प्रारंभिक परीक्षा
जिंजी किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के लिये नामांकित
- 24 Sep 2024
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स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, तमिलनाडु के विल्लुपुरम ज़िले में स्थित जिंजी किले को ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’, जिसमें 11 अन्य किले भी शामिल हैं, के भाग के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची के लिये नामांकित किया गया है।
तमिलनाडु के जिंजी किले के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- भौगोलिक विशेषता और महत्त्व: जिंजी किला अपने ऐतिहासिक महत्त्व और तीन पहाड़ियों: राजगिरि, कृष्णगिरि और चंद्रगिरि के ऊपर स्थित रणनीतिक रूप से प्रसिद्ध है।
- इसे "ईस्ट ऑफ ट्रॉय" भी कहा जाता है, क्योंकि यह प्रायद्वीपीय भारत के सबसे अभेद्य किलों में से एक है।
- इसकी रणनीतिक स्थिति और मज़बूत सुरक्षा, जिसमें 60 फुट चौड़ी प्राचीर और 80 फुट चौड़ी खाई शामिल थी, ने इसे फ्राँसीसी और ब्रिटिश के बीच कर्नाटक युद्ध के दौरान महत्त्वपूर्ण बना दिया ।
- ऐतिहासिक अवलोकन: इस किले का निर्माण मूलतः कोनार राजवंश के अनंत कोन ने 1200 ई. में करवाया था और इसका नाम कृष्णगिरि रखा गया ।
- विजयनगर साम्राज्य ने किले का पुनर्निर्माण करवाया।
- वर्ष 1677 में किले पर छत्रपति शिवाजी ने कब्जा कर लिया और वर्ष 1698 तक यह मराठों के नियंत्रण में रहा, उसके बाद यह मुगलों के अधीन आ गया।
- मुगल सेना के विरुद्ध युद्ध के दौरान यह किला मराठों (शिवाजी के पुत्र राजाराम प्रथम) का अंतिम दुर्ग बन गया।
- कुछ समय तक राजा देसिंह (तेज सिंह) द्वारा शासित रहने के बाद, वर्ष 1714 में इसे अर्काट के नवाबों ने अपने अधीन कर लिया तथा वर्ष 1749 तक यह उनके अधीन रहा।
- वर्ष 1750 से 1770 तक यह किला फ्राँसीसियों के कब्जे में रहा, उसके बाद यह अंततः अंग्रेज़ों के नियंत्रण में चला गया।
- वास्तुकला:
- किला परिसर में कई मंदिर और तीर्थस्थल स्थित हैं।
- इसमें सीढ़ीदार कुआँ, कल्याण महल, दरबार हॉल, तोप, घंटाघर, शस्त्रागार, एलीफैंट टैंक, अस्तबल, अन्न भंडार, व्यायामशाला, वेंकटरमण मंदिर और सदातुल्ला मस्जिद जैसी महत्त्वपूर्ण संरचनाएँ शामिल हैं ।
- जल आपूर्ति प्रणालियाँ: जिंजी किले में दो परिष्कृत जल आपूर्ति प्रणालियाँ हैं, जो किले के सबसे ऊँचें स्थानों पर भी निरंतर जल आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं।
- राजगिरी पहाड़ी: यह साथ सबसे ऊँची (800 मीटर) पहाड़ी है, जिसमें एक दुर्ग और रंगनाथ का मंदिर है ।
- कृष्णगिरि दुर्ग अपनी इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के लिये प्रसिद्ध है, जिसमें गुंबददार छत वाला एक दर्शक हॉल भी शामिल है।
- वेंकटरमण स्वामी मंदिर: यह निचले किले परिसर में स्थित है और हिंदू महाकाव्यों की जटिल नक्काशी से सुसज्जित है।
- कल्याण महल: यह आठ मंजिला वास्तुशिल्पीय रत्न है, जिसका उपयोग शाही महिलाओं के आवास के रूप में किया जाता था ।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
- विश्व धरोहर स्थल वह स्थान है जिसे यूनेस्को (UNESCO) द्वारा उसके असाधारण सांस्कृतिक या प्राकृतिक महत्त्व के लिये मान्यता प्रदान की गई है।
- यूनेस्को विश्व स्तर पर उन सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों की पहचान, सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देता है जो मानवता के लिये विशिष्ट महत्त्व रखते हैं ।
- सितंबर 2024 तक, भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल हैं ( सांस्कृतिक स्थल- 35, प्राकृतिक स्थल- 7, मिश्रित- 1 ), जिनमें हाल ही में मोइदम्स - अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली को शामिल किया गया है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में किसी स्थल को नामांकित करने की प्रक्रिया
- किसी देश द्वारा महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों की सूची बनाई जाती है।
- देश अनंतिम सूची से स्थलों का चयन करता है तथा नामांकन विवरण तैयार करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) और IUCN नामांकित स्थलों का मूल्यांकन करते हैं।
- समिति सलाहकारी सिफारिशों और मानदंडों की पूर्ति के आधार पर यह निर्णय लेने के लिये प्रतिवर्ष बैठक करती है कि किन स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाए।
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