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भारतीय अर्थव्यवस्था

कर विभाग ने 'तत्काल' पैन कार्ड सेवा शुरू की

  • 02 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

आयकर विभाग ने पहली बार यूनिक पहचान मांगने वाले व्यक्तियों के लिये आधार आधारित 'तत्काल' पैन आवंटन सेवा शुरू की है। यह सुविधा मुफ्त है और वैध आधार धारकों के लिये ई-पैन का तत्काल आवंटन “पहले आओ, पहले पाओ” सेवा के आधार पर सीमित अवधि के लिये उपलब्ध है|

यह सेवा क्यों शुरू की गई?

  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सुविधा पैन के लिये आवेदन करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के कारण शुरू की गई है।
  • इसके तहत आवेदनकर्त्ता के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर 'ओटीपी' भेजा जाता है और उसी के आधार पर नया पैन जारी कर दिया जाता है। यह ई-पैन सुविधा केवल व्यक्तिगत स्तर पर आवेदन करने वाले नागरिकों के लिये है। 
  • नए पैन में नाम, जन्मतिथि, लिंग, मोबाइल नंबर और पता वही रहेगा जो आधार कार्ड में वर्णित होगा|
  • ई-पैन सुविधा सिर्फ स्थानीय निजी करदाताओं के लिये है, न कि हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनियों और ट्रस्ट के लिये। 

क्या है प्रक्रिया?

  • विभाग के मुताबिक, इसमें बहुत सारे दस्तावेज़ों को अपलोड करने की ज़रूरत नहीं है, आधार की जानकारी के ज़रिये ई-पैन प्राप्त किया जा सकेगा। आपको सिर्फ यह सुनिश्चित करना होगा कि दी गई जानकारी अपडेट हो, क्योंकि आधार डाटाबेस के जरिये ही ई-केवाईसी की जाएगी। 
  • आधार में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के प्रयोग द्वारा ई-केवाईसी भी पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही ई-पैन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आपको सिर्फ सादे कागज़ पर अपने हस्ताक्षर की एक स्कैन की गई कॉपी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। 
  • यह अपलोड होते ही 15 अंकों का पहचान नंबर आपके पंजीकृत मोबाइल और ई-मेल पर आएगा। इस नई सुविधा से लंबी कागज़ी कार्यवाही के बाद भी पैन नंबर नहीं पाने वाले लोगों की समस्या दूर होगी।

समयसीमा बढ़ाई गई 

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने पैन-आधार को जोड़ने की समयसीमा को अगले वर्ष 31 मार्च तक के लिये बढ़ा दिया है। यह पाँचवी बार है जब सरकार ने लोगों के पैन को उनके आधार से जोड़ने की समयसीमा को बढ़ाया है। 
  • माना जा रहा है कि सीबीडीटी का नया आदेश उच्चतम न्यायालय के उस आदेश की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें आधार को अन्य सेवाओं से जोड़ने के लिये 31 मार्च, 2018 की समयसीमा को बढ़ाने के निर्देश दिये गए थे। 
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