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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 17 Feb, 2024
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगाया प्रतिबंध लगाया

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (Paytm Payments Bank Ltd- PPBL) पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम एक ऑडिट रिपोर्ट द्वारा बैंक के भीतर लगातार गैर-अनुपालन और पर्यवेक्षी चिंताओं को उजागर करने के बाद उठाया गया है।

PPBL पर कौन-से प्रमुख प्रतिबंध लगाए गए हैं?

  • पृष्ठभूमि: बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A, RBI को बैंकों को निर्देश जारी करने और किसी भी बैंकिंग इकाई के संचालन को जमाकर्त्ताओं के हितों के संबंध में हानिकारक या बैंक के स्वयं के हित में प्रतिकूल तरीके से संचालित होने से रोकने के लिये आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान करती है।
    • इस मामले से जुड़े सूत्र इस बात का संकेत देते हैं कि पेटीएम और उससे जुड़ी बैंकिंग इकाई के बीच आवश्यक रकम से जुड़े संदिग्ध लेनदेन पर चिंताओं ने RBI को इसके खिलाफ कार्रवाई के लिये प्रेरित किया।

      • कथित तौर पर PPBL में गैर-अनुपालन वाले कई खाते थे जिनमें उचित KYC सत्यापन का अभाव था, ऐसे हज़ारों उदाहरण थे जहाँ एक ही पैन नंबर का उपयोग कई खाते खोलने के लिये किया गया था।
    • इसके अतिरिक्त, न्यूनतम KYC प्रीपेड जैसे साधनों के ज़रिये नियामक सीमा से अधिक लेनदेन ने संभावित मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का संकेत दिया।
  • प्रमुख प्रतिबंध: 
    • जमा पर रोक: PPBL को 29 फरवरी, 2024 से अपने खातों या वॉलेट में आगे जमा, टॉप-अप या क्रेडिट लेनदेन स्वीकार करने से रोक दिया गया है।
      • यह FASTag और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) कार्ड के लिये इसके प्रीपेड उपायों पर भी लागू होता है।
    • सेवा सीमाएँ: यह प्रतिबंध आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, तत्काल भुगतान सेवा, बिल भुगतान और UPI हस्तांतरण जैसी बैंकिंग सेवाओं तक विस्तारित है।
      • बैंक को 29 मार्च, 2024 तक सभी पाइपलाइन और नोडल खाता हस्तांतरण का निपटान करना होगा, उसके बाद कोई अन्य हस्तांतरण करने की अनुमति नहीं होगी।
    • नोडल खातों को बंद करना: PPBL को 29 फरवरी, 2024 से पहले अपनी मूल कंपनी और पेटीएम भुगतान सेवाओं के नोडल खातों को समाप्त करने का निर्देश दिया गया है।

नोट: नोडल खाते व्यवसायों द्वारा स्थापित विशेष बैंक खातों के रूप में कार्य करते हैं, जो वित्तीय मध्यस्थों के रूप में कार्य करते हैं।

  • इन खातों को उपभोक्ताओं की ओर से भाग लेने वाले बैंकों से एकत्र किये गए धन को रखने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य है बाद में इन निधियों को विशिष्ट व्यापारियों को हस्तांतरित करना।

पेमेंट बैंक क्या हैं?

