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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 11 Jan, 2025
  • 19 min read
प्रारंभिक परीक्षा

मोधवेथ महोत्सव

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ियों में सबसे पुराने द्रविड़ जातीय समूहों में से एक, टोडा जनजाति ने नववर्ष के उपलक्ष्य में अपना पारंपरिक 'मोधवेथ' महोत्सव मनाया।

मोधवेथ महोत्सव क्या है?

  • परिचय:
    • यह प्रतिवर्ष दिसंबर के अंतिम रविवार या जनवरी के पहले रविवार को मनाया जाता है।
    • यह नीलगिरि ज़िले में स्थित मुथानाडु मुंड गाँव के मूनपो मंदिर में आयोजित किया जाता है।
    • मूनपो मंदिर में एक अद्वितीय ऊर्ध्वाधर शिखर है, जिसकी छत फूस की है तथा शीर्ष पर एक सपाट पत्थर है, जो इसे नीलगिरी में अपनी तरह का अंतिम टोडा मंदिरों में से एक बनाता है।
  • अनुष्ठान और समारोह:
    • आने वाले वर्ष में अच्छे स्वास्थ्य, बारिश और भरपूर फसल के लिये देवता, थेनकिश अम्मान से प्रार्थना की जाती है।
    • उत्सव के एक भाग के रूप में प्रतिभागी मंदिर के बाहर नृत्य प्रस्तुत करते हैं।
  • अनोखी प्रथाएँ:
    • टोडा युवा लगभग 80 किलोग्राम वज़नी चिकना पत्थर उठाकर अपनी ताकत और पुरुषत्त्व का प्रदर्शन करते हैं।
    • पारंपरिक रीति-रिवाज़ों के अनुसार, महिलाएँ इस समारोह में भाग नहीं लेती हैं।

टोडा जनजाति क्या है?

नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व

  • परिचय:
    • यह वर्ष 1986 में स्थापित भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व था।
    • यह रिज़र्व तीन भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में फैला हुआ है।
    • यह यूनेस्को के मानव एवं बायोस्फीयर कार्यक्रम के अंतर्गत भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व है।
    • आदियान, अरनादान, कादर, कुरिचियन, कुरुमन और कुरूंबा जैसे कई जनजातियों समूहों का आश्रय स्थल है।
    • यह विश्व के अफ्रीकी-उष्णकटिबंधीय और इंडो-मलायन जैविक क्षेत्रों के संगम को चित्रित करता है।
  • जीव-जंतु:
    • नीलगिरि तहर, नीलगिरि लंगूर, गौर, भारतीय हाथी जैसे जानवर और नीलगिरि डैनियो (डेवेरियो नीलघेरिएन्सिस), नीलगिरि बारबरे जैसी स्वच्छ जल की मछलियाँ यहाँ पाई जाती हैं।
  • NBR में संरक्षित क्षेत्र:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स   

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)

शिल्प  किस राज्य की परंपरा

  1. पुथुक्कुली शॉल - तमिलनाडु
  2. सुजनी कढ़ाई - महाराष्ट्र
  3. उप्पाडा जामदानी साड़ी - कर्नाटक

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) केवल 2 और 3

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

नीति आयोग के 10 वर्ष

1 जनवरी 2025 को, नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) अपनी स्थापना के एक दशक पूरे कर लेगा, जो 1 जनवरी 2015 को स्थापित हुआ था। इसने गतिशील, बाज़ार-संचालित अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं के अनुरूप योजना आयोग का स्थान लिया है।

  • नीति आयोग केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव के माध्यम से बनाया गया एक सलाहकार निकाय है (अर्थात न तो संवैधानिक और न ही वैधानिक निकाय )।

प्रमुख उपलब्धियाँ और योगदान: 

अधिक पढ़ें: नीति आयोग 


रैपिड फायर

त्रिनिदाद और टोबैगो में आपातकाल घोषित

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में त्रिनिदाद और टोबैगो ने देश में सामूहिक हिंसा में वृद्धि के बाद आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2013 के बाद से वार्षिक मृत्यु दर उच्चतम हो गई है।

  • त्रिनिदाद और टोबैगो की जनसंख्या 1.5 मिलियन है, यहाँ हत्या की दर सबसे अधिक है। 
  • इससे पहले आपातकाल की घोषणा वर्ष 2014 में सामूहिक हिंसा के लिये तथा वर्ष 2021 में कोविड-19 प्रतिबंधों के लिये की गई थी।

भारत के साथ संबंध:

  • त्रिनिदाद और टोबैगो भारत के UPI प्लेटफॉर्म को अपनाने वाला पहला कैरेबियाई देश है।
  • दोनों देशों ने वर्ष 1997 में एक दूसरे को सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्ज़ा दिया। 
    • यहाँ वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 368.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। 
  • देश की कुल जनसंख्या में भारतीय प्रवासियों की भागीदारी लगभग 42 % है।

त्रिनिदाद और टोबैगो का परिचय:

