विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार 2023
- 04 Oct 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:भौतिकी में नोबेल पुरस्कार 2023, इलेक्ट्रॉन डायनेमिक्स, एटोसेकंड पल्स, फेमटोसेकंड, स्पेक्ट्रोस्कोपी। मेन्स के लिये:एटोसेकंड भौतिकी के अनुप्रयोग |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
भौतिकी के लिये वर्ष 2023 का नोबेल पुरस्कार तीन प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को दिया गया है: पियरे एगोस्टिनी, फ़ेरेन्क क्रॉस्ज़ और ऐनी एल. हुइलियर।
- प्रायोगिक भौतिकी के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व कार्य ने एटोसेकंड पल्स के विकास को जन्म दिया है, जिससे वैज्ञानिकों को पदार्थ के भीतर इलेक्ट्रॉनों की तीव्र गतिशीलता का सीधे निरीक्षण और अध्ययन करने में मदद मिली है।
इलेक्ट्रॉन डायनेमिक्स:
- इलेक्ट्रॉन गतिशीलता परमाणुओं, अणुओं और ठोस पदार्थों के भीतर इलेक्ट्रॉनों के व्यवहार एवं गति के अध्ययन व समझ को संदर्भित करती है।
- इसमें इलेक्ट्रॉन व्यवहार के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें उनकी गति, विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों के साथ अंतःक्रिया और बाह्य बलों के प्रति अनुक्रिया शामिल है।
- इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक आवेश वाले मूलभूत कण हैं और वे सघन नाभिक की परिक्रमा करते हैं। लंबे समय तक, वैज्ञानिकों को इलेक्ट्रॉन व्यवहार को समझने के लिये अप्रत्यक्ष पद्धतियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जैसे कि एक तेज़ गति से चलने वाली रेस कार की लंबे समय तक एक्सपोज़र समय के साथ तस्वीर लेना, जिसके परिणामस्वरूप धुंधली छवि बनती है।
- इलेक्ट्रॉनों की तीव्र गति, इनके पारंपरिक माप तकनीकों के लिये लगभग अदृश्य थी।
- अणुओं में परमाणु फेम्टो सेकंड के क्रम पर गति प्रदर्शित करते हैं, जो बहुत ही कम समय अंतराल होते हैं, जो एक सेकंड के एक अरबवें हिस्से का दस लाखवाँ हिस्सा होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन हल्के होने के कारण और इससे भी तेज़ गति से इंटरैक्ट करने के कारण, एटोसेकंड दायरे में गति करते हैं, एक सेकंड के अरबवें हिस्से का अरबवाँ हिस्सा (सेकंड का 1×10−18 भाग)।
नोट: एटोसेकंड पल्स प्रकाश का एक बहुत ही अल्पकालीन विस्फोट है जो सिर्फ एटोसेकंड तक रहता है।
वैज्ञानिकों द्वारा एटोसेकंड पल्स जेनरेशन:
- पृष्ठभूमि:
- 1980 के दशक में, भौतिक विज्ञानी केवल कुछ फेमटोसेकेंड तक चलने वाली हल्की पल्स बनाने में कामयाब रहे।
- उस समय यह माना जाता था कि हल्की पल्सों के लिये यह न्यूनतम प्राप्त अवधि थी।
- हालाँकि इलेक्ट्रॉनों को गति में 'देखने' के लिये और भी छोटी/अल्पकालीन पल्स की आवश्यकता थी।
- 1980 के दशक में, भौतिक विज्ञानी केवल कुछ फेमटोसेकेंड तक चलने वाली हल्की पल्स बनाने में कामयाब रहे।
- एटोसेकंड पल्स जेनरेशन में प्रगति:
- वर्ष 1987 में एक फ्राँसीसी प्रयोगशाला में ऐनी एल'हुइलियर और उनकी टीम ने एक महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल की।
- उन्होंने एक उत्कृष्ट गैस के माध्यम से एक अवरक्त लेज़र किरण को गुजारा, जिससे ओवरटोन की उत्पत्ति हुई- तरंग दैर्ध्य के साथ प्रकाश की तरंगें जो मूल किरण के पूर्णांक अंश थे।
- गैस में उत्पन्न ओवरटोन पराबैंगनी प्रकाश के रूप में थे। वैज्ञानिकों ने देखा कि जब कई ओवरटोन परस्पर क्रिया करते हैं, तो वे या तो रचनात्मक व्यतिकरण के माध्यम से एक-दूसरे को तीव्र कर सकते हैं या विनाशकारी व्यतिकरण के माध्यम से एक-दूसरे को रद्द कर सकते हैं।
- अपने सेटअप को परिष्कृत करके, भौतिक विज्ञानी प्रकाश की तीव्र एटोसेकंड पल्स बनाने में कामयाब रहे।
- वर्ष 2001 में फ्राँस में पियरे एगोस्टिनी और उनके अनुसंधान समूह ने 250-एटोसेकंड प्रकाश पल्सों की एक शृंखला का सफलतापूर्वक उत्पादन किया।
- उन्होंने इस पल्स शृंखला को मूल बीम के साथ संयोजित कर तेज़ी से प्रयोग किये, जिन्होंने इलेक्ट्रॉन गतिशीलता में अभूतपूर्व अंतर्दृष्टि प्रदान की।
- इसके साथ ही ऑस्ट्रिया में फेरेन्क क्रॉस्ज़ और उनकी टीम ने एक पल्स शृंखला से व्यक्तिगत 650-एटोसेकंड पल्स को अलग करने की तकनीक विकसित की।
- इस सफलता ने शोधकर्त्ताओं को क्रिप्टन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा को उल्लेखनीय सटीकता के साथ मापने में मदद की।
- वर्ष 1987 में एक फ्राँसीसी प्रयोगशाला में ऐनी एल'हुइलियर और उनकी टीम ने एक महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल की।
