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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Nov, 2023
  • 19 min read
प्रारंभिक परीक्षा

दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा की कमी

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा पैटर्न के विषय में 123 वर्षों में रिकॉर्ड किये गए हालिया विश्लेषण से पता चला है कि इस वर्ष क्षेत्र को अपने मौसम संबंधी इतिहास में छठे सबसे शुष्क अक्तूबर का सामना करना पड़ा है।

  • केरल, माहे, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, कराईकल, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा वाले दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में अक्तूबर में केवल 74.9 मिमी. वर्षा हुई, जो सामान्य से लगभग 60% कम थी।

दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा में कमी के प्रमुख कारक:

  • पूर्वोत्तर मानसून और हामून चक्रवात का संगम: पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत हामून चक्रवात की उत्पत्ति के साथ हुई, जिससे दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा पैटर्न प्रभावित हुआ।
    • इससे पवन के प्रवाह का पैटर्न बदल गया और उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत कमज़ोर हो गई।
  • अल-नीनो और हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD): वर्ष 2023 एक अल-नीनो वर्ष है जो हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) के सकारात्मक चरण के साथ संयुक्त है।
    • ऐसी स्थिति में उत्तरी तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में वर्षा कम होती है।
      • जबकि तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी क्षेत्रों में अक्तूबर में अधिक वर्षा होती है।

  • चक्रवात हामून:
    • यह एक अत्यंत भीषण उष्णकटिबंधीय चक्रवात था जिसने 25 अक्तूबर, 2023 को बांग्लादेश में प्रवेश किया।
      • यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग के कम दबाव वाले क्षेत्र में बना है। 
    • शब्द "हमून" एक फारसी शब्द है जो अंतर्देशीय मरुस्थलीय झीलों या दलदली भूमि को संदर्भित करता है इसका नाम ईरान द्वारा रखा गया था।
  • अल-नीनो:
    • यह एक प्राकृतिक घटना है जिसमें भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सतह के जल का समय-समय पर गर्म होना शामिल है।
      • स्पैनिश में "अल-नीनो" शब्द का अर्थ "छोटा बच्चा" होता है।
      • यह अल-नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) नामक जलवायु पैटर्न के दो चरणों में से एक है।
    • इसके परिणामस्वरुप भारत में मानसूनी वर्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD):
    • IOD एक वायुमंडल-महासागरीय घटना है जो हिंद महासागर में घटित होती है।
    • हिंद महासागर के पूर्वी व पश्चिमी भागों के प्रष्ठीय तापमान में असमानता इसकी प्रमुख विशेषता है।

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग:
    • इसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी।
    • यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है तथा मौसम विज्ञान व संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q. भारतीय मानसून का पूर्वानुमान करते समय कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित 'इंडियन ओशन डाइपोल (IOD)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. IOD परिघटना उष्णकटिबंधीय पश्चिमी हिंद महासागर एवं उष्णकटिबंधीय पूर्वी प्रशांत महासागर के बीच सागर-पृष्ठ के तापमान के अंतर से विशेषित होती है।
  2. IOD परिघटना मानसून पर अल-नीनो के असर को प्रभावित कर सकती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (b)


प्रारंभिक परीक्षा

ज़ीका वायरस

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में कर्नाटक राज्य स्वास्थ्य विभाग ने तलकायालाबेट्टा, चिक्कबल्लापुरा गाँव के मच्छरों के नमूनों में ज़ीका वायरस का पता चलने के बाद अलर्ट जारी किया।

  • ज़ीका वायरस, यह एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव महत्त्वपूर्ण चिंता का विषय रहा है।

ज़ीका वायरस

  • परिचय: ज़ीका वायरस, एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है, जो मुख्य रूप से एडीज़ मच्छरों, विशेष रूप से एडीज़ एजिप्टी(Aedes aegypti) द्वारा फैलता है।
    • इसके अलावा यह गर्भावस्था के दौरान माँ से भ्रूण तक, साथ ही शारीरिक संपर्क, रक्त और रक्त उत्पादों के संक्रमण के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है।
    • ज़ीका वायरस में एक RNA जीनोम होता है और इस प्रकार उत्परिवर्तन जमा करने की बहुत अधिक क्षमता होती है। 
      • जीनोमिक अध्ययनों से पता चला है कि ज़ीका वायरस के दो प्रकार हैं: अफ्रीकी और एशियाई।
  • इतिहास: सर्वप्रथम यह वायरस वर्ष 1947 में युगांडा के ज़ीका वन में संक्रमित बंदरों में पाया गया तथा इस वायरस का पहला मानव संक्रमण वर्ष 1952 में युगांडा और तंज़ानिया में दर्ज किया गया था।
    • वर्ष 2007 के बाद से अफ्रीका, अमेरिका, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में इसका प्रकोप बढ़ा है।
    • हाल के वर्षों में भारत में केरल और कर्नाटक राज्यों में इसका संक्रमण बढ़ा है।
  • लक्षण: यह वायरस अक्सर लक्षणहीन प्रकृति का होता है, किंतु प्रत्यक्ष होने पर इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द तथा 2-7 दिनों तक रहने वाला सिरदर्द शामिल हैं। 
  • अन्य स्वास्थ्य विकारों के साथ संबंध: यह वयस्कों एवं बच्चों में गुइलेन-बैरी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित है।
    • इसके अतिरिक्त, ज़ीका व डेंगू वायरस के बीच परस्पर क्रिया रोग को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।
    • एक के संपर्क में आने से दूसरे का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रबंधन एवं टीकों के विकास में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • जटिलताएँ: गर्भावस्था के दौरान यह संक्रमण जन्मजात विकृतियों का कारण बनता है, जैसे माइक्रोसेफली तथा अन्य संबंधित विकार। 