  • राजधानी: पोर्ट ऑफ स्पेन।
    • स्थान: दक्षिण-पूर्वी वेस्ट इंडीज में वेनेज़ुएला और गुयाना के पास स्थित द्वीपीय देश।
    • स्वतंत्रता: 31 अगस्त 1962 को ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने और वर्ष 1976 में गणतंत्र बनने के बाद, यह देश कैरेबियन समुदाय (CARICOM) का सदस्य है।
  • भौगोलिक विशेषता: 
    • सबसे ऊँचा स्थान: माउंट एरिपो
    • प्रमुख नदियाँ: ओर्टोइरे और कारोनी (Ortoire and Caroni)।
    • प्राकृतिक संसाधन: पिच लेक, विश्व का सबसे बड़ा डामर/एस्फॉल्ट भंडार।
    • पर्वत शृंखला: उत्तरी श्रेणी, एंडीज का भाग।

और पढ़ें... दूसरा भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन


रैपिड फायर

गोबरधन योजना

स्रोत: डाउन टू अर्थ

विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (CSE) ने गोबरधन पोर्टल पर परिचालनरत संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्र के आँकड़ों में पारदर्शिता की कमी को उज़ागर किया है।

  • संपीड़ित बायोगैस (CBG): CBG एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो कृषि अवशेष, मवेशियों के गोबर, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट और सीवेज मल सहित जैविक अपशिष्ट से उत्पादित होता है।
    • यह जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर कृषि एवं पशु अपशिष्टों का प्रबंधन करने तथा खुले में जलाने को कम करने में मदद करता है।
  • गोबरधन योजना: गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (GOBARdhan) पहल का ध्यान चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये अपशिष्ट को धन में परिवर्तित करने पर केंद्रित है।
    • इसका उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (CBG)/Bio-CNG संयंत्रों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
    • जल शक्ति मंत्रालय का पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) नोडल विभाग के रूप में कार्य करता है।
  • महत्त्वपूर्ण मुद्दे:
    • धीमी स्वीकृति: दिसंबर 2024 तक केवल 115 CBG संयंत्र कार्यात्मक हैं, जबकि वर्ष 2030 तक 5,000 का लक्ष्य है।
    • सूचना का अभाव: गोबरधन पोर्टल पर विशिष्ट CBG संयंत्रों द्वारा उपयोग किये जाने वाले फीडस्टॉक्स के विवरण का अभाव है।
    • परिचालन पारदर्शिता: पोर्टल में परिचालन संयंत्रों के लिये अद्यतन जानकारी वाले अनुभाग का अभाव है, जिससे नीति निर्माताओं के लिये उद्यमियों की चुनौतियों का समाधान करना कठिन हो जाता है।

और पढ़ें: Bio-CNG के माध्यम से भारत का हरित भविष्य


प्रारंभिक परीक्षा

रक्षा और परमाणु सहयोग में भारत-अमेरिका पहल

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स 

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत का दौरा किया और प्रौद्योगिकी एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में नवीन पहलों पर हस्ताक्षर किये।

भारत और अमेरिका के बीच किन नवीन पहलों पर हस्ताक्षर हुए हैं?

  • असैन्य परमाणु सहयोग: अमेरिका ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लागू करने के लिये भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) जैसी भारतीय परमाणु संस्थाओं पर अमेरिकी परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति जैसे प्रतिबंध हटाने की घोषणा की।
  • सोनोबॉय सह-निर्माण: इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना की जल के भीतर खतरे का पता लगाने की क्षमताओं को बढ़ाना है, विशेष रूप से पनडुब्बियों और अन्य शत्रुतापूर्ण जल के भीतर की वस्तुओं का पता लगाने में।
  • मिसाईल निर्यात नियंत्रण: अमेरिकी NSA ने भारत को MTCR के अंतर्गत मिसाईल निर्यात नियंत्रण के अद्यतन, अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने और सहयोग के नए अवसर सृजित करने के बारे में जानकारी दी।
    • भारत वर्ष 2016 में MTCR का सदस्य बना।
  • ICET की उन्नति: दोनों देशों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, दूरसंचार और अंतरिक्ष जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग की पुष्टि की।

नोट:

भारत और अमेरिका ने कमज़ोर समुदायों को 'कट्टरपंथ से मुक्त' करके आतंकवाद पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया।

सोनोब्वाॅय क्या हैं?

