विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 2024
- 09 Oct 2024
- 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा के लिये:नोबेल पुरस्कार, आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ChatGPT, कृत्रिम न्यूरॉन्स, भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 2023, डीप लर्निंग, रिकरेंट न्यूरल नेटवर्क मुख्य परीक्षा के लिये:AI और मशीन लर्निंग, आईटी और कंप्यूटर, आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क में प्रगति। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ द्वारा वर्ष 2024 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को दिया गया है। इनके अभूतपूर्व कार्य आधुनिक आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क (ANN) और मशीन लर्निंग (ML) का आधार हैं।
- इनके कार्यों का भौतिकी से लेकर जीव विज्ञान, वित्तीय क्षेत्र, चिकित्सा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव है, जिसमें OpenAI का ChatGPT (जेनरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर) भी शामिल है।
जॉन हॉपफील्ड का योगदान क्या है?
- हॉपफील्ड नेटवर्क: जॉन हॉपफील्ड को हॉपफील्ड नेटवर्क बनाने के लिये जाना जाता है, जो एक प्रकार का रिकरेंट न्यूरल नेटवर्क (RNN) है जो ANN और AI में आधारभूत रहा है।
- 1980 के दशक में विकसित हॉपफील्ड नेटवर्क को कृत्रिम नोड्स (कृत्रिम न्यूरॉन्स) के नेटवर्क में सरल बाइनरी पैटर्न (0 और 1) को संग्रहीत करने के लिये डिज़ाइन किया गया।
- इस नेटवर्क की एक प्रमुख विशेषता एसोसिएटिव मेमोरी है जिससे यह अपूर्ण या विकृत इनपुट से पूरी जानकारी प्राप्त करने में सक्षम है (इसी प्रकार मानव मस्तिष्क किसी परिचित संवेदना, जैसे कि गंध से प्रेरित होकर यादों को बनाए रखता है)।
- हॉपफील्ड नेटवर्क, हेब्बियन लर्निंग (तंत्रिका मनोविज्ञान की एक अवधारणा जहाँ न्यूरॉन्स के बीच बार-बार होने वाली अंतःक्रियाएँ उनके कनेक्शन को मज़बूत बनाती हैं) पर आधारित है।
- परमाणु व्यवहार के साथ समानताएँ दर्शाते हुए, हॉपफील्ड ने सांख्यिकीय भौतिकी का उपयोग करके इस नेटवर्क में ऊर्जा अवस्थाओं को न्यूनतम करने के साथ पैटर्न पहचान तथा शोर में कमी लाने की दिशा में कार्य किया, जो जैविक मस्तिष्क के कार्यों की नकल करने के साथ तंत्रिका नेटवर्क एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विकास में एक बड़ी सफलता है।
- प्रभाव: हॉपफील्ड की मॉडल प्रणाली का उपयोग कम्प्यूटेशनल कार्यों को हल करने, पैटर्न को पूरा करने और इमेज प्रसंस्करण में सुधार करने के लिये किया जाता है।
जेफ्री हिंटन का क्या योगदान है?
- प्रतिबंधित बोल्ट्ज़मैन मशीनें (RBMs): हॉपफील्ड के कार्य के आधार पर 2000 के दशक में हिंटन ने प्रतिबंधित बोल्ट्ज़मैन मशीनों (RBMs) के लिये एक लर्निंग एल्गोरिदम विकसित किया, जिसके द्वारा न्यूरॉन्स की कई परतों को जोड़कर गहन लर्निंग को सक्षम बनाया गया।
- RBM, स्पष्ट निर्देशों के बजाय उदाहरणों से सीखने में सक्षम थीं। इससे मशीन को पहले से सीखे गए डेटा के साथ समानता के आधार पर नए पैटर्न को पहचानने में सक्षम बनाया गया।
- बोल्ट्ज़मैन मशीनों द्वारा अपरिचित श्रेणियों (यदि वह लर्निंग पैटर्न के अनुरूप हों) की पहचान की जा सकती थी।
- अनुप्रयोग: हिंटन के कार्य से स्वास्थ्य देखभाल निदान से लेकर वित्तीय मॉडलिंग और यहाँ तक कि चैटबॉट जैसी AI प्रौद्योगिकियों तक अनेक क्षेत्रों में सफलता मिली है।
नोट: प्रायोगिक भौतिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य के लिये वर्ष 2023 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार पियरे एगोस्टिनी, फ़ेरेन्क क्रॉस्ज़ और ऐनी एल. हुइलियर को दिया गया था।
कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (ANN) क्या हैं?
