प्रारंभिक परीक्षा
सौर विकिरण प्रबंधन
- 05 Jul 2023
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सौर विकिरण प्रबंधन (SRM) सूर्य के प्रकाश को वापस अंतरिक्ष में परावर्तित करके ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का सामना करने के लिये एक संभावित उपकरण के रूप में उभरा है।
- अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में SRM से संबंधित जोखिमों और लाभों का आकलन करने के लिये व्यापक अनुसंधान एवं एक शासन ढाँचे की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
सौर विकिरण प्रबंधन:
- परिचय:
- सौर विकिरण प्रबंधन जलवायु इंजीनियरिंग का एक रूप है जिसका उद्देश्य पृथ्वी को गर्म करने से पहले सूर्य की कुछ ऊर्जा को वापस अंतरिक्ष में प्रतिबिंबित करके ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करना है।
- SRM निराशा से उत्पन्न हुआ एक विचार है, क्योंकि विश्व एक निरंतर और तेज़ी से बढ़ते जलवायु संकट का सामना कर रहा है जो मानव कल्याण एवं पृथ्वी के लिये खतरा है।
- SRM के कुछ सर्वाधिक चर्चित तरीके:
- स्ट्रैटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन (SAI): इसमें सल्फेट एरोसोल जैसे परावर्तक कणों को ऊपरी वायुमंडल (Stratosphere) में इंजेक्ट करना शामिल है, जहाँ वे आने वाले कुछ सौर विकिरण को वापस अंतरिक्ष में बिखेर देंगे।
- यह ज्वालामुखी विस्फोटों के शीतलन प्रभाव जैसा होगा, जो समताप मंडल में एरोसोल भी उत्सर्जित करता है।
- समुद्री बादल का चमकना (MCB): इसमें समुद्र के ऊपर निम्न स्तर के बादलों (Marine Stratocumulus) में समुद्री जल या अन्य पदार्थों की बारीक बूँदों का छिड़काव शामिल है, जहाँ वे बादल संघनन नाभिक के रूप में कार्य करेंगे और बादलों की परावर्तनशीलता एवं दृढ़ता को बढ़ाएंगे।
- इससे बादलों के शीतलन प्रभाव में वृद्धि होगी, जो पहले से ही आने वाली सौर विकिरण का लगभग 20% प्रतिबिंबित करते हैं।
- MCB को SAI की तुलना में अधिक स्थानीयकृत और प्रतिवर्ती माना जाता है, लेकिन यह तकनीकी रूप से अधिक चुनौतीपूर्ण होने के साथ मौसम की स्थिति पर भी निर्भर है।
- स्पेस सनशेड: इसमें पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में या पृथ्वी और सूर्य के बीच एक स्थिर बिंदु (लैग्रेंज बिंदु 1) पर बड़े दर्पण या स्क्रीन लगाना शामिल है, जहाँ वे आने वाले कुछ सौर विकिरण को अवरुद्ध या विक्षेपित करेंगे।
- इससे पृथ्वी की सतह तक पहुँचने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा कम हो जाएगी।
- स्पेस सनशेड को SAI या MCB की तुलना में अधिक नियंत्रणीय और समायोज्य माना जाता है, लेकिन इसे तैनात करना एवं बनाए रखना अत्यंत महँगा और जटिल भी है।
- स्ट्रैटोस्फेरिक एरोसोल इंजेक्शन (SAI): इसमें सल्फेट एरोसोल जैसे परावर्तक कणों को ऊपरी वायुमंडल (Stratosphere) में इंजेक्ट करना शामिल है, जहाँ वे आने वाले कुछ सौर विकिरण को वापस अंतरिक्ष में बिखेर देंगे।
- लाभ:
- SRM संभावित रूप से वैश्विक तापमान में त्वरित कमी प्रदान कर सकता है, जिससे चरम जलवायु घटनाओं से अस्थायी राहत मिल सकती है।
- उपयोग की गई विधि और आवश्यक पैमाने के आधार पर यह अन्य विकल्पों की तुलना में लागत प्रभावी हो सकता है।
- यदि इसे रोका या समायोजित किया जाए तो SRM को थोड़े समय में परिवर्तित किया जा सकता है।
- हानियाँ:
- SRM जलवायु परिवर्तन के सभी पहलुओं, जैसे- समुद्र के अम्लीकरण, जैवविविधता की हानि या थर्मल विस्तार के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि को संबोधित नहीं कर सकता।
- इसका क्षेत्रीय या वैश्विक जलवायु प्रणालियों पर नकारात्मक या अनपेक्षित दुष्प्रभाव हो सकता है, जैसे- वर्षा पैटर्न में बदलाव, मानसून, सूखा, तूफान या फसल की पैदावार को प्रभावित करना।
- SRM नैतिक या भू-राजनीतिक चुनौतियाँ पैदा कर सकता है, जैसे देशों या क्षेत्रों को एक-दूसरे के बीच विजेता या हारने वाले बनाना, न्याय, समानता, सहमति, दायित्व या ज़िम्मेदारी पर प्रश्न उठाना
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में कुछ वैज्ञानिक पक्षाभ मेघ विरलन तकनीक तथा समताप मंडल में सल्फेट वायुविलय अंतःक्षेपण के उपयोग का सुझाव देते हैं? (2019) (a) कुछ क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा करवाने के लिये उत्तर: (d) |