अरेबियन तेंदुए और भेड़िये
स्रोत: डाउन टू अर्थ
ऐतिहासिक रूप से पाए जाने वाले क्षेत्रों में 98% की कमी होने के कारण वर्तमान में अरेबियन तेंदुए और भेड़िये दोनों की स्थिति गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) है, ऐसा माना जा रहा है कि मुख्य रूप से उत्तरी क्षेत्रों, जिसमें नेगेव तथा जुडियन रेगिस्तान शामिल हैं, में इनकी स्थिति विलुप्त (extinct) हो गई है।
ढिब और निम्र (Dhib and Nimr): ढिब और निम्र (क्रमशः भेड़िये व तेंदुए) के लिये अरबी शब्द हैं।
अरेबियन तेंदुए और भेड़िये की पहचान:
- अरेबियन भेड़िये:
- परिचय:
- अरेबियन भेड़िया (कैनिस ल्यूपस अरेब्स), भूरे भेड़िये की एक उप-प्रजाति है। अरेबियन भेड़िया विश्वभर में सबसे छोटा भेड़िया है, अपनी इस विशेषता के कारण यह वन्यजीवों में सबसे अनूठा और महत्त्वपूर्ण है।
- भौगोलिक विस्तार:
- ये भेड़िये मुख्यतः अरब प्रायद्वीप में पाए जाते हैं, जिनमें दक्षिणी इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान और मध्य पूर्व के कुछ हिस्से शामिल हैं।
- महत्त्व:
- दक्षिणी इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान और अरावा घाटी में अरेबियन भेड़िए प्रमुख शिकारी जानवर हैं तथा यहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये भेड़िये सीमित उत्पादकता व संसाधन वाले शुष्क वातावरण में जीने के लिये अनुकूलित हैं।
- अरेबियन भेड़िये सियार और लोमड़ियों जैसे छोटे कैनिडाए (मांसाहारी गण के जानवरों का एक कुल) का भक्षण कर नेगेव रेगिस्तान में पारिस्थितिकी तंत्र को विनियमित करने में मदद करते हैं।
- ये भेड़िये रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र का एक अहम अंग हैं और शाकाहारी पशुओं की संख्या को बनाए रखने में योगदान देते हैं, जो उनके पारिस्थितिक महत्त्व को रेखांकित करता है।
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुए:
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुआ (पेंथेरा पार्डस निम्र), अरब प्रायद्वीप की एक और महत्त्वपूर्ण किंतु गंभीर रूप से लुप्तप्राय (critically endangered) प्रजाति है। ये तेंदुए ऐतिहासिक रूप से नेगेव और जुडियन रेगिस्तान सहित अरब प्रायद्वीप के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते थे।
- भौगोलिक विस्तार:
- दुर्भाग्यवश, इन क्षेत्रों में अरबी तेंदुओं की स्थिति दयनीय हो गई है। वर्ष 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि ऐतिहासिक रूप से पाए जाने वाले क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या में अत्यंत कमी आई है जिस कारण इनकी आबादी विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचकर खंडित हो गई है।
- नेगेव और जुडियन रेगिस्तान में संपूर्ण उत्तरी सीमा में यह प्रजाति विलुप्त (extinct) मानी जाती है।
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुओं और भेड़ियों का संरक्षण:
- पारिस्थितिक दृष्टिकोण से देखें तो इन शाकाहारी जीवों के संरक्षण के लिये पर्याप्त शिकार की उपलब्धता, उपयुक्त आवास और मानव उत्पीड़न से सुरक्षा की आवश्यकता है।
- हालाँकि जंगली और घरेलू शिकार के लिये संघर्ष, सुभेद्य वनस्पतियों की अत्यधिक चराई एवं चरवाहों के साथ संघर्ष इनके लिये प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
- वर्तमान में अरब भेड़ियों के साथ सह-अस्तित्त्व को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं, विशेषकर चरवाहे वाले क्षेत्रों में। साथ ही पारिस्थितिक तंत्र में इन भेड़ियों की भूमिका के विषय में शिक्षा व जागरूकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- भेड़ियों के संरक्षण व उनके अस्तित्त्व को बनाए रखने के लिये आवश्यक है कि न केवल भेड़िये, बल्कि वे जिन जानवरों का शिकार करते हैं, मनुष्यों द्वारा उन जानवरों के भी शिकार दर को कम किये जाने की आवश्यकता है।
दोनों जानवरों का वर्तमान संदर्भ:
- इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष के कारण अरबी तेंदुओं के संरक्षण प्रयासों में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं।
- सशस्त्र संघर्षों में तेंदुए जैसे बड़े मांसभक्षी जानवरों की अनुक्रियाएँ भिन्न हो सकती हैं और इनके सफल संरक्षण के लिये विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वय आवश्यक है।