नोट: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक गंभीर ऑटो-इम्यून विकार है जो परिधीय (Peripheral) तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह विकार मांसपेशियों की गति, दर्द, शरीर के तापमान और स्पर्श संवेदनाओं के लिये ज़िम्मेदार तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। 

  • माइक्रोसेफली एक जन्मदोष है जिसमें बच्चे सामान्य से छोटे सिर और अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं।
  • उपचार और रोकथाम: इसका कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। इस वायरस के कारण स्थिति बिगड़ने पर लक्षणात्मक राहत और चिकित्सा देखभाल की सलाह दी जाती है।
    • हालाँकि अभी तक इस वायरस का कोई टीका उपलब्ध नहीं है, किंतु रोकथाम उपायों में मच्छरों के काटने से बचाव और उनके प्रजनन स्थलों को खत्म करना तथा उनकी संख्या को नियंत्रित करने वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • संबंधित भारत सरकार की पहल:
    • एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत ज़ीका वायरस रोग के लिये राष्ट्रीय दिशानिर्देश
    • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): इसका उद्देश्य बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल प्रदान करना है।
      • RBSK में जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों की चार स्क्रीनिंग शामिल हैं:
        • डीफेक्ट्स एट बर्थ 
        • डेफिशियन्सी
        • डिज़ीज़
        • डेवलपमेंट डीलेज़ इन्क्लुडिंग डिसेबिलिटी 

अन्य वायरल रोग:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में ज़ीका वायरस रोग उसी मच्छर द्वारा संचरित होता है जिससे डेंगू संचरित होता है।
  2. ज़ीका वायरस रोग का लैंगिक संचरण होना संभव है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 तथा 2 दोनों
(d) न तो 1 तथा न ही 2

उत्तर: (c)


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 7 नवंबर, 2023

गेहूँ के आटे की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने हेतु ‘भारत’ ब्रांड आटे की बिक्री

भारत सरकार ने 'भारत' ब्रांड आटे (गेहूँ का आटा) की बिक्री 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य (Maximum Retail Price- MRP) के साथ शुरू की है, जो राष्ट्रीय औसत मूल्य 35.93 रुपए प्रति किलोग्राम से कम है।

  • यह पहल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
  • 'भारत' ब्रांड आटा केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limited- NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (National Cooperative Consumer Federation- NCCF) सहित विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से उपलब्ध होगा, ताकि भारत' ब्रांड आटे तक व्यापक स्तर पर उपभोक्ताओं की पहुँच सुनिश्चित हो सके।
    • NAFED वर्ष 1958 में स्थापित कृषि उत्पाद खरीद और विपणन हेतु एक अग्रणी भारतीय सहकारी संगठन है। 
    • NCCF उपभोक्ता सहकारी समितियों हेतु एक शीर्ष संगठन है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
    • NAFED और NCCF दोनों बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत हैं।
  • आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयासों से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है, बल्कि किसानों को भी उनकी उपज हेतु उचित मूल्य सुनिश्चित करने में समर्थन मिला है।

और पढ़ें…केंद्रीय भंडार

चंद्रमा के निर्माण में पृथ्वी के गहन साक्ष्य

हाल के शोध से पता चलता है कि पृथ्वी के गहन आंतरिक भाग में 4.46 अरब वर्ष से भी अधिक पूर्व हुई एक भीषण टक्कर के साक्ष्य मौजूद हैं, जो चंद्रमा के निर्माण और इस ग्रह के विकास पर प्रकाश डालते हैं।

