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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

डार्क एनर्जी

  • 28 Dec 2023
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

Dark Energy, Dark Matter, Radiation डार्क एनर्जी, डार्क मैटर, रेडिएशन

मेन्स के लिये:

ब्रह्मांड के विस्तार में डार्क एनर्जी की भूमिका।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

ब्रह्मांड की ऊर्जा संरचना विकिरण और अन्य प्रकार के पदार्थों का एक सूक्ष्म संतुलित मिश्रण है।

  • 68% की विशाल हिस्सेदारी के साथ, डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के विस्तार को निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभाती है। 

ब्रह्मांड में डार्क एनर्जी क्या है?

  • परिचय: 
    • डार्क एनर्जी ऊर्जा का एक रहस्यमयी रूप है जो ब्रह्मांड की समग्र ऊर्जा सामग्री का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाती है।
    • इसे ब्रह्मांड के अवलोकन किये गए त्वरित विस्तार के लिये ज़िम्मेदार माना जाता है।
    • ब्रह्मांड का लगभग 68% भाग डार्क एनर्जी है और डार्क मैटर लगभग 27% है।
      • पृथ्वी पर मौजूद बाकी सभी वस्तुएँ, हमारे सभी उपकरणों से अब तक देखी गई सभी वस्तुएँ, सभी सामान्य पदार्थ ब्रह्मांड के 5% से भी कम हिस्से का निर्माण करते हैं।

  • डार्क एनर्जी के संदर्भ में समझने हेतु मुख्य बिंदु:
    • अदृश्य बल स्टीयरिंग विस्तार:
      • डार्क एनर्जी एक अदृश्य प्रभाव है जो ब्रह्मांड के त्वरित विस्तार के लिये ज़िम्मेदार है, यह गुरुत्त्वाकर्षण के विपरीत है जो वस्तुओं को एक साथ आकर्षित करता है। डार्क एनर्जी एक प्रतिकारक बल के रूप में कार्य करती है, जो आकाशगंगाओं को एक दूसरे से दूर धकेलती है।
    • अंतरिक्ष की विशेषताएँ:
      • अंतरिक्ष के रिक्त होने की धारणा के विपरीत, डार्क एनर्जी एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। अंतरिक्ष मात्र एक रिक्त विस्तार नहीं है अपितु यह एक गतिशील, विस्तरण योग्य माध्यम है जो ऊर्जा की उपस्थिति पर प्रतिक्रिया करता है।
    • ऊर्जा रूपों द्वारा निर्धारित विस्तरण:
      • ब्रह्मांड का विस्तार एक समान नहीं है तथा ऊर्जा के विभिन्न रूप इस प्रक्रिया में विशिष्ट रूप से योगदान करते हैं। प्रत्येक प्रकार की ऊर्जा के प्रत्येक प्रकार पदार्थ, विकिरण, अथवा डार्क एनर्जी अंतरिक्ष के विशिष्ट क्षेत्र के फैलाव व संकुचन को प्रभावित करती है।
    • संतुलनकारी कार्य:
      • ब्रह्मांड के अंतरिक्ष विस्तार की सामान्य दर डार्क एनर्जी की उपस्थिति से निर्धारित होती है, जो इसके ऊर्जा प्रवाह को भी नियंत्रित करती है। ब्रह्मांड की स्थिरता बनाए रखने के लिये कई प्रकार की ऊर्जा के साथ सावधानीपूर्वक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
    • निहितार्थ:
      • अवलोकन योग्य ब्रह्मांड पर डार्क एनर्जी की मात्रा का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
        • अत्यधिक धनात्मक ऊर्जा की मात्रा के परिणामस्वरूप आकाशगंगाएँ प्रकाश की तुलना में तेज़ी से हमसे दूर जा सकती हैं, जिससे केवल आस-पास के क्षेत्र ही दिखाई देंगे।
        • इसके विपरीत अत्यधिक ऋणात्मक ऊर्जा के कारण ब्रह्मांड का संकुचन एक छोटे आकार में हो सकता है।
    • डार्क एनर्जी की विलेयता:
      • अपनी व्यापकता के बावजूद डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के विशाल विस्तार में अविश्वनीय रूप से विरल है। इसकी विरलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि एक घन किलोमीटर में यह चीनी के एक क्रिस्टल जितनी विरल होती है। यह विरलता इस बल की रहस्यमय प्रकृति और प्रसार पर प्रश्नचिह्न खड़े करती है।

डार्क एनर्जी की संभावित व्याख्याएँ क्या हैं?

