उत्तर प्रदेश
‘राज्य योजना आयोग’ हुआ अब ‘राज्य परिवर्तन आयोग’
- 28 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
27 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानात्थ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन करते हुए इसका नाम बदलकर राज्य परिवर्तन आयोग कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि राज्य परिवर्तन आयोग (एसटीसी) का नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे जबकि वित्त मंत्री, दोनों डिप्टी सीएम, कृषि मंत्री, समाज कल्याण मंत्री, पंचायती राज विकास मंत्री, औद्योगिक विकास मंत्री, जल शत्ति मंत्री और शहरी विकास मंत्री इसके सदस्य होंगे।
- एसटीसी के उपाध्यक्ष प्रसिद्ध अर्थशास्त्री या सामाजिक वैज्ञानिक होंगे। अन्य सदस्यों में मुख्य सचिव, अतिरित्त मुख्य सचिव और वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास, चिकित्सा और स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और योजना सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव शामिल हैं।
- आयोग में गैर-सरकारी सदस्य भी होंगे, जो सामाजिक क्षेत्र, कृषि और अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ होंगे। इन मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
- ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि यह आयोग एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करेगा और विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद नीतियाँ तैयार करेगा। राज्य जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उनकी आयोग द्वारा पहचान की जाएगी और उनके समाधान के तरीके खोजे जाएंगे। पीपीपी मॉडल के इस्तेमाल पर भी चर्चा की जाएगी। वर्तमान योजना और उनके परिणाम का मूल्यांकन आयोग द्वारा किया जाएगा।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योजना आयोग की स्थापना 24 अगस्त, 1972 को हुई थी और इसने राज्य सरकार को आवश्यकता आधारित क्षेत्रों की पहचान करके नीतियाँ बनाने में मदद की।