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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

दूसरा भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन

  • 23 Nov 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-कैरिकॉम, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, मिशन लाइफ, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, जन औषधि केंद्र, लघु द्वीपीय विकासशील देश (SIDS), कैरेबियन सागर, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये भारत-संयुक्त राष्ट्र साझेदारी कोष, 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' (OSOWOG), राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM)। 

मेन्स के लिये:

भारत-कैरिकॉम संबंधों को मजबूत करना और इसका महत्त्व।

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ग्रेनाडा के प्रधानमंत्री, जो वर्तमान में कैरीकॉम के अध्यक्ष हैं, ने जॉर्जटाउन, गुयाना में दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की

  • पहला भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन 2019 में न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया था।

दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की विशेषताएँ क्या हैं?

  • सहयोग के 7 स्तंभ: भारत के प्रधानमंत्री ने भारत और 'कैरिकॉम' के बीच संबंधों को मज़बूत करने के लिये सात प्रमुख स्तंभों का प्रस्ताव रखा। ये स्तंभ हैं:
    • C: क्षमता निर्माण: भारत ने अगले पाँच वर्षों में कैरिकॉम देशों के लिये अतिरिक्त 1000 ITEC (भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) स्लॉट की घोषणा की।
    •  A: कृषि और खाद्य सुरक्षा: भारत ने कृषि, विशेषकर ड्रोन, डिजिटल कृषि और कृषि मशीनीकरण जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग में अपने अनुभव साझा किये।
    • R: नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन: भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और मिशन LiFE जैसी वैश्विक पहलों पर अधिक सहयोग का आह्वान किया।
    • I: नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार: प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिये भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और अन्य तकनीकी मॉडल की पेशकश की।
    • C: क्रिकेट और संस्कृति: भारत ने कैरीकॉम देशों में "भारतीय संस्कृति दिवस" आयोजित करने और क्षेत्र की युवा महिला क्रिकेटरों को क्रिकेट प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा।
    • O: महासागर अर्थव्यवस्था और समुद्री सुरक्षा: भारत ने कैरेबियन सागर में समुद्री क्षेत्र मानचित्रण और जल विज्ञान पर सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की।
    • M: चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल: भारत ने किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिये अपना मॉडल पेश किया, जिसमें जन औषधि केंद्रों के माध्यम से जेनेरिक दवाओं का प्रावधान और स्वास्थ्य के लिये योग को बढ़ावा देना शामिल है।
  • जलवायु न्याय: कैरिकॉम नेताओं ने लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (SIDS) के लिये जलवायु न्याय को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व की सराहना की
    • SIDS वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 1% से भी कम के लिये ज़िम्मेदार हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
    • जलवायु न्याय का अर्थ है विभिन्न समुदायों, विशेषकर गरीब, हाशिये पर पड़े और कमज़ोर समूहों पर जलवायु परिवर्तन के असमान और असंगत प्रभावों को संबोधित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुरस्कार

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी यात्रा के दौरान  गुयाना और बारबाडोस के शीर्ष पुरस्कार प्राप्त हुए।
    • गुयाना को "ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस" और बारबाडोस को "ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम" से सम्मानित किया गया।
  • हाल ही में, डोमिनिका ने प्रधानमंत्री मोदी के लिये अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, "डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर" की भी घोषणा की।
  • प्रधानमंत्री मोदी के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में अब 19 प्रतिष्ठित सम्मान शामिल हो गए हैं।
    • उल्लेखनीय पुरस्कारों में रूस का "ऑर्डर ऑफ सेंट एँड्रयू द एपोस्टल" और अमेरिका का "लीज़न ऑफ मेरिट" शामिल हैं।

कैरेबियाई समुदाय (CARICOM) क्या है?

  • कैरीकॉम के बारे में: कैरीकॉम 21 देशों का एक समूह है: 15 सदस्य देश और 6 सहयोगी सदस्य जिनमें द्वीपीय देश और सूरीनाम तथा गुयाना जैसे मुख्य भूमि क्षेत्र शामिल हैं।
    • कैरिकॉम की स्थापना वर्ष 1973 में चार संस्थापक सदस्यों - बारबाडोस, गुयाना, जमैका और त्रिनिदाद और टोबैगो द्वारा चगुआरामस संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।

  • विविधता: यह समुदाय अफ्रीकी, भारतीय, यूरोपीय, चीनी, पुर्तगाली और स्वदेशी पृष्ठभूमि के लोगों से बना है।
    • जनसंख्या: वहाँ लगभग 16 मिलियन लोग रहते हैं और उनमें से 60% लोग 30 वर्ष से कम आयु के हैं।
    • भाषाएँ: यह क्षेत्र बहुभाषी है, जिसमें अंग्रेज़ी मुख्य भाषा है, इसके अलावा फ्रेंच, डच और विभिन्न अफ्रीकी एवं एशियाई भाषाएँ भी बोली जाती हैं।
  • भौगोलिक विस्तार: सदस्य देश उत्तर में बहामास से लेकर दक्षिण में सूरीनाम और गुयाना तक फैले हुए हैं, जिससे यह आर्थिक एवं सामाजिक विकास के विभिन्न स्तरों वाला एक विशाल एवं विविध क्षेत्र बन गया है।
  • कैरिकॉम के एकीकरण के स्तंभ: कैरिकॉम का एकीकरण चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है, जो समुदाय के उद्देश्यों का मार्गदर्शन करते हैं:
    • आर्थिक एकीकरण: व्यापार और उत्पादकता के माध्यम से विकास एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना।
    • विदेश नीति समन्वय: अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एकीकृत आवाज प्रस्तुत करना।
    • मानव एवं सामाजिक विकास: स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करना।
    • सुरक्षा: क्षेत्रीय सुरक्षा, आपदा प्रतिक्रिया और अपराध रोकथाम को मज़बूत करना।

