प्रिलिम्स फैक्ट्स (10 Oct, 2024)



फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार, 2024

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, स्वीडन के  स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली द्वारा विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को फिजियोलॉजी या मेडिसिन में वर्ष 2024 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है।

  • वैज्ञानिकों को microRNAकी खोज और पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल जीन विनियमन में इसके  योगदान के लिये यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।

नोट: 

माइक्रोआरएनए (microRNA) की किस खोज के लिये नोबेल पुरस्कार मिला?

  • प्रारंभिक शोध:
    • सी. एलिगेंस मॉडल: एम्ब्रोस और रुवकुन ने ऊतक के विकास को समझने के लिये राउंडवर्म सी. एलिगेंस (Roundworm C. Elegans) का अध्ययन किया।
    • उत्परिवर्ती उपभेद: उन्होंने आनुवंशिक प्रोग्रामिंग में असामान्यताओं वाले उत्परिवर्ती उपभेदों लिन-4 और लिन-14 का विश्लेषण किया।
  • एम्ब्रोस का शोध:
    • एम्ब्रोस ने पाया कि लिन-4  (lin-4) ने लिन-14  (lin-14) की गतिविधि को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन यह पता नहीं लगा सके कि ऐसा कैसे हुआ।
    • उन्होंने लिन-4 का क्लोन बनाया और प्रोटीन-कोडिंग क्षमता के बिना एक छोटा RNA अणु खोजा। इससे पता चला कि RNA अणु लिन-14 को बाधित कर सकता है।
  • रुवकुन का शोध:
    • उन्होंने पाया कि लिन-4 ने लिन-14 mRNA उत्पादन को अवरुद्ध नहीं किया, बल्कि बाद में प्रोटीन उत्पादन को बाधित करके इसे विनियमित किया। एक छोटा लिन-4 अनुक्रम लिन-14 mRNA में प्रमुख पूरक खंडों से मेल खाता था।
    • एम्ब्रोस और रुवकुन ने पाया कि लिन-4 microRNA, लिन-14 mRNA से जुड़ जाता है तथा प्रोटीन उत्पादन को अवरुद्ध कर देता है।
  • महत्त्व:
    • लेट-7 की खोज: रुवकुन के समूह ने बाद में लेट-7 की खोज की, जो कि सम्पूर्ण प्राणी जगत में मौजूद एक microRNA है।
    • वर्तमान समझ: microRNA प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जो बहुकोशिकीय जीवों में जीन विनियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नोट: 

  • लिन-4 (let-7): यह एक microRNA है, जिसकी पहचान नेमाटोड कैनोरहैबडाइटिस एलिगेंस (Nematode Caenorhabditis Elegans) में विकासात्मक समय के अध्ययन से हुई है । यह miRNAs में खोजा जाने वाला पहला था, जो जीन विनियमन में शामिल नॉन-कोडिंग RNA का एक वर्ग है।
  • लिन-14: यह एक हेटरोक्रोनिक जीन है, जो नेमाटोड कैनोरहेबडाइटिस एलेगेंस में विकासात्मक घटनाओं के समय को नियंत्रित करता है ।
    • हेटरोक्रोनिक जीन वे जीन होते हैं जो किसी जीव में कोशिका और ऊतक विकास के समय को नियंत्रित करते हैं।

microRNA क्या हैं?

  • शरीर प्रोटीन का संश्लेषण एक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से करता है जिसमें दो मुख्य चरण होते हैं: ट्रांसक्रिप्शनल और ट्रांसलेशन।
  • प्रतिलेखन चरण में , कोशिका नाभिक में डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) अनुक्रम को मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (mRNA) में कॉपी किया जाता है।
    • इसके बाद mRNA नाभिक से बाहर निकलकर कोशिका द्रव्य से होकर गुजरता है, तथा राइबोसोम से जुड़ जाता है।
  • ट्रांसलेशन चरण में, ट्रान्सफर RNA (T-RNA) विशिष्ट अमीनो एसिड को राइबोसोम तक पहुँचाता है, जहाँ वे प्रोटीन बनाने के लिये mRNA द्वारा निर्धारित अनुक्रम में एक साथ जुड़ जाते हैं।
  • miRNA प्रोटीन उत्पादन की प्रक्रिया में एक विशिष्ट अवस्था पर mRNA से जुड़कर उसे स्थायी बनाने में नियामक भूमिका निभाता है।
    • यह विनियमन पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल जीन विनियमन नामक तंत्र के माध्यम से होता है, जो सुनिश्चित करता है कि प्रोटीन संश्लेषण नियंत्रित रहे।

विजेताओं का परिचय:

