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उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर वैश्विक रिपोर्ट

  • 01 Feb 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग, विश्व स्वास्थ्य संगठन।

मेन्स के लिये:

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों से निपटने हेतु भारत के प्रयास।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग 2023 पर एक वैश्विक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सबसे गरीब आबादी को असमान रूप से प्रभावित कर रहा है।

  • विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस प्रतिवर्ष 30 जनवरी को मनाया जाता है। इसे 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (2021) में घोषित किया गया था।

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (Neglected Tropical Diseases- NTD):

  • परिचय:
    • NTD संक्रमणों का एक समूह है जो अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों में सीमांत समुदायों में सबसे आम है।
    • यह विभिन्न प्रकार के रोगजनकों के कारण होता है, जैसे- वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और परजीवी कीट।
    • NTD विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम हैं जहाँ लोगों के पास स्वच्छ जल या मानव अपशिष्ट के निपटान के सुरक्षित तरीकों की सुविधा नहीं है।
    • आमतौर पर इन बीमारियों के अनुसंधान एवं उपचार के लिये तपेदिक, HIV-एड्स और मलेरिया जैसी बीमारियों की तुलना में कम धन आवंटित होता है।

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रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • अवलोकन:
    • वैश्विक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) के भार में 16 देशों की हिस्सेदारी लगभग 80% है।
    • वैश्विक स्तर पर लगभग 1.65 बिलियन लोगों को कम-से-कम एक NTD के लिये उपचार की आवश्यकता का अनुमान है।
    • कोविड-19 ने समुदाय आधारित पहल, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति शृंखलाओं तक पहुँच को प्रभावित किया। परिणामस्वरूप वर्ष 2019 और 2020 के बीच 34% कम व्यक्तियों ने NTD के लिये उपचार प्राप्त किया।
  • सिफारिशें:
    • विलंब को दूर करने और वर्ष 2030 तक NTD रोडमैप लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में तेज़ी लाने हेतु अधिक प्रयासों एवं निवेश की आवश्यकता है।
    • WHO ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये बहु-क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी का आग्रह किया है।
    • अंतर्राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर NTD कार्यों के पूर्ण पैमाने पर कार्यान्वयन हेतु अतिरिक्त भागीदारों और निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा अंतराल को कम करना व समाप्त करना समय की आवश्यकता है।

वैश्विक पहल:

  • 2021-2030 के लिये WHO का नया रोडमैप:
    • NTD रोडमैप 2021-2030 संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों के संदर्भ में NTD के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रयासों हेतु WHO का खाका है।
    • ब्लूप्रिंट निम्नलिखित उपायों की सिफारिश करता है:
      • प्रक्रिया और प्रभाव का मापन।
      • रोग-विशिष्ट योजना और उसके संचालन से लेकर क्षेत्रों में सहयोगात्मक कार्य तक।
      • बाह्य रूप से संचालित एजेंडा उन कार्यक्रमों पर निर्भर हैं जो देश के स्वामित्त्व वाले और देश द्वारा वित्तपोषित हैं।
  • NTD पर लंदन घोषणा: इसे 30 जनवरी, 2012 को NTD के वैश्विक भार को पहचानने के लिये अपनाया गया था।

NTD को समाप्त करने हेतु भारतीय पहल:

  • लसीका फाइलेरियासिस (Accelerated Plan for Elimination of Lymphatic Filariasis-APELF) के उन्मूलन के लिये त्वरित योजना वर्ष 2018 में NTD के उन्मूलन की दिशा में गहन प्रयासों के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी।
  • वर्ष 2005 में भारत, बांग्लादेश और नेपाल की सरकारों द्वारा सबसे संवेदनशील आबादी के शीघ्र रोग निदान और उपचार में तेज़ी लाने तथा रोग निगरानी में सुधार एवं कालाज़ार को नियंत्रित करने के लिये WHO समर्थित एक क्षेत्रीय गठबंधन का गठन किया गया है।
    • भारत पहले ही कई अन्य NDTs को समाप्त कर चुका है, जिसमें गिनी वर्म, ट्रेकोमा और यॉज़ शामिल हैं।
  • जन औषधि प्रशासन (Mass Drug Administration- MDA) जैसे निवारक तरीकों का उपयोग समय-समय पर स्थानिक क्षेत्रों में किया जाता है, जिसमें जोखिम वाले समुदायों को फाइलेरिया रोधी (Anti-filaria) दवाएँ मुफ्त प्रदान की जाती हैं।
  • सैंडफ्लाई प्रजनन (Sandfly Breeding) को रोकने के लिये स्थानिक क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर अवशिष्ट छिड़काव जैसे वेक्टर जनित रोकथाम उपाय किये जाते हैं।
  • सरकार द्वारा लिम्फोएडेमा (Lymphoedema) और हाइड्रोसील (Hydrocele) से प्रभावित लोगों के लिये रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम उपाय भी सुनिश्चित किये जाते हैं।
  • केंद्र और राज्य सरकारों ने कालाज़ार (Kala-Azar) और इसकी अगली कड़ी (ऐसी स्थिति जो पिछली बीमारी या चोट का परिणाम है) से पीड़ित लोगों के लिये वेतन मुआवज़ा योजनाएँ (Wage Compensation Schemes) शुरू की हैं, जिन्हें पोस्ट-कालाज़ार डर्मल लीशमैनियासिस (Post-Kala Azar Dermal Leishmaniasis) के रूप में भी जाना जाता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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