- संरक्षण प्रयासों के अंतर्गत संभावित रूप से संघर्ष में मानव समूहों को आपस में जोड़ना, प्राकृतिक धरोहर के साझा संरक्षण को बढ़ावा देने के साधन के रूप में कार्य कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा जानवरों का समूह संकटापन्न प्रजातियों की श्रेणी में आता है? (2012) (a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, मस्क हिरन, लाल पांडा और एशियाई जंगली गधा उत्तर: (a) |
क्वांटम इंजन
स्रोत: द हिंदू
शोधकर्त्ताओं ने एक क्वांटम इंजन विकसित करके एक अभूतपूर्व खोज की है, जिसे 'पॉली इंजन' कहा जाता है, जो परमाणुओं के समूह के दो क्वांटम अवस्थाओं के बीच ऊर्जा अंतर को उपयोगी कार्य में परिवर्तित कर सकता है।
- इस नवाचार से क्वांटम थर्मोडायनामिक्स की समझ को आगे बढ़ाने मदद मिलेगी और अधिक कुशल क्वांटम कंप्यूटर के विकास में इसका प्रयोग हो सकता है।
क्वांटम स्टेट्स और क्वांटम इंजन:
- क्वांटम स्टेट्स:
- क्वांटम स्टेट्स एक क्वांटम प्रणाली के भौतिक गुणों का गणितीय विवरण है।
- क्वांटम यांत्रिकी मे मौलिक सिद्धांत सबसे छोटे पैमाने पर पदार्थ और ऊर्जा के व्यवहार का वर्णन करता है। क्वांटम स्टेट्स एक प्रणाली के गुणों का पूरा विवरण प्रदान करते हैं, जिसमें इसकी स्थिति, गति, ऊर्जा, चक्रण और अन्य अवलोकन योग्य राशियाँ शामिल होती हैं।
- क्वांटम घटनाएँ प्रायः हमारे सामान्य अवधारणाओं का खंडन कर ब्रह्मांड के विषय में हमारी क्लासिकल समझ को चुनौती देती हैं।
- क्वांटम स्टेट्स एक क्वांटम प्रणाली के भौतिक गुणों का गणितीय विवरण है।
- इन घटनाओं में से एक है: दो प्रकार के क्वांटम कणों बोसॉन और फर्मिऑन के बीच अंतर।
- फर्मिऑन किसी पदार्थ के आधारभूत संरचना/ब्लॉक होते हैं, बोसॉन कण वे कण हैं जिनमें क्रियाशील बल निहित होता है।
- बोसॉन ऐसे कण हैं जो समान क्वांटम अवस्था साझा कर सकते हैं, जबकि फर्मिऑन ऐसे कण हैं जो पॉली अपवर्जन सिद्धांत का पालन करते हैं, जो उन्हें समान क्वांटम अवस्था पर अधिग्रहण करने से रोकता है।
- बोसॉन अनिश्चित काल तक निम्नतम ऊर्जा स्तर को बनाए रख सकते हैं जबकि फर्मिऑन को उच्च ऊर्जा अवस्थाओं की आवश्यकता होती है, ऐसे में, बोसॉन फर्मिऑन की तुलना में कम तापमान पर काफी अलग तरीके से व्यवहार कर सकते हैं।
- बोसॉन एवं फर्मिऑन के बीच इस ऊर्जा अंतर ने शोधकर्ताओं को एक नोवल क्वांटम इंजन के डिज़ाइन और निर्माण करने के लिये प्रेरित किया है जो इस अंतर को उपयोगी कार्य में परिवर्तित कर सकता है।
- क्वांटम इंजन:
- क्वांटम इंजन या पॉली इंजन में लिथियम-6 परमाणुओं वाली एक गैस होती है जो एक संयुक्त ऑप्टिकल और चुंबकीय जाल में फँसी होती है।
- गैस को इसके चारों ओर के चुंबकीय क्षेत्र को बदलकर बोसॉन या फर्मिऑन की तरह व्यवहार करने के लिये तैयार किया जा सकता है।
- यह संभव है क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति के आधार पर परमाणु बोसोनिक अणुओं में जुड़ सकते हैं या अलग-अलग फर्मिओनिक परमाणुओं में विघटित हो सकते हैं।
- गैस को इसके चारों ओर के चुंबकीय क्षेत्र को बदलकर बोसॉन या फर्मिऑन की तरह व्यवहार करने के लिये तैयार किया जा सकता है।
- यह इंजन चार-चरणीय चक्र में कार्य करता है और क्वांटम थर्मोडायनामिक्स तथा भौतिकी के अन्य क्षेत्रों के लिये इसके निहितार्थ के अध्ययन हेतु नई संभावनाएँ उत्पन्न करता है।
- क्वांटम इंजन या पॉली इंजन में लिथियम-6 परमाणुओं वाली एक गैस होती है जो एक संयुक्त ऑप्टिकल और चुंबकीय जाल में फँसी होती है।
निष्कर्ष:
जबकि क्वांटम इंजन अभी भी प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट चरण में है। क्वांटम इंजन का एक अनुप्रयोग क्वांटम कंप्यूटरों में प्रयुक्त कणों के शीतलन के लिये किया जा सकता है। क्वांटम कंप्यूटरों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिये बेहद कम तापमान की आवश्यकता होती है और क्वांटम इंजन संभावित रूप से इन कणों के लिये शीतलन तंत्र के रूप में कार्य कर सकता है, जिस प्रकार एक एयर कंडीशनर एक कमरे को ठंडा करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ‘‘क्यूबिट (qubit)’’ शब्द का उल्लेख निम्नलिखित में कौन-से एक प्रसंग में होता है? (2022) (a) क्लाउड सेवाएँ उत्तर: (B) |
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी
स्रोत: द हिंदू
