प्रारंभिक परीक्षा
स्तनधारियों में बर्ड फ्लू का प्रकोप
स्तनधारियों के बीच बर्ड फ्लू के प्रकोप की हालिया वृद्धि को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने चिंता व्यक्त की है, इन एजेंसियों में खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO), विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) तथा विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (World Organisation for Animal Health- WOAH) शामिल हैं।
- इन एजेंसियों ने चिंता व्यक्त की है, चूँकि पक्षियों की तुलना में स्तनधारी जैविक रूप से मनुष्यों के अधिक करीब हैं, इसलिये यह वायरस संभावित रूप से मनुष्यों को अधिक आसानी से संक्रमित कर सकता है।
बर्ड फ्लू:
- परिचय:
- बर्ड फ्लू अथवा एवियन इन्फ्लूएंज़ा से तात्पर्य एवियन इन्फ्लूएंज़ा टाइप ए वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी से है।
- कभी-कभी यह वायरस पक्षियों के माध्यम से स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है, इस घटना को स्पिलओवर कहा जाता है।
- जंगली पक्षियों और मुर्गियों में प्रकोप:
- बर्ड फ्लू वायरस का सबसे सामान्य प्रकार H5N1 है, जो H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस के गूज़/गुआंगडोंग-वंश से संबंधित है जो पहली बार वर्ष 1996-1997 में देखा गया था।
- वर्ष 2020 के बाद से इस वायरस के कारण अफ्रीका, एशिया, यूरोप के साथ ही अमेरिका के कई देशों में जंगली पक्षियों और मुर्गियों की बड़ी संख्या में मौत हुई।
- वर्ष 2022 में WOAH ने पाँच महाद्वीपों के 67 देशों में मुर्गी फार्मों/पोल्ट्री और जंगली पक्षियों में H5N1 उच्च रोगजनकता वाले एवियन इन्फ्लूएंज़ा के प्रकोप की सूचना दी।
- इन प्रकोपों के परिणामस्वरूप प्रभावित फार्मों और गाँवों में 131 मिलियन से अधिक घरेलू मुर्गियों की मौत हुई।
- वर्ष 2023 में अतिरिक्त 14 देशों ने प्रकोप की सूचना दी है।
- स्तनधारियों में प्रकोप और मनुष्यों के लिये संभावित खतरा:
- वर्ष 2022 के बाद से लगभग 10 देशों ने भूमि और समुद्री दोनों स्तनधारियों में एवियन फ्लू के प्रकोप के मामले दर्ज किये हैं।
- उदाहरणस्वरूप स्पेन में फार्म्ड मिंक, संयुक्त राज्य अमेरिका में सील और पेरू एवं चिली में समुद्री शेर शामिल हैं।
- इन प्रकोपों को 26 प्रजातियों में दर्ज किया गया है, हाल ही में पोलैंड में बिल्लियों में H5N1 फ्लू की जानकारी मिली है।
- एक चिंता यह है कि संक्रमित स्तनधारी इन्फ्लूएंज़ा वायरस के संयुक्त वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो संभावित रूप से नए, अधिक हानिकारक वायरस के उद्भव का कारण बन सकते हैं जो जानवरों और मनुष्यों दोनों को प्रभावित कर सकते हैं
- हालाँकि WHO को केवल उन लोगों में इसके संक्रमण के कुछ मामलों की रिपोर्ट मिली है, जो संक्रमित पक्षियों के निकट संपर्क में थे।
- वर्ष 2022 के बाद से लगभग 10 देशों ने भूमि और समुद्री दोनों स्तनधारियों में एवियन फ्लू के प्रकोप के मामले दर्ज किये हैं।
- भारत में स्थिति:
- 3 सितंबर, 2019 को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने भारत को एवियन इन्फ्लूएंज़ा (H5N1) से मुक्त घोषित कर दिया।
- हालाँकि दिसंबर 2020 और वर्ष 2021 की शुरुआत में भारत के 15 राज्यों में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 और H5N8 के प्रकोप की सूचना मिली थी।
- प्रसार को रोकने के लिये तत्काल उपाय: बर्ड फ्लू के प्रकोप से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिये FAO, WHO, WOAH सहित अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने निम्नलिखित उपायों की सिफारिश की:
- उन्होंने राष्ट्रों से मनुष्यों और जानवरों के वायरस के आनुवंशिक डेटा को सार्वजनिक रूप से सुलभ डेटाबेस में साझा करने का आग्रह किया।
- जैव सुरक्षा उपायों को बढ़ाना, फार्म्स और पोल्ट्री मूल्य शृंखलाओं में अच्छी स्वच्छता प्रथाओं को लागू करना।
- जानवरों में रोग के बढ़ते प्रकोप का तेज़ी से पता लगाना, रिपोर्टिंग और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
- जानवरों और मनुष्यों दोनों में इन्फ्लूएंज़ा निगरानी को सुदृढ़ करना।
- जानवरों में प्रकोप और मानव संक्रमण के आसपास गहन महामारी विज्ञान और वायरोलॉजिकल जाँच सुनिश्चित करना।