  • एम्ब्रोस और रुवकुं दोनों अमेरिकी जीव-विज्ञानी हैंएम्ब्रोस वर्तमान में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में आणविक चिकित्सा कार्यक्रम में कार्य करते हैं। जबकि
  • रुवकुन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं और माइक्रो RNA और RNA इंटरफेरेंस पर अनुसंधान करते हैं।
  • एच. रॉबर्ट होर्विट्ज़, जिनके अधीन दोनों जीव-विज्ञानी पोस्टडॉक्टरल फेलो के रूप में कार्य करते थे, ने वर्ष 2002 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबल पुरस्कार जीता।
  • एम्ब्रोस माइक्रो RNA का क्लोन बनाने वाले पहले व्यक्ति थे, तथा रुवकुन ने दूसरा क्लोन बनाया, जो इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

डिस्कवरी के अनुप्रयोग क्या हैं?

  • असामान्य विनियमन और रोग:
    • कैंसर: असामान्य माइक्रो RNA विनियमन कैंसर के विकास में योगदान दे सकता है।
    • उत्परिवर्तन: माइक्रो RNA जीन में उत्परिवर्तन को श्रवण बाध्यता, नेत्र और कंकाल संबंधी विकारों जैसी स्थितियों से जोड़ा गया है।
  • भविष्य के अनुप्रयोग:
    • यद्यपि माइक्रो RNA में अपार संभावनाएँ हैं, फिर भी वर्तमान में इनका कोई प्रत्यक्ष नैदानिक ​​अनुप्रयोग नहीं है ।
    • भविष्य के अनुप्रयोगों के लिये माइक्रो RNA पर और अधिक शोध और गहन समझ की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

Q. निम्नलिखित में से किसने भारी जल की खोज की? (2008)

(a) हेनरिक हर्ट्ज 
(b) एचसी उरे
(c) जी. मेंडल 
(d) जोसेफ प्रीस्टले

उत्तर: (b)


रतन टाटा का योगदान और विरासत

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा (जिन्हें 21वीं सदी में भारत के आर्थिक पुनरुत्थान के प्रतीक के रूप में जाना जाता है) का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।

रतन टाटा कौन थे?

  • परिचय:
    • रतन नवल टाटा एक प्रतिष्ठित भारतीय व्यवसायी और भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष थे।
    • उन्हें वर्ष 2000 में पद्म भूषण और वर्ष 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
    • उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1962 में अपने परदादा जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह में शामिल होने के लिये भारत लौट आए।
    • वह एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे जो अपने शांत आचरण, अपेक्षाकृत साधारण जीवनशैली और परोपकारिता के लिये जाने जाते थे।
    • रतन टाटा दूरदर्शी और दयालु व्यक्तित्त्व के थे तथा उन्होंने व्यवसायिक और सामाजिक क्षेत्रों में लोकप्रियता हासिल की।
  • उपलब्धियाँ:
    • रतन टाटा ने टाटा समूह को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में बदलने में प्रमुख भूमिका निभाई जिसमें इस्पात, ऑटोमोबाइल, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार जैसे उद्यम शामिल हैं।
    • अपने कॅरियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा मोटर्स (पूर्व में टेल्को) और टाटा स्टील सहित कई टाटा कंपनियों के साथ कार्य किया तथा नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को पुनर्जीवित किया।
    • वर्ष 1991 में वे जे.आर.डी टाटा के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष बने।
    • उन्होंने महत्त्वपूर्ण संगठनात्मक सुधार (जैसे सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना एवं युवा प्रतिभाओं की नेतृत्त्वकारी भूमिकाओं को बढ़ावा देना) लागू किये।
  • उन्हें निम्नलिखित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया:
    • वर्ष 2021 में असम सरकार द्वारा असम बैभव।
    • वर्ष 2023 में किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के मानद अधिकारी।
    • वर्ष 2008 में आईआईटी बॉम्बे द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि। 
    • वर्ष 2014 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (GBE) 
    • वर्ष 2008 में सिंगापुर सरकार द्वारा मानद नागरिक पुरस्कार।
  • योगदान:
    • टाटा ने आईटी बूम का लाभ उठाते हुए वर्ष 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज़ की स्थापना की तथा वर्ष 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक कर दिया।
    • उनके नेतृत्व में महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अधिग्रहण हुए, जिनमें शामिल हैं:
      • वर्ष 2000 में टेटली टी की खरीद।
      • वर्ष 2002 में VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड) का अधिग्रहण।
      • वर्ष 2007 में कोरस स्टील का अधिग्रहण (किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण था)।
      • वर्ष 2008 में फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण।
      • जनवरी 2022 में टाटा समूह द्वारा सरकार से एयर इंडिया के अधिग्रहण में टाटा ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
    • उन्होंने टाटा नैनो भी लॉन्च की, जो एक कम लागत वाली कार थी जिसका उद्देश्य भारतीयों को किफायती परिवहन का साधन उपलब्ध कराना था।
    • टाटा, भारतीय स्टार्टअप्स में एक प्रमुख निवेशक थे जिन्होंने पेटीएम, ओला इलेक्ट्रिक और अर्बन कंपनी जैसी कंपनियों का समर्थन किया।

