तीन नए युद्धक विमान
चर्चा में क्यों?
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2026 तक सेना के पास तीन नए युद्धक विमान (Fighter Jets) होंगे जिनमें से दो को वायु सेना में तथा एक को नौसेना में शामिल किया जाएगा।
- इसमें वायु सेना में नए LCA (Mk-2 संस्करण) तथा AMCA (उन्नत मध्यम युद्धक विमान) और नौसेना में TEDBF (ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर) युद्धक विमान को शामिल किया जाना है।
- इससे पहले सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Security-CCS) ने भारतीय वायु सेना के लिये 83 तेजस हल्के युद्धक विमानों (Mk-1A and Mk-1 संस्करणों) के अधिग्रहण हेतु 48,000 करोड़ रुपए के समझौते को सहमति प्रदान की थी।
प्रमुख बिंदु:
हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk-2:
- (LCA) Mk-2 के बारे में:
- इसमें एक बड़ा इंजन लगाया गया है जो 6.5 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है।
- 1980 के दशक में 'हल्के युद्धक विमान' (LCA) कार्यक्रम को भारत में पुराने हो चुके मिग-21 लड़ाकू विमानों को बदलने के लिये शुरू किया गया था।
- यह 4.5 पीढ़ी का विमान है जिसका उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा।
- यह युद्धक विमान की श्रेणी में शामिल मिराज 2000 ( Mirage 2000) को प्रतिस्थापित करेगा।
- इस हल्के युद्धक विमान (Light Combat Aircraft- LCA) में पहले से ही विकसित तकनीक का प्रयोग किया गया है।
- उत्पादन:
- इस योजना को वर्ष 2022 तक लागू किया जाना है, जिसमें वर्ष 2023 में Mk-2 की पहली उड़ान और वर्ष 2026 तक Mk-2 संस्करण का उत्पादन करना शामिल है।
उन्नत मध्यम युद्धक विमान (AMCA):
- AMCA के बारे में:
- यह पाँचवीं पीढ़ी का विमान है जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा।
- यह एक स्टील्थ विमान है, जो हल्के युद्धक विमान के विपरीत स्टील्थ तकनीकी पर आधारित एक अधिक तीव्र गति से कार्य करने वाला विमान है।
- लो रडार क्रॉस-सेक्शन (Low Radar Cross-Section) प्राप्त करने के लिये इसका आकार अद्वितीय है, इस युद्धक विमान को आंतरिक हथियारों से सुसज्जित किया जा सकता है।
- बाहरी हथियारों को हटाने के बाद भी इसमें लगे आंतरिक हथियारों में महत्त्वपूर्ण अभियानों को पूर्ण करने की क्षमता विद्यमान है।
- रेंज:
- विभिन्न माध्यमों में इसकी कुल रेंज 1,000 किमी. से लेकर 3,000 किमी. तक होगी।
- प्रकार और इंजन:
- इसके दो प्रकार (Mk-1 और Mk-2) हैं। AMCA Mk-1 में LCA Mk-2 के समान एक आयातित इंजन लगा होगा, वहीँ AMCA Mk-2 में एक स्वदेशी इंजन होगा।
- उत्पादन:
- इसकी पहली उड़ान वर्ष 2024-25 में संभावित है, बाद में इसके और परीक्षण किये जाएंगे तथा संपूर्ण उत्पादन कार्य वर्ष 2029 तक पूर्ण होगा।
ट्विन-इंजन डेक-आधारित युद्धक विमान (TEDBF):
- TEDBF के बारे में:
- इस युद्धक विमान का निर्माण नौसेना के लिये किया जाएगा।
- यह नौसेना के मिग-29 K का स्थान लेगा।
- यह भारत में पहला ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट (Twin Engine Aircraft Project) होगा जो वाहक आधारित अभियानों (Carrier Based Operations) के लिये भी समर्पित होगा।
- इसे आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) और आगामी स्वदेशी विमान वाहक पोतों से संचालित करना संभव होगा।
- हथियार/अस्त्र:
- विमान मुख्य रूप से घरेलू हथियारों से लैस होगा।
- आकार और क्षमता:
- इसकी अधिकतम गति 1.6 मैक , 60,000 फीट तक की उड़ान क्षमता, 26 टन की अधिकतम भार वहन क्षमता, 11.2 मीटर की अनफोल्डेड विंग स्पैन, 7.2 फोल्डेड विंग स्पैन और 16.3 मीटर की लंबाई होगी।
- इंजन:
- हालांँकि इंजन की संरचना और व्यास का खुलासा नहीं किया गया है, इसमें उसी इंजन का उपयोग किया जाना है जिसका प्रयोग LCA तेजस विमान में किया गया है।
- अधिष्ठापन:
- इसे वर्ष 2030 तक नौसेना में शामिल किया जाएगा।
INS विक्रमादित्य:
- INS विक्रमादित्य देश का सबसे शक्तिशाली विमान वाहक पोत है।
- इसका निर्माण वर्ष 1987 में किया गया था।
- भारतीय नौसेना द्वारा इस तोप को वर्ष 2004 में खरीदा गया जिसे नवंबर 2013 में रूस के सेवरोडविन्स्क में कमीशन किया गया था ।
- इस पर रूस एवं इज़राइल द्वारा सयुक्त रूप से विकसित इज़राइल की बराक मिसाइल प्रणाली को तैनात किया गया है।