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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-मंगोलिया संबंध

  • 13 Feb 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-मंगोलिया संबंध, कोविड-19 महामारी, बौद्ध धर्म, एक्ट ईस्ट नीति।

मेन्स के लिये:

भारत-मंगोलिया संबंध।

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में 11वीं भारत-मंगोलिया संयुक्त कार्य समूह बैठक भारत में आयोजित हुई।

  • भारत-मंगोलिया के बीच बढ़ते संबंधों को देखते हुए दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी से जुड़ी बाधाओं के बावजूद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

Mangolia

भारत-मंगोलिया संबंध:

  • ऐतिहासिक संबंध: 
    • भारत और मंगोलिया बौद्ध धर्म के माध्यम से ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हैं।
    • मंगोलिया भारत को अमेरिका, जापान एवं जर्मनी के साथ अपना "तीसरा" पड़ोसी मानता है और वह भी "आध्यात्मिक पड़ोसी"। 
  • राजनयिक संबंध: 
    • भारत ने वर्ष 1955 में मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये और सोवियत संघ के बाहर मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला यह पहला देश था।
    • उलानबटार में वर्ष 1971 में भारतीय रेजिडेंट मिशन खोला गया।
      • वर्ष 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री के मंगोलिया दौरे के बाद इस संबंध को "रणनीतिक साझेदारी" में तब्दील किया गया था और इसे 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के एक आवश्यक घटक के रूप में घोषित किया।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
    • मंगोलिया ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सीट के लिये भारत की सदस्यता हेतु सार्वजनिक रूप से समर्थन प्रदर्शित किया है।
    • चीन और ताइवान के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) सहित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मंगोलिया को सदस्यता दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन में मंगोलिया को शामिल किये जाने का भी समर्थन किया।
      • बदले में मंगोलिया ने नव-मुक्त बांग्लादेश की मान्यता के लिये भारत और भूटान के साथ वर्ष 1972 के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया।
  • आर्थिक सहयोग: 
    • वर्ष 2022 में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत के साथ 1.5 मिलियन मीट्रिक टन की क्षमता वाली भारत द्वारा निर्मित तेल रिफाइनरी मंगोलिया के दक्षिणी डोर्नोगोवी प्रांत में साइनशंड के पास खोली गई थी।
      • यह रिफाइनरी मंगोलिया की 75% तेल रिफाइनिंग ज़रूरतों को पूरा रखेगी।
    • वर्ष 2019 के 38.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारत-मंगोलिया द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2020 में 35.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
  • सांस्कृतिक सहयोग: 
    • भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (SEP) सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-मंगोलियाई समझौते द्वारा विनियमित है, जिस पर वर्ष 1961 में हस्ताक्षर किये गए थे।
    • इस समझौते में छात्रवृत्ति, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, सम्मेलनों में भागीदारी आदि के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।
  • रक्षा सहयोग: 
    • भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त रक्षा अभ्यास का कोड नाम नोमेडिक एलीफैंट है।
    • भारत मंगोलिया के द्विवार्षिक खान क्वेस्ट (Khan Quest) में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है, जो कि एक सप्ताह तक चलने वाला संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है।
  • पर्यावरणीय मुद्दों पर सहयोग: 
    • दोनों देश बिश्केक घोषणा (हिम तेंदुआ) का हिस्सा हैं।

मंगोलिया से संबंधित प्रमुख तथ्य: 

  • मंगोलिया पूर्व और मध्य एशिया में स्थित एक भू-आबद्ध देश है। यह उत्तर में रूस तथा दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में चीन से घिरा है।
  • यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा भू-आबद्ध (Landlocked) देश है और विश्व में सबसे विरल आबादी वाला देश है।
  • इसकी बहुसंख्यक आबादी अभी भी पारंपरिक खानाबदोश चरवाहे संस्कृति का पालन करती है और यहाँ मंगोलिया मंगोल, कज़ाख और तुवन सहित विभिन्न जातीय समूह निवास करते हैं।
  • देश को "अनंत नीले आकाश की भूमि" और "घोड़ों की भूमि" के रूप में जाना जाता है।
  • मंगोलिया के परिदृश्य पर दक्षिण में गोबी रेगिस्तान और पश्चिम में विशाल अल्ताई पर्वत का प्रभुत्त्व है।
  • हाल के वर्षों में अपने तेज़ी से आधुनिकीकरण के बावजूद उलानबटार अब भी कई ऐतिहासिक मंदिरों, मठों और अन्य सांस्कृतिक स्थलों के साथ एक मज़बूत पारंपरिक मंगोलियाई पहचान बनाए हुए है।
  • यह देश कभी मंगोल साम्राज्य का केंद्र था, जो यूरोप से एशिया तक फैला ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ा सन्निहित साम्राज्य था।