  • अंतरिक्ष की विशेषताएँ: 
    • अल्बर्ट आइंस्टीन पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह महसूस किया कि यह खाली जगह कुछ नहीं है।
    • आइंस्टीन के गुरुत्त्वाकर्षण सिद्धांत का एक संस्करण, वह संस्करण जिसमें ब्रह्माण्ड संबंधी स्थिरांक शामिल है, का अर्थ है कि इस "रिक्त स्थान" की अपनी ऊर्जा हो सकती है।
    • चूँकि यह ऊर्जा स्वयं अंतरिक्ष का गुण है, इसलिये अंतरिक्ष के विस्तार के साथ यह कम नहीं होगी। अंतरिक्ष के विस्तार के साथ अधिक ऊर्जा अनुभव की जा सकेगी। परिणामस्वरूप, ऊर्जा का यह रूप ब्रह्मांड को तेज़ी से विस्तारित करने का कारण बनेगा।
  • पदार्थ का क्वांटम सिद्धांत: 
    • अंतरिक्ष कैसे ऊर्जा प्राप्त करता है, इसकी एक और व्याख्या पदार्थ के क्वांटम सिद्धांत से आती है।
    • इस सिद्धांत मे "रिक्त स्थान" वास्तव में अस्थायी ("आभासी") कणों से भरा होता है जो लगातार बनते हैं और फिर गायब हो जाते हैं।
  • पाँचवाँ मूलभूत बल: 
    • ब्रह्मांड में चार मूलभूत बल हैं और काल्पनिक सिद्धांतों ने पाँचवें बल का प्रस्ताव दिया है, जिसे चार बलों द्वारा समझाया नहीं जा सकता है।
    • इस पाँचवें बल को छिपाने या स्क्रीन करने के लिये डार्क एनर्जी के कई मॉडल विशेष तंत्र का उपयोग करते हैं।
    • कुछ सिद्धांतकारों ने यूनानी दार्शनिकों के पाँचवें तत्त्व के नाम पर इसे "क्विंटेसेंस" नाम दिया है।
  • हालाँकि अभी तक ऐसा कोई भी सिद्धांत सिद्ध नहीं हुआ है। इसके कारण, डार्क एनर्जी को "विज्ञान में सबसे गहरे रहस्य" के रूप में जाना जाता है।

  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. वैज्ञानिक निम्नलिखित में से किस/किन परिघटना/परिघटनाओं को ब्रह्मांड के निरंतर विस्तरण के साक्ष्य के रूप में उद्धृत करते हैं? (2012)

  1. अंतरिक्ष में सूक्ष्मतरंगों का पता चलना 
  2. अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन 
  3. अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रहों की गति 
  4. अंतरिक्ष में सुपरनोवा विस्फोटों का होना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) 1 और 2
(b) केवल 2 
(c) 1, 3 और 4
(d) उपर्युक्त में से कोई भी साक्ष्य के रूप में उद्धृत नहीं किया जा सकता

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • वर्ष1963 में अर्नो पेनज़ियास और रॉबर्ट विल्सन ने रहस्यमय माइक्रोवेव को सभी दिशाओं में समान रूप से गमन करते हुए देखा। कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन नामक विकिरण की वर्षों पहले गामो, हरमन और अल्फर द्वारा भविष्यवाणी की गई थी। इसने अधिकांश खगोलविदों को आश्वस्त किया कि बिग-बैंग सिद्धांत सही था और इसने ब्रह्मांड के निरंतर विस्तार के लिये एक साक्ष्य आधार प्रदान किया। अत: कथन 1 सही है। 
  • वर्ष 1929 में एडविन हबल ने दूर की कई आकाशगंगाओं के रेडशिफ्ट को मापा। सापेक्ष दूरी के सामने रेडशिफ्ट की घटना घटित होने पर, दूर की आकाशगंगाओं का रेडशिफ्ट उनकी दूरी के रैखिक दूरी के रूप में विस्तारित होता है। डॉप्लर शिफ्ट का उपयोग करके खगोलविद हमारे सापेक्ष वस्तुओं की गति को मापते हैं। ब्रह्मांड में दूर की वस्तुओं से प्रकाश को फिर से स्थानांतरित किया जाता है (प्रकाश की आवृत्ति में लाल रंग की ओर बदलाव), जो हमें बताता है कि सभी वस्तुएंँ हमसे दूर जा रही हैं। अत: कथन 2 सही है। 
  • अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह की गति प्रारंभिक ब्रह्मांड में सामग्री के प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती है, लेकिन इस तरह ब्रह्मांड के विस्तार के संबंध में कोई प्रमाण नहीं है। अत: कथन 3 सही नहीं है। 
  • सुपरनोवा विस्फोट तब होता है जब किसी तारे के केंद्र में कोई परिवर्तन होता है। यह या तो बाइनरी स्टार सिस्टम में होता है या किसी सिंगल स्टार के जीवनकाल के अंत में होता है। यह पूरे ब्रह्मांड में तत्त्वों के वितरण का अध्ययन करने में मदद करता है। ये तत्त्व ब्रह्मांड में नए तारे, ग्रह आदि बनाने के लिये विचरण करते हैं। हालांँकि यह ब्रह्मांड के विस्तार के लिये प्रमाण नहीं देता है। अत: कथन 4 सही नहीं है। 
  • अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
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