भारत के RCEP से बाहर होने के चार वर्ष बाद पड़ोसी देश श्रीलंका और बांग्लादेश क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं।
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी:
- परिचय:
- क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP), आसियान सदस्यों और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) भागीदारों के बीच एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक समझौता है।
- RCEP विश्व का सबसे बड़ा व्यापारिक ब्लॉक है। इसे सदस्य देशों के बीच आर्थिक एकीकरण, व्यापार उदारीकरण और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- RCEP वार्ता वर्ष 2012 में शुरू हुई थी। इस पर आधिकारिक तौर पर नवंबर 2020 में हस्ताक्षर किये गए थे, जो क्षेत्रीय व्यापार के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है। इसे 1 जनवरी, 2022 को लागू किया गया।
- सदस्य देश:
- 15 सदस्य देश, जैसे चीन, जापान, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और आसियान राष्ट्र (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम)।
- कवरेज़ क्षेत्र:
- RCEP वार्ता में शामिल हैं: वस्तुओं में व्यापार, सेवाओं में व्यापार, निवेश, आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, विवाद निपटान, ई-कॉमर्स, छोटे और मध्यम उद्यम (SME) एवं अन्य मुद्दे।
- RCEP के उद्देश्य:
- सदस्य देशों के बीच व्यापार और निवेश को सुगम बनाना।
- व्यापार में टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना या समाप्त करना।
- आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ाना।
- RCEP के लाभ:
- यह आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।
- व्यापार प्रक्रियाओं और विनियमों को सुव्यवस्थित करता है।
- विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करता है।
- प्रतिस्पर्धात्मकता और नवीनता को बढ़ाता है।
- व्यापार की मात्रा:
- RCEP के सदस्य राष्ट्र वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 30% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- व्यापारिक गुट विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी को कवर करता है।
- इसमें वैश्विक व्यापार पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।
- वैश्विक व्यापार में RCEP की भूमिका:
- RCEP अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रभाव को सुदृढ़ करता है।
- यह समझौता भविष्य के व्यापार सौदों और क्षेत्रीय सहयोग के लिये एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।
- भारत और RCEP:
- भारत RCEP का संस्थापक सदस्य राष्ट्र था। वर्ष 2019 में भारत ने RCEP वार्ता से हटने का निर्णय लिया।
- RCEP से बाहर निकलने का भारत का निर्णय उसकी घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंताओं पर आधारित था।
- प्राथमिक चिंताओं में भारतीय बाज़ार में चीनी वस्तुओं की आमद से स्थानीय उद्योगों पर प्रभाव पड़ने की आशंकाएँ शामिल थीं।
- कृषि क्षेत्र, छोटे व्यवसायों तथा सेवाओं के आरक्षण में गतिशीलता से संबंधित मुद्दे अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारकों में योगदान दे रहे थे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'रीजनल काम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (Regional Comprehensive Economic Partnership)' पद प्रायः समाचारों में देशों के एक समूह के मामलों के संदर्भ में आता है। देशों के उस समूह को क्या कहा जाता है? (2016) (a) जी- 20 उत्तर: (b) |
इंडियास्किल्स 2023-24
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने इंडिया स्किल्स 2023-24 लॉन्च किया और विश्व कौशल प्रतियोगिता (WSC) 2022 के विजेताओं को सम्मानित किया।
इंडिया स्किल्स 2023-24:
- परिचय:
- इंडिया स्किल्स 2023-24 एक कौशल विकास प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों के कौशल को प्रोत्साहित करना और बढ़ाना है, उन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिताओं के लिये तैयार करना है।
- इंडिया स्किल्स, वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता का अग्रदूत है। राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया स्किल्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी वैश्विक कार्यक्रम वर्ल्ड स्किल्स में भाग लेंगे।
- उद्देश्य:.