  • एक विशाल प्रभाव के कारण पिघली हुई चट्टान का निर्माण हुआ जिसने बाद में अंतरिक्ष में एकत्रित होकर चंद्रमा का निर्माण किया।
    • पृथ्वी के आवरण के भीतर दो महाद्वीप के आकार के ब्लॉब (बड़े, सघन क्षेत्र), एक अफ्रीका के नीचे और दूसरा दक्षिण प्रशांत के नीचे, को इसी प्राचीन टक्कर का अवशेष माना जाता है।
  • आस-पास के पिंडों की तुलना में ये सघन ब्लॉब (blobs) आदिकालीन पृथ्वी और थिया नामक मंगल के आकार की वस्तु के बीच टकराव से उत्पन्न हुए होंगे।
    • ऐसा माना जाता है कि थिया का टकराव पृथ्वी से होने के कारण चंद्रमा का निर्माण हुआ होगा और निचले मेंटल में पदार्थ रह गए होंगे।
  • कंप्यूटर सिमुलेशन इस विचार का समर्थन करते हैं कि थिया का अधिकांश भाग पृथ्वी में अवशोषित हो गया था, जिससे ये बूँदें बनी, जबकि अवशिष्ट मलबे ने चंद्रमा का निर्माण किया।
    • ये बूँदें पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 2% हैं, जो पूरे चंद्रमा के द्रव्यमान का दोगुना है।
    • बूँदों में बढ़े हुए घनत्व को चंद्रमा की चट्टानों के समान, उनमें मौजूद उच्च लौह सामग्री के लिये ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।

और पढ़ें… पृथ्वी का आंतरिक भाग

कृषि 24/7: AI द्वारा कृषि सूचना निगरानी में क्रांति

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) ने वाधवानी इंस्टीट्यूट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Wadhwani AI) के सहयोग से कृषि 24/7 प्लेटफाॅर्म को विकसित किया है, जो कृषि सूचना निगरानी एवं विश्लेषण के लिये डिज़ाइन किया गया एक कृत्रिम बुद्धिमता-संचालित समाधान है।

  • Google के समर्थन से इस नवाचार का उद्देश्य कृषि प्रासंगिक सूचनाओं की पहचान व प्रबंधन की प्रक्रिया को बदलना, किसानों के हितों की रक्षा के लिये समय पर सावधान करना तथा त्वरित कार्रवाई एवं सतत् कृषि विकास को बढ़ावा देना है।
    • कृषि 24/7 कई भाषाओं में समाचार लेखों को स्कैन और उनका अनुवाद करता है। यह समाचार लेखों से आवश्यक जानकारी को ढूँढ निकालता है। 

और पढ़ें…कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कृषि

क्रिकेट में टाइम आउट बर्खास्तगी

हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ ICC पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 मैच के दौरान श्रीलंका के बल्लेबाज़ एंजेलो मैथ्यूज का टाइम-आउट होना, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के 146 वर्ष के इतिहास में पहला उदाहरण है।

  • ICC पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 की खेल शर्तों के अनुसार, आने वाले बल्लेबाज़ को 2 मिनट की सख्त समय-सीमा के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिये तैयार होना चाहिये।    
    • हालाँकि मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के कानून 40.1.1 में कहा गया है कि विकेट गिरने या बल्लेबाज़ के आउट होने के बाद नए बल्लेबाज़ को 3 मिनट के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिये तैयार रहना चाहिये। ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप 'टाइम्ड आउट' बर्खास्तगी होगी।  
  • बल्लेबाज़ ने तर्क दिया कि देरी दोषपूर्ण हेलमेट के कारण हुई है, न कि समय बर्बाद करने या लाभ हासिल करने की कोशिश के कारण।   
    • हालाँकि नियम अंतिम समय में उपकरण की खराबी को ध्यान में नहीं रखते हैं।

सुरबाया का युद्ध 

सुरबाया का युद्ध इंडोनेशियाई राष्ट्रवादियों और ब्रिटिश भारतीय सेनाओं के बीच लड़ा गया, जो वर्ष 1945 से वर्ष 1949 तक चला।

  • युद्ध के समय इंडोनेशिया एक डच उपनिवेश था और द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण के बाद, इंडोनेशियाई राष्ट्रवादियों ने स्वतंत्रता की घोषणा की। हालाँकि डचों ने इस घोषणा को मान्यता नहीं दी और अपने उपनिवेश पर फिर से नियंत्रण पाने का प्रयास किया, जिसके कारण युद्ध हुआ। 
  • युद्ध का परिणाम ब्रिटिश और ब्रिटिश भारतीय सेनाओं की जीत थी, जो भारी युद्ध के बाद सुरबाया शहर पर कब्ज़ा करने में कामयाब रहे।
  • इस युद्ध को आज भी इंडोनेशियाई प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है और इंडोनेशिया में इसे प्रत्येक वर्ष ‘हीरोज़ डे’ के रूप में मनाया जाता है।

और पढ़ें: भारतीय राष्ट्रीय सेना,


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