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शनि के रहस्यमय वलय और चरम झुकाव

  • 23 Sep 2022
  • 6 min read

हाल के एक अध्ययन के अनुसार, शनि के चमकीले वलय और चरम झुकाव की संभावना पहले से मौजूद चंद्रमा क्रिसलिस के कारण है।

प्रमुख बिंदु

  • पर्याप्त झुकाव: शनि का झुकाव 26.73 डिग्री है और इसके निर्माण के चरणों के दौरान झुकाव होने की संभावना नहीं थी।
    • वर्तमान में गैस जायंट नेपच्यून, यूरेनस और शनि में पर्याप्त रूप से झुकाव हुआ है, जो यह दर्शाते है कि यह विशेषता निर्माण चरणों के दौरान उत्पन्न नहीं हुई थी।
  • झुकाव का कारण: विभिन्न सिद्धांतों का सुझाव है कि शनि अपने पड़ोसी नेपच्यून के साथ गुरुत्वाकर्षण अंत:क्रिया के कारण झुका हुआ है।
    • लेकिन नए अध्ययन का तर्क है कि शनि अब नेपच्यून के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में नहीं है।
    • वर्ष 2004 से 2017 तक शनि की परिक्रमा करने वाले नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान के अवलोकन के आधार पर शनि के सबसे बड़े उपग्रह टाइटन के प्रभाव में हैं।
    • टाइटन का पलायन: टाइटन शनि से प्रतिवर्ष लगभग 11 सेंटीमीटर की गति से पलायन कर रहा है, जो पिछले अनुमानों की तुलना में 100 गुना तेज़ है।
      • टाइटन के तेज़ी से पलायन ने ग्रह को और अधिक झुका दिया, जिससे शनि पर नेपच्यून का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव कम हो गया।
    • पूर्व चंद्रमा (क्रिसलिस) की भूमिका: वैज्ञानिकों ने ग्रह के घूमने की धुरी का अनुकरण किया कि यह समय के साथ कैसे बदल गया है, इसमें पूर्व चंद्रमा के प्रभाव का पता चला है, क्योंकि मॉडल के अनुसार, चंद्रमा/उपग्रह के हटने से शनि का झुकाव होता है।
      • क्रिसलिस ने कई अरब वर्षों तक शनि की परिक्रमा की, लगभग 160 मिलियन वर्ष पहले, क्रिसलिस अस्थिर हो गया और अपने ग्रह के बहुत करीब आ गया जिसने संभवतः चंद्रमा/उपग्रह को दूर धकेल दिया या नष्ट कर दिया।

शनि ग्रह:

  • शनि सूर्य से छठा ग्रह है और हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • हज़ारों सुंदर वलयों से सुशोभित शनि ग्रहों में अद्वितीय है।
  • यह एकमात्र ऐसा ग्रह नहीं है जिसके छल्ले हैं जो बर्फ और चट्टान के टुकड़ों से बने हैं लेकिन अन्य कोई भी ग्रह उतना शानदार या उतना जटिल नहीं है जितना कि शनि।
  • 82 उपग्रहों के साथ सौरमंडल में शनि के सबसे अधिक उपग्रह अथवा चंद्रमा हैं।
  • साथी ग्रह गैस से बने विशाल बृहस्पति की तरह शनि एक विशाल गेंद की भाँति है जो ज़्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना है।
  • कुछ मिशन में शनि का दौरा किया गया है: पायनियर 11 और वॉयजर 1 एवं 2 ने उड़ान भरी, लेकिन कैसिनी ने 2004 से 2017 तक 294 बार शनि की परिक्रमा की।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्र. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014)

अंतरिक्षयान  उद्देश्य
1. कैसिनी- ह्युजेन्स शुक्र की परिक्रमा करना और डेटा को पृथ्वी पर प्रेषित करना
2. मैसेंजर बुध का मानचित्रण और जाँच
3. वॉयजर 1 और 2 बाहरी सौर मंडल की खोज

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

  • कैसिनी- ह्युजेन्स को शनि और उसके चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये भेजा गया था। यह नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक संयुक्त सहयोग था। इसे वर्ष 1997 में लॉन्च किया गया था तथा वर्ष 2004 में इसने शनि की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2017 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
  • मैसेंजर, नासा का एक अंतरिक्षयान है जिसे बुध ग्रह के मानचित्रण तथा अन्वेषण हेतु भेजा गया था। इसे वर्ष 2004 में लॉन्च किया गया था और वर्ष 2011 में इसने बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2015 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है।
  • वॉयजर 1 और 2 को नासा ने वर्ष 1977 में बाह्य सौरमंडल का पता लगाने के लिये लॉन्च किया था। दोनों अंतरिक्षयान अभी भी कार्यरत हैं। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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