- पशु और मानव स्वास्थ्य क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. H1N1 विषाणु का प्रायः समाचारों में निम्नलिखित में से किस एक बीमारी के संदर्भ में उल्लेख किया जाता है? (2015) (a) एड्स (AIDS) उत्तर: (d) |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जुलाई, 2023
नोमैडिक एलीफेंट-23" का 15वाँ संस्करण
हाल ही में भारतीय सेना के 43 जवानों की टुकड़ी ने "नोमैडिक एलीफेंट-23" के 15वें संस्करण में भाग लेने के लिये मंगोलिया के लिये प्रस्थान किया। इस सैन्य अभ्यास का आयोजन 17 से 31 जुलाई, 2023 तक मंगोलिया के उलानबटार में निर्धारित है। नोमैडिक एलीफेंट अभ्यास भारत का मंगोलिया के साथ एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो मंगोलिया और भारत में क्रमिक रूप से आयोजित किया जाता है। भारत मंगोलिया द्वारा वार्षिक तौर पर आयोजित खान क्वेस्ट नामक सप्ताह भर चलने वाले संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में भी सक्रिय भागीदार है।
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तिरु कुमारस्वामी कामराज की 120वीं जयंती
हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत के विकास में तिरु कुमारस्वामी कामराज के महत्त्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए उनकी जयंती (15 जुलाई, 1903-2 अक्टूबर 1975) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तिरु के. कामराज ने वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह में सक्रिय रूप से भाग लिया और दो साल कारावास की सज़ा काटी। ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भागीदारी के कारण उन्हें वर्ष 1942 से 1945 तक पुनः कारावास की सज़ा का सामना करना पड़ा। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने नौ वर्षों तक मद्रास (अब तमिलनाडु) राज्य के मुख्यमंत्री और चार वर्षों तक भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद क्रमशः लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुनने के लिये उन्हें "किंगमेकर" के रूप में जाना जाता था। वह शिक्षा और गरीबी उन्मूलन के भी समर्थक थे, उन्होंने तमिलनाडु में गरीब छात्रों के लिये मुफ्त स्कूल पोशाक, पाठ्यपुस्तकें, मध्याह्न भोजन तथा छात्रवृत्ति जैसी योजनाएँ शुरू की। उन्हें वर्ष 1976 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
ओपेनहाइमर: परमाणु बम के जनक
अमेरिकी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम के निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये जाना जाता है। लॉस एलामोस प्रयोगशाला के प्रमुख और मैनहट्टन प्रोजेक्ट के नेता के रूप में ओपेनहाइमर और उनकी टीम ने पहला परमाणु बम विकसित करने के लिये परमाणु भौतिकी का उपयोग किया था। परमाणु युग की शुरुआत 16 जुलाई, 1945 को ट्रिनिटी टेस्ट के साथ हुई थी जो पहले परमाणु बम के सफल विस्फोट का प्रतीक था। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए, इस विनाशकारी घटना में लाखों नागरिकों की जान चली गई। इन परमाणु विस्फोटों ने पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने के साथ ही परमाणु हथियारों की होड़ शुरू कर दी, जिसके चलते सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्राँस एवं चीन ने स्वयं के परमाणु हथियार विकसित कर लिये। ओपेनहाइमर मानवता को अपने विनाश के साधन प्रदान करने के निहितार्थों के बारे में संदेह से ग्रस्त थे। उन्होंने भगवद् गीता के माध्यम से दर्शनशास्त्र में सांत्वना एवं प्रतिबिंब की तलाश की। भगवद् गीता पर ओपेनहाइमर के चिंतन ने उन्हें अपने कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने की अनुमति दी तथा उन्होंने परमाणु बम विकसित करने में अपनी भूमिका की तुलना महाभारत में अर्जुन द्वारा सामना की गई नैतिक दुविधाओं से की।
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विश्व सर्प दिवस
सर्पों की रक्षा करने के साथ भारत के पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 16 जुलाई, 2023 को राष्ट्रीय प्राणी उद्यान द्वारा विश्व सर्प दिवस मनाया गया। वर्तमान में भारत में 300 से अधिक सर्प प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 60 प्रजातियाँ विषैली मानी जाती हैं। इन 60 में से अधिकांश सर्प के काटने की घटनाएँ बड़ी 4 प्रजातियों के कारण होती हैं: डाबोइया रुसेली (रसेल्स वाइपर), नाजा-नाजा (सामान्य भारतीय कोबरा), बुंगारस कैर्यूलस (सामान्य क्रेट) और इचिस कैरिनाटस (सॉ-स्केल्ड वाइपर)।
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