  • परिचय: 
    • पेमेंट बैंक वर्ष 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किये गए एक विशेष प्रकार के बैंक हैं। इन्हें बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाओं वाली आबादी को बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करके वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
    • इन्हें छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों के लिये वित्तीय सेवाओं की जाँच हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित नचिकेत मोर समिति की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
    • उदाहरण: एयरटेल पेमेंट्स बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, आदि।
  • लाइसेंसिंग आवश्यकताएँ: इन्हें बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 (1) के तहत लाइसेंस प्राप्त है।
    • ये भारतीय रिज़र्व बैंक की विभेदित बैंक लाइसेंस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं क्योंकि वे वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की पूरी शृंखला की पेशकश करने से प्रतिबंधित हैं।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक दो प्रकार के बैंकिंग लाइसेंस देता है: सार्वभौमिक बैंक लाइसेंस और विभेदित बैंक लाइसेंस। 
  • विशेषताएँ: 
    • नकदी निधि आवश्यकताएँ: उन्हें आरक्षित नकदी निधि अनुपात (CRR) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (SLR) बनाए रखना आवश्यक होता है।
      • एक वर्ष तक की परिपक्वता के साथ सांविधिक चलनिधि अनुपात अर्हत G-प्रतिभूतियों/टी-बिलों में इसकी मांग निक्षेप शेष राशि का न्यूनतम 75% होता है।
      • आरक्षित नकदी निधि अनुपात संबंधी आवश्यकताओं को बनाए रखने के अलावा अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में चालू और सावधि/सावधि जमा अधिकतम 25% होना चाहिये।
    • न्यूनतम चुकता पूंजी: न्यूनतम चुकता इक्विटी पूंजी 100 करोड़ रुपए तय की गई है।
      • प्रवर्तक का प्रदत्त इक्विटी पूंजी में न्यूनतम प्रारंभिक योगदान पहले 5 वर्षों के लिये कम से कम 40% होगा।
    • निषिद्ध सेवाएँ: उन्हें ऋण देने या क्रेडिट कार्ड जारी करने से प्रतिबंधित किया गया है।
      • इसलिये, उन्हें प्राथमिकता क्षेत्र ऋण नियमों से भी छूट दी गई है जो आम तौर पर पारंपरिक बैंकों पर लागू होते हैं।
    • ग्रामीण अभिगम आवश्यकताएँ: पेमेंट्स बैंक के कम से कम 25% भौतिक अभिगम बिंदु ग्रामीण केंद्रों में होने चाहिये।
  • पेमेंट बैंकों द्वारा की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ: 
    • व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों से एक निश्चित सीमा तक (वर्तमान में प्रति खाता 2 लाख रुपए निर्धारित) जमा स्वीकार करना।
    • प्रेषण सेवाएँ प्रदान करना और घरेलू धन हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना।
    • ATM/डेबिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान उपाय और अन्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान विधियाँ प्रस्तुत करना।
    • ऑनलाइन निधि अंतरण और बिल भुगतान सहित इंटरनेट बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना।


प्रारंभिक परीक्षा

GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन

स्रोत: द हिंदू

भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 17 फरवरी, 2024 को GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन का प्रमोचन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी क्षमताओं में वृद्धि करना है।

GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • INSAT-3DS का प्रमोचन भू-तुल्‍यकाली उपग्रह प्रमोचक राॅकेट (Geosynchronous Satellite Launch  Vehicle) F14 (GSLV F14) से किया जाएगा।
    • GSLV-F14 तीन चरणीय प्रमोचक राॅकेट है।
      • पहले चरण (GS1) में एक ठोस प्रणोदक मोटर और चार भू-भंडारण प्रणोदक चरण शामिल (Earth-Storable Propellant Stages- EPS) हैं।
        • EPS में एक सहायक संरचना, प्रणोदक टैंक और एक इंजन शामिल है।
      • दूसरा चरण (GS2) भी एक भू-भंडारण प्रणोदक चरण है
      • तीसरा चरण (GS3) एक क्रायोजेनिक चरण है, जिसमें तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) की प्रणोदक लोडिंग है।
      • GSLV-F14, GSLV का 16वाँ मिशन और स्वदेशी क्रायो चरण के साथ 10वाँ मिशन है।
  • INSAT-3DS में चार पेलोड/नीतभार शामिल हैं जिनमें एक प्रतिबिंबित्र (Imager), एक ध्वनित्र (Sounder), एक डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (Data Relay Transponder) और एक उपग्रह साधित खोज एवं बचाव प्रेषानुकर (Satellite-Aided Search and Rescue Transponder) शामिल हैं।
    • इमेजर पेलोड:
      • INSAT-3DS में एक मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजर है जो छह तरंग दैर्ध्य बैंड में पृथ्वी का प्रतिबिंब उत्पन्न करने में सक्षम है।
    • साउंडर पेलोड:
      • इसमें 19-चैनल साउंडर पेलोड है जो तापमान और आर्द्रता जैसे वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल प्रदान करता है।
    • डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (DRT):
      • DRT के माध्यम से INSAT-3DS स्वचालित मौसम स्टेशनों और डेटा संग्रह प्लेटफार्मों से वैश्विक मौसम विज्ञान, जल विज्ञान एवं समुद्र संबंधी डेटा प्राप्त करता है तथा इसका प्रसारण पुनः उपयोगकर्त्ता टर्मिनलों पर करता है।
    • उपग्रह साधित खोज एवं बचाव (SA & SR) प्रेषानुकर:
      • SA&SR के माध्यम से INSAT-3DS अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी बैंड को कवर करते हुए वैश्विक खोज और बचाव सेवाओं के लिये संकट संकेतों को प्रसारित करता है।
  • INSAT-3DS को संवर्धित मौसम विज्ञान प्रेक्षणों, मौसम के पूर्वानुमान में सहायता और आपदा चेतावनी क्षमताओं में सुधार करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह पूर्ण रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा वित्तपोषित है तथा भूस्थिर कक्षा से तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का एक अनुवर्ती मिशन है।
  • यह उपग्रह मौजूदा INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की क्षमता में वृद्धि करते हुए, भूमि एवं महासागरीय सीमाओं की निगरानी करेगा।
    • भारत को INSAT-3D और 3DR मौसम उपग्रहों के माध्यम से मौसम संबंधी अपडेट मिलता है। INSAT 3DR का प्रमोचन वर्ष 2016 में INSAT-3D के अनुवर्ती मिशन के रूप में किया गया था जिसका प्रमोचन वर्ष 2013 में किया गया था।
  • यह भारत की मौसम एजेंसियों को अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान और बेहतर आपदा प्रबंधन रणनीतियों की सुविधा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।
  • यह डेटा संग्रह प्लेटफाॅर्मों से डेटा संग्रह और प्रसार क्षमताओं को सुविधाजनक बनाएगा।
  • INSAT-3DS आपातकाल प्रतिक्रिया क्षमताओं में वृद्धि करते हुए उपग्रह साधित खोज और बचाव सेवाएँ प्रदान करेगा।


रैपिड फायर

GeM पोर्टल पर 1 लाख करोड़ रुपए का कुल ऑर्डर मूल्य

स्रोत: पी.आई.बी.

रक्षा मंत्रालय (MoD) ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के माध्यम से लेनदेन किये गए कुल ऑर्डर मूल्य के मामले में 1 लाख करोड़ रुपए का आँकड़ा पार करने के साथ सरकारी खरीदों के संबंध में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है।

  • GeM भारत सरकार के लिये एक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है। यह पोर्टल सरकारी खरीदारों के लिये एक खुला और पारदर्शी मंच बनाने के लिये वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया था।
  • GeM सामान्य खरीद की वस्तुओं से लेकर मिसाइल प्रणालियों सहित महत्त्वपूर्ण रक्षा अधिग्रहणों तक की खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
  • GeM परिवर्तनकारी बदलाव के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए सरकारी लेनदेन में लागत-प्रभावशीलता तथा दक्षता को अधिकतम करने के लिये मांग एकत्रीकरण मॉड्यूल का प्रयोग करता है।
  • सार्वजनिक व्यय को अनुकूलित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए MoD इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली केंद्रीय सरकारी इकाई बन गई है।
    • सामाजिक समावेशन को अधिकतम करने के GeM के मूल मूल्य के अनुरूप रक्षा मंत्रालय ने कुल ऑर्डर का 50.7% सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSE) को प्रदान किया है।
  • GeM प्लेटफॉर्म पर रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की भागीदारी ने न केवल खरीद को आसान बनाया है, बल्कि बिक्री को भी सुविधाजनक बनाया है, जो खरीद परिदृश्य में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है।

रैपिड फायर

ICGS वराह का पूर्वी अफ्रीका में समुद्री कूटनीति में योगदान

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारतीय तटरक्षक अपतटीय गश्ती जहाज़ ICGS वराह को पूर्वी अफ्रीका में चल रही रणनीतिक विदेशी तैनाती के एक भाग के तहत मोजाम्बिक के मापुटो पत्तन पर एक महत्त्वपूर्ण कदम के तहत तैनात किया गया। यह मौजूदा राजनयिक सामुद्रिक जुड़ाव के तहत एक बड़ी उपलब्धि है।

  • इसका उद्देश्य भारत की जहाज़ निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करना और "आत्मनिर्भर भारत" को बढ़ावा देना है।
  • जहाज़ों की यह तैनाती ICG और मोजाम्बिक की समुद्री एजेंसियों के बीच संबंधों को मज़बूत करती है।
  • यह विदेशी तैनाती द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और विदेशी मित्र देशों (FFCs) के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की भारतीय तटरक्षक की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। साथ ही, यह "सागर-क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा व विकास" और "ग्लोबल साउथ" की अवधारणा में शामिल भारत की समुद्र को लेकर सोच के अनुरूप है।
  • उल्लेखनीय है कि इस यात्रा से पहले ICGS वराह ने अफ्रीकी क्षेत्र में केन्या के मोम्बासा पत्तन पर तैनात होकर राजनयिक सामुद्रिक गतिविधियों की निर्बाध निरंतरता का प्रदर्शन किया था। 
    • ICGS वराह, ICG के सात 98-मीटर वाली OPV की शृंखला में चौथा है।

और पढ़ें…भारतीय तट रक्षक (ICG)


रैपिड फायर

पुरुलिया छऊ

हाल ही में केरल के कोझिकोड में पुरुलिया छऊ, एक लोक नृत्य, प्रस्तुत किया गया था। 

  • छऊ आदिवासी और लोक मूल के समन्वय वाला पूर्वी भारत का एक अर्ध-शास्त्रीय नृत्य रूप है। इसके प्रदर्शन में कलाबाज़ी से लेकर मार्शल-आर्ट तक शामिल होते हैं और इसमें ऐसे नृत्य भी शामिल होते हैं जो धार्मिक विषयों के आधार पर संरचित होते हैं। 
  • पुरुलिया छऊ नाम बंगाल के पुरुलिया ज़िले से आया है जो छऊ का गढ़ है। यह छऊ नृत्य की तीन अलग-अलग शैलियों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है, अन्य दो झारखंड से सरायकेला छऊ और ओडिशा से मयूरभंज छऊ हैं।. 
    • वेशभूषा विभिन्न शैलियों के बीच अलग-अलग होती है, पुरुलिया और सेराकेला पात्रों की पहचान करने के लिये मुखौटे का उपयोग करते हैं। 
  • इसे 2010 में यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था।


रैपिड फायर

NGC 1851 में खोजा गया रहस्यमय बाइनरी सिस्टम

  • शोधकर्ताओं ने कोलंबा तारामंडल में स्थित गोलाकार क्लस्टर NGC 1851 में परिक्रमा करने वाले पदार्थों की एक रहस्यमय जोड़ी पाई है। 
  • दक्षिण अफ्रीका में मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करते हुए, उन्होंने सिस्टम द्वारा उत्सर्जित कमज़ोर तरंगों का पता लगाया। एक वस्तु, जिसे न्यूट्रॉन स्टार पल्सर के रूप में पहचाना जाता है, नियमित रेडियो स्पंदन का उत्सर्जन करती है, जबकि दूसरी, संभवतः एक ब्लैक होल या कोई अन्य न्यूट्रॉन तारा, विभिन्न स्पेक्ट्रा में अदृश्य है। यह खोज पल्सर-ब्लैक होल प्रणाली की संभावना को बढ़ाती है, जो ब्रह्मांड में विपरीत स्थितियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

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