- रोज़गार योग्य कौशल को बढ़ावा देना: यह कार्यक्रम बाज़ार की ज़रूरतों के अनुरूप रोज़गार योग्य कौशल विकसित करने के महत्त्व को रेखांकित करता है, जिससे उद्योग के भीतर कार्यबल की स्वीकार्यता बढ़ती है।
- कौशल अंतराल का समाधान करना: इसका उद्देश्य उद्योग में आवश्यक कौशल की मैपिंग पर ज़ोर देकर कौशल अंतराल की पहचान करना और उसे पाटना, अर्जित डिग्री और व्यावहारिक कौशल के बीच असमानता को कम करना है।
- दक्षताओं और ज्ञान का एकीकरण: 21वीं सदी में प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने के लिये व्यक्तियों को तैयार करने हेतु दक्षताओं, व्यावहारिक ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर समान ज़ोर दिया जाता है।
विश्व कौशल प्रतियोगिता:
- परिचय:
- वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल द्वारा आयोजित वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता द्विवार्षिक तौर पर आयोजित की जाती है और इसमें 86 सदस्य देश शामिल होते हैं।
- ये प्रतियोगिताएँ उच्च प्रदर्शन के लिये एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती हैं और व्यावसायिक उत्कृष्टता का मूल्यांकन करने हेतु एक उद्देश्यपूर्ण साधन प्रदान करती हैं।
- WSC- 2022 में भारत का प्रदर्शन:
- भारतीय प्रतियोगियों का चयन इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2021 के माध्यम से किया गया और उन्हें वर्ल्ड स्किल्स इंडिया के विशेषज्ञों व प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
- भारत ने 50 कौशलों में भाग लिया और 2 रजत पदक, 3 काँस्य पदक तथा उत्कृष्टता के लिये 13 पदक के साथ अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के साथ 11वाँ स्थान हासिल किया।
- भागीदारी में होटल रिसेप्शनिस्ट, मेकैट्रॉनिक्स, मोबाइल रोबोटिक्स, जल प्रौद्योगिकी, बेकरी, वेब प्रौद्योगिकी आदि विविध प्रकार के कौशल शामिल थे।
कौशल विकास के लिये सरकारी पहलें:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
- क्षेत्र कौशल परिषद (Sector Skill Councils- SSC)
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचा (National Skills Qualifications Framework- NSQF)
- आजीविका संवर्द्धन के लिये कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion- SANKALP)
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अक्तूबर, 2023
बतुकम्म महोत्सव
फूलों का नौ दिवसीय वार्षिक उत्सव बतुकम्म पूरे तेलंगाना में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है।
- यह पारंपरिक रूप से राज्य की महिलाओं द्वारा मनमोहक स्थानीय फूलों के साथ मनाया जाने वाला एक रंगीन पुष्प उत्सव है।
- यह त्यौहार मानसून (दक्षिणी भारत में) की शुरुआत के साथ मनाया जाता है और इस दौरान तालाबों में पर्याप्त जल के साथ ही चमकीले रंग-बिरंगे फूल भी उग आते हैं।
- 'गुनुका,' 'तांगेदु,' 'बंती,' और 'नंदी-वर्धनम' जैसे स्थानीय फूलों का इस त्यौहार के दौरान बहुतायत उपयोग किया जाता है।
- यह त्यौहार 'सद्दुला बतुकम्म' (बतुकम्म उत्सव का भव्य समापन) से एक सप्ताह पूर्व शुरू होता है तथा दशहरे से दो दिन पूर्व तक मनाया जाता है। यह प्रत्येक वर्ष हिंदू कैलेंडर के तेलुगु संस्करण के अनुसार भाद्रपद अमावस्या को शुरू होता है और नवरात्रि के नौ दिनों तक चलता है।
- शुरुआत के पूरे सप्ताह के दौरान महिलाएँ बतुकम्म के साथ 'बोड्डेम्मा' (गौरी अर्थात् माँ दुर्गा की एक पार्थिव मूर्ति) बनाती हैं और तालाब में विसर्जित करती हैं।
- इस त्यौहार की परंपरा से तालाबों को सुदृढ़ करने और जल संरक्षण बनाए रखने में सहायता मिलती है।
- यह त्यौहार प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उद्देश्य से अनुष्ठानों के साथ मनुष्यों, पृथ्वी और जल संसाधनों के बीच के समन्वय को मज़बूत करता है।