भारत-कैरिकॉम संबंध

  • नवंबर 2003 में एक कैरिकॉम प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया, जिसके परिणामस्वरूप एक स्थायी संयुक्त आयोग की स्थापना हुई। 
    • जॉर्जटाउन (गुयाना की राजधानी) में भारत के उच्चायुक्त को कैरीकॉम का राजदूत भी नियुक्त किया गया है, जो क्षेत्रीय सहयोग के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • भारत-कैरिकॉम विदेश मंत्रियों की पहली बैठक (2005) ने निकट सहयोग, विशेष रूप से व्यापार और कैरेबियाई विकास बैंक के माध्यम से विकास परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में, के लिये आधार तैयार किया।
  • प्रथम भारत-कैरिकॉम संयुक्त आयोग (2015) की बैठक जॉर्जटाउन में आयोजित की गई, जिसके परिणामस्वरूप भारत और कैरिकॉम देशों के बीच व्यापारिक साझेदारी को बढ़ावा मिला।
  • भारत-कैरिकॉम मंत्रिस्तरीय बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं, तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान उल्लेखनीय कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
  • मानवीय सहायता: वर्ष 2017 में, कैरेबियन सागर में तूफान के बाद, भारत ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये भारत-संयुक्त राष्ट्र साझेदारी कोष के माध्यम से आपातकालीन सहायता और अतिरिक्त सहायता के रूप में 200,000 अमरीकी डालर प्रदान किये।
  • भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन (2019) न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें भारत ने कैरिकॉम देशों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
    • 14 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान: सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिये।
    • 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता: विशेष रूप से सौर ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन परियोजनाओं के लिये।
    • विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम: कैरीकॉम देशों की आवश्यकताओं के अनुरूप भारत ने विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
  • भारत-कैरिकॉम टास्क फोर्स: इसकी स्थापना चल रही पहलों को सुव्यवस्थित और उन्नत करके तथा भविष्य के लिये स्पष्ट रणनीतियाँ स्थापित करके सहयोग को पुनर्जीवित करने के लिये की गई थी।

भारत और कैरिकॉम एक दूसरे के लिये क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

  • सामरिक विस्तार: लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (LAC) क्षेत्र अपने भू-राजनीतिक संबंधों में विविधता ला रहा है तथा एशिया में नई साझेदारियाँ तलाश रहा है, जो इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की भारत की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है।
  • साझा जलवायु चिंताएँ: भारत और कैरीकॉम को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें समुद्र का बढ़ता स्तर और चरम मौसम शामिल हैं। 
    • भारत के COP-26 प्रयास, शमन और अनुकूलन के लिये जलवायु वित्त पोषण हेतु CARICOM के आह्वान के अनुरूप हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): भारत द्वारा सह-स्थापित ISA, कैरीकॉम देशों को सौर ऊर्जा तैनाती बढ़ाने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
    • इसके अतिरिक्त, एक विश्व एक सूर्य एक ग्रिड (OWOSOG) पहल एक वैश्विक ग्रिड बनाने के लिये एक अभिनव दृष्टिकोण है जो महाद्वीपों के पार सौर ऊर्जा संचारित कर सकता है।
  • डिजिटल स्वास्थ्य सहयोग: CoWin और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) जैसी भारत की डिजिटल स्वास्थ्य प्रगति, कैरीकॉम में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में सुधार के लिये एक मॉडल पेश करती है, विशेष रूप से जलवायु-प्रेरित स्वास्थ्य खतरों के लिये।
  • जैव ईंधन और ऊर्जा सहयोग: जैव ईंधन अनुसंधान में ब्राज़ील के साथ भारत का सहयोग कैरिकॉम देशों तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे संयुक्त ऊर्जा समाधान और जैव ईंधन उत्पादन के लिये एक मंच तैयार हो सकेगा।
  • मज़बूत साझेदारी: भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा और भारत के चल रहे विकास सहायता कार्यक्रम, जैसे कि कैरीकॉम विकास कोष में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान, भविष्य के सहयोग के लिये एक मज़बूत आधारशिला रखते हैं।

निष्कर्ष;

दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह सहयोग साझा चुनौतियों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और सतत् विकास को संबोधित करने के लिये विशाल अवसर प्रदान करता है, जिससे कैरेबियाई क्षेत्र में भारत की भूमिका बढ़ जाती है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: भारत-कैरिकॉम संबंधों की वर्तमान स्थिति तथा व्यापार, जलवायु परिवर्तन और लोगों के बीच संबंधों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा करें?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रिलिम्स 

प्रश्न: निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक सही सुमेलित है?

भौगोलिक लक्षण        प्रदेश

(a) एबिसिनी पठार  : अरब
(b) एटलस पर्वत     : उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका
(c) गुयाना उच्चभूमि : दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका
(d) ओकावांगो द्रोणी : पैटागोनिया

उत्तर: B 


मेन्स

प्रश्न: भारत से अन्य उपनिवेशों में ब्रिटिशों द्वारा गिरमिटिया मज़दूरों को क्यों ले जाया गया? क्या वे वहाँ अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित कर पाए? (2018) 

प्रश्न: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था एवं समाज में भारतीय प्रवासियों को एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस संदर्भ में, दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय प्रवासियों की भूमिका का मूल्यनिरूपण कीजिए। (2017)

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