प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड
वर्ष 2023 में पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत के बाद से इसने देश भर के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को समर्थन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं और उनमें से कई ने बहु-चरणीय पंजीकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।
- इसके अतिरिक्त कई पंजीकृत लाभार्थियों ने अपने व्यवसाय के लिये उपयुक्त आधुनिक उपकरण खरीदने के लिये टूलकिट प्रोत्साहन का लाभ उठाया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
- उद्देश्य: पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों की गुणवत्ता और बाज़ार पहुँच को बढ़ाकर उनका उत्थान करना तथा उन्हें घरेलू और वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में एकीकृत करना।
- विशेषताएँ:
- योजना के लिये बजटीय आवंटन– 5 वित्तीय वर्षों (2023-24 से 2027-28) के लिये 13,000 करोड़ रुपए।
- लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाती है।
- कौशल प्रशिक्षण के लिये प्रतिदिन 500 रुपए का वजीफा तथा आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिये 15,000 रुपए का अनुदान।
- श्रेणी: केंद्रीय क्षेत्र योजना
- नोडल मंत्रालय: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME)
- ऋण देने वाली संस्थाएँ:
- ऋण देने की प्रणाली:
- लाभार्थी कम ब्याज दर पर 1 लाख रुपए (प्रथम किश्त) और 2 लाख रुपए (द्वितीय किश्त) तक के जमानत-मुक्त ऋण सहायता के लिये पात्र हैं।
- पात्रता लाभार्थी:
- औद्योगिक इकाइयाँ: विशेष रूप से MSME क्षेत्र के लिये लक्षित।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम पात्रता: स्कूल छोड़ने वाले से लेकर एम.टेक डिग्री धारकों तक के लिये खुला है।
कारीगरों के उत्थान के लिये सरकारी पहलें:
- अंबेडकर हस्तशिल्प विकास योजना
- मेगा क्लस्टर योजना
- राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम
- व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना
- हस्तशिल्प के लिये निर्यात संवर्धन परिषद
- एक ज़िला एक उत्पाद
- आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकर योजना
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |
पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना
स्रोत: पी.आई.बी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना (PM Vidyalaxmi Scheme) को मंज़ूरी दे दी है।
- उद्देश्य: यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 के अनुरूप है और इसका उद्देश्य छात्रों को संपार्श्विक-मुक्त, गारंटर-मुक्त ऋण प्रदान करना है।
- पात्रता मानदंड: इस योजना में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework- NIRF) के समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन -विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थानों, सरकारी एवं निजी, शामिल हैं। NIRF रैंकिंग में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (Higher Education Institution- HEI) और केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है।
- लाभार्थी: इससे 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकते हैं तथा सूची को नवीनतम NIRF रैंकिंग के आधार पर प्रतिवर्ष अद्यतन किया जाता है।
- प्रक्रिया: उच्च शिक्षा विभाग छात्रों के लिये शिक्षा ऋण और ब्याज अनुदान हेतु आवेदन करने हेतु "पीएम-विद्यालक्ष्मी" पोर्टल लॉन्च करेगा, जिसका भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency- CBDC) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।
- मौजूदा योजनाओं का पूरक: यह योजना मौजूदा पीएम-उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (PM-Uchchatar Shiksha Protsahan- PM-USP) योजना के तहत दो घटकों, शिक्षा ऋण के लिये ऋण गारंटी निधि (Credit Guarantee Fund for Education Loans- CGFSEL) और केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (Central Sector Interest Subsidy- CSIS) का पूरक है।
- PM-USP, CSIS तकनीकी पाठ्यक्रम करने वाले 4.5 लाख रुपए तक की पारिवारिक आय वाले छात्रों को 10 लाख रुपए तक के ऋण पर पूर्ण ब्याज अनुदान प्रदान करता है।
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परिवहन वाहनों के लिये LMV लाइसेंस