- परिचय: ANN मस्तिष्क की संरचना से प्रेरित हैं, जहाँ जैविक न्यूरॉन्स जटिल कार्यों को करने के लिये आपस में जुड़े होते हैं। ANN में कृत्रिम न्यूरॉन्स (नोड्स) सामूहिक रूप से सूचना को संसाधित करते हैं, जिससे डेटा, मस्तिष्क के सिनैप्स के समान, सिस्टम के माध्यम से प्रवाहित होता है।
- ANN की सामान्य संरचना:
- आवर्तक तंत्रिका नेटवर्क (RNN): इसे अनुक्रमिक या समय शृंखला डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है ताकि एक मशीन लर्निंग (ML) मॉडल का निर्माण किया जा सके जो आनुक्रमिक इनपुट के आधार पर अनुक्रमिक भविष्यवाणियाँ कर सकें या निष्कर्ष प्रस्तुत कर सकें।
- कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (CNN): ग्रिड जैसे डेटा (जैसे, चित्र) के लिये डिज़ाइन किये गए, CNN चित्रों का वर्गीकरण और ऑब्जेक्ट पहचान कार्यों के लिये त्रि-आयामी डेटा का उपयोग करते हैं।
- फीडफॉरवर्ड न्यूरल नेटवर्क: सबसे सरल आर्किटेक्चर, जहाँ सूचना पूर्ण रूप से जुड़ी लेयर्स के साथ इनपुट से आउटपुट तक एक दिशा में प्रवाहित होती है।
- यह आवर्तक और संवलनशील तंत्रिका नेटवर्क की तुलना में आसान है।
- ओटो इनकोडर: अप्रशिक्षित शिक्षण के लिये प्रयुक्त, ये इनपुट डेटा संगृहीत करते हैं, उसे संपीड़ित करते हैं ताकि सबसे महत्त्वपूर्ण भाग ही अधिशेष रहें, और फिर इस संपीड़ित संस्करण से मूल डेटा का पुनर्निर्माण करते हैं।
- जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (GAN): ये एक शक्तिशाली प्रकार के न्यूरल नेटवर्क हैं जिनका उपयोग अनसुपरवाइज्ड लर्निंग के लिये किया जाता है। इनमें दो नेटवर्क होते हैं: एक जेनरेटर, जो नकली डेटा बनाता है, और एक डिस्क्रिमिनेटर, जो वास्तविक और नकली डेटा के बीच अंतर करता है।
- इस प्रतिकूल प्रशिक्षण (एक मशीन लर्निंग तकनीक जो मॉडलों को अधिक सुदृढ़ करने में सहायक है) के माध्यम से, GAN यथार्थवादी, उच्च गुणवत्ता वाले नमूने उत्पन्न करते हैं।
- ये बहुमुखी AI उपकरण हैं, जो छवि संश्लेषण, शैली हस्तांतरण और टेक्स्ट-टू-इमेज संश्लेषण में व्यापक रूप से उपयोग किये जाते हैं, जो जनरेटिव मॉडलिंग में क्रांतिकारी परिवर्तन लाते हैं।
मशीन लर्निंग क्या है?
- परिचय: यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की एक शाखा है, जो डेटा और एल्गोरिदम का उपयोग करके कंप्यूटर को अनुभवों से सीखने और समय के साथ उनकी सटीकता में सुधार करने में सक्षम बनाती है।
- परिचालन तंत्र:
- निर्णय प्रक्रिया: एल्गोरिदम इनपुट के आधार पर डेटा का पूर्वानुमान या वर्गीकरण करते हैं, जिसे लेबल या लेबल रहित किया जा सकता है।
- एरर फंक्शन: यह फंक्शन सटीकता का आकलन करने के लिये ज्ञात उदाहरणों के विरुद्ध मॉडल की भविष्यवाणियों का मूल्यांकन करता है।
- मॉडल अनुकूलन प्रक्रिया: यह मॉडल अपने पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने के लिये अपने भार को तब तक समायोजित करता है, जब तक कि वह सटीकता के स्वीकार्य स्तर तक नहीं पहुँच जाता है।
- मशीन लर्निंग बनाम डीप लर्निंग बनाम न्यूरल नेटवर्क:
- पदानुक्रम: AI में मशीन लर्निंग भी शामिल है; मशीन लर्निंग में गहन शिक्षण शामिल है; यह गहन शिक्षण तंत्रिका नेटवर्क पर निर्भर करता है।
- डीप लर्निंग: मशीन लर्निंग का एक उपसमूह, जो विभिन्न लेयर्स (डीप न्यूरल नेटवर्क) वाले न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है और लेबल किये गए डेटासेट की आवश्यकता के बगैर असंरचित डेटा को संसाधित कर सकता है।
- तंत्रिका नेटवर्क: लेयर्स (इनपुट, अदृश्य, आउटपुट) में संरचित मशीन लर्निंग मॉडल का एक विशिष्ट प्रकार, जो मानव मस्तिष्क किस प्रकार कार्य करता है, इसको कॉपी करता है।
- जटिलता: जैसे-जैसे AI से न्यूरल नेटवर्क में परिवर्तन होता है, कार्यों की जटिलता और विशिष्टता बढ़ती जाती है तथा गहन शिक्षण और न्यूरल नेटवर्क व्यापक AI ढाँचे के भीतर विशेष उपकरण बनकर उभरते हैं।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: आधुनिक प्रौद्योगिकी पर न्यूरल नेटवर्क और मशीन लर्निंग के प्रभाव का विश्लेषण करें। विभिन्न क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोगों के उदाहरण प्रदान करें। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रारंभिक परीक्षा:प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) मुख्य परीक्षा:Q. तर्कसंगत निर्णय लेने के लिये निवेश (इनपुट) के विश्वसनीय स्रोत के रूप में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव एक बहस का मुद्दा है। उपयुक्त उदाहरण के साथ आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (2021) |