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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

डार्क मैटर

  • 13 Jul 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डार्क मैटर, डार्क एनर्जी, यूनिवर्स, गैलेक्सी, बुलेट क्लस्टर।

मेन्स के लिये:

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका द्वारा ब्रह्मांड में डार्क मैटर का पता लगाने के लिये लक्स-ज़ेप्लिन (LUX-ZEPLIN-LZ) नामक अत्यधिक संवेदनशील प्रयोग किया गया।

  • इससे पहले यह जांँच करते हुए कि डार्क मैटर का आकार कुछ आकाशगंगाओं (तारकीय पट्टी) के केंद्र में तारों की गति को कैसे प्रभावित करता है, जिसमे वैज्ञानिकों ने पाया है कि अवरुद्ध आकाशगंगाओं में डार्क मैटर हेलो के माध्यम से अक्ष के बाहर की ओर झुकने (Out-of-Plane) के कारण को समझा जा सकता है।

डार्क मैटर:

  • डार्क मैटर उन कणों से बना होता है जिन पर कोई आवेश नहीं होता है।
    • ये कण "डार्क" हैं क्योंकि वे प्रकाश का उत्सर्जन नहीं करते हैं, जो एक विद्युत चुंबकीय घटना है, और "मैटर/पदार्थ" के पास सामान्य पदार्थ की तरह द्रव्यमान होता है, अतः गुरुत्वाकर्षण के साथ अंतःक्रिया करते हैं।
  • हम जो ब्रह्मांड देखते हैं, वह कणों पर लगने वाले चार मौलिक बलों के बीच विभिन्न अंतःक्रियाओं का परिणाम है, अर्थात्-
    • मज़बूत परमाणु बल
    • कमज़ोर परमाणु बल
    • विद्युत चुंबकीय बल
    • गुरुत्वाकर्षण
  • पूरे दृश्यमान ब्रह्मांड का केवल 5% ही सभी पदार्थों से बना है और शेष 95% डार्क मैटर और डार्क एनर्जी है।
    • अभी तक गुरुत्वाकर्षण बल को इसकी अत्यंत कमज़ोर शक्ति के रूप में कम समझा जाता है और यही कारण है कि गुरुत्वाकर्षण बल के साथ अंतःक्रिया करने वाले किसी भी कण का पता लगाना आसान नहीं है।

डार्क एनर्जी:

  • डार्क एनर्जी सैद्धांतिक प्रकार की ऊर्जा है जो गुरुत्वाकर्षण की विपरीत दिशा में कार्य करते हुए नकारात्मक, प्रतिकारक बल लगाती है।
    • इसे दूर से देखी गई सुपरनोवा की विशेषताओं की व्याख्या करने के लिये प्रस्तावित किया गया है, जो ब्रह्मांड के त्वरित दर से विस्तार करने का खुलासा करती है।
    • डार्क एनर्जी का अनुमान डार्क मैटर की तरह स्पष्ट रूप से देखे जाने के बजाय आकाशीय पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण अंतःक्रिया के मापन से लगाया जाता है।

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी में अंतर:

  • डार्क मैटर एक आकर्षक शक्ति के रूप में कार्य करता है, एक प्रकार का ब्रह्मांडीय मोर्टार जो हमारी दुनिया को एक साथ रखता है।
    • ऐसा इसलिये है क्योंकि डार्क मैटर गुरुत्वाकर्षण के साथ इंटरैक्ट करता है फिर भी प्रकाश को प्रतिबिंबित, अवशोषित या उत्सर्जित नहीं करता है। वहीं डार्क एनर्जी एक प्रतिकारक बल है, एक प्रकार का एंटी-ग्रेविटी जो ब्रह्मांड के विस्तार को धीमा कर देता है।
  • डार्क एनर्जी दोनों में कहीं अधिक शक्तिशाली है, जो ब्रह्मांड के कुल द्रव्यमान और ऊर्जा का लगभग 68% है।
    • डार्क मैटर कुल का 27% हिस्सा है, बाकी का 5% साधारण मैटर है जिसे हम दैनिक आधार पर देखते हैं और जो परस्पर क्रिया करते हैं।
    • यह ब्रह्मांड के विस्तार को तेज़ करने में भी मदद करता है।

डार्क मैटर का प्रमाण:

  • डार्क मैटर के लिये मज़बूत अप्रत्यक्ष प्रमाण विभिन्न स्तरों (या दूरी के पैमाने) पर परिलक्षित होता है।
    • उदाहरण के लिये जब आप आकाशगंगा के केंद्र से इसकी परिधि की ओर बढ़ते हैं, तो तारे की गति के अवलोकित क्षेत्र और उनके अनुमानित आंँकड़े के बीच एक महत्त्वपूर्ण असमानता होती है।
    • इसका तात्पर्य है कि आकाशगंगा में पर्याप्त मात्रा में डार्क मैटर है।
  • अन्य दूरी मापक प्रमाण:
    • ब्रह्मांड का निरीक्षण करने के लिये कई स्तर हैं जैसे परमाणुओं, आकाशगंगाओं, आकाशगंगा समूहों, या उससे भी बड़ी दूरी के इलेक्ट्रॉनों और नाभिकों का स्तर जहाँ पूरे ब्रह्मांड का मानचित्रण एवं अध्ययन किया जा सकता है।
    • आकाशगंगाओं के बुलेट क्लस्टर्स हैं जो दो आकाशगंगाओं के विलय से बनते हैं, वैज्ञानिकों के अनुसार, उनके विलय को केवल कुछ डार्क मैटर की उपस्थिति के माध्यम से समझा जा सकता है।

डार्क मैटर को देखने के लिये किस कण का उपयोग किया जाता है?

  • न्यूट्रिनो डार्क मैटर का पता लगाने में बहुत मददगार है लेकिन वे बहुत हल्के होते हैं, इसलिये उपयोगी नहीं हैं।
  • अन्य नियत तत्त्वों में Z बोसॉन, जो वैद्युत रूप से क्षीण पारस्परिक क्रियाओं में मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है, का अति संतुलित (supersymmetric) युग्म शामिल है।
  • लेकिन अभी तक ऐसा कोई उचित कण नहीं मिला है जो गुरुत्वाकर्षण के साथ परस्पर क्रिया कर सके और जिसका  पृथ्वी पर मौज़ूद तकनीक का उपयोग करके पता लगाया जा सके।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के संदर्भ में हाल ही में समाचारों में आए दक्षिणी ध्रुव पर स्थित एक कण संसूचक (पार्टिकल डिटेक्टर) आइसक्यूब के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. यह विश्व का सबसे बड़ा, बर्फ में एक घन किलोमीटर घेरे वाला न्यूट्रिनो संसूचक (न्यूट्रिनो डिटेक्टर) है।
  2. यह डार्क मैटर की खोज के लिये बनी शक्तिशाली दूरबीन है।
  3. यह बर्फ में गहराई में दबा हुआ है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

  • आइसक्यूब न्यूट्रिनो वेधशाला अंटार्कटिक में बर्फ के अंदर गहराई में स्थित है जो एक घन किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत रूप से फैली हुई है। अत: कथन 1 और 3 सही हैं।
  • बड़े पैमाने पर कमज़ोर अंतःक्रिया करने वाले कण (WIMP) डार्क मैटर, सूर्य जैसी विशाल वस्तुओं के गुरुत्त्वाकर्षण द्वारा खींचे जा सकते हैं जो सूर्य के कोर में जमा हो सकते हैं।
  • कणों की उच्च घनत्व क्षमता के साथ वे एक-दूसरे को महत्त्वपूर्ण दर से नष्ट कर देते हैं। इस विनाश के उत्पाद के रूप में न्यूट्रिनो का क्षय होता है, जिसे आइसक्यूब द्वारा सूर्य की दिशा से न्यूट्रिनो की अधिकता के रूप में देखा जा सकता है।
  • आइसक्यूब को विशेष रूप से उच्च-ऊर्जा न्यूट्रिनो को पहचानने और उसकी निगरानी करने के लिये बनाया गया था। अत: कथन 2 सही है।
  • नेशनल साइंस फाउंडेशन (एक अमेरिकी एजेंसी जो मौलिक शोध का समर्थन करती है) ने आइसक्यूब न्यूट्रिनो वेधशाला को प्राथमिक अनुदान प्रदान किया है।
  • अतः विकल्प D सही है।

स्रोत: द हिंदू

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