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि हल्के मोटर वाहन (LMV) का ड्राइविंग लाइसेंस धारक व्यक्ति 7,500 किलोग्राम तक के वज़न वाला परिवहन वाहन चला सकते हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय ने अपने वर्ष 2017 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें हल्के मोटर वाहन लाइसेंस धारकों को 7,500 किलोग्राम से कम सकल वजन वाले परिवहन वाहन चलाने की अनुमति दी गई थी।
- वर्ष 2017 के निर्णय को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया, जिसके परिणामस्वरूप मोटर वाहन नियम, 2017 में संशोधन किया गया।
- मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2(21) के अनुसार, हल्का मोटर वाहन एक परिवहन वाहन, ओमनीबस, मोटर कार, ट्रैक्टर या रोड-रोलर है जिसका सकल वाहन भार या बिना लदान का भार 7,500 किलोग्राम से अधिक नहीं है।
- सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में बीमा कम्पनियों द्वारा हल्के मोटर वाहन लाइसेंस धारक व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे परिवहन वाहनों से संबंधित दुर्घटनाओं में दावों को खारिज करने की प्रथा को चुनौती दी गई थी।
दत्तक ग्रहण जागरूकता माह
स्रोत: पी.आई.बी
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) ने कानूनी दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देने के लिये नवंबर माह को राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह के रूप में मनाता है।
- परिचय: यह किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है, जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- यह भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिये नोडल निकाय है, जिसे देश के अंदर और अंतर्देशीय स्तर पर गोद लेने की निगरानी और विनियमन का दायित्व सौंपा गया है।
- भारत में अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण, अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण पर हेग कन्वेंशन, 1993 का पालन करता है, जिसे भारत सरकार ने वर्ष 2003 में अनुमोदित किया था।
- यह भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिये नोडल निकाय है, जिसे देश के अंदर और अंतर्देशीय स्तर पर गोद लेने की निगरानी और विनियमन का दायित्व सौंपा गया है।
- दत्तक ग्रहण जागरूकता माह 2024 का विषय "देखदेख और पालन-पोषण की भावना द्वारा बड़े बच्चों का पुनर्वास" है।
- हेग कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, जो उन बच्चों की त्वरित वापसी को सुनिश्चित करती है, जिनका "अपहरण" कर उन्हें उस जगह पर रहने से वंचित कर दिया गया है, जहाँ वे रहने के अभ्यस्त हैं।
- जब बच्चा 16 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है तो यह अभिसमय लागू नहीं होता है।
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ब्राज़ील ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को अस्वीकार किया
स्रोत: TH
चीन के साथ मज़बूत आर्थिक संबंध होने के बावजूद ब्राज़ील ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में शामिल न होने का विकल्प चुना है, जिससे वह भारत के बाद ऐसा विकल्प चुनने वाला दूसरा ब्रिक्स देश बन गया है।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI):
- BRI चीन की रणनीतिक पहल है जिसका उद्देश्य भूमि एवं समुद्री नेटवर्क के माध्यम से एशिया को अफ्रीका और यूरोप से जोड़ना है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार लाना, व्यापार को बढ़ाना तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
अवयव:
- सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट: BRI का यह खंड स्थल मार्गों के नेटवर्क के माध्यम से यूरेशिया में कनेक्टिविटी, बुनियादी अवसंरचना और व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने हेतु समर्पित है।
- मेरीटाइम सिल्क रोड: यह दक्षिण चीन सागर से शुरू होकर भारत-चीन, दक्षिण-पूर्व एशिया तथा हिंद महासागर के पार अफ्रीका और यूरोप तक समुद्री संपर्क व सहयोग को बढ़ाता है।
विकास के लिये प्रमुख गलियारे:
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC)।
- नया यूरेशियन लैंड ब्रिज आर्थिक गलियारा।
- चीन-इंडोचाइना प्रायद्वीप आर्थिक गलियारा।
- चीन-मंगोलिया-रूस आर्थिक गलियारा।
- चीन-मध्य एशिया-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारा।
- चीन-म्याँमार आर्थिक गलियारा।
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