वार्निंग सिस्टम (चेतावनी प्रणाली) के रूप में दर्द:
- दर्द व्यक्तिपरक एवं मनोवैज्ञानिक भाव है, यह मुख्य रूप से ऊतक की क्षति से जुड़ा है और एक वार्निंग सिस्टम (चेतावनी प्रणाली) के रूप में कार्य करता है।
- संभावित क्षति के दौरान त्वचा और शरीर के ऊतकों में दर्द रिसेप्टर्स रासायनिक उत्तेजनाओं द्वारा सक्रिय होते हैं।
- हालाँकि तीव्र दर्द के उपचार के प्रभावी विकल्प हैं, लेकिन क्रोनिक दर्द (लंबे समय से बना दर्द) जटिल है और मनोवैज्ञानिक कारकों से प्रभावित होता है।
- दर्द की सीमाओं, जो दर्द का एक अप्रत्यक्ष माप प्रदान करती हैं, का मूल्यांकन कई तकनीकों का उपयोग करके किया जा सकता है।
- इन तरीकों में से आमतौर पर प्रयोग किया जाने वाला एक तरीका डोलोरिमीटर है जो गर्म स्रोतों और सटीक समय तंत्र का उपयोग करता है। इसके अतिरिक्त, दबाव एल्गोमीटर (pressure algometers) हड्डी की सतह पर दबाव डालकर दर्द की सीमा को मापने के लिये एक सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है।
- कुछ व्यक्तियों में दर्द महसूस करने या इसे न्यूनतम रूप से महसूस करने की क्षमता का अभाव होता है, जिससे जोखिम अधिक होता है और जीवन प्रत्याशा कम हो जाती है।
एस्टीवेशन:
हाल ही में गर्म और शुष्क गर्मियों के दौरान जानवरों के जीवित रहने की एक दिलचस्प रणनीति एस्टीवेशन ने चरम स्थितियों में अपने उल्लेखनीय अनुकूलन के लिये मान्यता प्राप्त की है।
- एस्टीवेशन एक जैविक घटना है जिसके तहत जानवर कठिन समय में ऊर्जा और जल को बचाने के लिये उच्च तापमान या शायद सूखे जैसी स्थितियों में लंबे समय तक निष्क्रिय रह सकता है।
- यह जानवरों को शुष्कता से बचने में सहायता करता है, त्वचा की अत्यधिक शुष्कता की विशेषता वाली स्थिति उन्हें शिकार के जोखिम से बचाती है। यह जानवरों को परभक्षण के जोखिम से बचाता है और अत्यधिक शुष्क त्वचा वाली स्थिति में शुष्कता को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
- एस्टीवेशन के उदाहरण:
- जब सूखा पड़ता है तो पश्चिम अफ्रीकी लंगफिश (Protopterus annectens) सूखते जल निकाय की कीचड़ में डूब जाती है तथा अपने चारों ओर एक श्लेष्म कोकून (रेशमी धागे का जाल) स्रावित करती है।
- रेगिस्तानी कछुए (Gopherus agassizii) गर्मी के महीनों में बिल खोदते हैं और उनमें छिप जाते हैं।
गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान:
"गगनयान" टेस्ट व्हीकल स्पेस फ्लाइट यानी "गगनयान" टेस्ट व्हीकल डेवेलपमेंट फ्लाइट (TV-D1) का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस महीने की 21 तारीख को निर्धारित है।
- इसरो क्रू एस्केप सिस्टम के प्रभाव का भी परीक्षण करेगा जो "गगनयान" मिशन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- गगनयान परियोजना में मानव चालक दल को 400 किमी. की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस लाकर मानव अंतरिक्ष यान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।
69वाँ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार:
हाल ही में राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किये।
- कार्यक्रम के एक भाग के रूप में वर्ष 2021 के लिये सुश्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया।
- दादा साहब फाल्के, जिन्हें "भारतीय सिनेमा के जनक" के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख फिल्म निर्देशक, निर्माता व पटकथा लेखक थे, जिन्हें वर्ष 1913 में भारत की पहली फुल फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र, बनाने का श्रेय दिया जाता है।
- फाल्के भारतीय सिनेमा के प्रणेता थे और उन्होंने अपने करियर के दौरान 100 से अधिक मूक फिल्में (Silent films) बनाईं।
और पढ़ें…दादा साहब फाल्के पुरस्कार