एटोसेकंड भौतिकी के अनुप्रयोग:
- अल्पकालिक प्रक्रियाओं का अध्ययन: एटोसेकंड पल्स वैज्ञानिकों को अल्ट्राफास्ट परमाणु और आणविक प्रक्रियाओं की 'छवियों' को कैप्चर करने में सक्षम बनाता है।
- इसका पदार्थ विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और कैटेलिसिस जैसे क्षेत्रों, जिसमें त्वरित रूप से हो रहे परिवर्तनों को समझना महत्त्वपूर्ण होता है, पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
- मेडिकल डायग्नोस्टिक्स: क्षणिक चिह्नों के आधार पर विशिष्ट अणुओं की पहचान करने के लिये एटोसेकंड पल्स का उपयोग चिकित्सीय नैदानिक परीक्षणों में किया जा सकता है। यह मेडिकल इमेजिंग और डायग्नोस्टिक तकनीकों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में प्रगति: एटोसेकंड भौतिकी कंप्यूटिंग और दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक तेज़ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास को बढ़ावा दे सकती है।
- उन्नत इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी: जीव विज्ञान से लेकर खगोल विज्ञान तक के क्षेत्र में अनुप्रयोगों के साथ, एटोसेकंड पल्स को संशोधित करने की क्षमता उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी में मदद करती है।
भौतिकी के क्षेत्र में अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता:
- 2022:
- एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन ज़िलिंगर "इनटैंग्ल्ड फोटॉन के साथ प्रयोगों के लिये वॉयलेशन ऑफ बेल इनइक्वलिटीज़ की स्थापना और क्वांटम सूचना विज्ञान के क्षेत्र में विकास करने के लिये"
- 2021:
- स्यूकुरो मनाबे और क्लॉस हैसलमैन को "पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडलिंग, परिवर्तनशीलता की मात्रा निर्धारित करने तथा ग्लोबल वार्मिंग की विश्वसनीय भविष्यवाणी करने के लिये"
- जियोर्जियो पेरिसी को "परमाणु से लेकर ग्रहों के स्तर पर भौतिक प्रणालियों में विकार और बदलावों की परस्पर क्रिया की खोज के लिये"
- 2020:
- रोजर पेनरोज़ को "ब्लैक होल का निर्माण सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत की एक प्रबल अनुमान है" की खोज के लिये”
- रेनहार्ड जेनज़ेल और एंड्रिया घेज़ को "हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज के लिये"
- वर्ष 2019:
- "ब्रह्मांड के विकास और ब्रह्मांड में पृथ्वी के स्थान के बारे में समझ में योगदान के लिये"
- जेम्स पीबल्स "भौतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान में सैद्धांतिक खोजों के लिये"
- मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़ "सौर-प्रकार के तारे की परिक्रमा करने वाले एक एक्सोप्लैनेट की खोज के लिये"
- "ब्रह्मांड के विकास और ब्रह्मांड में पृथ्वी के स्थान के बारे में समझ में योगदान के लिये"
- वर्ष 2018:
- "लेज़र भौतिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व आविष्कारों के लिये"
- आर्थर अश्किन "ऑप्टिकल ट्वीज़र और जैविक प्रणालियों में उनके अनुप्रयोग के लिये"
- जेरार्ड मौरौ और डोना स्ट्रिकलैंड को "उच्च तीव्रता, अल्ट्रा-शॉर्ट ऑप्टिकल पल्स उत्पन्न करने की उनकी विधि के लिये"
- "लेज़र भौतिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व आविष्कारों के लिये"
- वर्ष 2017
- रेनर वीज़, बैरी सी. बैरिश और किप एस. थॉर्न को "LIGO डिटेक्टर तथा गुरुत्वाकर्षण तरंगों के अवलोकन में निर्णायक योगदान के लिये"
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किस वैज्ञानिक ने अपने बेटे के साथ भौतिकी का नोबेल पुरस्कार साझा किया? (2008) (a) मैक्स प्लैंक उत्तर: (C) प्रश्न. नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक जेम्स डी. वाटसन किस क्षेत्र में अपने काम के लिये जाने जाते हैं? (2008) (a) धातु विज्ञान उत्तर: (D) प्रश्न. वर्ष 1990 के दशक में ब्लू एल.ई.डी. के आविष्कार के लिये अकासाकी, अमानो और नाकामुरा को संयुक्त रूप से वर्ष 2014 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। इस आविष्कार ने मनुष्य के दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित किया है? (मुख्य परीक्षा, 2021) प्रश्न. प्रो. सत्येंद्र नाथ बोस द्वारा किये गए 'बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी' के कार्य की चर्चा कीजिये और प्रदर्शित कीजिये कि इसने किस प्रकार भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। (मुख्य परीक्षा, 2018) |