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 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न PYQ 

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021) 

  1. भारत रत्न और पद्म पुरस्कार भारत के संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अंतर्गत उपाधियाँ हैं। 
  2. वर्ष 1954 में प्रारंभ किये गए पद्म पुरस्कारों को केवल एक बार निलंबित किया गया था। 
  3. किसी वर्ष-विशेष में भारत रत्न पुरस्कारों की अधिकतम संख्या पाँच तक सीमित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (d)


किशोर होने का दावा

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया की कि आपराधिक कार्यवाही के किसी भी चरण में, जिसमें दोषसिद्धि और सजा के अंतिम होने के बाद भी किशोर होने की दलील दी जा सकती है

  • न्यायालय ने कहा कि किशोरवय एक अधिकार है और इसमें देरी या प्रक्रियागत तकनीकी कारणों से छूट नहीं दी जा सकती।
  • न्यायालय ने कहा कि यदि मामला किशोरवय का है तो अंतिम निर्णय भी मामले के पुनर्मूल्यांकन को नहीं रोकता।
  • किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 94, दोषसिद्धि के बाद भी किशोर होने के दावे को उठाने की अनुमति देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रक्रियागत देरी के बावजूद किशोरों के अधिकारों की रक्षा की जाती है।
  • इसी प्रकार, अबुजर हुसैन बनाम पश्चिम बंगाल राज्य मामले, 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने कानूनी कार्यवाही के किसी भी स्तर पर किशोर होने के दावे को स्वीकार किया था।
  • किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अनुसार किशोर की परिभाषा उस व्यक्ति के रूप में की गई है, जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं की हो।
    • यदि 16-18 वर्ष की आयु के किशोरों पर जघन्य अपराध का आरोप लगाया जाता है, तो उन पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाया जाएगा।

और पढ़ें: किशोर न्याय संशोधन अधिनियम, 2021 से संबंधित मुद्दे


सहारा रेगिस्तान की दुर्लभ वर्षा

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

हाल ही में वर्षा की दुर्लभ घटना और बाढ़ से मोरक्को के सहारा रेगिस्तान के ताड़ के पेड़ों के साथ रेत के टीलों का क्षेत्र जलमग्न हो गया।

  • यह वर्षा अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) के सामान्य से अधिक उत्तर की ओर स्थानांतरित होने के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप सहारा में भूमध्यरेखीय क्षेत्र की तरह मूसलाधार वर्षा हुई।
    • ITCZ के कारण शक्तिशाली बहिरूष्ण कटिबंधीय चक्रवात की स्थिति बनी, जिसका प्रभाव उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका तक रहा।
    • बहिरूष्ण कटिबंधीय चक्रवात का आशय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से बाहर अक्षांशों में विकसित होने वाली एक निम्न दाब प्रणाली है जिससे मूसलाधार वर्षा हो सकती है।
  • ITCZ  के पुनःस्थानीकरण से रिकॉर्ड-उच्च समुद्री तापमान के साथ जलवायु परिवर्तन की स्थिति में योगदान मिल सकता है।
  • सहारा रेगिस्तान: यह विश्व का सबसे बड़ा ऊष्ण रेगिस्तान है जिसकी लंबाई लगभग 4,800 किमी तथा अधिकतम चौड़ाई 1,800 किमी है।
    • यह संपूर्ण अफ्रीकी महाद्वीप के लगभग 31% भाग पर फैला हुआ है।
    • यह अल्जीरिया, मिस्र, माली, मोरक्को, पश्चिमी सहारा, ट्यूनीशिया, चाड, लीबिया, मॉरिटानिया, नाइजर और सूडान सहित 11 उत्तरी अफ्रीकी देशों तक विस्तारित है।

और पढ़ें: विश्व के मरुस्थल


विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस

स्रोत: पी.आई.बी.

ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता (बौद्धिक दिव्यांगता) और बहु-दिव्यांगता से ग्रसित लोगों के कल्याण के लिये राष्ट्रीय ट्रस्ट ने विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस (WCPD) के अवसर पर एक राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें सेरेब्रल पाल्सी (CP) से ग्रसित लोगों के लिये नवाचार और समावेशन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

  • WCPD (प्रत्येक वर्ष 6 अक्तूबर) एक वैश्विक आंदोलन है, जो वर्ष 2012 में आरंभ हुआ, यह समाज में समान अधिकार, पहुँच और अवसरों का समर्थन करने के लिये 100 से अधिक देशों के मस्तिष्क पक्षाघात से पीड़ित व्यक्तियों को एकजुट करता है।
    • वर्ष 2024 में WCPD का विषय "विशिष्ट CP" है, जो इस बात पर बल देता है कि किसी व्यक्ति की दिव्यांगता उसकी संपूर्ण पहचान को परिभाषित नहीं करती है।
  • CP विकारों का एक समूह है, जो असामान्य मस्तिष्क विकास या क्षति के कारण गति, संतुलन और मुद्रा को प्रभावित करता है। यह सबसे आम दिव्यांगता है, जिसके लक्षण व्यक्तियों में काफी भिन्न होते हैं।
    • कारण: CP का अधिकांश भाग (85-90%) जन्मजात होता है, जो जन्म से पहले (मस्तिष्क के विकास के दौरान) या जन्म के दौरान होता है। हालाँकि CP कम सामान्य है, जो प्रायः जन्म के बाद संक्रमण या सिर की चोटों से संबंधित है।
  • उपचार: यह एक स्थायी, गैर-प्रगतिशील स्थिति है, जिसका कोई उपचार नहीं है, लेकिन उपचार से लक्षणों, कार्यप्रणाली और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। 
  • राष्ट्रीय ट्रस्ट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना "ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिये राष्ट्रीय ट्रस्ट" अधिनियम (1999) के तहत की गई थी।
    • इसका उद्देश्य एक समावेशी समाज का निर्माण करना है, जो दिव्यांग व्यक्तियों को सम्मान और समान अधिकारों के साथ स्वतंत्र रूप से रहने के लिये सशक्त बनाता है।

और पढ़ें…

विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना


जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में भारत में ट्रेकोमा की समाप्ति

स्रोत: पी.आई.बी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की है कि भारत ने जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा को समाप्त करने में सफलता प्राप्त कर ली है।

  • ट्रेकोमा एक जीवाणु जनित नेत्र संक्रमण है, जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) के कारण होता है, तथा यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह अपूरणीय दृष्टिहीनता का कारण बन सकता है। 
    • यह संक्रमित व्यक्ति की आंखों, पलकों, नाक या गले के स्राव के संपर्क में आने से फैलता है।
    • इसे उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग की श्रेणी में रखा गया है, जो विश्व भर में लगभग 150 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें से 6 मिलियन दृष्टिबाधित हैं या उन्हें दृष्टि संबंधी जटिलताओं का खतरा है। 
  • ट्रेकोमा, वर्ष 1950-60 के दौरान, देश में अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक था। भारत सरकार ने वर्ष 1963 में राष्ट्रीय ट्रेकोमा नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया और बाद में ट्रेकोमा नियंत्रण प्रयासों को भारत के राष्ट्रीय अंधेपन नियंत्रण कार्यक्रम (NPCB) में एकीकृत कर दिया गया।
  • वर्ष 1971 में, ट्रेकोमा के कारण अंधापन 5 प्रतिशत था और वर्तमान में राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृश्य हानि नियंत्रण कार्यक्रम (NPCBVI) के तहत विभिन्न हस्तक्षेपों के कारण, यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गई है। 
    • वर्ष 2017 में, भारत को संक्रामक ट्रेकोमा रोग से मुक्त घोषित कर दिया गया। हालाँकि, वर्ष 2019 से 2024 तक, भारत के सभी ज़िलों में ट्रेकोमा के मामलों की निगरानी जारी रही।
  • NPCBVI के तहत 2021-24 तक देश के 200 स्थानिक ज़िलों में राष्ट्रीय ट्रैकोमैटस ट्राइकियासिस (केवल टीटी) सर्वेक्षण भी किया गया, जो WHO द्वारा निर्धारित एक अनिवार्य काम था।
    • NPCBVI टीम द्वारा एक विशिष्ट डोजियर प्रारूप में संकलित की गईं तथा ट्रेकोमा के खिलाफ वर्षों की लड़ाई के बाद, WHO ने घोषणा की कि भारत ने ट्रेकोमा को जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है।

और पढ़ें:  उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर वैश्विक रिपोर्ट, 2024