  • परिचय: सोनोब्वाॅय एक्सपेंडेबल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल साउंड सेंसर हैं, जिसे जहाज़ों और पनडुब्बियों से जल के नीचे की आवाज़ों का पता लगाने और ट्रैक करने के लिये डिज़ाईन किया गया है।
    • इसका उपयोग मुख्यतः पनडुब्बी रोधी संघर्ष (ASW) में किया जाता है।
  • कार्यप्रणाली: इन्हें कनस्तरों में डाला जाता है, जो जल से टकराने पर सक्रिय हो जाते हैं, तथा सतह पर रेडियो ट्रांसमीटर समेत एक इन्फ्लेटेबल प्रणाली तैनात कर देते हैं।
    • ये लगभग 24 घंटे तक सक्रिय रहते हैं तथा केवल एक बार कार्य करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं।
  • संचार: जल की सतह पर स्थित इन्फ्लेटेबल प्रणाली सोनोब्वाॅय पर नज़र रखने वाले जहाज़ या विमान के साथ संचार बनाए रखती है।

भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु सहयोग समझौता

  • परिचय: इसे 123 समझौते के रूप में भी जाना जाता है, यह भारत को ऊर्जा उत्पादन जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये परमाणु ईंधन, प्रौद्योगिकी और रिएक्टरों तक पहुँच प्रदान करता है, भले ही भारत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षरकर्त्ता नहीं है
  • प्रमुख घटक: भारत ने परमाणु सामग्री के शांतिपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये अपनी असैन्य परमाणु सुविधाओं को IAEA सुरक्षा उपायों के अंतर्गत रखने पर सहमति व्यक्त की।
    • अमेरिका ने भारत के विस्तारित होते शांतिपूर्ण परमाणु क्षेत्र के साथ व्यापार को सक्षम बनाने के लिये NSG से छूट मांगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न 1. भारत में, क्यों कुछ परमाणु रिएक्टर “ आई.ए.ई.ए. सुरक्षा उपायों" के अधीन रखे जाते हैं जबकि अन्य इस सुरक्षा के अधीन नहीं रखे जाते ?  (2020)

  1. कुछ यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य थोरियम का 
  2. कुछ आयातित यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य घरेलू आपूर्ति का
  3. कुछ विदेशी उद्यमों द्वारा संचालित होते हैं और अन्य घरेलू उद्यमों द्वारा
  4. कुछ सरकारी स्वामित्व वाले होते हैं और अन्य निजी स्वामित्व वाले

उत्तर: (b)

प्रश्न 2: भारत के संदर्भ में 'अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई.ए.ई.ए.)' के 'अतिरिक्त नयाचार (एडीशनल प्रोटोकॉल)' का अनुसमर्थन करने का निहितार्थ क्या है? (2018)

  1. असैनिक परमाणु रिऐक्टर आई.ए.ई.ए. के रक्षोपायों के अधीन आ जाते हैं।
  2. सैनिक परमाणु अधिष्ठान आई.ए.ई.ए. के निरीक्षण के अधीन आ जाते हैं।
  3. देश के पास नाभिकीय पूर्तिकर्ता समूह (एन.एस.जी.) से यूरेनियम के क्रय का विशेषाधिकार हो जाएगा।
  4. देश स्वतः एन.एस.जी. का सदस्य बन जाता है।

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

टाइडल टेल

स्रोत: पी.आई.बी.

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के शोधकर्त्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में NGC 3785 से संबंधित अब तक की सबसे लंबी टाइडल टेल के अंत में एक अल्ट्रा-डिफ्यूज़ आकाशगंगा के निर्माण की खोज की गई है।

  • टाइडल टेल तारों एवं गैस की एक लंबी, संकरी पट्टी है जो आकाशगंगाओं के आपस में संपर्क या विलय से बनती है। 
    • इन अंतःक्रियाओं के दौरान गुरुत्वाकर्षण बल आकाशगंगाओं के बाहरी क्षेत्रों से पदार्थों को आकर्षित करते हैं तथा उन्हें लंबी पट्टियों में प्रसारित करते हैं, जो अंतरिक्ष में विस्तारित होती हैं। 
    • टाइडल टेल विलय के बाद भी लंबे समय तक बनी रह सकती है, जो हाल ही में आकाशगंगाओं के बीच हुई अंतःक्रियाओं का संकेत है। 
    • इस प्रकार की टेल से इस बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलती है कि आकाशगंगाएँ किस प्रकार विकसित होती हैं जिससे तारे बनते हैं।
    • उल्लेखनीय रूप से आकाशगंगा के तारकीय निर्माण का एक छोटा सा हिस्सा टाइडल टेल के तहत घटित होता है, जिससे आकाशगंगा की गतिशीलता एवं विकास में इनकी भूमिका पर प्रकाश पड़ता है।
  • आकाशगंगा NGC 3785: यह एक लेंटिक्युलर आकाशगंगा है जो आकाशीय भूमध्य रेखा (काल्पनिक वृत्त जो पृथ्वी की भूमध्य रेखा से अंतरिक्ष तक विस्तारित है) के उत्तर में लियो तारामंडल में स्थित है, जिससे यह उत्तरी गोलार्द्ध से अधिक स्पष्ट दिखाई देती है। 
  • आकाशगंगा गैस, धूल, तारों एवं सौर मंडलों का एक विशाल संग्रह है, जो गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ जुड़े रहते हैं। पृथ्वी ऐसी ही एक आकाशगंगा का हिस्सा है।

और पढ़ें: डार्क मैटर और डार्क एनर्जी


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