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माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी

  • 15 May 2023
  • 9 min read

ब्रिटेन (UK) में तीन माता-पिता के DNA से पैदा हुए एक बच्चे की हालिया खबर ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के पीछे वैज्ञानिक सफलता को जिज्ञासा और चर्चा का विषय बना दिया है। 

  • माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (MRT) या थ्री-पैरेंट IVF के रूप में जानी जाने वाली इस परिवर्तनकारी तकनीक का उद्देश्य माइटोकॉन्ड्रियल रोगों के वंशानुक्रम को रोकना है।

माइटोकॉन्ड्रिया: 

  • परिचय: 
    • माइटोकॉन्ड्रिया अधिकांश यूकेरियोटिक जीवों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले झिल्ली-बद्ध अंग हैं।
    • उन्हें अक्सर कोशिकाओं के "पावर हाउस" के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे एडीनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में सेल की अधिकांश ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।

  • कार्य: 
    • माइटोकॉन्ड्रिया कोशिकीय श्वसन की एक प्रक्रिया को पूरा करते हैं जो पोषक तत्त्वों को ATP में परिवर्तित करती है।
    • माइटोकॉन्ड्रिया कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से ऊर्जा को कोशिका के लिये उपयोगी रूप में परिवर्तित करता है।
    • वे ATP का उत्पादन करने के लिये ग्लूकोज़ का चयापचय करते हैं, जो विभिन्न सेलुलर प्रक्रियाओं को शक्ति प्रदान करता है।
    • माइटोकॉन्ड्रिया सेल सिग्नलिंग पाथवे में भाग लेते हैं, सेल की वृद्धि, विभेदन और एपोप्टोसिस जैसी प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं।
  • विरासत: 
    • माइटोकॉन्ड्रिया का अपना DNA होता है, जिसे माइटोकॉन्ड्रियल DNA (mtDNA) के रूप में जाना जाता है, जो आवश्यक प्रोटीन की एक छोटी संख्या को कूटबद्ध करता है।
    • अधिकांश पशुओं में mtDNA पूरी तरह से माँ से विरासत में मिला होता है।
    • mtDNA में उत्परिवर्तन से माइटोकॉन्ड्रिया (सूत्रकणिका) विकार और विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियाँ हो सकती हैं।
  • माइटोकॉन्ड्रिया रोग: 
    • माइटोकॉन्ड्रिया में कुछ उत्परिवर्तन से माइटोकॉन्ड्रियल रोग हो सकते हैं, ऊर्जा उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं और मस्तिष्क, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों, गुर्दे, हृदय और यकृत सहित विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।
    • इन रोगों के परिणामस्वरूप अतिगंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे- अंग का विफल होना, मांसपेशियों का खराब होना और यहाँ तक कि मस्तिष्क क्षति। दुर्भाग्य से माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन उन्हें कुछ हद तक प्रबंधित किया जा सकता है।
      • माइटोकॉन्ड्रियल रोगों के कुछ उदाहरण हैं- लेह सिंड्रोम, किर्न्स-सायरे सिंड्रोम (KSS), माइटोकॉन्ड्रियल मायोपैथी और माइटोकॉन्ड्रियल DNA डिप्लेशन सिंड्रोम।

माइटोकॉन्ड्रियल डोनेशन ट्रीटमेंट (MDT)/MRT:

  • परिचय: 
    • माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों के मुद्दे को हल करने के लिये वैज्ञानिकों और शोधकर्त्ताओं ने माइटोकॉन्ड्रियल डोनेशन ट्रीटमेंट (MDT) या थ्री-पैरेंट IVF नामक एक उन्नत इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) तकनीक विकसित की है।
      • इस तकनीक में यह सुनिश्चित करने के लिये एक जटिल प्रक्रिया शामिल है कि जैविक माता-पिता दोनों से आनुवंशिक सामग्री लेते समय शिशु को स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया विरासत में प्राप्त हो।
  • वैज्ञानिक प्रक्रिया: 
    • उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करना:  
      • यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन जोड़ों (दम्पति) के लिये है जो अपने आनुवंशिक शिशु को जन्म देना चाहते हैं लेकिन दाता अंडे का उपयोग नहीं करना चाहते हैं।
    • दाता और जैविक माता-पिता का चयन: 
      • जैविक माता, जिसे माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी है, अपने अंडे प्रदान करती है, जो जैविक पिता के शुक्राणु द्वारा निषेचित होते हैं।
        • इसके अतिरिक्त इस प्रक्रिया में स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया वाली एक अलग महिला दाता शामिल होती है।
    • माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट:  
      • दाता के अंडे से आनुवंशिक पदार्थ (DNA) निकाला जाता है और जैविक माता-पिता के आनुवंशिक पदार्थ के साथ प्रतिस्थापित किया जाता है।
        • यह माता-पिता के DNA और दाता के माइटोकॉन्ड्रिया के साथ एक भ्रूण बनाता है।
    • प्रत्यारोपण और गर्भावस्था:  
      • संशोधित भ्रूण को तब गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है और परिपक्व अवधि के परिणामस्वरूप माता के माइटोकॉन्ड्रियल रोग से मुक्त बच्चे का जन्म होता है।

  • संभावित दुष्प्रभाव: 
    • हालाँकि इस प्रक्रिया में न्यूनतम जोखिमों के बिना आशाजनक परिणाम देखने को मिले हैं। कुछ मामलों में कभी-कभी दुर्लभ स्थितियों में ऑपरेशन के दौरान गलती से दोषपूर्ण मातृ माइटोकॉन्ड्रिया की एक छोटी मात्रा स्थांतरित हो सकती है।
    • यद्यपि सर्वसम्मति स्थापित करने और बेहतर परिणामों हेतु तकनीक को परिष्कृत करने के लिये और अधिक शोध एवं प्रकाशित डेटा की आवश्यकता है।
  • विधान और अनुमोदन:
    • यूनाइटेड किंगडम सरकार ने माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी की अनुमति देने हेतु वर्ष 2015 में अपने कानून में संशोधन किया एवं न्यूकैसल फर्टिलिटी सेंटर वर्ष 2017 में इस तरह की प्रक्रिया करने वाला पहला लाइसेंस प्राप्त केंद्र बन गया।
  • माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़ संबंधी आँकड़े: 
    • विश्व स्तर पर अनुमानित 5,000 लोगों में से 1 को आनुवंशिक माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़ है।
      • ब्रिटेन में 6,500 शिशुओं में से लगभग एक माइटोकॉन्ड्रियल विकार से प्रभावित होता है और इस देश में लगभग 12,000 लोग इस स्थिति के साथ रहते हैं।
      • संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष जन्म लेने वाले बच्चों में माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़ से पीड़ित बच्चों की अनुमानित संख्या 1,000-4,000 तक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. आनुवांशिक रोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021) 

  1. अंडे के अंतः पात्र (इन विट्रो) निषेचन से या तो पहले या बाद में सूत्रकणिका प्रतिस्थापन (माइटोकॉन्ड्रिया रिप्लेसमेंट) चिकित्सा द्वारा सूत्रकणिका रोगों (माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़) को माता-पिता से संतान में जाने से रोका जा सकता है।
  2. किसी संतान में सूत्रकणिका रोग (माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़) आनुवांशिक रूप से पूर्णतः माँ से जाता है, न कि पिता से।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c) 

स्रोत: द हिंदू

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