आगे की राह 

  • भारत-मंगोलिया संबंधों का भविष्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की मौजूदा नींव पर निर्भर करेगा, साथ भी राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक सहयोग का विस्तार करने का भी प्रयास किया जाएगा।
  • मध्य एशिया, पूर्वोत्तर एशिया, सुदूर पूर्व, चीन और रूस के चौराहे पर मंगोलिया की सामरिक स्थिति प्रमुख शक्तियों को आकर्षित करती है। भारत द्वारा मंगोलिया को आर्थिक विकास के एक हरित क्षेत्र के रूप में देखा जाना चाहिये, जो आधुनिकीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में हाई-टेक सुविधाओं एवं उत्पादन कौशल को समाहित करता है।
  • चूँकि दोनों देश इस क्षेत्र में समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, इसलिये आगामी वर्षों में संबंधों को और मज़बूत किये जाने की संभावना है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. "जलवायु चरम है, वर्षा कम है और लोग चलवासी पशुचारक हुआ करते थे।" (2013)

उपर्युक्त कथन निम्नलिखित क्षेत्र में से किसका सबसे अच्छा वर्णन करता है?

(a) अफ्रीकी सवाना
(b) मध्य एशियाई स्टेपी
(c) उत्तरी अमेरिकी प्रेयरी
(d) साइबेरियाई टुंड्रा

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • अफ्रीकी सवाना: यह एक उष्णकटिबंधीय घास का मैदान है और अफ्रीका की आधी सतह को कवर करता है। यहाँ मौसम सामान्यतः 20º से 30ºC तक के तापमान के साथ ऊष्ण रहता है। सवाना में प्रतिवर्ष 75 सेमी. तक मध्यम वर्षा होती है। इस बायोम में रहने वाले लोग मुख्य रूप से किसान हैं जो ऐसे अनाज़ और अन्य पौधों को उगाते हैं जो लंबे समय तक सूखे का प्रतिरोध कर सकते हैं, जैसे कि बाजरा, ज्वार, जौ और गेहूँ, साथ ही मूँगफली, कपास, चावल एवं गन्ना, दूसरी तरफ शुष्क सवाना क्षेत्रों में प्रजनन दर भी प्रबल होती है।
  • समशीतोष्ण घास के मैदान: सवाना की तुलना में समशीतोष्ण घास के मैदानों में तापमान बहुत अधिक भिन्न होता है। समशीतोष्ण घास के मैदानों में गर्म ग्रीष्मकाल होता है जहाँ तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है और ठंडी सर्दियाँ जहाँ तापमान -40ºC से नीचे गिर सकती हैं। 
  • मध्य एशियाई स्टेपी: घास के मैदानों (स्टेप्स) में समशीतोष्ण वातावरण होता है, जिसमें गर्म से अत्यधिक गर्म ग्रीष्मकाल और ठंड से अत्यधिक ठंड वाला शीतकाल होता है। इन मध्य महाद्वीपीय क्षेत्रों में तापमान अक्सर चरम पर होता है। ये अक्सर रेगिस्तान तथा समशीतोष्ण जंगलों के बीच स्थित होते हैं एवं कम वार्षिक वर्षा इन क्षेत्रों की विशेषता होती है। यूरेशिया के घास के मैदान पूर्वी चीन से मंगोलिया और रूस से यूरोप तक फैले हुए हैं। इस क्षेत्र के लोग खानाबदोश चरवाहे हुआ करते थे।
  • उत्तरी अमेरिकी प्रेयरी: प्रेयरी उत्तरी अमेरिका के शीतोष्ण घास के मैदान हैं। 'प्रेयरी' शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'प्रियाटा' से हुई है जिसका अर्थ है घास का मैदान। वे एक महाद्वीप के केंद्र में स्थित हैं। जलवायु चरम तापमान के साथ महाद्वीपीय प्रकार की है। ग्रीष्मकाल लगभग 20ºC तापमान के साथ गर्म होता है और लगभग -20ºC तापमान के साथ सर्दियों में बहुत ठंड पड़ती हैं। इस क्षेत्र के लोग बहुत मेहनती होते हैं। वे अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने के लिये प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं।
  • साइबेरियन टुंड्रा: ये आर्कटिक सर्कल के उत्तर में और अंटार्कटिक सर्कल के दक्षिण में पाए जाते हैं। तराई-ग्रीनलैंड की तटीय पट्टी, उत्तरी कनाडा और अलास्का के बंज़र मैदान तथा यूरेशिया के आर्कटिक समुद्री तट पर टुंड्रा जलवायु पाई जाती है। जलवायु की विशेषता बहुत कम औसत वार्षिक तापमान है। मध्य सर्दियों में तापमान जमाव बिंदु से 40-50 डिग्री सेल्सियस नीचे होता है। ग्रीष्मकाल अपेक्षाकृत गर्म होता है। आमतौर पर चार महीने से अधिक का तापमान हिमांक-बिंदु से ऊपर नहीं होता है। वर्षण मुख्य रूप से बर्फ एवं ओले के रूप में होता है। संवहन वर्षा सामान्यतः अनुपस्थित होती है। लोग अर्द्ध-खानाबदोश जीवन जीते हैं। टुंड्रा की मानवीय गतिविधियाँ काफी हद तक तट तक ही सीमित हैं। 

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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