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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Sep, 2024
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

कैंसर अनुसंधान के लिये समर्पित विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी व्यावसायिक संस्था, अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च ने सितंबर माह को डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मान्यता दी है।

  • यह माह इस घातक स्त्री रोग संबंधी कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये समर्पित है।

नोट:

  • कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर के शीघ्र निदान को प्रोत्साहित करने के लिये भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है।

ओवेरियन कैंसर से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • ओवेरियन कैंसर के बारे में: 
    • डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर एक कैंसरयुक्त ट्यूमर है, जो अंडाशय के ऊतकों में बनता है। अंडाशय मादा जनन ग्रंथियों का एक युग्म है, जिनसे डिंब और मादा हार्मोन का उत्पादन होता है।
    • कैंसर एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर में असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
  • महामारी विज्ञान: भारत में महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में ओवेरियन कैंसर का योगदान 6.6% है। ओवेरियन कैंसर की स्थिति विशेष रूप से इस रोग के विलंबित निदान के कारण समस्याग्रस्त है, जो जीवित रहने की दर को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
  • लक्षण: सामान्य लक्षणों में पेट फूलना, पैल्विक या श्रोणि में दर्द, भूख न लगना, बार-बार पेशाब आना, अपच, कब्ज़, पीठ दर्द, लगातार थकान, वज़न कम होना और रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव शामिल हैं। 
    • इन लक्षणों के कारण प्रायः रोग का गलत निदान हो जाता है या उपचार में बहुत देरी हो जाती है।
  • ओवेरियन कैंसर के प्रकार:
    • प्रकार I: सामान्य तथा आमतौर पर शीघ्र तथा बेहतर रोग निदान
    • प्रकार II: अधिक गंभीर, आमतौर पर बाद के चरण में पता लगने वाला तथा ओवेरियन कैंसर से होने वाली अधिकांश मौतों के लिये जिम्मेदार।
  • जीवित रहने की दर: जीवित रहने की दर बहुत हद तक उस चरण पर निर्भर करती है, जिस पर कैंसर का पता चलता है। 
    • शोध से पता चलता है कि गंभीर ओवेरियन कैंसर से पीड़ित लगभग 20% रोगी, जिन्हें इष्टतम उपचार मिलता है, 10 वर्षों में रोग-मुक्त हो सकते हैं।
  • स्क्रीनिंग चुनौतियाँ: स्तन कैंसर या सर्वाइकल कैंसर के विपरीत, ओवेरियन कैंसर के लिये कोई प्रभावी स्क्रीनिंग टेस्ट/परीक्षण नहीं है।
    • निदान किये गए मामलों की मॉनिटरिंग के लिये CA125 रक्त परीक्षण उपयोगी होते हुए भी इसकी सीमित विशिष्टता और गलत सकारात्मक परिणाम की संभावना के कारण रूटीन स्क्रीनिंग के लिये अनुशंसित नहीं है। 
      • ओवेरियन, फैलोपियन ट्यूब या प्राथमिक चरण के पेरिटोनियल कैंसर की पहचान या पता लगाने के लिये CA125 परीक्षण, रक्त प्रोटीन के मापन पर आधारित है।
  • आनुवंशिक कारक: ओवेरियन कैंसर में एक प्रबल आनुवंशिक घटक होता है, जिसमें 65-85% आनुवंशिक मामले BRCA1 BRCA2 जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं। 
    • इन उत्परिवर्तनों वाली महिलाओं को ओवेरियन कैंसर होने का खतरा काफी अधिक होता है।
    • BRCA1 और BRCA2 जीन DNA की मरम्मत तथा कोशिका विभाजन को विनियमित करने में मदद करते हैं। इन जीनों में उत्परिवर्तन स्तन, डिम्बग्रंथि एवं अन्य कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। 
  • जीवनशैली कारक: टैल्कम पाउडर और केश-उत्पादों में पाए जाने वाले रसायनों के संपर्क सहित कुछ जीवनशैली विकल्पों को ओवेरियन कैंसर के संभावित जोखिम कारकों के रूप में चर्चा की गई है।
    • इसके अतिरिक्त हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) से भी जोखिम बढ़ता है। 
    • HRT का प्रयोग आमतौर पर रजोनिवृत्ति संक्रमण के दौरान महिलाओं में वासोमोटर और योनि असुविधा लक्षणों को नियंत्रित करने तथा इनके उपचार के लिये किया जाता है।
  • जोखिम कम करना:
    • ओवेरियन या स्तन कैंसर से जुड़े पारिवारिक इतिहास अथवा आनुवंशिक उत्परिवर्तन (BRCA1/BRCA2) वाली महिलाओं के लिये जेनेटिक काउंसलिंग महत्त्वपूर्ण है, जो जोखिम प्रबंधन और निवारक उपायों पर अनुरूप मार्गदर्शन प्रदान करता है।
    • फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
    • आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ शारीरिक वज़न बनाए रखने से जोखिम कम हो सकता है।
    • नियमित स्त्री रोग संबंधी जाँच से जनन स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करने और संभावित समस्याओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है।

Cancer_Statistics_In_India

कैंसर उपचार से संबंधित सरकारी पहलें क्या हैं?

और पढ़ें: कैंसर की बढ़ती चिंताएँ  

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. कैंसरग्रस्त ट्यूमर के उपचार के संदर्भ में, साइबरनाइफ नामक एक उपकरण चर्चा में रहा है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? (2010)

(a) यह एक रोबोटिक इमेज गाइडेड सिस्टम है। 
(b) यह विकिरण की अत्यंत सटीक डोज़ प्रदान करता है। 
(c) इसमें सब-मिलीमीटर सटीकता प्राप्त करने की क्षमता है। 
(d) यह शरीर में ट्यूमर के प्रसार को मैप कर सकता है। 

उत्तर: (d)


प्रश्न. 'RNA अंतर्क्षेप [RNA इंटरफे्रेंस (RNAi)]' प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्यों?  (2019) 

  1. यह जीन अनभिव्यक्तीकरण (जीन साइलेंसिंग) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होता है।
  2. इसे कैंसर की चिकित्सा में रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
  3. इसे हॉर्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
  4. इसे ऐसी फसल पादपों को उगाने के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है, जो विषाणु रोगजनकों के लिये प्रतिरोधी हो।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 4
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) केवल 1 और 4

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

CSTT ने बहुभाषी तकनीकी शब्दावली पोर्टल लॉन्च किया

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (CSTT) ने सभी 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं में तकनीकी शब्दों तक पहुँच प्रदान करने के लिये एक विशिष्ट वेबसाइट 'shabd.education.gov.in' लॉन्च की।

  • यह पोर्टल वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों के लिये एक केंद्रीय कोष के रूप में कार्य करता है, जिसमें सर्च योग्य 22,00,000 शब्दों के साथ 322 शब्दावलियाँ उपलब्ध हैं तथा इसे 450 शब्दावलियों तक विस्तारित करने की योजना है।
    • उपयोगकर्त्ता भाषा, विषय या शब्दकोश के आधार पर शब्दों की खोज कर सकते हैं तथा मौजूदा शब्दों पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
  • यह पहल चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग क्षेत्रों सहित भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के व्यापक प्रयास के अनुरूप है।
  • वर्ष 1961 में स्थापित CSTT, वैज्ञानिक शब्दावली के विकास पर केंद्रित है और नियमित रूप से पाठ्यपुस्तकें, मोनोग्राफ एवं विज्ञान गरिमा सिंधु तथा ज्ञान गरिमा सिंधु जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन करता है।
  • तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये भारत में प्रमुख पहलों में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप (PMRF), प्रभावशाली अनुसंधान नवाचार और प्रौद्योगिकी (IMPRINT), भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था के लिये ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च स्कीम (STRIDE), विज्ञान में परिवर्तनकारी और उन्नत अनुसंधान योजना (STARS) आदि शामिल हैं, जिन्हें उच्च शिक्षण संस्थानों में तकनीकी शिक्षा एवं अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये शिक्षा मंत्रालय में कार्यान्वित किया गया है।

और पढ़ें: तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम


रैपिड फायर

कुछ समय के लिये अदृश्य हो जाएँगे शनि के वलय

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में नासा ने पुष्टि की है कि शनि के वलय(rings) पृथ्वी के साथ संरेखित होने के कारण मार्च 2025 में कुछ समय के लिये गायब हो जाएँगे, जिससे वे पृथ्वी से किनारे पर दिखाई देंगे।

  • यह प्रकाशीय घटना प्रत्येक 13 से 15 वर्ष में घटित होती है, अंतिम बार यह घटना वर्ष 2009 में हुई थी।
  • शनि को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 29.4 पृथ्वी वर्ष (Earth years) लगते हैं और यह 26.73 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है, इसलिये वलय अपनी दिशा परिवर्तित करते हुए दिखाई देते हैं। मार्च 2025 में केवल वलय के किनारे ही दिखाई देंगे, जो बहुत ही कम प्रकाश को परावर्तित करेंगे।

शनि और उसके वलय:

  • शनि सूर्य से छठा ग्रह तथा सौरमंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • इसमें बर्फ और चट्टान से बनी एक वलय प्रणाली है, जो सभी ग्रहों में सबसे जटिल है।
    • शनि के वलयों की चौड़ाई लगभग 2,82,000 किलोमीटर है, लेकिन वे अविश्वसनीय रूप से महीन हैं, जिनकी मोटाई केवल 10 से 30 मीटर है। 
    • इस ग्रह के 7 प्राथमिक वलय हैं। प्रत्येक वलय अलग-अलग गति से शनि की परिक्रमा करता है।
    • यदि शनि की वलय प्रणाली को एक दूसरे से जोड़कर क्रमबद्ध रूप में रखा जाए, तो इसकी लंबाई पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के समान होगी।
  • नासा के अनुसार सौरमंडल में शनि के पास सबसे अधिक चंद्रमा (146) हैं। बृहस्पति की तरह शनि भी एक गैसीय ग्रह है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से निर्मित है।
  • शनि ग्रह के लिये मिशन: पायनियर 11, वॉयेजर 1, और वॉयेजर 2, कैसिनी अंतरिक्ष यान
  • नासा का अनुमान है कि शनि के वलय आगामी 300 मिलियन वर्षों में "वलय वर्षा(ring rain)" के कारण स्थायी रूप से अदृश्य हो जाएँगे, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वलय से जल तीव्र गति से बाहर निकल जाता है।

और पढ़ें: शनि के रहस्यमयी वलय और चरम झुकाव


रैपिड फायर

विश्व बैंक द्वारा भारत के GDP अनुमान में वृद्धि

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में विश्व बैंक (World Bank-WB) ने वित्त वर्ष 2025 के लिये भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास अनुमान को 6.6% से बढ़ाकर 7% कर दिया है।

  • यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) और एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank- ADB) के पूर्वानुमानों के अनुरूप है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने भी वित्त वर्ष 2025 में भारत की GDP वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
  • विश्व बैंक ने निजी निवेश में उत्तरोत्तर वृद्धि और उपभोग में सुधार की आशा व्यक्त की है, लेकिन साथ ही बेरोज़गारी को भारत की आर्थिक वृद्धि के लिये एक प्रमुख चुनौती भी बताया है। 
  • हालाँकि वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत में शहरी महिला बेरोज़गारी दर में सुधार हुआ और यह 8.5% के स्तर पर पहुँच गई है लेकिन शहरी युवा बेरोज़गारी 17% के उच्च स्तर पर बनी हुई है।

और पढ़ें: विश्व बैंक द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान


रैपिड फायर

अभ्यास वरुण

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में भारत-फ्राँस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास वरुण का 22 वाँ संस्करण भूमध्य सागर में आयोजित हुआ।

  • भारतीय पक्ष से फ्रंटलाइन स्टील्थ फ्रिगेट INS तबर, जहाज से आने वाले हेलीकॉप्टर और LRMR विमान P8I ने भाग लिया, जबकि फ्राँसीसी पक्ष का प्रतिनिधित्व FS प्रोवेंस, पनडुब्बी सुफ्रेन, विमान F20; अटलांटिक 2, लड़ाकू विमान MB339 और NH90 डॉफिन हेलीकॉप्टरों ने किया।
    • ये संयुक्त अभ्यास या तो हिंद महासागर या भूमध्य सागर में आयोजित किये जाते हैं।
  • संचालित ऑपरेशन: उन्नत नौसैनिक ऑपरेशन, जिसमें सामरिक युद्धाभ्यास, पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, उड़ान अभ्यास, वायु रक्षा अभ्यास, लाइव हथियार फायरिंग, फोटो-ईएक्स (फोटोग्राफिक अभ्यास) और स्टीम पास्ट शामिल हैं।
  • अन्य भारत-फ्राँस संयुक्त अभ्यास:
  • भारत के साथ संयुक्त अभ्यास:

देश

युद्ध अभ्यास

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रहिंद 

बांग्लादेश

सम्प्रीति 

चीन

हैंड-इन-हैंड 

फ्राँस

शक्ति 

इंडोनेशिया

गरुड़ शक्ति

कज़ाखस्तान 

प्रबल दोस्त्यक

किर्गिज़स्तान 

खंजर

मालदीव

एकुवेरिन

मंगोलिया

नोमडिक एलीफैंट

म्याँमार

इंबेक्स(IMBEX)

नेपाल

सूर्य किरण

ओमान

अल-नागाह

रूस

इंद्र

सेशल्स

लामितिये (LAMITIYE)

श्रीलंका

मित्र शक्ति

थाईलैंड

मैत्री

ब्रिटेन

अजय वाॅरियर 

संयुक्त राज्य अमेरिका

युद्धाभ्यास

संयुक्त राज्य अमेरिका

वज्र प्रहार

और पढ़ें: भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास


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