबंधित सरकार की क्या पहल हैं?
- गति शक्ति टर्मिनल नीति
- राष्ट्रीय रसद नीति
- रेलवे के बुनियादी ढाँचे में निवेश हेतु सागरमाला और भारतमाला परियोजना
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय रेलवे द्वारा प्रयोग किये जाने वाले जैव-शौचालयों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. गति-शक्ति योजना के कनेक्टिविटी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सूक्ष्म समन्वय की आवश्यकता है। विचार-विमर्श कीजिये। (2022) |
कैमरा दिखाएगा जानवर किस प्रकार दुनिया को देखते हैं
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में अमेरिका में शोधकर्त्ताओं ने जानवर किस तरह दुनिया को देखते हैं, इसके लिये कैमरा विकसित किया है।
- प्रकाश के प्रति प्रतिक्रिया करने वाली विशेष कोशिकाएँ, जिन्हें फोटोरिसेप्टर कहा जाता है, प्रत्येक जानवर के लिये अद्वितीय होती हैं। जबकि मनुष्य की आँखें दृश्य सीमा (380 और 700 नैनोमीटर (nm) के बीच) में प्रकाश की केवल तरंग दैर्ध्य का पता लगा सकती हैं, मधुमक्खियाँ और कई पक्षी पराबैंगनी प्रकाश (10-400 nm) को भी देख सकते हैं।
- जानवर अपने शिकारियों को डराने, साथियों को लुभाने या खुद को छुपाने हेतु रंगों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिये रंगों में भिन्नता का पता लगाना किसी जानवर के अस्तित्व के लिये आवश्यक है।
- जानवरों ने अत्यधिक संवेदनशील फोटोरिसेप्टर विकसित कर लिये हैं जो पराबैंगनी और अवरक्त तरंग दैर्ध्य के प्रकाश का पता लगा सकते हैं।
अभ्यास भारत शक्ति
स्रोत: द हिंदू
भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए, राजस्थान के पोखरण में "भारत शक्ति" नामक एक त्रि-सेवा लाइव फायर और युद्धाभ्यास आयोजित किया जा रहा है।
- इसमें उन्नत MIRV तकनीक के साथ लंबी दूरी की अग्नि मिसाइल का सफल परीक्षण शामिल था।
- अभ्यास में प्रदर्शित प्रमुख उपकरण और हथियार प्रणालियों में T-90 (IM) टैंक, धनुष तथा सारंग गन सिस्टम, आकाश हथियार प्रणाली, लॉजिस्टिक्स ड्रोन, रोबोटिक म्युल्स, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH), नौसेना एंटी-शिप मिसाइल, हल्के लड़ाकू विमान तेजस, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर एवं उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
- हालाँकि, LCA तेजस फाइटर जेट एक प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान दुखद रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
और पढ़ें: अभ्यास कवच
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी पर TRAI के अद्यतन नियम
स्रोत: द हिंदू
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से संबंधित धोखाधड़ी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नए नियम लागू किये हैं।
- अद्यतन नियमों के अनुसार, जिन ग्राहकों ने हाल ही में पिछले 7 दिनों के अंदर खो जाने या क्षति के कारण अपने सिम कार्ड बदले हैं, उन्हें किसी अलग नेटवर्क प्रदाता पर पोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- यह प्रतिबंध धोखेबाज़ों को सिम कार्ड की अदला-बदली करके और मोबाइल नंबर पोर्टिंग प्रक्रिया का उपयोग करके प्रदाताओं को तुरंत बदलने का प्रयास करने से रोकने के लिये लागू किया गया है।
- TRAI द्वारा उठाए गए पिछले उपायों में स्पैम ऑप्ट-आउट के लिये डू-नॉट-डिस्टर्ब रजिस्ट्री की स्थापना करना और व्यवसायों को लेन-देन संबंधी SMS संदेशों के लिये विशिष्ट प्रारूपों का पालन करना अनिवार्य करना शामिल है।
- TRAI नाबालिगों और आश्रितों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, पंजीकृत कॉलर नाम प्रदर्शित करने तथा पोर्टिंग के लिये KYC प्रक्रियाओं को बढ़ाने जैसे विकल्प भी तलाश रहा है।
और पढ़ें… भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण
लामितिये -2024
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारतीय सेना की टुकड़ी ने सेशेल्स रक्षा बलों (Seychelles Defence Forces- SDF) के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास "लामितिये -2024 (LAMITIYE-2024)" के 10वें संस्करण में भाग लिया।
- LAMITIYE, जिसका अर्थ क्रियोल भाषा में 'मैत्री' है (सेशेल्स में आधिकारिक भाषाओं में से एक) 2001 से एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा है।
- उद्देश्य: संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य शांति स्थापना संचालन पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत अर्ध-शहरी परिदृश्य में उप-पारंपरिक संचालन में अंतर संचालन को बढ़ाना है।
- गतिविधियाँ: प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध परिचर्चा, व्याख्यान और प्रदर्शन करना।
- महत्त्व: द्विपक्षीय सैन्य संबंधों का निर्माण और प्रचार, कौशल तथा अनुभवों का आदान-प्रदान करना।
- सेशेल्स मेडागास्कर के उत्तर-पूर्व में हिंद महासागर में एक द्वीपीय राष्ट्र है। यह देश अपने समुद्र तटों, मूँगा चट्टानों, प्रकृति भंडार एवं विशाल अल्दाबरा कछुओं सहित दुर्लभ प्रजातियों के लिये जाना जाता है।
- अल्दाबरा एटोल, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा यह विश्व का सबसे बड़ा मूंगा एटोल है और साथ ही विश्व में सबसे बड़ी विशाल कछुआ आबादी का आवास भी है।
और पढ़ें…भारत-सेशेल्स
भारतीय सेना में शामिल हुआ AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना एविएशन कोर ने राजस्थान के जोधपुर में AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर के संचालन के लिये समर्पित अपनी पहली इकाई की स्थापना के साथ आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया।
- वर्ष 2020 में बोइंग ने भारतीय सेना के लिये छह और अपाचे हेलीकॉप्टरों के अधिग्रहण के लिये भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- AH-64 अपाचे विश्व का सबसे उन्नत बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। अमेरिकी सेना एवं बढ़ती संख्या में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा बलों द्वारा उपयोग किया जाता है।
- यह एक महत्त्वपूर्ण क्षण है क्योंकि स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड के बाद अपाचे सेना के शस्त्रागार में दूसरा हमलावर हेलीकॉप्टर बन जाएगा।
और पढ़ें… AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर