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इंडिया स्किल्स 2021

  • 11 Jan 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंडियास्किल्स 2021, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC)।

मेन्स के लिये:

युवाओं को कुशल बनाने की आवश्यकता, उनसे संबंधित चुनौतियाँ और अब तक की प्रमुख पहल।

चर्चा में क्यों?

देश की सबसे बड़ी कौशल प्रतियोगिता इंडिया स्किल्स 2021 नेशनल्स (IndiaSkills 2021 Nationals) का हाल ही में समापन हुआ।

चर्चा में क्यों?

  • परिचय:
    • यह कौशल के उच्चतम मानकों को प्रदर्शित करने के लिये डिज़ाइन की गई है तथा युवा लोगों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने हेतु एक मंच प्रदान करती है।
    • भारत कौशल प्रतियोगिता हर दो वर्ष में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से आयोजित की जाती है।
    • इसमें जमीनी स्तर तक पहुँचने और प्रभाव डालने की क्षमता है।
  • प्रतिभागी:
    • 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) ने प्रतियोगिता में भाग लिया तथा वर्ष 2021 में 54 कौशलों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें सात नए कौशल शामिल थे।
      • कौशल क्षेत्रों में सौंदर्य चिकित्सा, साइबर सुरक्षा, पुष्प विज्ञान, रोबोट प्रणाली एकीकरण, क्लाउड कंप्यूटिंग, जल प्रौद्योगिकी, पेंटिंग और सजावट, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल, अन्य शामिल हैं। 
  • नोडल एजेंसी:
    • राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के मार्गदर्शन में काम कर रहा है।
      • NSDC 2011 से वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भारत की भागीदारी का नेतृत्त्व कर रहा है।
  • राज्यों का प्रदर्शन:
    • ओडिशा चार्ट में सबसे ऊपर है, उसके बाद महाराष्ट्र और केरल हैं।
      • इंडियास्किल्स 2021 नेशनल्स के विजेताओं को अक्तूबर 2022 में चीन के शंघाई में होने वाली वर्ल्डस्किल्स इंटरनेशनल प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्त्व करने का मौका मिलेगा।
  • कौशल विकास की आवश्यकता:
    • अकुशल श्रम बल:
      • यूएनडीपी की मानव विकास रिपोर्ट-2020 के अनुसार, भारत में वर्ष 2010-2019 की अवधि में केवल 21.1% श्रम शक्ति ही कुशल (Skilled) थी।
        • यह निराशाजनक परिणाम नीतिगत कार्रवाइयों में सामंजस्य की कमी, समग्र दृष्टिकोण की अनुपस्थिति और एकल रूप से कार्य करने के कारण है।
    • बढ़ती बेरोजगारी से निपटना:
      • वर्ष 2020 में भारत की बेरोज़गारी दर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंँच गई थी।
        • इसके लिये कई कारक ज़िम्मेदार थे, जिनमें कोरोनावायरस महामारी के कारण लगने वाला लॉकडाउन भी शामिल है।
    • अर्थव्यवस्था में सहयोग की संभावना:
      • जनवरी 2021 में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक अपस्किलिंग में निवेश संभावित रूप से  वैश्विक अर्थव्यवस्था में  6.5 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर और भारत की अर्थव्यवस्था में 570 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक बढने की संभावना है।
      • भारत में अपस्किलिंग के माध्यम से दूसरी सबसे बड़ी अतिरिक्त रोज़गार क्षमता है, क्योंकि भारत वर्ष 2030 तक 2.3 मिलियन नौकरियों को जोड़ने की क्षमता रखता है, जबकि अमेरिका 2.7 मिलियन नौकरियों के साथ पहले स्थान पर है।

संबंधित पहल/योजनाएँ:

स्रोत: पी.आई.बी.

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