सुरक्षा
तेजस जेट और प्रचंड हेलीकॉप्टर
- 04 Dec 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:तेजस जेट और और प्रचंड हेलीकॉप्टर, रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC), हल्के लड़ाकू विमान तेजस (मार्क 1A), हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड (LCH) मेन्स के लिये:तेजस जेट और प्रचंड हेलीकॉप्टर, विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियाँ तथा उनके कार्यक्षेत्र |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस (मार्क 1A) तथा 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड (LCH) की खरीद के लिये 2.23 लाख करोड़ रुपए मंज़ूर किये हैं, जो अपने सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- इस खरीद का लक्ष्य अपनी कुल राशि का 98% घरेलू उद्योगों से प्राप्त करना है, जिससे भारतीय रक्षा उद्योग को 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में अधिक बढ़ावा मिलेगा।
- DAC ने सरकारी एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा अपने सुखोई-30 लड़ाकू बेड़े के उन्नयन के लिये भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है।
हल्का लड़ाकू विमान (LCA) क्या है?
- परिचय:
- LCA कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में तब शुरू किया गया था जब उसने LCA कार्यक्रम के प्रबंधन हेतु वैमानिकी विकास एजेंसी (Aeronautical Development Agency- ADA) की स्थापना की थी।
- विशेषताएँ:
- इसे वायु से वायु, वायु से सतह, सटीक निर्देशित हथियारों की एक शृंखला ले जाने हेतु डिज़ाइन किया गया।
- यह हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता से युक्त है।
- तेजस के विभिन्न प्रकार:
- तेजस ट्रेनर: यह वायु सेना के पायलटों के प्रशिक्षण के लिये 2-सीटर परिचालन ट्रेनर विमान है।
- LCA नेवी: भारतीय नौसेना के लिये दो और एकल-सीट वाहक को ले जाने में सक्षम विमान।
- LCA तेजस नेवी MK2: यह LCA नेवी वैरिएंट का दूसरा संस्करण है।
- LCA तेजस Mk-1A: यह LCA तेजस Mk1 का एक हाई थ्रस्ट इंजन के साथ अद्यतन रूप है।
हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर क्या है?
- परिचय:
- LCH विश्व का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊँचाई पर हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ उड़ान भरने एवं उतरने में सक्षम है।
- यह हेलीकॉप्टर रडार संकेतकों (सिग्नेचर) से बचाव के लिये रडार-अवशोषित तकनीकी का उपयोग करता है जिसमें क्रैश-प्रूफ संरचना एवं लैंडिंग गियर मौजूद होता है।
- दबावयुक्त केबिन आणविक, जैविक और रासायनिक (NBC) आकस्मिक/फुटकर व्यय से सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह हेलीकॉप्टर काउंटर मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम से लैस है जो इसे दुश्मन के रडार अथवा दुश्मन की मिसाइलों से बचाता है।
- LCH हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित दो फ्राँसीसी मूल के शक्ति इंजनों द्वारा संचालित है।
- उत्पत्ति (Genesis):
- वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पहली बार एक स्वदेशी लाइट वेट असाॅल्ट वाले हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस हुई जो सभी भारतीय युद्धक्षेत्र परिदृश्यों में सटीक हमले कर सके।
- इसका मतलब एक ऐसे यान से था जो बहुत गर्म रेगिस्तान और ऊँचाई वाले ठंडे प्रदेशों में भी उग्रवाद विरोधी परिदृश्यों से लेकर पूर्ण पैमाने पर युद्ध स्थितियों में काम कर सकता था।
- भारत, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा देश में निर्मित उप 3 टन श्रेणी के फ्राँसीसी मूल के लिगेसी हेलीकॉप्टर, चेतक और चीता का संचालन कर रहा है।
- ये एकल इंजन मशीनें, मुख्य रूप से यूटिलिटी हेलीकॉप्टर थीं। भारतीय सेनाएँ चीता का एक सशस्त्र संस्करण, लांसर भी संचालित करती हैं।
- इसके अलावा भारतीय वायु सेना वर्तमान में रूसी मूल के Mi-17 और इसके वेरिएंट Mi-17 IV और Mi-17 V5 का संचालन करती है, जिनका अधिकतम टेक-ऑफ वज़न 13 टन है, जिनकी वर्ष 2028 से चरणबद्ध तरीके से सेवा अवधि को समाप्त करना है।
- सरकार ने अक्तूबर 2006 में LCH परियोजना को मंज़ूरी दी और HAL को इसे विकसित करने का काम सौंपा गया।
- वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पहली बार एक स्वदेशी लाइट वेट असाॅल्ट वाले हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस हुई जो सभी भारतीय युद्धक्षेत्र परिदृश्यों में सटीक हमले कर सके।
- महत्त्व:
- HAL में दुश्मन की वायु रक्षा को नष्ट करने, उग्रवाद विरोधी युद्ध, युद्ध खोज और बचाव, टैंक रोधी एवं काउंटर सतह बल संचालन जैसी लड़ाकू भूमिकाओं की क्षमताएँ हैं।
भारत के पास कितने प्रकार के विमान हैं?
- बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान (MRFA):
- इसे हवा से हवा में मार, हवा से ज़मीन पर हमला और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे विभिन्न मिशनों के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- भारतीय वायुसेना सोवियत काल के MiG-21 के पुराने बेड़े को बदलने के लिये 114 MRFA की खरीद पर काम कर रही है।
- खरीद मेक इन इंडिया पहल के तहत की जाएगी।
- चयनित विक्रेता को भारत में एक उत्पादन लाइन स्थापित करनी होगी और स्थानीय भागीदारों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करनी होगी।
- मिग- 21:
- सुपरसोनिक जेट लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान वर्ष 1950 के दशक में तत्कालीन USSR द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
- इतिहास में व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले लड़ाकू विमान के 11,000 से अधिक इकाइयों के निर्माण के साथ 60 से अधिक देश इसे संचालित करते हैं।
- IAF ने 1963 में अपना पहला मिग-21 हासिल किया और तब से विमान के 874 प्रकार शामिल किये हैं।
- इसने भारत से जुड़े कई युद्धों और संघर्षों में भूमिका निभाई है। कई दुर्घटनाओं एवं हादसों के कारण इसे "उड़ता हुआ ताबूत (flying coffin)" उपनाम दिया गया है।
- IAF की योजना वर्ष 2024 तक MiG-21 के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और इसकी जगह अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को लाने की है।
- सुपरसोनिक जेट लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान वर्ष 1950 के दशक में तत्कालीन USSR द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
- उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA):
- यह भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिये 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ, बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान विकसित करने का एक भारतीय कार्यक्रम है।
- इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अन्य सार्वजनिक एवं निजी भागीदारों के सहयोग से DRDO के ADA द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है।
- इसमें स्टील्थ एयरफ्रेम, आंतरिक हथियार बे, उन्नत सेंसर, डेटा फ्यूज़न, सुपरक्रूज़ क्षमता और स्विंग-रोल प्रदर्शन जैसी सुविधाएँ होने की उम्मीद है।
- वर्ष 2008 में सुखोई Su-30MKI के अनुवर्ती के रूप में इसकी शुरुआत की गई।
- इसकी पहली उड़ान वर्ष 2025 के लिये योजनाबद्ध है और उत्पादन वर्ष 2030 के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
- सुखोई Su-30MKI:
- ट्विन-इंजन, दो-सीट, बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान रूस के सुखोई द्वारा विकसित और भारतीय वायुसेना के लिये भारत के HAL द्वारा लाइसेंस के तहत निर्मित किया गया है।
- हवाई श्रेष्ठता, ज़मीनी हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और समुद्री हमले जैसे मिशनों को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया।
- इसे वर्ष 2002 में भारतीय वायुसेना के तहत सेवा में शामिल किया और तब से कई संघर्षों व अभ्यासों में तैनात किया जा चुका है।
- ट्विन-इंजन डेक आधारित लड़ाकू विमान (TEDBF)
- नौसेना के मिग-29K को प्रतिस्थापित करने के लिये नौसेना के लिये निर्मित।
- समर्पित वाहक-आधारित संचालन के लिये भारत में पहली जुड़वाँ इंजन (ट्विन-इंजन डेक) वाली विमान परियोजना।
- मुख्यतः घरेलू हथियारों से सुसज्जित।
- अधिकतम मशीन संख्या 1.6, सर्विस सीलिंग 60,000 फीट, अधिकतम टेकऑफ वज़न 26 टन, खुला पंख।
- राफेल:
- फ्रेंच ट्विन (जुड़वाँ) इंजन और मल्टीरोल लड़ाकू विमान।
- भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट खरीदे।
- हवाई वर्चस्व, अंतर्विरोध, हवाई टोही, ज़मीनी समर्थन, तीव्र प्रहार, जहाज़-रोधी हमला और परमाणु निरोध मिशनों के लिये सुसज्जित।
- राफेल जेट के हथियार पैकेज में उल्का मिसाइल, स्कैल्प क्रूज़ मिसाइल और एमआईसीए मिसाइल प्रणाली शामिल हैं।
- उल्का मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की अगली पीढ़ी है, जिसे हवा से हवा में युद्ध में क्रांति लाने के लिये निर्मित किया गया है, जो 150 किमी. दूर से दुश्मन के विमानों को निशाना बनाने में सक्षम है।
- SCALP क्रूज़ मिसाइलें 300 किमी. दूर तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं, जबकि MICA मिसाइल प्रणाली एक बहुमुखी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो 100 किमी. दूर तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
- परिचालन उड़ान क्षमता 30,000 घंटे।